होलिका दहन का समय 2023

  1. होलिका दहन 2023 शुभ महूर्त , होलाष्टक प्रारम्भ का समय
  2. Holi 2023: होलिका दहन कब है? होलिका का समय 2023, शुभ मुहूर्त 6 या 7 मार्च?
  3. Holika Dahan 2023: होलिका दहन 2023 तिथि, होलिका दहन, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
  4. Holika Dahan 2023: 6 या 7 मार्च कब है होलिका दहन? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
  5. होली 2023 पर बन रहे हैं बहुत शुभ संयोग
  6. Holi 2023 : होलिका दहन का समय और शुभ मुहूर्त


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होलिका दहन 2023 शुभ महूर्त , होलाष्टक प्रारम्भ का समय

होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2023 प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन भद्रा रहित काल में होलिका दहन किया जाता हैं |होलिका दहन :: होलाष्टक प्रारम्भ का समय – सोमवार, 27 फरवरी 2023 को प्रातः सूर्योदय से लग जायेंगे। होली पर ढाल थापने का शुभ समय :- 03 मार्च 2023, शुक्रवार को भद्रा प्रातः 09:11 पर समाप्त हो जायेगी, अतः प्रातः 06बजे से सायं 06:25 तक ढाल थाप ने का शुभ मुहूर्त हैं | ढाल (जेल) पिरोने / माला बनाने का समय : – जो होली के एक दिन पहले ढाल पोते हैं, उनको रविवार 05 मार्च 2023 को प्रातः 06:51 से सायं 06:26 के मध्य ढाल पीरो लेनी चाहिए, क्योंकि इस दिन भद्रा नहीं है, अतः पूरा दिन शुद्ध है तथा भद्रा रहित हैं | जो होली के दिन ढाल पिरोते हैं , उनको सोमवार, 06 मार्च 2023 को सायं 0 4:17 के पहले ही डाल पो लेनी चाहिए। होलिका दहन होलिका दहन फाल्गुनशुक्ल की प्रदोषव्यापिनी पूर्णिम को भद्रा रहित काल में करना शास्त्रसम्मत बताया गया है, अतः दिनांक 06 मार्च 2023, सोमवार को होली का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा सायं 04:17 से प्रारम्भ होकर अन्तरात्रि 05:16 तक | भूमिलोक की रहेगी, जो कि सर्वथा त्याज्य है। अतः होलिकादहन भद्रा उपरांत अन्तरात्रि के बाद ही करें। यथा:- भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी रक्षाबंधन फाल्गुनी होलिकादहन तथा श्रावणी नृपतिं हन्ति ग्रामं दहति फाल्गुनी ॥ होलिका दहन शास्त्र मत प्राप्त होता है। प्रदोष के समय शुभ समय:- सायं 06:27 से सायं 06:39 तक रहेगा यही होलिका दहन का शुभ समय हैं | यहाँ पर भद्रा पुच्छ भी मध्यरात्रि के बाद आ रहा है अतः यह भी निषेध रहेगा। मध्यरात्रि 12:50 से मध्यरात्रि 02:02 तक भद्रा पुच्छ रहेगी। यथा :- भद्रामुखं वर्जयित्वा होलिकायाः प्रदीपनम् । भद्रा मुख...

Holi 2023: होलिका दहन कब है? होलिका का समय 2023, शुभ मुहूर्त 6 या 7 मार्च?

