Gya dhatu roop

  1. घाव भरने, पकाने और ठीक करने के घरेलू उपाय
  2. Gya Dhatu Roop In Sanskrit
  3. चुर (चुराना) धातु के रूप
  4. धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)
  5. Gya Dhatu Roop In Sanskrit
  6. धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)
  7. घाव भरने, पकाने और ठीक करने के घरेलू उपाय
  8. चुर (चुराना) धातु के रूप


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घाव भरने, पकाने और ठीक करने के घरेलू उपाय

मामूली घाव एक प्रकार की चोट है जिसमें त्वचा कट, फट या छील जाती है। इसमें कट, खरोंच, चीरें, पंक्चर घाव, फटना, मामूली जलन और दबाने पर दर्द वाले फोड़े शामिल हैं। दुर्घटनाएं या चोटें इस प्रकार के घावों का सबसे आम कारण हैं। कुछ ऐसे जोखिम वाले कारक हैं जोकिसी व्यक्ति के घाव से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ा देते हैं,उनमें आयु, बीमारी, स्टेरॉयड का उपयोग, विकिरण व कीमोथेरेपी, मधुमेह और अत्यधिक धूम्रपान शामिल हैं। घावों के साथ होने वाले कुछ लक्षण रक्तस्राव, लालिमा, सूजन, जलन, मवाद, दर्द और सुकुमारता इत्यादि हैं। सभी घावों को संक्रमण से बचाने के लिए केयर किए जाने की आवश्यकता है। प्राकृतिक उपचार से घर पर छोटे घावों को ठीक किया जा सकता है। लेकिन गंभीर, गहरे या संक्रमित घावों के लिए डॉक्टर की देखभाल की आवश्यकता होती है।छोटे घावों को ठीक करने केनिम्न उपायों मे से आपके लिए जो बेहतर हो उस उपाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। • • • • • • • • • • • • • • • बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के लिए घाव की उचित सफाई महत्वपूर्ण है। मामूली घावों को साफ करने का सबसे आसान तरीका साफ पानी के साथ हैं। चोटिल क्षेत्र को धोने के लिए 10 से 15 मिनट के लिए मध्यम दबाव मेंठंडे पानी का उपयोग, हल्के साबुन के साथ करें। यदि आपके पास फ़िल्टर्ड पानी नहीं है तो उबला हुआ पानी ठंडा करके या आसुत (डिस्टिल्ड) जल का उपयोग करें। यह अधिकांश गंदगी, मलबे और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करेगा। इसके अलावा, ठंडा पानी दर्द को कम करने में मदद करेगा।एक साफ तौलिया का उपयोग करके हल्के हाथों से इस क्षेत्र को सुखाएं, फिर इसे जीवाणुरहित ड्रेसिंग या पट्टी से कवर करें। भारतीय बकाइन, जिसे नीम के रूप में भी जाना जाता है, में आवश्यक फैटी एसिड की उच्च सामग्री ...

Gya Dhatu Roop In Sanskrit

ज्ञा (जानना) धातु के रूप – Gya Dhatu Roop In Sanskrit ज्ञा (जानना) ज्ञा (=जानना) – Gya (=Janana) लट् लकार (वर्तमानकाल) – Lat Lakar (Present Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष जानाति जानीतः जानन्ति मध्यम पुरुष जानासि जानीथः जानीथ उत्तम पुरुष जानामि जानीवः जानीमः लृट् लकार (सामान्य भविष्यत्काल) – Lrit Lakar (Normal Future Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष ज्ञास्यति ज्ञास्यतः ज्ञास्यन्ति मध्यम पुरुष ज्ञास्यसि ज्ञास्यथः ज्ञास्यथ उत्तम पुरुष ज्ञास्यामि ज्ञास्यावः ज्ञास्यामः लुङ् लकार (हतुहेतुमद् भविष्यत्काल) – Lud Lakar (Help Past Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अज्ञास्यत् अज्ञास्यताम् अज्ञास्यन् मध्यम पुरुष अज्ञास्यः अज्ञास्यतम् अज्ञास्यत उत्तम पुरुष अज्ञास्यम् अज्ञास्याव अज्ञास्याम लङ् लकार (अनद्यतन भूतकाल) – Lad Lakar Anadhatan (Past Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अजानात् अजानीताम् अजानन् मध्यम पुरुष अजानाः अजानीतम् अजानीत उत्तम पुरुष अजानाम् अजानीव अजानीम लोट् लकार (आदेशवाचक) – Lot Lakar (Commander) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष जानातु जानीताम् जानन्तु मध्यम पुरुष जानीहि जानीतम् जानीत उत्तम पुरुष जानानि जानाव जानाम विधिलिङ् लकार (अनुज्ञावाचक) – Law Lakar (License) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष जानीयात् जानीयाताम् जानीयुः मध्यम पुरुष जानीयाः जानीयातम् जानीयात उत्तम पुरुष जानीयाम् जानीयाव जानीयाम Categories Post navigation

