हैं।

  1. हिंदी में स्वर कितने होते हैं
  2. जनसंचार किसे कहते हैं
  3. मिलिए विराली मोदी से, जो भारत की पहली व्हीलचेयर मॉडल होने के साथ
  4. उपसर्ग और प्रत्यय क्या हैं? उदाहरण, परिभाषा, भेद, वाक्य प्रयोग, हिंदी, मराठी
  5. पदबंध किसे कहते हैं? Phrase in Hindi
  6. जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा, उदाहरण, शब्द, वाक्य jati vachak sangya in hindi, examples
  7. शब्द (Shabd) (शब्द


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हिंदी में स्वर कितने होते हैं

स्वर की परिभाषा (swar ki paribhasha) जिन स्वर कहते हैं . अर्थात ऐसी ध्वनियां जिनका उच्चारण करते समय फेफड़ों से निकलने वाली वायु कंठ से सीधे बाहर आ जाती है स्वर कहलाती है। जैसे – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ । इस प्रकार हम लोगों ने स्वर की परिभाषा को समझा परंतु अक्सर यह संदेह बना रहता है कि हिंदी वर्णमाला में कितने स्वर होते हैं ? चलिए इसको समझते हैं । भारत सरकार द्वारा स्वीकृत हिंदी के मानक वर्णमाला में स्वरों की संख्या ग्यारह है जिसमें ॠ को भी शामिल किया गया है। हिंदी में ॠ को अर्ध स्वर माना जाता है। पारंपरिक हिंदी वर्णमाला में स्वरों की संख्या 13 होती थी परंतु हिन्दी भाषा में प्रायः ॠ और ऌ का प्रयोग अब नहीं होता है। अं और अः की गिनती न तो स्वर में होती है और न ही आइये यहाँ पर हम स्वर कितने प्रकार के होते हैं (swar kitne prakar ke hote hain) उच्चारण के आधार पर स्वर तीन प्रकार के होते हैं – • ह्रस्व स्वर (एकमात्रिक) • दीर्घ स्वर (द्विमात्रिक) • प्लुत स्वर (त्रिमात्रिक) चलिए इन स्वर (hindi swar) के प्रकार को विस्तार से समझते हैं। ह्रस्व स्वर : जिन स्वरों के बोलने में अन्य स्वरों की अपेक्षा कम समय लगता है उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं । ह्रस्व स्वरों की संख्या 4 है – अ, इ, उ, ऋ । इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं। इनके उच्चारण में एक मात्रा का समय लगता है। यह एकमात्रिक स्वर होता है । दीर्घ स्वर: जीन स्वरों के बोलने में ह्रस्व स्वरों की अपेक्षा अधिक समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। दीर्घ स्वरों की संख्या 7 है – आ, ई, ऊ, ए,ऐ,ओ,औ । इनके उच्चारण में एक मात्रा का दूना समय लगता है इसलिए इसे द्विमात्रिक स्वर भी कहते हैं । प्लुत स्वर : जिन स्वरों को बोलने में दीर्घ स्वर से भी अधिक...

