गुलाबी नगरी

  1. Parineeti Chopra And Raghav Chadha Engagement Sharwanand and Rakshitha Reddy Marriage In Jaipur
  2. Oiling of gates of Bisalpur dam started, is cyclone Biparjoy the reason
  3. जयपुर जिला
  4. जयपुर दर्शनीय स्थल: गुलाबी नगरी की यह टॉप 3 जगहें हैं सबसे बेहतरीन, देखें तसवीरें
  5. Hindi Essay, Paragraph on “Gulabi Nagri
  6. Rajasthan Election 2203: Jaipur बंटवारे पर Pratap Singh Khachariyawas ने कह दी बड़ी बात ! Rajasthan


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Parineeti Chopra And Raghav Chadha Engagement Sharwanand and Rakshitha Reddy Marriage In Jaipur

Celebrity Wedding In Jaipur: साउथ के जाने-माने एक्टर शारवानंद शनिवार को रक्षिता रेड्डी के साथ शादी के बंधन में बंध गए हैं। उन्होने रक्षिता के साथ दक्षिण के रीति रिवाज के साथ कूकस के लीला पैलेस होटल (Leela Palace Hotel) में धूमधाम से शादी की है। इससे पहले उन्होने शुक्रवार को अपनी शादी की दूसरी रस्मों को मौज मस्ती के साथ निभाया। विवाह समारोह में इंडस्ट्री के जाने माने कई अभिनेताओं सहित प्रोड्यूसर, म्यूजिक डायरेक्टर, सिंगर्स ने भी हिस्सा लिया।

Oiling of gates of Bisalpur dam started, is cyclone Biparjoy the reason

Bisalpur dam: टोंक जिले में मानसून सत्र की तैयारियां शुरू हो गई हैं, इस बार सिंचाई विभाग के बांधों सहित बीसलपुर बांध में भी पानी मौजूद है. बीसलपुर बांध में 312.92 आरएल मीटर पानी मौजूद हैं. कैचमेंट एरिया में सामान्य बारिश होने पर भी बांध झलक सकता है. गत वर्ष 828 मिमी बारिश हुई थी. जिसके कारण सिंचाई विभाग के कई बांधों सहित बीसलपुर बांध भी लबालब हो गया था. वर्तमान में भी कई बांधों में पानी मौजूद हैं. बीसलपुर बांध परियोजना के अधिशासी अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बीसलपुर बांध के सभी गेटों में ऑयल,ग्रीस के साथ गेटों के खोलने व बंद करने का जांच कार्य पूरा कर लिया गया है. इसके साथ ही बांध पर बिजली आपूर्ति के लिए आ रही बिजली की लाइनों के साथ साथ इमरजेंसी के लिए जेनरेटर को भी सही करवा कर इससे जुड़े सभी आवश्यक कार्य पूरे कर लिए हैं. बांध के गेटों आदि की मरम्मत और अन्य कार्यों में लगभग दस लाख रुपए खर्च हुए हैं. बांध के भराव क्षेत्र में पानी की आवक पर नजर रखने के लिए परियोजना प्रशासन ने दो जगह बीसलपुर बांध स्थल तथा बीसलपुर कॉलोनी देवली में फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं जो 15 जून से चौबीसों घंटे बांध में पानी की आवक पर नजर रखेंगे. भीलवाड़ा जिले के बनेड़ा व मांडलगढ़ के समीप त्रिवेणी संगम पर वायरलेस स्थापित कर दिए हैं जो 24 घंटे कार्य करेंगे. इसकी तैयारियां शुरू हो गई है. इसी प्रकार सिंचाई विभाग के बांधों पर भी कर्मचारियों की तैनाती सहित कंट्रोल रुम में स्थापित किया जाएगा. एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि मानसून से पूर्व बीसलपुर बांध के सभी 18 गेटों की ऑयलिंग, ग्रीसिंग एवं इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिक पार्ट बदलना, जनरेटर का रख-रखाव प्रत्येक गेट को सभी प्रकार की देखभाल आदि का कार्य किया जा रहा...

