Influenza virus symptoms in hindi

  1. H3N2 Flu:इस महीने के आखिरी तक कम हो सकता है H3N2 influenza का प्रकोप, वायरस से बचने के लिए रखें इन बातों का विशेष ध्यान
  2. H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस कैसे फैलता है और इसका इलाज क्या है?


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H3N2 Flu:इस महीने के आखिरी तक कम हो सकता है H3N2 influenza का प्रकोप, वायरस से बचने के लिए रखें इन बातों का विशेष ध्यान

डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली से लेकर दूसरे राज्यों में फैले एच3एन2 वायरस से हल्कान मचा हुआ है. H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस की वजह से देश में हुई दो लोाकें ण्की मौत के बाद चिंता और बढ़ गई है. इस वायरस को हांगकांग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है. वहीं राहत की बात है कि यह मार्च के आखिरी तक काफी कम हो सकता है. इसका दावा विशेज्ञषों द्वारा किया जा रहा है. दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मामलों की रियल टाइम ट्रैकिंग कर रहा है. वहीं आईसीएमआर ने इस वायरस से बचने से लेकर लक्षणों को एक एडवाइजरी जारी की है तो आईएमए ने अलर्ट जारी किया है. उधर विशेज्ञषों के अनुसार, मार्च के आखिरी तक एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मामलों में कमी आ सकती है. ये हैं H3N2 influenza के लक्षण आईसीएमआर के अनुसार, H3N2 influenza के लक्षणों में मुख्य रूप से खांसी, बुखार, उल्टी, गले में खराश और मांसपेशियों में दर्द से लेकर नाक बहना जुकाम है. यह संक्रमण पांच से हफ्ते भर तक रहता है. वहीं इसे होने वाली खांसी तीन हफ्ते से लेकर महीने भर तक रह सकती है. इस तरह से करें बचाव इस वायरस से बचने के लिए लोकुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है. इनमें बार बार साबुन से हाथ धोएं, चेहरे, नाक और मुंह को बार बार न छूएं, भीड़ भाड़ वाली जगहों पर न जाएं. बुखार या फ्लू लक्षण दिखने पर पैरासिटामोल लें. फेस पर मास्क लगाएं. हाइड्रेटेड रहें और खूब सारे तरल पदार्थों का सेवन करें. बाहर की जगह घर का बना खाना ही खाएं. इन लोगों को है ज्यादा खतरा सीडीसी के अनुसार, H3N2 influenza का सबसे ज्यादा खतरा 65 साल के बुजुर्ग और पांच साल से कम उम्र के बच्चों को होता है. इसके साथ ही कमजोर इम्यूनिटी, अस्थमा, डायबिटीज और दिल के मरीजों को ज्यादा खतरा है. ...

H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस कैसे फैलता है और इसका इलाज क्या है?

इन्फ्लूएंजा को फ्लू भी कहते हैं। यह एक वायरल संक्रामक श्वसन रोग है, जो नाक, गले और फेफड़ों को प्रभावित करता है। इन्फ्लूएंजा वायरस पक्षियों, जानवरों और इंसानों के श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। ज्यादातर मामलों में इंफ्लुएंजा अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर रूप भी ले सकता है, और प्रभावित व्यक्ति की स्थिति गंभीर हो सकती है। इंफ्लुएंजा वायरस क्या होता है? इन्फ्लूएंजा एक वायरल श्वसन संक्रामक रोग है। जो इंसानों के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसमें नाक, गला, फेफड़े इत्यादि शामिल होते हैं। यह बीमारी किसी के छींकने, खांसने या श्वसन बूंदों द्वारा आसानी से फैल सकती है। इन्फ्लूएंजा (फ्लू) छोटे बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है। इन्फ्लूएंजा वायरस कितने प्रकार के होते हैं? इंफ्लुएंजा (फ्लू) का नाम उस वायरस के नाम पर पड़ता है, जिसके कारण वह होता है। इन्फ्लुएंजा वायरस लगातार बदल रहे हैं, समयानुसार ये भी अपने नए स्ट्रेन में सामने आ रहे हैं। इन्फ्लूएंजा वायरस 4 प्रकार के होते हैं- इन्फ्लूएंजा ए (A), बी (B), सी (C) और डी (D)। इनमें से इन्फ्लूएंजा डी (D) को छोड़ कर ए (A), बी (B) और सी (C) तीनों इंसानों में फैल सकते हैं। आपको यह पता होना चाहिए कि, हर साल मौसमी फ्लू इन्फ्लूएंजा ए (A) और बी (B) कि वजह से होता है, और उन्हें भी कई सबटाइप्स में बांटा जाता है। यह बंटवारा उनके सतह पर मिलने वाले प्रोटीन के आधार पर किया जाता है। यह सबटाइप होते हैं, हेमाग्लूटिनिन यानी HA, और न्यूरोमिनाइडेस यानी NA। फिर इसके बाद एचए (HA) के भी 18 प्रकार होते हैं, जिनका नाम H1 ...