जनसंचार किसे कहते हैं

जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है – जनसंचार के माध्यमों के प्रकार (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi-jansanchar ke madhyam in hindi) – एक समय था जब लोग दूर बैठे व्यक्ति से पत्र लिख कर ही बात कर सकते थे. लेकिन आज ऐसा नहीं हैं आप किसी से भी तत्काल बात कर सकते हो. यह सब तकनीक के कारन ही हुआ हैं. आज के समय आप घर बैठे हज़ारों लोगो से एक साथ बात सक सकते हो. इस आर्टिकल ( जनसंचार किसे कहते हैं – jansanchar kise kahate hain अनुक्रम • • • • • जनसंचार किसे कहते हैं – जनसंचार क्या है (jansanchar kise kahate hain-jansanchar kya hai – mass communication meaning in hindi) जनसंचार में उन सभी साधनों और तकनीक का अध्धयन किया जाता हैं जो बड़ी संख्या में लोगो से संवाद करने के लिए उपयोग लिए जाते हैं. जनसंचार में अख़बार, रेडियो, टेलीविज़न, मासिक पत्रिका आते हैं. जिसका प्रभाव एक साथ बड़ी संख्या में लोगो के दिमाग पर पड़ता हैं. हमने देखा होगा की जब किसी वस्तु का टेलीविज़न में विज्ञापन दिखाया जाता है. तो वैसी ही वस्तु अकसर लोग स्थानीय दुकानदारो से मांगते हैं. यह जनसंचार का ही एक उदाहरण हैं. जनसंचार की उत्त्पति संस्कृत भाषा के ‘चर’ शब्द से हुई हैं. चर का अर्थ होता हैं चलना. जनसंचार को अग्रेजी में मास कम्युनिकेशन (mass communication) भी कहा जाता हैं. जनसंचार में उन सभी माध्यमो को शामिल किया जाता हैं. जिससे कोई व्यक्ति या संस्थान एक बड़ी संख्या के लोगो से सीधा संवाद स्थापित कर सकते हैं. तथा ऐसे संसाधनों और तरीको का अध्ययन ही जनसंचार कहा जाता हैं. Patrakar kitne prakar ke hote hain – पत्रकार किसे कहते हैं आज कल जनसंचार का मुख्य स्त्रोत इन्टरनेट हैं. क्यों...

मिलिए विराली मोदी से, जो भारत की पहली व्हीलचेयर मॉडल होने के साथ

नई दिल्ली: अधिक समावेशी और सुलभ समाज के निर्माण के लिए संवेदनशीलता और जागरूकता महत्वपूर्ण हैं. ये विकलांगता से जुड़ी रूढ़ियों और मिथकों को तोड़ने में मदद करते हैं. इनसे एक ऐसे समाज का निर्माण होता है जहां विकलांग लोगों के महत्व और योगदान को हर कोई पहचानता है. विराली मोदी, एक विकलांगता अधिकार कार्यकर्ता और व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाली भारत की पहली मॉडल हैं. वह एक ऐसे समाज के निर्माण में मदद करने के लिए काम कर रही हैं, जो विविधता का सम्मान और समर्थन करता है. दिव्यांग कहने पर विराली मोदी ने कहा, क्या मैं आपको एक बात बोल सकती हूं? कृपया आप मुझे ‘विशेष रूप से सक्षम (Specially Abled)’ न कहें, चाहें तो आप मुझे विकलांग कह सकते हैं. विराली की सकारात्मकता ने ही उन्हें अपने जीवन के कठिन दौर से निकाला है. एनडीटीवी टीम से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहती कि उनको कोई खास दर्जा दिया जाए और यह उनकी लड़ाई है, एक सरल लक्ष्य के साथ सीधी सी लड़ाई. जिसमें वह चाहती हैं कि कोई उन्हें अलग तरीके से न देखे और न ही उनके साथ ऐसा बर्ताव करे. विराली इस बात की पुरजोर वकालत करती हैं कि सबको सम्मिलित करने वाले सुरक्षित समाज बनाने की जिम्मेदारी केवल विकलांगों की नहीं बल्कि सभी की होनी चाहिए. ठीक इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए उनका अभियान #MyTrainToo भी है. रेल यात्रा सबकी पहुंच में हो, इस लक्ष्य को पाने के लिए उनकी याचिका पर छह लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. इसे भी पढ़ें: अपने अभियान #MyTrainToo के बारे में बात करते हुए विराली ने कहा, मैंने ये अभियान #MyTrainToo 2017 में शुरू किया था और कारण यह था कि जब मैं 2008 में भारत आई थी, तो ट्रेन में चढ़ते समय कुलियों ने मेरे साथ बुरा बर्ताव ...