जयपुर जिला

राजस्थान में जयपुर ज़िले की अवस्थिति प्रभाग मुख्यालय क्षेत्रफल 342,239कि॰मी 2 (132,139वर्ग मील) जनसंख्या 6,663,971 सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य टैग; (संभवतः कई) अमान्य नाम (2011) सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य टैग; (संभवतः कई) अमान्य नाम विधानसभा सीटें सन्दर्भ त्रुटि: अमान्य टैग; (संभवतः कई) अमान्य नाम राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 11 (NH-11), राष्ट्रीय राजमार्ग 8 (NH-8) 459.8 मिमी जयपुर ( गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। जयपुर को आधुनिक शहरी योजनाकारों द्वारा सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से गिना जाता है। शहर के वास्तुकार अनुक्रम • 1 इतिहास • 2 स्थापत्य • 2.1 जयपुर का बदलाव • 3 दर्शनीय स्थल • 4 इन्हें भी देखें • 4.1 जयपुर जिला के YouTube's • 5 सन्दर्भ • 6 बाहरी कड़ियाँ इतिहास [ ] सत्रहवीं शताब्दी मे जब राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने यह शहर बसाने से पहले इसकी सुरक्षा की भी काफी चिंता की थी और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ही सात मजबूत दरवाजों के साथ किलाबंदी की गई थी। जयसिंह ने हालाँकि मराठों के हमलों की चिंता से अपनी राजधानी की सुरक्षा के लिए चारदीवारी बनवाई थी, लेकिन उन्हें शायद मौजूदा समय की सुरक्षा समस्याओं का भान नहीं था। इतिहास की पुस्तकों में जयपुर के इतिहास के अनुसार यह देश का पहला पूरी योजना से बनाया गया शहर था और स्थापना के समय राजा जयसिंह ने अपनी राजधानी आमेर में बढ़ती आबादी और पानी की समस्या को ध्यान में रखकर ही इसका विकास किया था। नगर के निर्माण का काम १७२७ में शुरू हुआ और प्रमुख स्थानों के बनने में करीब चार साल लगे। यह शहर नौ खंडों में विभाजित किया गया था, जिसमें दो खंडों में र...

जयपुर दर्शनीय स्थल: गुलाबी नगरी की यह टॉप 3 जगहें हैं सबसे बेहतरीन, देखें तसवीरें

जयपुर दर्शनीय स्थल: जैसे कि हम सब जानते ही हैं कि नए साल की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में नए साल में अगर आप अपने परिवार के साथ छुट्टियाँ बिताने का प्लान बना रहे हैं तो जयपुर दर्शनीय स्थल आपके लिए सबसे उत्तम स्थल साबित हो सकता है. राजस्थान की राजधानी जयपुर को गुलाबी नगरी अर्थात ‘पिंक सिटी’ के नाम से भी जाना जाता है. जयपुर शब्द का अर्थ है जीत की नगरी. इस नगरी को 1727 में कुशवाह राजपूत राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने बसाया था. उस समय जयपुर का निर्माण करने के लिए कईं प्रकार के शिल्पी एवं लाल पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था. जिसके कारण बाद में इसका नाम गुलाबी नगरी पड़ गया. दिलवालों की दिल्ली से लगभग 262 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जयपुर दर्शनीय स्थल में घूमे के लिए रेल, बस और हवाई सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं हैं. जयपुर दर्शनीय स्थल राजस्थान की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं. यह भारत का सबसे रंगीन और ओजस्वी शहर माना गया है जोकि तीन तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है. यहाँ हर साल लाखों टूरिस्ट घूमने आते हैं. यदि आप भी किसी पारिवारिक स्थल पर घूमने का विचार कर रहे हैं तो जयपुर दर्शनीय स्थल आपके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है. इस लेख में हम आपको जयपुर दर्शनीय स्थल के 5 ऐसे फेमस स्थल बताने जा रहे हैं, जो जयपुर नगरी को सबसे बेहतरीन नगरी बनाते हैं. आप यहाँ एक हफ्ते तक आराम से घूम सकते हैं. जयपुर दर्शनीय स्थल – हवा महल यदि आपको पुराने जमाने की शिल्प्कारियां और कलाकृतियाँ देखने का शौंक है तो आप जयपुर दर्शनीय स्थल के हवा महल जा सकते हैं. जयपुर की यात्रा की शुरुआत करने के लिए हवा महल सबसे अच्छा विकल्प है. यह महल अपनी उत्कृष्ट वस्तुलता और इतिहास के लिए जाना जाता है. हवा महल का निर्माण कार्य 1799 में...