इस बार पूर्णिमा की तिथि दो दिन तक पड़ रही है, इसलिए ज्यादातर लोग होली और होलिका दहन दोनों की तिथियों को लेकर कंफ्यूज हैं। कोई कह रहा है, होलिका दहन 6 मार्च को होना चाहिए तो कोई इसकी तिथि 7 मार्च बता रहा है। हालांकि होली के त्यौहार का तो तय है कि यह उदया तिथि में 8 मार्च को भारत में मनाई जाएगी लेकिन लोग होलिका दहन को ले कर अब भी कन्फ्यूज हैं। ऐसे में होलिका दहन 2023 का समय तिथि शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Date 2023) से जुड़े कंफ्यूजन को दूर करने के लिए हम यह लेख लेकर आए। विषय–सूची • • • • • • होलिका दहन कब है? 2023 होली के एक दिन पहले होलिका दहन का त्यौहार मनाया जाता है। इसी दिन अपने वरदान के दुरुपयोग के कारण हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जलकर राख हो गई थी और भगवान विष्णु ने प्रहलाद की रक्षा की थी। इसीलिए होलिका दहन को अच्छाई पर बुराई की जीत के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस दिन जगह-जगह होलीयां इकट्ठा कर के जलाई जाती हैं। इस बार होली का त्यौहार 8 मार्च 2023 को पड़ रहा है। ऐसे में होलिका दहन 7 मार्च 2023 को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि की रात्रि को ही होलिका दहन किया जाता है। हालांकि इस बार पूर्णिमा की तिथि 6 मार्च और 7 मार्च दोनों दिन पड़ रही है इसीलिए ज्यादातर लोग होलिका दहन 2023 की तिथि को लेकर कंफ्यूज हैं। लेकिन उदया तिथि में पर्व की शुभ मान्यता के कारण इसे 7 मार्च 2023 को ही मनाया जाएगा। होलिका दहन का समय 2023, शुभ मुहूर्त– इस बार फाल्गुन मास पूर्णिमा 2023 की तिथि 6 तथा 7 मार्च दोनों दिन पड़ रही है। हालांकि इस बार 6 मार्च के दिन भद्रा काल भी लग रहा है। 6 मार्च 2023 को भद्रा काल की शुरुआत शाम 4 बज कर 48 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 7 मार्च को सुबह 5 बज कर 14 मिनट पर समाप्त हो जाए...

Holika Dahan 2023: होलिका दहन 2023 तिथि, होलिका दहन, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

होलिका दहन जिसे ‘छोटी होली’ के नाम से भी जाना जाता है, हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह होली के रंगीन त्यौहार से एक दिन पहले मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु की मदद से ‘होलिका’ नाम की राक्षसी की मौत का जश्न होता है। होलिका दहन 2023 (Holika Dahan 2023) में 7 मार्च को हर्षोल्लास के साथ किया जाएगा। इसी के साथ होलिका दहन फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। अगले दिन, रंगों का त्यौहार (धुलैंडी, धुलंडी और धूली के नाम से भी जाना जाता है) मनाया जाता है। इस त्यौहार का उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जिसे सभी लोग एक-दूसरे के चेहरे पर रंग लागकर खुशी के साथ मनाते है। होलिका दहन का महत्व फाल्गुन के हिंदू महीने के दौरान पूर्णिमा के दिन होली का त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है और इसलिए होलिका दहन रंग खेलने वाली होली से एक दिन पहले मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार होली फरवरी-मार्च के महीने में मनाई जाती है। होलिका दहन एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो पूरे भारत में किया जाता है। यह हिंदुओं का दो दिवसीय त्यौहार है और होली (holi) की पूर्व संध्या को ‘होलिका दहन’ कहा जाता है। भारत के कुछ हिस्सों में इसे ‘होलिका’ या ‘कामदु चिता’ के नाम से भी जाना जाता है। यह उन त्यौहारों में से एक है, जो सभी धार्मिक भेदभावों को खत्म करती है। एक महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार होने के बावजूद, यह अन्य समुदायों और क्षेत्रों द्वारा भी मनाई जाती है। साथ ही होली का त्यौहार ढेर सारे रंगों, मस्ती और उल्लास के साथ मनाया जाता है और भाईचारे, समानता के संदेश को बढ़ावा देता है। यह भी पढ़ें: फरवरी 2023 अंक ज्योतिष राशिफल:जानें जन्मतिथि से कैसा रहेगा आपक...

