गुरु चांडाल योग के फायदे और नुकसान

  1. गुरु चांडाल योग और उसके उपाय (Guru Chandal Yog Aur Uske Upay)
  2. जानिए किसे कहते हैं गुरु चांडाल योग, क्या है निवारण
  3. गुरु चांडाल योग क्यों है इतना अनिष्टकारी
  4. गुरु चांडाल योग: जानिए कितनी बड़ी है यह समस्या और इसके सामधान क्या हैं
  5. गुरु चांडाल योग
  6. guru chandal dosh in kundali know symptoms and uapy to get rid dosh according to astrology।काल सर्प दोष से भी ज्यादा विनाशकारी है चांडाल दोष, ऐसे जानें कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं
  7. Guru Chandal Yoga: अनिष्ट की आशंका पैदा करता है गुरु चांडाल योग
  8. गुरु चांडाल दोष क्या है, गुरु चांडाल दोष कैसे चेक करे
  9. guru chandal yog kundli me guru chandal yog ke prabhav aur asar guru chandal dosh ke lakshan kya hota hai aur bachane ke upay guru chandal dosh nivaran mantra hindi Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar
  10. गुरु चांडाल योग: जानिए कितनी बड़ी है यह समस्या और इसके सामधान क्या हैं


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गुरु चांडाल योग और उसके उपाय (Guru Chandal Yog Aur Uske Upay)

गुरु चांडाल दोष के विषय में तो आप सबने जरूर सुना होगा लेकिन गुरु चांडाल योग (guru chandal yoga) के बारे में बहुत कम लोग जानते है। आप ये तो जानते होंगें की गुरु चांडाल दोष मनुष्य के जीवन में अनेकों तरह के बुराइयों को जन्म देता है और तो और इसके कारण जातक या जातिका के जीवन में उथल-पुथल ही मची रहती है, किन्तु “ गुरु चांडाल” के प्रभाव से जिंदगी सुधरती भी है साथ ही साथ इसके अनेकों फायदें भी है। यदि ग्रहों की स्थिति के कारण आपके जन्म कुंडली में “गुरु चांडाल योग” बन रहा है तो आपको इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। आप पुरुष हों या स्त्री आपके जन्म कुंडली में यदि गुरु चांडाल योग है तो आपको इसका फल अवश्य मिलेगा। वैसे, आमतौर पर पुरुष और स्त्री की कुंडली (guru chandal yoga in female horoscope) पर गुरु चांडाल योग का प्रभाव एक जैसा ही होता है। इस दोष को दूर करने के कई उपाय भी है, जो आज हम आपको बताएंगे पर उससे पहले आइये जान लेते हैं गुरु चांडाल योग से जुड़ी कुछ जरुरी बातें : किन ग्रहों द्वारा बनता है जन्म कुंडली में गुरु चांडाल दोष और योग ? वैदिक ज्योतिष के अनुसार, किसी भी व्यक्ति के जन्म कुंडली में यदि “गुरु” अर्थात “बृहस्पति” के साथ “राहु” व “केतु” एक साथ बैठ जाए या दोनों ग्रह किसी भी तरह से एक दूसरे को देख रहे हों या दृष्टि सम्बन्ध बना रहे हों, तो उस व्यक्ति के जन्म कुंडली में जिस दोष या योग का निर्माण होता है, उसे ही ज्योतिष के दुनिया में “गुरु चांडाल दोष” या “योग” कहते है। किन्तु, यदि आपके जन्म कुंडली में “गुरु” और “राहु” या “गुरु” और “केतु” ने गुरु चांडाल योग का निर्माण किया या दोष का, यह तो इस बात पर निर्भर करता है की “गुरु” तथा “राहु” या “केतु” की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति क्...

