गरीब किसान की कहानी

  1. Short story in Hindi for class 2
  2. पूस की रात प्रेमचंद कहानी सारांश Poos Ki Raat Munshi Premchand Story Hindi
  3. Ek Garib Kisan Ki Kahani In Hindi
  4. Poor Farmer Story In Hindi
  5. किसान की समझदार बेटी – Sehat Times
  6. भूखा राजा और गरीब किसान की कहानी
  7. एक गरीब किसान की दुखभरी कहानी
  8. गरीब किसान की किस्मत की कहानी
  9. जंगल की कहानी


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Short story in Hindi for class 2

Short story in Hindi for class 2 – एक बार की बात है जब एक गांव में एक गरीब किसान रहता था । किसान की किसान परेशान हो जाता है और मदद मांगने के लिए एक व्यापारी के पास जाता है और उससे कहता है “सेठ जी, मेरी फसल इस बार पूरी तरह से ख़राब हो चुकी है कृपया मुझे कुछ पैसे उधार दे दीजिये ।” व्यापारी थोड़ा घमंडी रहता है और किसान से कहता है “मै तुम्हे पैसे उधर दूंगा तो तुम उसे वापस कब लौटाओगे ?” किसान कहता है “सेठ जी, जब अगली बार मेरी फसल होगी तब मै लौटा दूंगा । “ व्यापारी कहता है “मै तुम्हे पैसे नहीं दे सकता, मै तुम्हारी फसल आने तक इंतज़ार नहीं कर सकता ।” फिर किसान कहता है “सेठ जी, ठीक है आप मुझे पैसे मत दीजिये लेकिन कम से कम अपने यहाँ मुझे कुछ काम दे दीजिये ।” व्यापारी मन ही मन सोचता है “मुझे मेरे खेत में काम करने के लिए एक मजदूर तो चाहिए ही तो इसे ही काम दे देता हूँ ।” व्यापारी किसान से कहता है “ठीक है, मै तुम्हे अपने खेत में काम दे रहा हूँ और तुम्हे दिन के दो सौ रुपये दूंगा ।” किसान व्यापारी की बात मान जाता है और अगले दिन से काम करने व्यपारी के खेत में जाने लगता है । कुछ दिन बाद व्यपारी किसान से कहता है “मेरे खेत में काम पूरा हो चूका है और अब मुझे तुम्हारी ज़रूरत नहीं है तो कल से तुम मत आना ।” व्यापारी की बात सुनकर किसान रोते हुए कहता है “सेठ जी, कृपया मुझे मत निकालिये, भले मुझे कुछ कम पैसे दे दीजियेगा, मेरा घर आपके दिए हुए पैसो से ही चल रहा है, आप मुझे दूसरा काम दे दीजिये ।” व्यापारी किसान को मना करता है और उसे वहां से जाने के लिए कहता है । किसान वहां से चला जाता है और अगले दिन फिर व्यापारी के घर आता है और कहता है “सेठ जी, कृपया मुझे कुछ काम दे दीजिये नहीं तो मेरा परिवार भूखा रह जा...

पूस की रात प्रेमचंद कहानी सारांश Poos Ki Raat Munshi Premchand Story Hindi

पूस की रात प्रेमचंद की कहानी का सारांश | Poos Ki Raat Munshi Premchand Story Summary In Hindi: हम आपका हार्दिक स्वागत करते हैं. प्रेमचंद कहानियाँ हिंदी में आज हम हिंदी के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित पूस की रात कहानी को शोर्ट एवं कथा सार के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं. यदि आप मुंशी प्रेमचंद की कहानियाँ पढ़ना पसंद करते है तो निश्चय ही यह मोरल स्टोरी आपकों बहुत पसंद आएगी. इसे आप पीडीऍफ़ के रूप में फ्री डाउनलोड कर बच्चों को पढ़ने के लिए भी दे सकते हैं. पूस की रात Poos Ki Raat Munshi Premchand Story in Hindi कहानी नाम पूस की रात कहानीकार मुंशी प्रेमचंद रचना वर्ष 1921 प्रकाशन वर्ष 1931 मूल संवेदना भारत के गरीब किसान की व्यथा कहानी के पात्र हल्कू, जबरा Download – प्रेमचंद हिंदी जगत के कथा सम्राट माने जाते हैं. आपने 1916-17 से कहानी लेखन के क्षेत्र में युगांतकारी परिवर्तन किया. इनके पूर्व रहस्य, रोमांच और रोमांस की कहानियाँ लिखी जाती थीं, किन्तु प्रेमचंद मील के पत्थर साबित हुए उन्होंने कलात्मक कहानियाँ लिखकर हिंदी कहानी को स्थापित ही नहीं किया, अपितु भावी पीढ़ी को दिशा निर्देश भी दिया हैं. उनकी कहानियों में सा-माजिक परिवेश और चरित्र चित्रण की जीवंतता को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया हैं. तभी तो प्रेमचंद कथा साहित्य के पात्र पुस्तक बंद कर देने पर भी “दिल की किताब” में खुले रहते हैं. इतना ही नहीं प्रेमचंद ने सशक्त, सजीव एवं सरल तथा स्वाभाविक भाषा हिंदी को प्रदान की. उनकी कहानियों की संख्या लगभग 300 है, जो आज मान सरोवर भाग 1- 8 तक पुस्तकों के रूप में संग्रहित हैं. इनके कथा साहित्य को तीन कालों में विभाजित किया जा सकता है प्रथम वर्णनात्मक, द्वितीय विकास और प्रौढ़काल जिसमें...