चुर (चुराना) धातु के रूप

Chur Dhatu चुर धातु (चुराना, to steal, to rob): चुर धातु चुरादिगण उभयपदी धातु शब्द है। अतः Chur Dhatu के Dhatu Roop की तरह चुर जैसे सभी उभयपदी चुरादिगण धातु के धातु रूप ( चुर धातु का गण (Conjugation): चुरादिगण, दशम् गण – Tenth Conjugation चुर का अर्थ: चुर का अर्थ चुराना, to steal, to rob होता है। चुर (चुराना) धातु के रूप चुर के धातु रूप (Dhatu Roop of Chur) – परस्मैपदी परस्मैपदी चुर धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में चुर धातु रूप (Chur Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं। 1. लट् लकार चुर धातु – वर्तमान काल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चोरयति चोरयतः चोरयन्ति मध्यम पुरुष चोरयसि चोरयथः चोरयथ उत्तम पुरुष चोरयामि चोरयावः चोरयामः 2. लिट् लकार चुर धातु – Past Perfect Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चोरयामास/चोरयाम्बभूव/चोरयाञ्चकार चोरयामासतुः/चोरयाञ्चक्रतुः/चोरयाम्बभूवतुः चोरयामासुः/चोरयाञ्चक्रुः/चोरयाम्बभूवुः मध्यम पुरुष चोरयामासिथ/चोरयाञ्चकर्थ/चोरयाम्बभूविथ चोरयामासथुः/चोरयाञ्चक्रथुः/चोरयाम्बभूवथुः चोरयामास/चोरयाञ्चक्र/चोरयाम्बभूव उत्तम पुरुष चोरयामास/चोरयाम्बभूव/चोरयाञ्चकार चोरयामासिव/चोरयाञ्चकृव/चोरयाम्बभूविव चोरयामासिम/चोरयाञ्चकृम/चोरयाम्बभूविम 3. लुट् लकार चुर धातु – First Future Tense or Periphrastic पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चोरयिता चोरयितारौ चोरयितारः मध्यम पुरुष चोरयितासि चोरयितास्थः चोरयितास्थ उत्तम पुरुष चोरयितास्मि चोरयितास्वः चोरयितास्मः 4. लृट् लकार चुर धातु – भविष्यत्, Second Future Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चोरयिष्यति चोरयिष्यतः चोरयिष्यन्ति मध्यम पुरुष चोरयिष्यसि चोरयिष्यथः चोरयिष्यथ ...

धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)