जानिए किसे कहते हैं गुरु चांडाल योग, क्या है निवारण

गुरु-राहु के संयोग की वजह से इसका प्रभाव जातक की कुंडली में इन ग्रहों के स्थानानुसार पड़ता है। राहु गुरु के प्रभाव को नष्ट करता है व उस जातक को अपने प्रभाव में जकड़ लेता है। पराई स्त्रियों में मन लगवाता है, चारित्रिक पतन के बीज बो देता है। इसके अलावा ऐसा राहु हिंसक व्यवहार आदि प्रवृत्तियों को भी बढ़ावा देता है। चांडाल योग के दुष्प्रभाव के कारण जातक का चरित्र भ्रष्ट हो सकता है। ऐसा जातक अनैतिक अथवा अवैध कार्यों में संलग्न हो सकता है। इस दोष के निर्माण में बृहस्पति को गुरु कहा गया है तथा राहु को चांडाल माना गया है। गुरु का इन चांडाल माने जाने वाले ग्रह से संबंध स्थापित होने से कुंडली में गुरु चांडाल योग का बनना माना जाता है। सामान्यतः यह योग अच्छा नहीं माना जाता। जिस भाव में होता है, उस भाव के शुभ फलों की कमी करता है। यदि मूल जन्मकुंडली में गुरु लग्न, पंचम, सप्तम, नवम या दशम भाव का स्वामी होकर चांडाल योग बनाता हो तो ऐसे व्यक्तियों को जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। जीवन में कई बार गलत निर्णयों से नुकसान उठाना पड़ता है। पद-प्रतिष्ठा को भी धक्का लगने की आशंका रहती है। वास्तव में गुरु ज्ञान का ग्रह है, बुद्धि का दाता है। जब यह नीच का हो जाता है तो ज्ञान में कमी लाता है। बुद्धि को क्षीण बना देता है। राहु छाया ग्रह है जो भ्रम, संदेह, शक, चालबाजी का कारक है। नीच का गुरु अपनी शुभता को खो देता है। उस पर राहु की युति इसे और भी निर्बल बनाती है। राहु मकर राशि में मित्र का ही माना जाता है (शनिवत राहु) अतः यह बुद्धि भ्रष्ट करता है। निरंतर भ्रम-संदेह की स्थिति बनाए रखता है तथा गलत निर्णयों की ओर प्रेरित करता है।

गुरु चांडाल योग क्यों है इतना अनिष्टकारी

इस महीने की 22 तारीख से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। जैसा की सभी जानते है नवरात्रि के नौ दिनों को बहुत पावन माना जाता है। इस दौरान सभी शुभ कार्य किए जाते है और हर घर में खुशियों का माहौल बना रहता है। नवरात्रि 1 महीने बाद यानी 22 अप्रैल को कई राशियों में गुरु चांडाल योग की शुरुआत होगी। जो 6 महीने तक बनी रहेगी। ज्योतिष शास्त्र में गुरु चांडाल योग को बहुत घातक माना जाता है। गुरु चांडाल योग की शुरुआत तब होती है जब देव गुरु बृहस्पति और राहु आपस में एक ही राशि में मिलते है। इस साल मेष राशि में गुरु चांडाल योग बनने जा रहा है। क्या होता है गुरु चांडाल योग- जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु और गुरु की युति बनती है। उसे गुरु चांडाल योग के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बहुत अनिष्टकारी बताया गया है। राहु का गुरु पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए व्यक्ति की कुंडली में राहु गुरु के विशिष्ट गुणों को समाप्त कर देता है। इसकी जगह वह अपने अशिष्ट गुणों का स्थान बनाता है। 22 अप्रैल को गुरु का मेष राशि में गोचर होगा और राहु पहले से ही इस राशि में विराजमान है। जो मिलकर गुरु चांडाल योग की शुरुआत करेंगे। मेष राशि में गुरु चांडाल योग का बाकी राशियों पर असर- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु चांडाल योग सबसे घातक योग है। जो व्यक्ति के जीवन में बहुत सारी समस्याएं लेकर आता है। आइए जानते है गुरु चांडाल योग का किस राशि पर कैसा पड़ेगा प्रभाव- मेष राशि- आपको बता दें कि राहु पहले से ही मेष राशि में गोचर कर चुका है। इसके अलावा 22 अप्रैल को गुरु और राहु मिलकर मेष राशि में गुरु चांडाल योग का निर्माण करेंगे। जो इस राशि के जातकों के लिए एक तनावपूर्ण माहौल लेकर आ रहा है। इसके अलावा मेष राशि के जातक...