उपसर्ग और प्रत्यय क्या हैं? उदाहरण, परिभाषा, भेद, वाक्य प्रयोग, हिंदी, मराठी

विषय-सूचि • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • उपसर्गकीपरिभाषा • भाषाकेवहसार्थकएवंछोटेखंडजोकिसीशब्दकेआरम्भमेंलगजातेहैंएवंउससेमिलकरकिसीदुसरेशब्दकानिर्माणकरदेतेहैं। • उपसर्गशब्दकाअर्थहोताहै–समीपआकरनयाशब्दबनाना।अर्थातयहकिसीशब्दसाथलगकरनयाशब्दबनाताहै। • उपसर्गलगनेकेबादशब्दकाअर्थबदलजाताहै। उदाहरण : • अ + भाव : अभाव ऊपरदिएगएउदाहरणमेंआपदेखसकतेहैंपहले भावशब्दबिनाउपसर्गकेउसकामतलबथा भावनालेकिनजबउपसर्गलगायागयातोउसकामतलबहोगया कमी।उपसर्गलगनेकेबादउसकामतलबबदलगयाहै। उपसर्गकेभेद : उपसर्गकेमुख्यतःपांचभेदहोतेहैं : • संस्कृतकेउपसर्ग • हिंदीकेउपसर्ग • उर्दूऔरफ़ारसीकेउपसर्ग • अंग्रेजीकेउपसर्ग • उपसर्गकीतरहप्रयुक्तहोनेवालेसंस्कृतकेअव्यय 1. संस्कृतकेउपसर्ग : संस्कृतकेकुल 21 उपसर्गहोतेहैं।येनीचेदिएगएहैं: 1. अतिउपसर्ग : अतिकाअर्थहोताहैज़्यादायाअधिक। उदाहरण :अतीन्द्रिय , अत्युक्ति , अत्युत्तम , अत्यावश्यक , अतीव , अतिकाल , अतिरेक, अत्यधिक, अत्यल्प, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्याचारआदि। 2. अनुउपसर्ग : अनुकाअर्थहोताहैबादमेंयाक्रममें। उदाहरण :अनुरूप , अनुपात , अनुचर , अनुकरण , अनुसार , अनुशासन,अनुक्रमांक , अनुकंपा , अनुज,अनुशंसा , अन्वय , अन्वीक्षण , अन्वेषण , अनुच्छेद , अनूदित,अनुवाद , अनुस्वार , अनुशीलन , अनुकूल , अनुक्रम , अनुभवआदि। 3. अउपसर्ग : अकाअर्थहोताहै अभाव , अन , निषेध , नहीं , विपरीत। उदाहरण :अथाह , अनाचार , अलौकिक , अस्वीकार , अन्याय , अशोक , अहिंसा , अवगुण , अर्जित,अधर , अपलक , अटल , अमर , अचल , अनाथ , अविश्वास , अधर्म, अचेतन , अज्ञान , अलग , अनजान , अनमोल , अनेक , अनिष्ट , आदि। 4. अपउपसर्ग : अपकाअर्थहोताहै बुरा , अभाव , विपरीत ,...

पदबंध किसे कहते हैं? Phrase in Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • • • • पदबंध की परिभाषा: वाक्य में प्रयुक्त शब्द पद कहलाता है। पद-वाक्य से अलग रहने पर ‘शब्द’ और वाक्य में प्रयुक्त हो जाने पर शब्द ‘पद’ कहलाते हैं। पदबंध-जब दो या अधिक (शब्द) पद नियत क्रम और निश्र्चित अर्थ में किसी पद का कार्य करते हैं तो उन्हें पदबंध कहते हैं। कई पदों के योग से बने वाक्यांशो को, जो एक ही पद का काम करता है, ‘पदबंध’ कहते है। डॉ० हरदेव बाहरी ने ‘पदबन्ध’ की परिभाषा इस प्रकार दी है- वाक्य के उस भाग को, जिसमें एक से अधिक पद परस्पर सम्बद्ध होकर अर्थ तो देते हैं, किन्तु पूरा अर्थ नहीं देते- पदबन्ध या वाक्यांश कहते हैं। जैसे- (1) सबसे तेज दौड़ने वाला छात्रजीत गया। (2) यह लड़की अत्यंत सुशील और परिश्रमीहै। (3) नदी बहती चली जा रही है। (4) नदी कल-कल करती हुईबह रही थी। उपर्युक्त वाक्यों में काला छपे शब्द पदबंध है। पहले वाक्य के ‘सबसे तेज दौड़ने वाला छात्र’ में पाँच पद है, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात संज्ञा का कार्य कर रहे हैं। दूसरे वाक्य के ‘अत्यंत सुशील और परिश्रमी’ में भी चार पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात विशेषण का कार्य कर रहे हैं। तीसरे वाक्य के ‘बहती चली जा रही है’ में पाँच पद हैं किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात क्रिया का काम कर रहे हैं। चौथे वाक्य के ‘कल-कल करती हुई’ में तीन पद हैं, किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात क्रिया विशेषण का काम कर रहे हैं। इस प्रकार रचना की दृष्टि से पदबन्ध में तीन बातें आवश्यक हैं- एक तो यह कि इसमें एक से अधिक पद होते हैं। दूसरे ये पद इस तरह से सम्बद्ध होते हैं कि उनसे एक इकाई बन जाती है। तीसरे, पदबन्ध किसी वाक्य का अंश होता है। अँगरेजी में इसे phrase कहते हैं। इसका मुख्य कार्य वाक्य को स...

जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा, उदाहरण, शब्द, वाक्य jati vachak sangya in hindi, examples

विषय-सूचि • • • इसलेखमेंहमसंज्ञाकेभेदजातिवाचकसंज्ञाकेबारेमेंविस्तारसेपढेंगे। (संज्ञाऔरउसकेसभीभेदकेबारेमेंपढनेकेलिएयहाँक्लिककरें– जातिवाचकसंज्ञाकीपरिभाषा (definition of jati vachak sangya in hindi) जोशब्दकिसीव्यक्ति, वस्तुयास्थानकीसंपूर्णजातिकाबोधकरातेहैं, उनशब्दोंको जातिवाचकसंज्ञाकहतेहैं।यानी, जातिवाचकसंज्ञाशब्दोंसेएकजातिकेअंतर्गतआनेवालेसभीव्यक्तियों, वस्तुओंवस्थानोंकाबोधहोताहै। जैसे- वस्तु–मोबाइल, टीवी, कम्प्यूटर, पुस्तक, कार, ट्रकआदि। स्थान–गाँव, स्कूल, शहर, बगीचा, नदीआदि। प्राणी–आदमी, जानवर, पशु, पक्षी, गाय, लड़काआदि। जातिवाचकसंज्ञाकेउदाहरण (examples of jati vachak sangya in hindi) • गाय :गायबोलनेसेपहाड़ी, हरियाणवी, जर्सी, काली, सफ़ेद, देशी, विदेशीआदिसभीगायोंकाबोधआताहै।अतःगायजातिवाचकसंज्ञाशब्दहुआक्योंकिगायजानवरोंकीएकजातिहुई। • लड़का :लड़काबोलनेसेसभीतरहकेवसभीजगहकेलड़कोंकाबोधहोताहैजैसे–रामु, श्यामू, विकास, आकाश, पीटर, मार्टिन, डेनियल, सिध्धू, परमिंदरआदिक्योंकिमनुष्यजातीमेंलड़काएकख़ासअवस्थावालीजातिहुई। • नदी :नदीशब्दकाप्रयोगकरनेपरहमेंविश्वकीसभीनदियोंकाबोधहोताहुई।यहशब्दहमेंकिसीविशेषनदीजैसेगंगाकाबोधनकराकरसभीनदियोंबोधकरारहाहै।इसकेअंतर्गतसभीनदियाँजैसे–गंगा, यमुना, सरयू, कोसीसेलेकरअमेज़ननदीआतीहैं।अतःनदीजातिवाचकसंज्ञाशब्दहुआक्योंकिनदीजलश्रोतोंकीएकजातिहै। • पहाड़ :यहशब्दकिसीएकविशेषपहाड़काबोधनकराकरदुनियाकेसभीपहाड़ोंकाबोधकरारहाहै।अतःपहाड़एकजातिवाचकसंज्ञाशब्दहै। • शहर : यहएकस्थानसूचकजातिवाचकसंज्ञाहै।इसकेअंतर्गततमामशहरआएंगे–दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, वाराणसी,पटना, कानपूर, लखनऊसभी। जातिवाचकसंज्ञाकेकुछअन्यउदाहरण (moreexamples of jati vachak sangya in hindi) • बच्चे खिलौनोंसेखेलरहेहैं...

शब्द (Shabd) (शब्द

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