इंटरनेट सेवा

  1. Manipur Internet Ban : राज्य में 15 जून तक इंटरनेट पर लगी रोक बढ़ाई गई 
  2. Manipur Violence Internet Ban Date Extend For 5 Days Minister Sapam Ranjan
  3. Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में 50 हजार से ज्यादा लोग हुए बेघर, इंटरनेट पर बैन कायम, जांच में जुटी CBI
  4. Maharashtra Kolhapur Clash Internet Services Partially Resume Check Details
  5. मणिपुर में इंटरनेट पर लगी रोक की मियाद 15 जून तक बढ़ाई गई – ThePrint Hindi


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Manipur Internet Ban : राज्य में 15 जून तक इंटरनेट पर लगी रोक बढ़ाई गई 

Manipur Internet Services : मणिपुर सरकार ने राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक की मियाद 15 जून तक बढ़ा दी है। आयुक्त (गृह) टी. रणजीत सिंह द्वारा शनिवार रात को जारी आदेश में कहा गया कि ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल इंटरनेट सेवा को स्थगित करने का फैसला अब 15 जून अपराह्न तीन बजे तक लागू रहेगा। राज्य में जातीय हिंसा के बाद तीन मई को इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई थी। इंटरनेट सेवा पर रोक की मियाद 15 जून तक बढ़ाने के लिए जारी आदेश में कहा गया, ‘‘कुछ असमाजिक तत्व सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोगों को भड़काने के लिए तस्वीर, घृणा फैलाने वाला भाषण, नफरती वीडियो संदेश प्रसारित करने में कर सकते हैं जिसका गंभीर प्रभाव राज्य की कानून व्यवस्था पर पड़ सकता है।’’ आदेश के मुताबिक, ‘‘रोक का आदेश सरकार द्वारा विशेष तौर पर छूट दिए गए के ब्रॉडबैंड लाइन के अलावा ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवा, इंटरनेट/डेटा सेवा पर लागू होगा...।’’ गौतलब है कि मणिपुर में एक महीने पहले हुई जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई थी और 310 अन्य घायल हुए थे। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। यह भी पढ़ें :

Manipur Violence Internet Ban Date Extend For 5 Days Minister Sapam Ranjan

Manipur Violence: मणिपुर में 3 मई को हुई जातिगत हिंसा के बाद राज्य में अभी तक हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हालांकि मणिपुर के कुछ इलाकों में लंबे समय तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी, लेकिन सरकार ने शनिवार को हिंसक घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इंटरनेट पर 5 दिन के लिए बैन और बढ़ा दिया है. गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इंटरनेट पर बैन 15 जून दोपहर 3 बजे तक प्रभावी रहेगा. ANI के अनुसार, मणिपुर के सूचना और जनसंपर्क मंत्री डॉ सपम रंजन ने कहा, 'हम कुछ सरकारी संस्थानों और आपातकालीन सेवाओं के लिए जहां भी जरूरत है वहां इंटरनेट सेवाएं दे रहे हैं. जैसे हालत होंगे, उसको देखते हुए ही प्रतिबंध हटाने पर विचार किया जाएगा.' '24 घंटों में राज्य में कोई अप्रिय घटना नहीं' सपम रंजन ने कहा कि पिछले 24 घंटों में राज्य में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है, यह इस बात का सबूत है कि हमारे राज्य में शांति और सामान्य स्थिति वापस लौट रही है. राज्य भर में विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है. अब तक 990 हथियार और 13,000 राउंड गोला बारूद बरामद किया जा चुका है. बता दें कि बीते एक महीने से मणिपुर जातीय हिंसा की आग से जूझ रहा है. लिहाजा राज्य सरकार ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट पर बैन लगा रखा है. इससे पहले भी मंगलवार को मणिपुर सरकार ने इंटरनेट पर 10 जून तक के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया था. आयुक्त (गृह) एच ज्ञान प्रकाश ने स्थिति को देखते हुए कहा था कि ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवाओं को 10 जून दोपहर तीन बजे तक बैन कर दिया गया है. राज्य में इंटरनेट बैन करने का फैसला पहली बार मई के पहले हफ्ते में लिया गया था. यह भी पढ़ें:- Published at : 11 Jun 2023 12:00 PM (IST) Tags: हिंदी समाचार,

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में 50 हजार से ज्यादा लोग हुए बेघर, इंटरनेट पर बैन कायम, जांच में जुटी CBI

Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में 50 हजार से ज्यादा लोग हुए बेघर, इंटरनेट पर बैन कायम, जांच में जुटी CBI Manipur Violence: मणिपुर में इंटरनेट सेवा पर बैन 15 जून तक के लिए बढ़ाई गई है. असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर नफरत फैला सकते हैं, इसी आशंका की वजह से प्रतिबंध को आगे बढ़ाना पड़ा. हिंसा की वजह से 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं. Manipur Violence: मणिपुर में एक महीने से भी ज्यादा समय से हिंसा जारी है. बीच में थोड़ी शांति भी हुई लेकिन इसके बाद फिर कई हिस्सों में हिंसा-आगजनी देखी गई. इस बीच राज्यभर में इंटरनेट सेवा पर बैन 15 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है. यह आदेश तब आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया. इस बीच पता चला है कि 50 हजार से ज्यादा लोग हिंसा की वजह से विस्थापित हुए हैं. मणिपुर सरकार ने रविवार को बताया कि हिंसा पीड़ितों के लिए राज्यभर में 349 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. अलग-अलग शिविरों में 50,000 से ज्यादा लोग रह रहे हैं. इनके अलावा महिलाओं, बूढ़े और बच्चों के लिए भी अलग से राहत शिविर की व्यवस्था की गई है. नोडल अधिकारियों को यहां देखभाल की जिम्मेदारी दी गई है. ये भी पढ़ें: 3 मई से मणिपुर में इंटरनेट पर प्रतिबंध मणिपुर में 3 मई को हिंसा के मद्देनजर इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बाद कई बार प्रतिबंधों को बढ़ाया गया. 10 जून को मणिपुर गृह विभाग की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में बैन को 15 जून तक बढ़ाया गया है. कमिश्नर द्वारा जारी आदेश में आशंका जताई गई है कि इंटरनेट का इस्तेमाल कर असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर नफरत फैला सकते हैं. सोशल मीडिया पर नफरती भाषण, नफरती वीडियो के संभावित सर्कुलेशन को ध्यान में रखत...

Maharashtra Kolhapur Clash Internet Services Partially Resume Check Details

Kolhapur News: कोल्हापुर में दो दिन पहले हुई रैली के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. कोल्हापुर में इंटरनेट सेवा अब बहाल कर दी गई है. शिव राजाभिषेक दिवस पर कोल्हापुर शहर के कुछ युवाओं ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर टीपू सुल्तान और औरंगजेब की तस्वीरें लगाई थी, जिसके बाद हिंदू संगठन से जुड़े लोग सड़कों पर आ गए थे. इसके बाद पुलिस ने कोल्हापुर हिंसा मामले में स्थिति को नियंत्रण में लाने और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थी. कोल्हापुर में इंटरनेट सेवा बहाल कोल्हापुर में पिछले 38 घंटे से इंटरनेट सेवा बंद थी. परिणामस्वरूप नागरिक अपना व्यवसाय नहीं कर सके. इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं हो सका. कोल्हापुर में दो दिन पहले हुई रैली के बाद जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवा बंद करने का फैसला किया था ताकि ऐसी स्थिति फिर से न हो और अफवाह न फैले और तनाव फिर से पैदा न हो. इससे कई काम बाधित हुए, बैंक और अन्य लेन-देन ठप हो गए. अब जब इंटरनेट सेवा शुरू हो गई है तो कोल्हापुर के लोगों ने राहत की सांस ली है. कैसे शुरू हुआ विवाद कोल्हापुर शहर के सात युवकों ने शिव राजाभिषेक के दिन अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर टीपू सुल्तान और औरंगजेब की तस्वीरें डालीं और यहीं से विवाद छिड़ गया. 7 जून को हिंदुत्ववादी संगठन इसके खिलाफ आक्रामक हो गए. कार्यकर्ता पहले छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर एकत्र हुए, फिर वे मार्च निकालने जा रहे थे. लेकिन पुलिस ने मार्च को रोक दिया. इससे कार्यकर्ता उग्र हो गए और नारेबाजी करने लगे. कोल्हापुर में शिवाजी चौक इलाके से सटे कोल्हापुर नगर निगम, गंजी गली, महाद्वार रोड, अकबर मोहल्ला और शिवाजी रोड के इलाकों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थी. अंतत: पुलिस को उन्...

मणिपुर में इंटरनेट पर लगी रोक की मियाद 15 जून तक बढ़ाई गई – ThePrint Hindi

राज्य में जातीय हिंसा के बाद तीन मई को इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई थी। इंटरनेट सेवा पर रोक की मियाद 15 जून तक बढ़ाने के लिए जारी आदेश में कहा गया, ‘‘कुछ असमाजिक तत्व सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोगों को भड़काने के लिए तस्वीर, घृणा फैलाने वाला भाषण, नफरती वीडियो संदेश प्रसारित करने में कर सकते हैं जिसका गंभीर प्रभाव राज्य की कानून व्यवस्था पर पड़ सकता है।’’ आदेश के मुताबिक, ‘‘रोक का आदेश सरकार द्वारा विशेष तौर पर छूट दी गई ब्रॉडबैंड लाइन के अलावा ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवा, इंटरनेट/डेटा सेवा पर लागू होगा…।’’ गौतलब है कि मणिपुर में एक महीने पहले हुई जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई थी और 310 अन्य घायल हुए थे। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। मेइती मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नगा और कुकी राज्य की जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पर्वतीय जिलों में निवास करते हैं। भाषा धीरज अमित अमित यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.