Holika Dahan 2023: 6 या 7 मार्च कब है होलिका दहन? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

डीएनए हिंदीः होलिका (Holika Dahan 2023) से एक दिन पूर्व शाम से पूर्णिमा (Purnima) लग रही है. तिथियों के दो दिन होने के कारण लोगों को होलिका और होली (Holi Date) दोनों की डेट को लेकर संशय बना हुआ है. तो चलिए आपके इस कंफ्यूजन को क्लियकर कर दें और बता दें कि 6 या 7 किस दिन होलिका दहन होगा (When Is Holika Dahan) और किस दिन होली खेली जाएगी. साथ ही होलिका का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व क्या है ये भी जान लें और पूजा में किस-किस चीज जरूरत होगी. इस साल होलिका दहन 7 मार्च को होगी है और अगले दिन 8 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी. हालांकि केवल काशी में 6 मार्च हो होलिका और 7 मार्च को होली होगी.होलिका दहन को लेकर मान्यता है कि अगर होलिका पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में जलाई जाए तो इसके शुभफल मिलते हैं. इस दौरान भद्रा मुख को त्याग करके रात के समय होलिका दहन करना शुभ होता है. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat) पूर्णिमा 6 मार्च की शाम को 4 बजकर 17 मिनट से आरंभ होगी और अगले दिन 7 मार्च को शाम 6 बजकर 9 मिनट समाप्त होगी. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च, मंगलवार को शाम 6 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. भद्रा काल का समय 6 मार्च को शाम 4 बजकर 48 मिनट पर शुरू होगा और 7 मार्च को सुबह 5 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा. होलिका दहन की पूजन विधि (Holika Dahan 2023 Pujan Vidhi) होलिका दहन की पूजा के लिए सबसे पहले पूजा करने वाले जातकों को होलिका के पास जाकर पूर्व दिशा में मुख करके बैठना चाहिए. इसके बाद पूजन सामग्री जिसमें कि जल, रोली, अक्षत, फूल, कच्‍चा सूत, गुड़, हल्‍दी साबुत, मूंग, गुलाल और बताशे साथ ही नई फसल यानी कि गेहूं और चने की पकी बालियां ले लें. इसके बा...

होली 2023 पर बन रहे हैं बहुत शुभ संयोग

Holi 2023: फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार पूर्णिमा तिथि 06 मार्च 2023 दिन सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर आरंभ होगी और इस तिथि का समापन 07 मार्च 2023 दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा। यानी अगले दिन यानी 07 मार्च 2023 को प्रदोष काल में होलिका दहन होगा है। इस बार 19 वर्षों के बाद श्रावण मास में अधिकमास आने के कारण महाशिवरात्रि और होली 10 से 11 दिन पहले आ रही जबकि रक्षा बंधन, गणेश चतुर्थी, दशहरा और दीवाली में करीब 19 दिन की देरी होगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन होता है और दूसरे दिन धुलैंडी मनाई जाती है। अष्टमी से यह त्योहार प्रारंभ हो जाता है।

Holi 2023 : होलिका दहन का समय और शुभ मुहूर्त

Holi 2023 : इस वर्ष होलिका दहन 7 मार्च को किया जायेगा।इसे छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है । इसके अगले दिन प्रतिपदा तिथी को रंग की होली खेली जाती है । होलिका दहन के लिये प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा माना जाता है । इस बार दो दिन पूर्णिमा पड़ रही है ।6 मार्च को शूरू हो कर 7 मार्च को खत्म होगी और दोनो दिन प्रदोष काल पद रहा है । तिथियों को लेकर लोगो के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है की अखिर होलिकदहन किस दिन होगा। Holi 2023 : कई ज्योतिषियों के अनुसार माने तो पूर्णिमा तिथी 6 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर शूरू होगी और 7 मार्च 2023 मंगलवार को 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगी । लेकिन होलिकदहन 7 मार्च को।किया जायेगा।6 मार्च को पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया रहेगा।भद्रा तिथि मे कोई शुभ काम नही किये जाते है वरना इसके परिणाम शुभ नही होते है ।इसमे होलिकदहन करने से देशवाशियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । 7 मार्च को शुभ दिन है इस दिन होली जलाने से परिणाम अच्छे होंगे। पूजन विधि और मुहूर्त: होलिका के पास गोबर की चार मालाएं रख ली जाती है जिसमे से एक पितरो की,एक हनुमानजी की,एक शीतला माता के नाम और एक परिवार के नाम की रखी जाती है ।होलिका की परिक्रमा की जाती ही उसमे कच्चा सूत लपेटा जाता है और 3 या 7 परिक्रमा की जाती है ।पूर्व की ओर मुह करके पहले जल अर्पित किया जाता है फिर अक्षत,रोली,फूल पीली सरसो ,गुलाल और मिठाई आदि पूजा की सामग्री अर्पित करे।