Ek Garib Kisan Ki Kahani In Hindi

एक गांव में एक अमीर जमींदार रहता था। उसे अपने पैसों पर बड़ा घमंड था। जितने अधिक पैसे उसके पास थे, उतना ही वह कंजूस भी था। अपने खेतों में काम करने वाले किसानों से वह खूब काम करवाता, मगर पगार कौड़ी भर भी न देता। मजबूर गरीब किसान मन मारकर उसके खेत में काम करते। उसी गांव में रामू नामक एक किसान रहता था। उसके पास थोड़ी सी जमीन थी। उसी में खेती-बाड़ी कर वह अपना और अपने परिवार का गुजारा चलाता था। रामू बड़ा मेहनती था। वह दिन भर अपने खेत में काम करता और अपनी मेहनत के दम पर इतनी फसल प्राप्त कर लेता कि अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटा सके। गांव के बाकी किसानों के पास रामू के मुकाबले अधिक जमीनें थीं। वे रामू की मेहनत देखकर हैरान होते कि कैसे इतनी सी जमीन में वह इतनी फसल उगा लेता है। पढ़ें : एक साल गांव में भयंकर सूखा पड़ा। बिना बारिश के खेत खलिहान सूखने लगे। गरीब किसानों के पास सिंचाई की कोई व्यवस्था न थी। वे सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर थे। इसलिए उनकी सारी फसल बर्बाद हो गई। रामू के साथ भी यही हुआ। अपने छोटे से खेत में वह किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अब उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई। मजबूरी के कारण वह गांव के जमींदार के पास कर्ज मांगने गया। उसने रामू से कहा, “देख रामू! मैं तुझे कर्ज तो दे नहीं सकता, लेकिन तेरी इतनी मदद कर सकता हूं कि तुझे अपने खेत में काम पर रख लूं। तुझे महीने के हजार रुपए दे दिया करूंगा।” “पर मालिक दूसरे किसान तो दो हजार पाते हैं।” रामू बोला। “करना है तो कर। वरना मेरे पास किसानों की कमी नहीं।” जमींदार बोला। पढ़ें : मजबूर रामू क्या करता? हामी भरकर घर लौट आया। अगले दिन से जमीदार के खेत में काम करने लगा। मेहनती तो वह था ही। वह खूब मेहनत और...

