होली किस दिन है

  1. Holi 2023 फाल्गुन मास में इस दिन खेली जाएगी होली जानें तिथि होलिका दहन शुभ समय और पौराणिक कथा
  2. holi date 2021 when is holi know the date and shubh muhurat of holika dahan
  3. होली क्यों मनाई जाती है और इसके पीछे की कहानी क्या है?
  4. Holi 2023 Date: इस साल 7 या 8 मार्च, किस दिन खेली जाएगी होली? जानें होलिका दहन का सही मुहूर्त
  5. Holi 2020: इस साल कब है होली? जानें किस दिन होगा होलिका दहन
  6. complete list of mathura vrindavan holi 2021 dates when is laddoo and lathmar holi
  7. Holi 2020:कब मनाई जाएगी होली और किस दिन होगा होलिका दहन? किन बातों का रखना होगा ध्यान
  8. Holi 2021: लड्डू होली आज, जानें लट्ठामार होली से लेकर छड़ीमार होली किस दिन, Laddu Holi today, learn from Lathmaar Holi on which day the stickmar Holi.


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Holi 2023 फाल्गुन मास में इस दिन खेली जाएगी होली जानें तिथि होलिका दहन शुभ समय और पौराणिक कथा

Holi 2023: फाल्गुन मास में इस दिन खेली जाएगी होली, जानें तिथि, होलिका दहन शुभ समय और पौराणिक कथा Holi 2023 फाल्गुन मास के पूर्णिमा तिथि के दिन हर्षोल्लास के साथ होली का पर्व मनाया जाता है। रंगों के इस उत्सव को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं वर्ष 2023 में किस दिन खेली जाएगी होली? नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Holi 2023 Date and Shubh Muhurat: हिन्दू धर्म में होली पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन देशभर में लोग तरह-तरह के रंगों से रंगोत्सव पर्व मनाते हैं। दीपावली पर्व के बाद होली को दूसरा मुख्य माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ इस महापर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान श्री कृष्ण को होली का पर्व सर्वाधिक प्रिय था। यही कारण है कि ब्रज में होली को महोत्सव के रूप में 40 दिनों तक मनाया जाता है। बसंत पंचमी से इस उत्सव का शुभारंभ हो जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होली का पर्व मनाया जाता है। आइए जानते हैं वर्ष 2023 में किस दिन मनाया जाएगा होली पर्व और किस दिन की की जाएगी होलिका दहन। रंग वाली होली: 08 मार्च 2023, बुधवार ब्रह्म मुहूर्त: 07 मार्च 2023 सुबह 04:37 से सुबह 05:23 तक अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:56 मिनट से दोपहर 12:46 मिनट तक होलिका दहन से जुड़ी पौराणिक कथा किवदंतियों के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नामक असुरों का राजा था, जिसे देवताओं के नाम से भी घृणा होती थी। अपने अहम में वह इतना मग्न हो गया था कि वह स्वयं को ही भगवान मानता था। हिरण्यकश्यप के घर प्रह्लाद नामक पुत्र ने जन्म लिया जो भगवान विष्णु का परम भक्त था। अपन...

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नई दिल्ली: भारत में मनाए जाने वाले पर्व त्योहार (Festivals) की बात करें तो रंगों का त्योहार होली (Holi) वसंत ऋतु (Spring Season) में मनाया जाने वाला हिंदू धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. पारंपरिक रूप से देखा जाए तो होली का त्योहार 2 दिन मनाया जाता है. हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका जलायी जाती है जिसे होलिका दहन ( Holika Dahan) कहते हैं और फिर उसके अगले दिन लोग रंग, गुलाल और अबीर के साथ होली का त्योहार मनाते हैं जिसे धुलेंडी (Dhulendi) के नाम से जाना जाता है. बीते साल यानी 2020 में होली का त्योहार 9 मार्च को मनाया गया था लेकिन इस साल यानी 2021 में होली का त्योहार किस दिन है, होलिका दहन किस शुभ मुहूर्त में किया जाएगा, इस बारे में यहां पढ़ें. होली कब है- 29 मार्च 2021 सोमवार होलिका दहन- 28 मार्च 2021 रविवार होलिका दहन का मुहूर्त- 28 मार्च को 18:37 से 20:56 बजे तक अवधि- 2 घंटे 20 मिनट ये भी पढ़ें- जानें होलिका दहन के भस्म को क्यों माना गया है बेहद खास, मिलता है विशेष वरदान रंगवाली होली सोमवार, मार्च 29, 2021 भद्रा पूंछ- 10:13 से 11:16 बजे तक भद्रा मुख- 11:16 से 13:00 बजे तक ये भी पढ़ें- किस राशि वाले लोगों को किस रंग से खेलनी चाहिए होली

होली क्यों मनाई जाती है और इसके पीछे की कहानी क्या है?