गुरु चांडाल योग: जानिए कितनी बड़ी है यह समस्या और इसके सामधान क्या हैं

ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के योग का वर्णन है। इनमें से कुछ योग शुभ फल देते हैं तो वहीं कुछ योग बुरे फल भी देते हैं। इन्हीं योग में से एक योग होता है, गुरु चांडाल योग। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और गुरु एक साथ युति कर लें या फिर कुंडली में इनका आपस में किसी भी प्रकार सम्बन्ध स्थापित होता है तो गुरु चांडाल का योग बनता है। आपको बता दें कि बृहस्पति यानी कि गुरु बुद्धि, ज्ञान, धर्म आदि के स्वामी होते हैं। ऐसे में किसी जातक की कुंडली में गुरु नीच हो जाए तो वैसा व्यक्ति इन सब से विपरीत कर्म करने लगता है। वहीं राहु की वजह से इंसान अनैतिक कार्य, गैर कानूनी कार्य, जुआ, नशा, सट्टेबाजी की तरफ खिंचा चला जाता है। ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में गुरु चांडाल योग बनता है तो राहु गुरु के प्रभाव को ख़त्म कर के जातक को पूरी तरह से अपने प्रभाव में ले लेता है। ऐसे में गुरु चांडाल योग जातक को हमेशा बुरे परिणाम ही देता है। गुरु चांडाल योग के निवारण के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट क्या पड़ता है मनुष्य पर गुरु चांडाल योग का प्रभाव? गुरु चांडाल योग से इंसान के सोचने की क्षमता क्षीण हो जाती है। उसका जीवन अस्थिर बना रहता है और लगातार अपने लिए फैसलों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। गुरु चांडाल योग से गुजर रहे जातकों में चारित्रिक दोष आ जाते हैं और वो लगातार अनैतिक संबंध बनाने को उत्सुक रहते हैं। ऐसे व्यक्तियों को कई तरह की गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लिवर और पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है जबकि ज्यादा बुरी स्थिति में कैंसर जैसी प्राणघातक बीमारी भी व्यक्ति को घेर लेती है। ऐसे व्यक्ति गलत तरीके से धन अर्जित करने में भी संकोच नहीं करते हैं। समाज में अपयश का स...

गुरु चांडाल योग

क्‍या है चंडाल योग ? गुरु ज्ञान एवं बुद्धि प्रदान करता है तो वहीं राहु छाया ग्रह है जो सदा अनिष्‍ट फल देता है। माना जाता है कि बृहस्‍पति देवताओं के गुरु हैं और राहु राक्षसों के गुरु हैं। इन दोनों ग्रहों का किसी भी तरह से संबंध होने पर गुरु चंडाल योग का निर्माण होता है। कुंडली में गुरु और राहु की युति होने पर यह योग बनता है। राहु के प्रभाव में आकर गुरु भी अनिष्‍ट फल देने लगता है। चंडाल को नीच समझा गया है एवं कहा जाता है कि इसकी छाया भी संसार या गुरु को अशुद्ध कर सकती है। प्रभावित जातक - जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि चंडाल योग में जातक अपने ही गुरु से ईर्ष्‍या भाव रखता है। इसके प्रभाव में जातक का पराई स्त्रियों में मन लगता है एवं वह चरित्रहीन बनता है। इसके अलावा जातक चोरी, जुआ, सट्टा, अनैतिक कार्यों, नशा और हिंसक कार्यों में लिप्‍त रहता है। प्रभाव कुंडली में चंडाल योग के बनने पर जातक अपने गुरू का अनादर करता है एवं उनके प्रति ईर्ष्‍या भाव रखता है। यदि कुंडली में राहु मजबूत स्थिति में है तो जातक अपने गुरू के कार्य को ही अपनाता है किंतु वह गुरू के सिद्धांतों को नहीं मानता, शिष्य अपने गुरू के कार्य को अपना बना कर प्रस्तुत करते हैं एवं शिष्यों के सामने ही गुरू का अपमान होता है और शिष्य चुपचाप ये सब देखते रहते हैं। वहीं दूसरी ओर राहु के कमजोर होने की स्थिति में जातक अपने गुरू को सम्‍मान देता है। राहु के आगे गुरू का प्रभाव काफी कमजोर पड़ जाता है। गुरू, राहु के दुष्‍प्रभाव को रोक पाने मे असफल रहता है। उपाय • राहु ग्रह का जप-दान करने से लाभ होगा। • गाय को भोजन कराएं एवं नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करें। • कोई भी महत्‍वपूर्ण निर्णय लेते समय बड़ों की राय अवश्‍य लें। • अपनी वाणी पर न...

guru chandal dosh in kundali know symptoms and uapy to get rid dosh according to astrology।काल सर्प दोष से भी ज्यादा विनाशकारी है चांडाल दोष, ऐसे जानें कहीं आपकी कुंडली में तो नहीं