Poor Farmer Story In Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • Gareeb kisan ki kahani एक समय की बात है, भारत के एक छोटे से गांव में राम नाम का एक गरीब किसान रहता था। राम के पास जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा था जिस पर वह अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए फसलें उगाता था। एक साल, भयंकर सूखा पड़ा और राम की फसलें खराब हो गईं। उसके पास अपने परिवार को खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन या अधिक खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। एक दिन, राम गाँव से गुजर रहा था जब उसने बच्चों के एक समूह को कंचे से खेलते देखा। उसने देखा कि वे कंचे जमीन में एक छोटे से छेद में लुढ़का रहे हैं। कौतूहलवश राम ने बच्चों से पूछा कि वे क्या खेल रहे हैं। उन्होंने उसे बताया कि वे “गुट्टे” नामक खेल खेल रहे थे। खेल के नियम सरल थे: प्रत्येक खिलाड़ी को मैदान में एक छोटे से छेद में एक कंचा फेंकना था। जिसने सबसे अधिक मार्बल्स छेद में फेंके वह जीत गया। राम इस खेल से आकर्षित हुए और उन्होंने इसमें हाथ आजमाने का फैसला किया। उन्होंने खेल में विशेषज्ञ बनने तक कई दिनों तक अभ्यास किया। उसने अन्य ग्रामीणों के साथ खेलना शुरू कर दिया और जल्द ही छोटी-छोटी रकम जीतने लगा। Also Read: गट्टे खेलने से मिले पैसों से राम अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पर्याप्त भोजन खरीद पाता था। उसने गेम खेलना जारी रखा और अधिक पैसे जीत रहा था। उन्होंने अन्य ग्रामीणों को खेलना भी सिखाना शुरू कर दिया। एक दिन पास के कस्बे का एक धनी व्यापारी गाँव आया और उसने राम को गट्टे खेलते देखा। वह राम के कौशल से प्रभावित हुए और उन्हें कस्बे में अपने मार्बल कारखाने में नौकरी की पेशकश की। राम ने नौकरी स्वीकार कर ली और अपने परिवार के साथ शहर चला गया। मार्बल फैक्ट्री में राम का गुट्टे के खेल का ज्ञान ...

किसान की समझदार बेटी – Sehat Times

जीवन जीने की कला सिखाती कहानी – 15 डॉ भूपेंद्र सिंह प्रेरणादायक प्रसंग/कहानियों का इतिहास बहुत पुराना है, अच्‍छे विचारों को जेहन में गहरे से उतारने की कला के रूप में इन कहानियों की बड़ी भूमिका है। बचपन में दादा-दादी व अन्‍य बुजुर्ग बच्‍चों को कहानी-कहानी में ही जीवन जीने का ऐसा सलीका बता देते थे, जो बड़े होने पर भी आपको प्रेरणा देता रहता है। किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (केजीएमयू) के वृद्धावस्‍था मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ भूपेन्‍द्र सिंह के माध्‍यम से ‘सेहत टाइम्‍स’ अपने पाठकों तक मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में सहायक ऐसे प्रसंग/कहानियां पहुंचाने का प्रयास कर रहा है… प्रस्‍तुत है 15वीं कहानी – किसान की समझदार बेटी एक गरीब किसान अपनी बेटी के साथ झोपड़ी में रहता था। उसके पास खेती करने के लिए थोड़ी सी जमीन थी। फसल बेचकर थोड़े रुपए ही मिलते थे। उन से वे दो समय का खाना भी नहीं खा पाते थे। एक दिन वह राजा के पास अपनी समस्या लेकर गया। राजा बहुत दयालु था। उसने किसान को खेती करने के लिए अपनी जमीन में से थोड़ी सी जमीन दे दी। राजा ने कहा ‘ यह जमीन तो हमारी ही रहेगी परन्तु इस पर उगने वाली फसल तुम्हारी होगी। किसान बहुत खुश हुआ और राजा को धन्यवाद देकर अपने गांव लौट आया। एक दिन वह खेत की जुताई कर रहा था। तभी उसका हल एक कठोर चीज से जा टकराया। उसने खोदकर देखा तो उसे सोने की एक ओखली मिली। किसान बहुत ईमानदार था। उसने अपनी बेटी से कहा कि हमें यह ओखली राजा के खेत से मिली हैं , जिसकी जमीन है , उसी की यह ओखली भी है। इसलिए हमे यह ओखली राजा को लौटा देनी चाहिए। लेकिन किसान की बेटी बोली कि नहीं , पिताजी आप ऐसा ना करें। आपको केवल ओखली ही मिली है , अगर राजा ने आपसे इसकी सोने की मूसली ...