पलास या पलाश के पेड़ पर उसके फूल यानि टेसू खिल रहे हैं। फसलें खेतों में लहरा रही हैं, सर्दियों के दिन अलविदा कह रहे हैं, वसंत आने को है, यह वो मौसम है जब हर तरफ खुशी का माहौल होता है, और इस समय हर घर में होली की तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं। बाजारों में पिचकारी, रंग और तरह तरह के त्यौहार के सामान उपलब्ध होने शुरू हो जाते हैं, और यही वजह है कि बच्चों को ये त्यौहार इतना पसंद होता है। जब आप उत्सव की तैयारियों में लगी हों, तो अपने बच्चे को यह बताना न भूलें कि हम होली क्यों मनाते हैं, होली का महत्व क्या है, होली कब होती है, होलिका दहन कब होता है आदि। आपको देखकर ही बच्चे हर चीज सीखते हैं, इसलिए उन्हें भारतीय त्यौहार की अहमियत जरूर बताएं। होली का पौराणिक महत्व होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है, इसके पीछे की क्या कहानी है बच्चे को जरूर बताएं, जो कुछ इस प्रकार है कि हिरण्यकश्यप प्राचीन भारत में एक राक्षस राजा था। भगवान विष्णु द्वारा मारे गए अपने छोटे भाई की मृत्यु का बदला लेने के लिए, उन्होंने ब्रह्मा जी की कई वर्षों तक पूजा की। उसकी भक्ति और तपस्या से प्रसन्न होकर, ब्रह्मा जी ने उसे एक वरदान दिया जिससे वह अमर हो गया। हिरण्यकश्यप इस वरदान से खुद को ही भगवान मानने लगा है और लोगों को उसकी पूजा करने के लिए मजबूर करने लगा। लेकिन उसका पुत्र, प्रह्लाद भगवान विष्णु का सच्चा भक्त था और उसने अपने पिता और क्रूर राजा की बातों को स्वीकार से मना कर दिया। अपने पुत्र का यह बर्ताव देखकर हिरण्यकश्यप को बहुत गुस्सा आया और उसने अपनी बहन के साथ मिलकर अपने बेटे की जान लेने का फैसला किया है। उनकी बहन होलिका के पास वरदान था कि आग उसे जला नहीं सकती। इस प्रकार होलिका ने प्रहलाद को अपनी गोद में ल...

Holi 2023 Date: इस साल 7 या 8 मार्च, किस दिन खेली जाएगी होली? जानें होलिका दहन का सही मुहूर्त

Holi 2023 Ki Date: फाल्गुन का महीना चल रहा है और होली का त्यौहार बस आने को ही है। हालांकि इस बार होली को लेकर दो तारीखों, 7 और 8 मार्च के बीच लोगन में उलझन बनी हुई है। इसी कारण से आज हम आपको वृन्दावन के ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर होली की सही डेट और होलिका दहन का मुहूर्त बताने जा रहे हैं। होली का पर्व फाल्गुन माह (फाल्गुन माह के उपाय) की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि का 7 मार्च, दिन मंगलवार को पड़ रही है। बता दें कि पूर्णिमा की शाम को होलिका दहन किया जाता है और फिर अगले दिन होली खेली जाती है। यानी कि 7 मार्च को होलिका दहन होगा और 8 मार्च को धुलेंडी यानी कि खेलने वाली होली मनाई जाएगी। इसे जरूर पढ़ें: होलिका दहन का मुहूर्त हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च, दिन सोमवार को शाम 4 बजकर 17 मिनट से शुरू हो रही है और पूर्णिमा तिथि का समापन 7 मार्च को शाम 6 बजकर 9 मिनट पर होगा। ऐसे में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन यानी कि 7 मार्च की शाम को होलिका दहन 6 बजकर 24 मिनट से लेकर 9 बजे तक रहेगा। क्या है भद्रा की दशा हिन्दू पंचांग के अनुसार, होलिका दहन का मुहूर्त अमूमन तौर पर तब परिवर्तित या अशुभ परिणाम देता है जब उस पर भद्रा का साया हो लेकिन खास बात यह है कि इस साल होलिका दहन (कैसे बनी राक्षसी होलिका एक पूजनीय देवी) वाले दिन भद्र नहीं लग रही है। यानि कि 6 मार्च को भद्रा काल शाम 4 बजकर 17 मिनट से शुरू लेकिन 7 मार्च यानी कि दहन वाले दिन सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर ही खत्म हो जाएगा। इसे जरूर पढ़ें: किस आधार पर तय होती है होली की तारीख होली की तिथि फाल्गुन माह की पूर्णिमा के आधार पर तय होती है लेकिन...