Chandal Yog In Kundali: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में मौजूद नवग्रह का विशेष महत्व है। हर व्यक्ति की कुंडली में हरक एक ग्रह अलग-अलग भाव में मौजूद रहते हैं जिनका असर भी अलग-अलग होता है। सूर्य, शुक्र, गुरु सहित कुछ ऐसे ग्रह है, जो अगर शुभ स्थिति में है, तो काफी अच्छा असर देते हैं। वहीं अगर किसी ग्रह से मिलकर कोई शुभ या फिर अशुभ योग बना रहे हैं, तो उसका असर अलग होता है। ऐसे ही देवताओं के गुरु बृहस्पति जब राहु या फिर केतु के साथ युति करते हैं, तो एक तरह का विनाशकारी योग बनता है जिसे चाडांल योग कहा जाता है। माना जाता है कि यह योग काल सर्प दोष से भी ज्यादा खतरनाक है। जानिए किन संकेतों के द्वारा आप जान सकते हैं कि आपकी कुंडली में तो नहीं है गुरु चांडाल योग। कैसे बनता है गुरु चांडाल दोष? वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु चांडाल योग देवता गुरु और पाप ग्रह राहु की युति से बनता है। यह योग सबसे ज्यादा अनिष्टकारी माना जाता है। जिसका असर सकारात्मक नहीं बल्कि नकारात्मक सबसे अधिक होता है। ऐसे पहचानें आपकी कुंडली में तो नहीं गुरु चांडाल योग • कुंडली में गुरु चांडाल योग बनने से पद-प्रतिष्ठा पर बुरा असर पड़ता है। • कई बार बार-बार कोई न कोई गलतियां करने लगते हैं, जिससे काफी नुकसान हो जाता है। • गुरु चांडाल योग में अगर राहु की स्थिति बलवान है, तो व्यक्ति गलत कामों को करना शुरू कर देता है। वह गलत संगत के साथ शराब पीना, जुआ खेलना आदि शुरू कर देता है। • अगर किसी छात्र की कुंडली में चांडाल योग बनता है, तो पढ़ाई से मन हट जाता है। • जीवन में सुख-शांति समाप्त हो जाती है। हर एक चीज में किसी न किसी तरह से समस्या आने लगती है। • आप कुछ भी कर रहे हैं, तो उसका नकारात्मक प्रभाव सबसे अधिक देखने को...

Guru Chandal Yoga: अनिष्ट की आशंका पैदा करता है गुरु चांडाल योग

नई दिल्ली। वैदिक ज्योतिष में कई तरह के शुभ-अशुभ योगों का जिक्र मिलता है। इनमें सबसे अधिक चर्चा होती है गुरु चांडाल योग की। जैसा कि नाम से ही जाहिर है इस योग के कुंडली में होने से व्यक्ति के जीवन में कई तरह की अनिष्टकारी घटनाएं होती रहती हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग होता है उसका जीवन कभी स्थिर नहीं रहता। गुरु ज्ञान एवं बुद्धि के दाता हैं, वहीं राहु छाया ग्रह है। यह ग्रह कुंडली के जिस भाव में बैठता है उसका बुरा फल मिलता है। जन्म कुंडली में जब गुरु के साथ राहु एक ही स्थान में बैठ जाए तो इस युति को गुरु चांडाल योग कहते हैं। जब दोनों ग्रह कुंडली के अलग-अलग भाव में बैठकर एक-दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देखते हों तब भी गुरु चांडाल योग बनता है। चांडाल योग के कारण जातक के जीवन में हमेशा अस्थिरता बनी रहती है। उसका चरित्र भ्रष्ट हो जाता है और ऐसा व्यक्ति अनैतिक अथवा अवैध कार्यों में संलग्न हो जाता है। इस दोष के निर्माण में बृहस्पति को गुरु कहा गया है तथा राहु को चांडाल माना गया है। किसी कुंडली में राहु का गुरु के साथ संबंध जातक को बहुत अधिक भौतिकवादी बना देता है जिसके चलते वह जातक अपनी हर इच्छा को पूरा करने के लिए गलत कार्यों से धन अर्जित करने में भी परहेज नहीं करता। हालांकि ऐसे योग में यदि गुरु प्रबल हो तो जातक की किस्मत पलट भी सकती है। वह धनवान जरूर बनता है। गुरु चांडाल योग • जन्म कुंडली के प्रथम भाव यानी लग्न में गुरु और राहु एक साथ बैठकर गुरु चांडाल योग बना रहे हों तो व्यक्ति संदिग्ध चरित्र वाला होता है। ऐसा व्यक्ति न केवल अनैतिक संबंधों में रुचि लेता है बल्कि हर सच्चे-झूठे कार्य करके धन अर्जित करता है। ऐसा व्यक्ति धर्म को ज्यादा महत्व नहीं देता। • द्वितीय भाव धन स्थान में ग...

