Ghadi ko sanskrit mein kya kehte hain

  1. संस्कृति क्या है, अर्थ परिभाषा एवं विशेषताएं
  2. संस्कृति क्या है, अर्थ परिभाषा एवं विशेषताएं


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संस्कृति क्या है, अर्थ परिभाषा एवं विशेषताएं

Sanskriti ka arth paribhasha visheshtayen;समूह मे साथ-साथ जीवन व्यतीत करने के लिये आवश्यकता हैं कुछ नियम, विधान की जो व्यक्ति के पारस्परिक संबंधों, व्यवहारों व क्रियाओं को निर्देशित व नियमित कर सकें। सामूहिक जीवन के ये नियम, विधान, व्यवहार प्रणालियाँ, मूल्य, मानक एवं आचार-विचार व्यक्ति की सांस्कृतिक विरासत का अंग होते हैं। दूसरे शब्दों मे," संस्कृति हमारे द्वारा सीखा गया वह व्यवहार है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहता है। एडवर्ड टायलर का कथन है कि संस्कृति वह जटिल समग्रता हैं जिसमे ज्ञान, विश्वास, कला, आर्दश, कानून, प्रथा एवं अन्य किन्ही भी आदतों एवं क्षमताओं का समावेश होता है जिन्हे मानव ने समाज के सदस्य होने के नाते प्राप्त किया हैं। इस लेख मे हम संस्कृति की परिभाषा और संस्कृति की विशेषताएं जानेगें। व्यक्ति का समाज तथा संस्कृति के साथ समान रूप से संबंध है। व्यक्ति के व्यवहार के ये दोनों ही महत्वपूर्ण आधार हैं। इस रूप मे व्यक्ति, समाज एवं संस्कृति तीनों ही अन्योन्याश्रित हैं। व्यक्ति का समग्र विकास समाज तथा संस्कृति दोनों के प्रभाव से होता हैं। इस समीकरण द्वारा स्पष्ट है कि समाज का सामूहिक जीवन भी व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करता हैं। तथा दूसरी तरफ संस्कृति के आर्दश नियम भी मानव-व्यवहार को दिशा प्रदान करते हैं। विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई संस्कृति की परिभाषाएं निम्नलिखित हैं-- रेडफील्ड के अनुसार, " रेडफील्ड ने संस्कृति की संक्षिप्त परिभाषा इस प्रकार उपस्थित कि हैं, " संस्कृति कला और उपकरणों मे जाहिर परम्परागत ज्ञान का वह संगठित रूप है जो परम्परा के द्वारा संरक्षित हो कर मानव समूह की विशेषता बन जाता हैं।" हर्षकोविट के अनुसार," संस्कृति मानव व्यवहार का सीखा हुआ भ...

संस्कृति क्या है, अर्थ परिभाषा एवं विशेषताएं

Sanskriti ka arth paribhasha visheshtayen;समूह मे साथ-साथ जीवन व्यतीत करने के लिये आवश्यकता हैं कुछ नियम, विधान की जो व्यक्ति के पारस्परिक संबंधों, व्यवहारों व क्रियाओं को निर्देशित व नियमित कर सकें। सामूहिक जीवन के ये नियम, विधान, व्यवहार प्रणालियाँ, मूल्य, मानक एवं आचार-विचार व्यक्ति की सांस्कृतिक विरासत का अंग होते हैं। दूसरे शब्दों मे," संस्कृति हमारे द्वारा सीखा गया वह व्यवहार है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहता है। एडवर्ड टायलर का कथन है कि संस्कृति वह जटिल समग्रता हैं जिसमे ज्ञान, विश्वास, कला, आर्दश, कानून, प्रथा एवं अन्य किन्ही भी आदतों एवं क्षमताओं का समावेश होता है जिन्हे मानव ने समाज के सदस्य होने के नाते प्राप्त किया हैं। इस लेख मे हम संस्कृति की परिभाषा और संस्कृति की विशेषताएं जानेगें। व्यक्ति का समाज तथा संस्कृति के साथ समान रूप से संबंध है। व्यक्ति के व्यवहार के ये दोनों ही महत्वपूर्ण आधार हैं। इस रूप मे व्यक्ति, समाज एवं संस्कृति तीनों ही अन्योन्याश्रित हैं। व्यक्ति का समग्र विकास समाज तथा संस्कृति दोनों के प्रभाव से होता हैं। इस समीकरण द्वारा स्पष्ट है कि समाज का सामूहिक जीवन भी व्यक्ति के व्यवहार को प्रभावित करता हैं। तथा दूसरी तरफ संस्कृति के आर्दश नियम भी मानव-व्यवहार को दिशा प्रदान करते हैं। विभिन्न विद्वानों द्वारा दी गई संस्कृति की परिभाषाएं निम्नलिखित हैं-- रेडफील्ड के अनुसार, " रेडफील्ड ने संस्कृति की संक्षिप्त परिभाषा इस प्रकार उपस्थित कि हैं, " संस्कृति कला और उपकरणों मे जाहिर परम्परागत ज्ञान का वह संगठित रूप है जो परम्परा के द्वारा संरक्षित हो कर मानव समूह की विशेषता बन जाता हैं।" हर्षकोविट के अनुसार," संस्कृति मानव व्यवहार का सीखा हुआ भ...