धातु कहते हैं। धातु ही 'धातु' शब्द स्वयं 'धा' में 'तिन्' प्रत्यय जोड़ने से बना है। व्याकरणशास्त्र में पाँच अंगों की परम्परा दिखती है। इसीलिये 'पंचांग व्याकरण' भी प्रसिद्ध है। पाँच अंग ये हैं- सूत्रपाठ, धातुपाठ, गणपाठ, उणादिपाठ तथा लिंगानुशासन। इन पाँच अंगों में से धातुपाठ अतिमहत्वपूर्ण है। प्रायः सभी शब्दों की व्युत्पत्ति धातुओं से की जाती है। कहा गया है - सर्वं च नाम धातुजमाह । अनेकों वैयाकरणों ने धातुपाठों का प्रवचन किया है। श्रीमान अनुक्रम • 1 धातुओं से व्युत्पन्न कुछ शब्दों के उदाहरण • 2 वर्गीकरण • 3 संस्कृत में धातु रूप • 4 कुछ धातुएँ और उनके हिन्दी अर्थ • 5 इन्हें भी देखें • 6 बाहरी कड़ियाँ धातुओं से व्युत्पन्न कुछ शब्दों के उदाहरण [ ] (१) कृ (करना) संज्ञा: कार्य, उपकरण, कर्मन्, ' क्रिया: करोति, नमस्कुरु, प्रतिकरोमि, कुर्मः (२) भू (होना) संज्ञा: भवन, प्रभाव, वैभव, भूत, उद्भव, भविष्य, विशेषण: भावी, भावुक, भावात्मक, भौगोलिक क्रिया: भविष्यति, अभवं, अभव, संभवेत्, संभवामि (३) गम् (जाना) संज्ञा: गति, आगन्तुक, जगत्, संगम, प्रगति, अन्तर्गामित्व, गन्ता विशेषण: गमनशील, सर्वगत, निर्गामी, सुगम, क्रिया: संगच्छ, निर्गच्छति, उपगमिष्यामि, वर्गीकरण [ ] पाणिनीय धातुपाठ में धातुओं के निम्नलिखित वर्ग हैं- 1. भ्वादि (भू +आदि) 2. अदादि (अद् +आदि) 3. जुहोत्यादि 4. दिवादि 5. स्वादि 6. तुदादि 7. रुधादि 8. तनादि 9. क्र्यादि ( क्री + आदि; "कृ +आदि" नहीं ) 10. चुरादि संस्कृत में धातु रूप [ ] परस्मैपद पद की सभी लकारों की धातु रुप सरंचना १. लट् लकार (वर्तमान काल, Present Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष ति तस् (तः) अन्ति मध्यम पुरुष सि थस् (थः) थ उत्तम पुरुष मि वस् (वः) मस् (मः) क्रि...

Gya Dhatu Roop In Sanskrit

ज्ञा (जानना) धातु के रूप – Gya Dhatu Roop In Sanskrit ज्ञा (जानना) ज्ञा (=जानना) – Gya (=Janana) लट् लकार (वर्तमानकाल) – Lat Lakar (Present Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष जानाति जानीतः जानन्ति मध्यम पुरुष जानासि जानीथः जानीथ उत्तम पुरुष जानामि जानीवः जानीमः लृट् लकार (सामान्य भविष्यत्काल) – Lrit Lakar (Normal Future Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष ज्ञास्यति ज्ञास्यतः ज्ञास्यन्ति मध्यम पुरुष ज्ञास्यसि ज्ञास्यथः ज्ञास्यथ उत्तम पुरुष ज्ञास्यामि ज्ञास्यावः ज्ञास्यामः लुङ् लकार (हतुहेतुमद् भविष्यत्काल) – Lud Lakar (Help Past Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अज्ञास्यत् अज्ञास्यताम् अज्ञास्यन् मध्यम पुरुष अज्ञास्यः अज्ञास्यतम् अज्ञास्यत उत्तम पुरुष अज्ञास्यम् अज्ञास्याव अज्ञास्याम लङ् लकार (अनद्यतन भूतकाल) – Lad Lakar Anadhatan (Past Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अजानात् अजानीताम् अजानन् मध्यम पुरुष अजानाः अजानीतम् अजानीत उत्तम पुरुष अजानाम् अजानीव अजानीम लोट् लकार (आदेशवाचक) – Lot Lakar (Commander) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष जानातु जानीताम् जानन्तु मध्यम पुरुष जानीहि जानीतम् जानीत उत्तम पुरुष जानानि जानाव जानाम विधिलिङ् लकार (अनुज्ञावाचक) – Law Lakar (License) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष जानीयात् जानीयाताम् जानीयुः मध्यम पुरुष जानीयाः जानीयातम् जानीयात उत्तम पुरुष जानीयाम् जानीयाव जानीयाम Categories Post navigation

धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)

धातु कहते हैं। धातु ही 'धातु' शब्द स्वयं 'धा' में 'तिन्' प्रत्यय जोड़ने से बना है। व्याकरणशास्त्र में पाँच अंगों की परम्परा दिखती है। इसीलिये 'पंचांग व्याकरण' भी प्रसिद्ध है। पाँच अंग ये हैं- सूत्रपाठ, धातुपाठ, गणपाठ, उणादिपाठ तथा लिंगानुशासन। इन पाँच अंगों में से धातुपाठ अतिमहत्वपूर्ण है। प्रायः सभी शब्दों की व्युत्पत्ति धातुओं से की जाती है। कहा गया है - सर्वं च नाम धातुजमाह । अनेकों वैयाकरणों ने धातुपाठों का प्रवचन किया है। श्रीमान अनुक्रम • 1 धातुओं से व्युत्पन्न कुछ शब्दों के उदाहरण • 2 वर्गीकरण • 3 संस्कृत में धातु रूप • 4 कुछ धातुएँ और उनके हिन्दी अर्थ • 5 इन्हें भी देखें • 6 बाहरी कड़ियाँ धातुओं से व्युत्पन्न कुछ शब्दों के उदाहरण [ ] (१) कृ (करना) संज्ञा: कार्य, उपकरण, कर्मन्, ' क्रिया: करोति, नमस्कुरु, प्रतिकरोमि, कुर्मः (२) भू (होना) संज्ञा: भवन, प्रभाव, वैभव, भूत, उद्भव, भविष्य, विशेषण: भावी, भावुक, भावात्मक, भौगोलिक क्रिया: भविष्यति, अभवं, अभव, संभवेत्, संभवामि (३) गम् (जाना) संज्ञा: गति, आगन्तुक, जगत्, संगम, प्रगति, अन्तर्गामित्व, गन्ता विशेषण: गमनशील, सर्वगत, निर्गामी, सुगम, क्रिया: संगच्छ, निर्गच्छति, उपगमिष्यामि, वर्गीकरण [ ] पाणिनीय धातुपाठ में धातुओं के निम्नलिखित वर्ग हैं- 1. भ्वादि (भू +आदि) 2. अदादि (अद् +आदि) 3. जुहोत्यादि 4. दिवादि 5. स्वादि 6. तुदादि 7. रुधादि 8. तनादि 9. क्र्यादि ( क्री + आदि; "कृ +आदि" नहीं ) 10. चुरादि संस्कृत में धातु रूप [ ] परस्मैपद पद की सभी लकारों की धातु रुप सरंचना १. लट् लकार (वर्तमान काल, Present Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष ति तस् (तः) अन्ति मध्यम पुरुष सि थस् (थः) थ उत्तम पुरुष मि वस् (वः) मस् (मः) क्रि...