भूखा राजा और गरीब किसान की कहानी

वो गरीब किसान और उसका परिवार 3 दिनों से भूखा था और उसके घर में एक भी दाना अन्न का नहीं था। किसान के मन में हुआ कि भले ही हम भूखे हैं, लेकिन अपने अतिथि को यूं भूखा नहीं रख सकते। अब किसान ये सोच-सोचकर बेचैन हो गया कि अपने अतिथि का पेट कैसे भरा जाए, तभी उसने घर के सामने वाली दुकान से चावल चुराने की तरकीब सोची। उसने सिर्फ अतिथि के लिए ही दो मुट्ठी चावल लिया और उसे पकाकर राजा को खिला दिया। तब तक बारिश रुक गई थी और राजा अपने घर चला गया। दूसरे दिन दुकान का मालिक अनाज की चोरी की शिकायत लेकर राजा के पास पहुंचा। राजा ने दुकान के मालिक और उस गरीब किसान को अपनी सभा में प्रस्तुत होने का आदेश दिया। सबसे पहले सभा में पहुंचे किसान ने राजा के सामने जाकर अपनी चोरी का इल्जाम कबूल कर लिया और बीती हुई रात की पूरी बात राजा को बता दी। किसान राजा से कहता है कि मैंने चोरी की, लेकिन मेरे परिवार ने उस अनाज का एक निवाला भी नहीं खाया। दुकानदार की बात सुनने के बाद राजा कहता है कि इस चोरी के लिए मैं पहले जिम्मेदार हूं और फिर दूसरा तुम हो, क्योंकि तुमने अपने पड़ोसी को अनाज की चोरी करते हुए देखा। मगर कभी उसके भूखे परिवार को नहीं देखा। तुम अपने पड़ोसी होने का धर्म बिल्कुल निभा नहीं पाए। इतना कहने के बाद राजा ने दुकानदार को सभा से जाने के लिए कह दिया और किसान की अथिति निष्ठा भाव को देखकर उसे एक हजार सोने के सिक्के इनाम के रूप में दे दिया। कहानी से सीख अगर कोई आस पास रहने वाले मुसीबत में है, तो हमें उनकी मदद करनी चाहिए।

एक गरीब किसान की दुखभरी कहानी

एक बड़ा ही धनवान आदमी एक गांव में रहता था। जैसे कि ज्यादातर पैसे वालों को होता है इस धनवान सेठ को भी अपने पैसों का घमंड था। वह जिस गांव में रहता था वहां पर ज्यादातर लोग किसान थे। इन सभी किसानों के पास जितनी जमीन थी उससे कई गुना ज्यादा जमीन इस सेठ के पास थी। कई गरीब किसान तो इसके लिए इसके खेतों में काम करते थे। ईसी गांव में मोहन नाम का एक बड़ा ही मेहनती और सच्चा किसान रहा करता था। मोहन का परिवार थोड़ा बड़ा था उसके परिवार में उसके बूढ़े मां बाप, पत्नी और तीन बच्चे थे जो अभी काफी छोटे थे। मोहन के पास ज्यादा जमीन नहीं थी लेकिन जितनी भी थी उसमें वह बड़ी मेहनत करता और अपने परिवार का पेट पालने लायक अनाज उगा लेता था। बाकी के किसान भी यह देखकर हैरान रह जाते कि कोई कैसे इतनी सी जमीन में इतना ज्यादा फसल उगा सकता है। 1 वर्ष उस गांव में काफी ज्यादा बारिश हुई जिसके चलते कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई जिनमें से एक मोहन भी था। अब मोहन धर्म संकट में पड़ गया क्योंकि उसके परिवार में उसके अलावा कोई और कमाने वाला था नहीं और अपने परिवार को भूखा मरते हुए वो देख नहीं सकता था। वह जानता था कि इस गांव में अगर कोई उसकी मदद कर सकता है तो वह वही घमंडी सेठ है जीसने गांव के कई अन्य गरीब किसानों को या तो कर्जा दिया है या तो अपने यहां काम पर रखा हुआ है। हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने के बजाय उसने इस सेठ के पास जाने का फैसला किया और एक दिन उनके पास पहुंच गया। सेठ के पास पहुंचकर मोहन बोला - सेठ जी आपकी बहुत मेहरबानी होगी अगर आप मुझे थोड़ा सा कर्जा दे दे जिससे मैं अपने खेतों में फिर से कोई फसल उगा सकूं या फिर आप मुझे अपने यहां नौकरी दे दे ताकि मेरे परिवार को दो वक्त का खाना मिल सके। घमंडी सेठ को उसकी इन बातों से ...