Hindi Essay, Paragraph on “Gulabi Nagri

गुलाबी नगरी – जयपुर Gulabi Nagri – Jaipur अथवा जयपुर – गुलाबी नगरी जयपुर राजस्थान की राजधानी है। इसे ‘गुलाबी नगरी’ के नाम से भी जाना जाता है। यह किले, महल, मंदिर और उपवनों की रंगीली नगरी है। हवा महल, सिटी पैलेस, म्यूज़ियम, चंद्रमहल, रामनिवास उद्यान में स्थित म्यूजियम, जलमहल, शीशमहल, जयगढ़, नाहरगढ़ किला, जंतर-मंतर आदि जयपुर के मुख्य आकर्षण हैं। इसके अलावा दस्तकारी, रंग-बिरंगे कपड़े, रत्न एवं राशियों के नगीने और जयपुर की रजाइयाँ भी विश्व-प्रसिद्ध हैं। गुलाबी नगरी के नाम से मशहूर जयपुर की स्थापना सन् 1727 में आमेर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने की थी। उन्होंने 1699 से 1744 तक शासन किया था। उनकी राजधानी आमेर थी जो जयपुर से 11 कि.मी. दूर है। आज यहाँ की जनसंख्या लगभग 50 लाख है। सन् 1883 में जब प्रिंस ऑफ वेल्स जयपुर गए तो उन्होंने पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंग दिया था तब से जयपुर का नाम गुलाबी नगर पड़ गया। जयपुर अपनी संस्कृति और स्थापत्य कला के लिए मशहूर है। इस शहर को भारतीय वास्तुकला के अनुसार बनाया गया है। पर्यटन की दृष्टि से जयपुर का (अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार) एशिया में सातवाँ स्थान है। शिक्षा का भी एक प्रमुख केन्द्र है। यहाँ पर 40 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज, 27 बिज़नेस मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, 15 फार्मेसी इंस्टीट्यूट, 4 होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, 3 मेडीकल कॉलेज और 6 डेंटल कॉलेज हैं। इसके अतिरिक्त 8 विश्वविद्यालय हैं। यहाँ एक एस.एम.एस. क्रिकेट स्टेडियम भी है जहाँ बहुत से अंतर्राष्ट्रीय मैच और इंडियन प्रीमियर लीग मैच भी होते रहते हैं। जयपुर में सन् 1592 में बने किले एवं महलों में मुगल और हिन्दू वास्तुकला की उत्कृष्टता देखने को मिलती है। यह अलवर अरावली पहाड़ियों की ग...

Rajasthan Election 2203: Jaipur बंटवारे पर Pratap Singh Khachariyawas ने कह दी बड़ी बात ! Rajasthan

Rajasthan Election 2203: Jaipur बंटवारे पर Pratap Singh Khachariyawas ने कह दी बड़ी बात ! RajasthanAshok Gehlot Government के Cabinet Minister Pratap Singh Khachariawas ने दावा किया है कि गुलाबी नगरी Jaipur का दो जिलों में बंटवारा नहीं होगा. Khachariyawas के मुताबिक Jaipur शहर को उत्तर और दक्षिण जिलों में नहीं बांटा जाएगा. Rajasthan Election 2203: Jaipur बंटवारे पर Pratap Singh Khachariyawas ने कह दी बड़ी बात ! Rajasthan Rajasthan Election 2203: Jaipur बंटवारे पर Pratap Singh Khachariyawas ने कह दी बड़ी बात ! RajasthanAshok Gehlot Government के Cabinet Minister Pratap Singh Khachariawas ने दावा किया है कि गुलाबी नगरी Jaipur का दो जिलों में बंटवारा नहीं होगा. Khachariyawas के मुताबिक Jaipur शहर को उत्तर और दक्षिण जिलो