घाव भरने, पकाने और ठीक करने के घरेलू उपाय

मामूली घाव एक प्रकार की चोट है जिसमें त्वचा कट, फट या छील जाती है। इसमें कट, खरोंच, चीरें, पंक्चर घाव, फटना, मामूली जलन और दबाने पर दर्द वाले फोड़े शामिल हैं। दुर्घटनाएं या चोटें इस प्रकार के घावों का सबसे आम कारण हैं। कुछ ऐसे जोखिम वाले कारक हैं जोकिसी व्यक्ति के घाव से ग्रस्त होने की संभावना बढ़ा देते हैं,उनमें आयु, बीमारी, स्टेरॉयड का उपयोग, विकिरण व कीमोथेरेपी, मधुमेह और अत्यधिक धूम्रपान शामिल हैं। घावों के साथ होने वाले कुछ लक्षण रक्तस्राव, लालिमा, सूजन, जलन, मवाद, दर्द और सुकुमारता इत्यादि हैं। सभी घावों को संक्रमण से बचाने के लिए केयर किए जाने की आवश्यकता है। प्राकृतिक उपचार से घर पर छोटे घावों को ठीक किया जा सकता है। लेकिन गंभीर, गहरे या संक्रमित घावों के लिए डॉक्टर की देखभाल की आवश्यकता होती है।छोटे घावों को ठीक करने केनिम्न उपायों मे से आपके लिए जो बेहतर हो उस उपाय का इस्तेमाल कर सकते हैं। • • • • • • • • • • • • • • • बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के लिए घाव की उचित सफाई महत्वपूर्ण है। मामूली घावों को साफ करने का सबसे आसान तरीका साफ पानी के साथ हैं। चोटिल क्षेत्र को धोने के लिए 10 से 15 मिनट के लिए मध्यम दबाव मेंठंडे पानी का उपयोग, हल्के साबुन के साथ करें। यदि आपके पास फ़िल्टर्ड पानी नहीं है तो उबला हुआ पानी ठंडा करके या आसुत (डिस्टिल्ड) जल का उपयोग करें। यह अधिकांश गंदगी, मलबे और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करेगा। इसके अलावा, ठंडा पानी दर्द को कम करने में मदद करेगा।एक साफ तौलिया का उपयोग करके हल्के हाथों से इस क्षेत्र को सुखाएं, फिर इसे जीवाणुरहित ड्रेसिंग या पट्टी से कवर करें। भारतीय बकाइन, जिसे नीम के रूप में भी जाना जाता है, में आवश्यक फैटी एसिड की उच्च सामग्री ...

चुर (चुराना) धातु के रूप

Chur Dhatu चुर धातु (चुराना, to steal, to rob): चुर धातु चुरादिगण उभयपदी धातु शब्द है। अतः Chur Dhatu के Dhatu Roop की तरह चुर जैसे सभी उभयपदी चुरादिगण धातु के धातु रूप ( चुर धातु का गण (Conjugation): चुरादिगण, दशम् गण – Tenth Conjugation चुर का अर्थ: चुर का अर्थ चुराना, to steal, to rob होता है। चुर (चुराना) धातु के रूप चुर के धातु रूप (Dhatu Roop of Chur) – परस्मैपदी परस्मैपदी चुर धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में चुर धातु रूप (Chur Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं। 1. लट् लकार चुर धातु – वर्तमान काल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चोरयति चोरयतः चोरयन्ति मध्यम पुरुष चोरयसि चोरयथः चोरयथ उत्तम पुरुष चोरयामि चोरयावः चोरयामः 2. लिट् लकार चुर धातु – Past Perfect Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चोरयामास/चोरयाम्बभूव/चोरयाञ्चकार चोरयामासतुः/चोरयाञ्चक्रतुः/चोरयाम्बभूवतुः चोरयामासुः/चोरयाञ्चक्रुः/चोरयाम्बभूवुः मध्यम पुरुष चोरयामासिथ/चोरयाञ्चकर्थ/चोरयाम्बभूविथ चोरयामासथुः/चोरयाञ्चक्रथुः/चोरयाम्बभूवथुः चोरयामास/चोरयाञ्चक्र/चोरयाम्बभूव उत्तम पुरुष चोरयामास/चोरयाम्बभूव/चोरयाञ्चकार चोरयामासिव/चोरयाञ्चकृव/चोरयाम्बभूविव चोरयामासिम/चोरयाञ्चकृम/चोरयाम्बभूविम 3. लुट् लकार चुर धातु – First Future Tense or Periphrastic पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चोरयिता चोरयितारौ चोरयितारः मध्यम पुरुष चोरयितासि चोरयितास्थः चोरयितास्थ उत्तम पुरुष चोरयितास्मि चोरयितास्वः चोरयितास्मः 4. लृट् लकार चुर धातु – भविष्यत्, Second Future Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चोरयिष्यति चोरयिष्यतः चोरयिष्यन्ति मध्यम पुरुष चोरयिष्यसि चोरयिष्यथः चोरयिष्यथ ...