गरीब किसान की किस्मत की कहानी

Hindi Kahaniyan– गरीब किसान की किस्मत की कहानी तथा बैलों की कहानी स्टोरी इन हिंदी की इस लेख में हम लोग गरीब किसान की किस्मत की कहानी, गरीब किसान की कहानी के बारे में जानेंगे जो एक बैल बेचा करता था। आज किस कहानियां में मतलब की आज की हिंदी कहानियां में हम लोग गरीब किसान की किस्मत के बारे में जानने का मौका मिला है यह एक प्रकार का मोरल स्टोरी इन हिंदी है जिसे हम सभी को अपने बच्चों को जरूर सुनाने चाहिए। किस्से कहानियां लोगों तथा बच्चों के विकास के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी साबित होता है। बैलों की कहानियां इस लेख में आज हम लोग गरीब किसान की कहानी तथा उससे संबंधित बैल की कहानी, गरीब किसान की कहानी, इत्यादि के बारे में कहानियां के रूप में पड़ने वाले हैं। तो चलिए आगे गरीब किसान की किस्मत की कहानी एक गांव में जोगिंदर नाम का एक व्यापारी रहता था वह हमेशा आस-पड़ोस के इलाकों में ऐसे बैल तथा पशुओं को खरीद कर घर लाता था और उसे अच्छी तरह से खाना-पीना खिलाकर और बैल को अच्छी सेहत बना कर उसे दूसरी मार्केट में भेज दिया करता था। इस बिजनेस से जोगिंदर करो बहुत ज्यादा मुनाफा हो रहा था और आगे भी लगातार जोगिंदर एक बार की बात है जब अंदर अपने गांव के अंदर है एक व्यक्ति के घर जाता है और उनके घर में रखें एक बेल को देखता है। बैल काफी कमजोर और दुबला पतला था क्योंकि उनका मालिक बहुत बुरा हो चुका था और वह अब बल को चारा नहीं चला सकता था इसी कारण से उनका सही चारा नहीं मिलने के कारण का शहर ही खराब हो चुका था कि। जोगिंदर उस आदमी के घर जाता है वह कहता है कि आपका बेल तो और दिन प्रतिदिन ज्यादा दुबला पतला होता जा रहा है अगर आप चाहो तो फिर से मेरे पास भेज सकते हो मैं इससे तंदुरुस्त और सेहतमंद बनाकर अपने पास रखूंगा रखूंग...

जंगल की कहानी

दुष्ट की दुष्टता जंगल की कहानी Jungle Ki Kahani जंगल कहानी – एक बार की बात है किसी जंगल में एक दिन एक गधे और लोमड़ी ने शेर के साथ एक समझौता किया कि वह तीनों अपने लिए एक साथ जंगल में खाने की तलाश करेंगे। उन्हें लगा कि एक साथ खाने की तलाश करने से उन्हें कुछ न कुछ खाने को मिल जाएगा और उन्हें भूखा नहीं रहना पड़ेगा। पहले तो गधा और लोमड़ी शेर के साथ साझेदारी करने में डर रहे थे। लेकिन खाने मिलने के लालच में उन्होंने अपने डर को भुला दिया। उन तीनों ने मिलकर बहुत अच्छा शिकार किया। उन तीनों ने जंगल में खाने की तलाश की। खाने की खोज करते हुए वह तीनों नदी के किनारे पहुँचे। उन तीनों ने फैसला किया कि उनमें से गधा शिकार के लिए जानवर तलाश करेगा। जब वह शिकार को ढूंढ लेगा तो वह उससे दोस्ती करने की कोशिश करेगा। फिर जब गधा शिकार से बातें कर रहा होगा, तो बाकी दोनों छुपकर उसकी हरकतों को देखेंगे और सबसे पहले लोमड़ी जाकर शिकार के लिए जानवर पर झपटेगी। अपनी जान बचाने के लिए लोमड़ी से भागेगा। डरा हुआ जानवर लोमड़ी से बचने के लिए शेर के रास्ते में आएगा और शेर उस जानवर पर कूद कर उसे मार देगा और उसे एक ही झटके में मार डालेगा। शाम के समय तीनों जानवर थके हुए थे लेकिन वह खुश होकर शेर की गुफा के आगे इक्ट्ठा हुए। शेर ने गधे को शिकार किए हुए जानवर को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया। गधा बहुत खुश था। उसे लगा कि शेर ने उसे शिकार को बांटने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि वह उस पर विश्वास करता है और उसे पसंद करता है। बड़ी चालाकी से गधे ने शिकार किए हुए जानवर को एक जैसे तीन हिस्सों में बांट दिया। गधे ने शेर को कहा, ‘सर, मैंने आपके कहे अनुसार शिकार को तीन हिस्सों में बांट दिया है। अब आप दोनों अपना भोजन ले सकते है।’ • • • • ...