गुरु चांडाल दोष क्या है, गुरु चांडाल दोष कैसे चेक करे

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guru chandal yog kundli me guru chandal yog ke prabhav aur asar guru chandal dosh ke lakshan kya hota hai aur bachane ke upay guru chandal dosh nivaran mantra hindi Latest News in Hindi, Newstrack Samachar, Aaj Ki Taja Khabar | Guru Chandal Yog :इस दोष से पीड़ित जातक का चरित्र होगा बदनाम, धन और संबंधों को लेकर रहेंगे परेशान , जानिए समाधान : newstrack • भोजपुरी की सबसे बोल्ड एक्ट्रेस नम्रता मल्ला, फोटो Zoom कर रहे फैंस • प्रियंका चोपड़ा की छोटी बहन का हॉट अंदाज, परिणीत ने एयरपोर्ट पर मारी धांसू • भगवन शिव की भक्त राजनाथ सिंह, तस्वीरों में देखें इनकी भक्ति • कितना बदल गई शहनाज गिल, अब तो इनके आगे ऐश्वर्या राय भी फेल • मशहूर देशी हसीना ने दिखाया हुस्न का जलवा, समुंद्र किनारे मोनालिसा को देखा आपने • आज दिल्ली में भारी बारिश, मौसम हुआ सुहाना, घरों से बाहर निकले लोग • बहुत शौकीन रवि किशन की बिटिया रानी, तस्वीरों में देखें इनकी गलैमरेस तस्वीरें • सबसे महंगा घर इस आदमी का, अंदर की फोटो देख रह जाएंगे दंग • भोजपुरी की सबसे हॉट हिरोइन मिल गई, नेहा मलिक की तस्वीरों ने मचाया गदर • आपके पास पैसों की नहीं होगी कमी, तत्काल कर लें ये उपाय और देखें फोटो स्टोरी गुरु चांडाल योग (Guru Chandal Yog)मनुष्य के जन्म और उससे पूर्व के कर्म सब का लेखा जोखा कुंडली में होता है। कुंडली में ग्रहों की बेहतर स्थिति सुखद योग देती है और खराब स्थिति और योग व्यक्ति का जीवन नरकीय बना देता है। ऐसे ही खराब दोषों में एक दोष है गुरु चांडाल योग है। यह योग जिस भी व्यक्ति के जीवन में होता है उसके जीवन में परेशानिया ही परेशानियां लगी रहती है। अगर आपकी कुंडली में भी यह योग है तो परेशान न हो,जहां बीमारी होती है वहां दवा भी...

गुरु चांडाल योग: जानिए कितनी बड़ी है यह समस्या और इसके सामधान क्या हैं

ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के योग का वर्णन है। इनमें से कुछ योग शुभ फल देते हैं तो वहीं कुछ योग बुरे फल भी देते हैं। इन्हीं योग में से एक योग होता है, गुरु चांडाल योग। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और गुरु एक साथ युति कर लें या फिर कुंडली में इनका आपस में किसी भी प्रकार सम्बन्ध स्थापित होता है तो गुरु चांडाल का योग बनता है। आपको बता दें कि बृहस्पति यानी कि गुरु बुद्धि, ज्ञान, धर्म आदि के स्वामी होते हैं। ऐसे में किसी जातक की कुंडली में गुरु नीच हो जाए तो वैसा व्यक्ति इन सब से विपरीत कर्म करने लगता है। वहीं राहु की वजह से इंसान अनैतिक कार्य, गैर कानूनी कार्य, जुआ, नशा, सट्टेबाजी की तरफ खिंचा चला जाता है। ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में गुरु चांडाल योग बनता है तो राहु गुरु के प्रभाव को ख़त्म कर के जातक को पूरी तरह से अपने प्रभाव में ले लेता है। ऐसे में गुरु चांडाल योग जातक को हमेशा बुरे परिणाम ही देता है। गुरु चांडाल योग के निवारण के लिए विद्वान ज्योतिषियों से करें फोन पर बात और चैट क्या पड़ता है मनुष्य पर गुरु चांडाल योग का प्रभाव? गुरु चांडाल योग से इंसान के सोचने की क्षमता क्षीण हो जाती है। उसका जीवन अस्थिर बना रहता है और लगातार अपने लिए फैसलों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती है। गुरु चांडाल योग से गुजर रहे जातकों में चारित्रिक दोष आ जाते हैं और वो लगातार अनैतिक संबंध बनाने को उत्सुक रहते हैं। ऐसे व्यक्तियों को कई तरह की गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लिवर और पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है जबकि ज्यादा बुरी स्थिति में कैंसर जैसी प्राणघातक बीमारी भी व्यक्ति को घेर लेती है। ऐसे व्यक्ति गलत तरीके से धन अर्जित करने में भी संकोच नहीं करते हैं। समाज में अपयश का स...