Holi 2020: इस साल कब है होली? जानें किस दिन होगा होलिका दहन

Holi 2020: होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को पड़ता है। रंग और गुलाल के इस त्योहार को दो दिन मनाया जाता है। होली का त्योहार भारत, नेपाल समेत अन्य देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार से धार्मिक मान्यता भी जुड़ी हुई है। जिसके मुताबिक राजा हिरण्यकशिपु अपने अहंकार के कारण ईश्वर को नहीं मानता था। साथ वह अपने राज्य में किसी अन्य को भी ईश्वर का नाम लेने की पाबंदी लगा रखा था। हिरण्यकशिपु का बेटा प्रह्लाद ईश्वर का भक्त था। उसकी भक्ति से क्रोधित होकर उसे दंड दिया, इसके बावजूद भी प्रह्लाद ने भक्ति नहीं छोड़ी। घर में सुख-समृद्धि के लिए होलिका दहन के दिन पूजा की जाती है। होलिका दहन की पूजा होली से एक दिन पहले की जाती है। -होलिका दहन का शुभ मुहूर्त: शाम 6 बजकर 22 मिनट से लेकर 08 बजकर 49 मिनट तक (09 मार्च) -भद्रा आरंभ: 09 बजकर 37 से लेकर 10 बजकर 38 मिनट तक -भद्रा समाप्त: 10 बजकर 38 मिनट से लेकर 12 बजकर 19 मिनट तक -रंग वाली होली- 10 मार्च -पूर्णिमा तिथि आरंभ- 03 बजकर 03 मिनट (09 मार्च) होली को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है। बरसाने की लट्ठमार होली आज भी प्रसिद्ध है। लट्ठमार होली के दौरान पुरुष महिलाओं को रंग लगाते हैं और महिलाएं लाठी से उन्हें मारती हैं। वहीं ब्रज की होली दुनिया में प्रसिद्ध है। इसके अलावा मथुरा और वृंदावन में भी 15 दोनों तक होली की धूम रहती है। होली कथा: होली या होलिका दहन को लेकर प्राचीन काल की एक कथा काफी प्रचलित है, जिसका जिक्र पुराणों और शास्त्रों में भी मिलता है। आपने भी बड़े-बुजर्गों, किताबों या हिंदी सिनेमा के जरिए इस कथा को सुना, पढ़ा या देखा होगा। कथा कुछ इस प्रकार है, प्राचीन काल में हिरण्यकशिपु नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर था। इस असु...

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नई दिल्ली: रंगों के त्योहार होली में अब बस 10 दिन का इंतजार और है... होली के दिन (Holi Festival) उड़ने वाले रंग-गुलाल की मस्ती में सराबोर होने के लिए बड़ी संख्या में लोग विदेशों से भी भारत आते हैं. ब्रजभूमि मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल और बरसाना की होली तो भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर है क्योंकि इसका संबंध राधा-कृष्ण (Radha-Krishna) से है. देशभर में जहां सिर्फ 1 दिन के लिए होली का त्योहार मनाया जाता है वहीं, ब्रजभूमि ( Braj ki holi) के हर मंदिर और गांव में 40 दिनों तक होली का उत्सव चलता है. यहां तो बसंत पंचमी से ही होली का पर्व शुरू हो जाता है और होली खत्म होने के 2-3 बाद तक भी त्योहार का खुमार जारी रहता है. हालांकि होली से 1 सप्ताह पहले से पूरे ब्रज में रंगों का खुमार छाने लगता है और हर दिन अलग-अलग अंदाज में होली मनायी जाती है. किसी दिन फूलों की होली (Phoolon ki Holi) तो किसी दिन की लड्डूओं से होली (Laddoo ki Holi) खेली जाती है, किसी दिन लट्ठमार होली (Lathmar Holi) तो किसी दिन छड़ी वाली होली और आखिर में रंग-गुलाल और अबीर वाली होली. ऐसे में अगर आप भी इस बार होली का त्योहार ब्रजभूमि में मनाने की सोच रहे हैं तो जानें से पहले किस दिन कौन सी होली मनायी जाएगी इसकी डेट्स नोट कर लें. ये भी पढ़ें- खास होती है होलिका दहन की रात, मनोकामना पूर्ति के लिए करें ये काम 22 मार्च 2021- लड्डू की होली, बरसाना- ब्रज की पहली होली 22 मार्च से शुरू हो जाएगी. इस दिन राधा रानी के गांव बरसाना में फाग आमंत्रण का उत्सव होगा और फिर लड्डू से होली खेली जाएगी. 23 मार्च 2021- रंगीली गली में लट्ठमार होली, बरसाना- लड्डू की होली के अगले दिन 23 मार्च को बरसाना में ही नंदगांव के हुरयारों संग लट्ठमार...

Holi 2020:कब मनाई जाएगी होली और किस दिन होगा होलिका दहन? किन बातों का रखना होगा ध्यान

फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है। रंगो के इस त्योहार की धूम देशभर में देखने को मिलती है। होली के दिन लोग एक दूसरे को अबीर-गुलाल, रंग लगाते हैं। होली का त्योहार फाल्गुन माह में होलिका दहन से शुरू होता है। आइए, अब जानते हैें इस साल कब मनाई जाएगी होली और किस दिन होगा होलिका दहन..... • होली के दिन घर में किसी भी मनमुटाव न रखें और न ही किसी से झगड़ा करें। इस दिन किसी भी प्रकार की तू-तू, मैं-मैं करने से बचें और परिजनों, मित्रों के साथ पर्व का पूरा आनंद लें। होली के दिन किसी पर भूलकर भी क्रोध न करें। ध्यान रहे कि जिसके घर में लोग बात-बात में क्रोध करते हैं और जिनके यहां हर समय कलह होती रहती है, उनके घर पर लक्ष्मी नहीं आती है।

Holi 2021: लड्डू होली आज, जानें लट्ठामार होली से लेकर छड़ीमार होली किस दिन, Laddu Holi today, learn from Lathmaar Holi on which day the stickmar Holi.

मथुरा-वृंदावन की होली पूरे देशभर में लोकप्रिय है. यहां होने वाली लट्ठमार होली का भी अपना महत्व होता है. इसे देखने के लिए लोग देशभर के अलावा विदेश से भी आते हैं. अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आखिर लट्ठमार होली, लड्डू होली, होलिका दहन और रंग वाली होली कब है. तो आइए जानते हैं कि इस बार कौन सी होली किस दिन पड़ रही है. Laddu Holi in Barsana 2021: लड्डू होली कब राधारानी की नगरी बरसाने में लड्डू की होली आज 22 मार्च को खेली जा रही है. इस दिन राधा रानी के गांव बरसाना में फाग आमंत्रण का उत्सव मनाया जाएगा. इसके बाद लड्डू लुटा कर लड्डू की होली मनाई जाती है. Lathmar Holi 2021: लट्ठमार होली कब ब्रज की लट्ठमार होली भी काफी प्रसिद्ध है. लट्ठमार होली 23 मार्च को बरसाना में ही नंदगांव के हुरयारों संग खेली जाएगी. नंद गांव में लट्ठमार होली अगले दिन यानी 24 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली खेली जाएगी. Colorful Holi 2021: रंगभरनी होली कब फूलों की होली और रंगभरनी होली 25 मार्च मथुरा के श्री द्वारकाधीश मंदिर में कई तरह के रंग बिरंगे और सुगन्धित फूलों से होली खेली जाएगी. वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में 25 मार्च को ही रंगभरनी होली मनाई जाएगी. Chhadimar Holi 2021: छड़ीमार होली कब छड़ीमार होली 26 मार्च को गोकुल में मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गोकुल में भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में रहे थे इसलिए कान्हा को लाठी से चोट लग सकती थी. उन्हें ज्यादा चोट न लगे इसलिए छड़ी से होली खेलती हैं. Gulal Holi 2021: गुलाल होली कब गुलाल की होली 27 मार्च को वृंदावन में मनाई जाएगी. यें होली अबीर और गुलाल से होली मनाई जाएगी. Holi 2021: होलिका दहन कब इस साल होलिका दहन 28 मार्च को है. इस दिन होली की पूजा करने से दु...