Ishan kon kise kahate hain

  1. ईशान कोण (जल स्थान )में क्या हो, क्या न हो?
  2. ishan kon
  3. वास्तु के अनुसार ऐसा हो घर का ईशान कोण, तो रातोंरात बदल जाती है किस्मत
  4. Ishan Kon Vastu Tips: घर के ईशान कोण में छिपा है धन का भंडार, पर इन चीजों को रखने से पड़ सकते हैं आप भयंकर बीमार Ishan Kon Vastu Tips keeping these things in ishan kon at your home make you extremely poor dharm latest news
  5. घन कोण किसे कहते हैं, घन कोण का मात्रक और सूत्र » BasicStudy
  6. Ishan Kon


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ईशान कोण (जल स्थान )में क्या हो, क्या न हो?

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का वृहद् महत्व्य बताया गया है | यह वह स्थान है जिस पर गुरु ग्रह व्र्हस्पति का अधिपत्य है | साथ ही यहाँ वास्तु पुरुष का मस्तक भी है जिसे महादेव शिव का शीश होने की संज्ञा भी दी जाती है | शायद ऐसा इसलिए है क्यूंकि उत्तर और पूर्व दोनों ही शुभ उर्जा के विशेष महत्व्यपूर्ण स्रोत है | इसलिए इसका शुद्ध, साफ़ सुथरा होना आवश्यक है | यदि ईशान में दोष हो जाये तो उस घर के सभी सदस्यों का विकास अवरुद्ध हो जाता है, विवाह योग्य कन्या हो तो विवाह में बाधा आती है | सामाजिक अपयश, गंभीर रोग आदि घर कर जाते है | हर प्रकार की समृद्धि के लिए इस स्थान का जागृत होना बेहद अनिवार्य है | यदि ईशान कोण में मंदिर, साधना कक्ष, अध्यन कक्ष, भूगर्भ जल स्थान घर के अन्य स्थान से अधिक खुला स्थान नहीं है तो यह दोष है | वही अक्सर लोग यहाँ जैसे शौचालय, स्टोर आदि बना कर इस स्थान को दूषित, अपवित्र अनदेखा कर देते है | यह क्षेत्र जलकुंड, कुआं अथवा पेयजल के किसी अन्य स्रोत हेतु सर्वोत्तम स्थान है! ईशान कोण (जल स्थान )में क्या हो, क्या न हो? – ishan kon (jal sthan )mein kya ho, kya na ho? – वैदिक वास्तु शास्त्र – vedic vastu shastra

ishan kon

वास्तु शास्त्र और हिन्दू धर्म में ईशान कोण को बहुत महत्व दिया जाता है। कहते हैं कि सभी देवताओं का निवास स्थान धरती की ईशान दिशा में ही है। इसे भगवान शिव की दिशा भी माना जाता है। ईशान कोण में धरती का आकाश ज्यादा खुला और उजला नजर आता है। आओ जानते हैं कि घर का ईशान कोण कैसा होना चाहिए। घर के पूर्व और उत्तर के बीच ईशान कोण होता है। उल्लेखनीय है कि ईशान कोण में किसी भी प्रकार का दोष है और कुंडली में भी गुरु पीड़ित है तो जातक में पूजा पाठ के प्रति विरक्ति, देवता, धर्म और गुरुओं पर आस्था में कमी, आय में कमी, संचित धन में कमी, विवाह में देरी, संतानोत्पत्ति में देरी, मूर्च्छा, उदर विकार, कान का रोग, गठिया, कब्ज, अनिद्रा आदि कष्ट होने की संभावना रहती है।

वास्तु के अनुसार ऐसा हो घर का ईशान कोण, तो रातोंरात बदल जाती है किस्मत

वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं उस स्थान को ईशान कोण कहते हैं। वास्तु शास्त्र में इस स्थान को सबसे पवित्र माना गया है। भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है। इस दिशा के स्वामी ग्रह बृहस्पति और केतु माने गए है। घर का ये हिस्सा सबसे पवित्र होता है इसलिए ईशान में सभी देवी और देवताओं का वास होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व और उत्तर दिशाएं जहां पर मिलती हैं उस स्थान को ईशान कोण कहते हैं। वास्तु शास्त्र में इस स्थान को सबसे पवित्र माना गया है। भगवान शिव का एक नाम ईशान भी है। भगवान शिव का आधिपत्य उत्तर-पूर्व दिशा में होता है। इस दिशा के स्वामी ग्रह बृहस्पति और केतु माने गए है। घर का ये हिस्सा सबसे पवित्र होता है इसलिए ईशान में सभी देवी और देवताओं का वास होता है। यही कारण है कि इस दिशा को सबसे शुभ माना गया है। इसे साफ-स्वच्छ और खाली रखा जाना चाहिए। लेकिन क्या आप ये जानते है कि आपकी नौकरी और बिजनेस की तरक्की ये दिशा ही तय करती है। ईशान कोण में न रखने वाले सामान • ईशान कोण में कोई नुकीली चीज तथा झाडू भी नहीं रखना चाहिए वरना धन हानि होती है। • घर या ऑफिस के इस हिस्से में बैठक व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। • इस स्थान पर कूड़ा-कचरा नहीं होना चाहिए। ऐसा होने पर नौकरी-पेशे में रूकावट आती है। • ईशान कोण में स्टोररुम और टॉयलेट नहीं होना चाहिए। इससे कार्यों में रूकावट आती है। • किचन और बेडरुम इस दिशा में होने से वास्तुदोष बनता है। • लोहे का कोई भारी भी इस दिशा में नहीं होना चाहिए। • सिंक या वॉशबेसिन भी इस दिशा में नहीं होनी चाहिए। ऐसा ईशान कोण खोलता है किस्मत के दरवाजे • इस दिशा में पूजा स्थल बनाएं और वहां लक्ष्...

Ishan Kon Vastu Tips: घर के ईशान कोण में छिपा है धन का भंडार, पर इन चीजों को रखने से पड़ सकते हैं आप भयंकर बीमार Ishan Kon Vastu Tips keeping these things in ishan kon at your home make you extremely poor dharm latest news

नई दिल्ली : Ishan Kon Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को घर की सबसे उत्तम दिशा बताया गया है. घर की उत्तर पूर्व दिशा का मध्य स्थान ईशान कोण कहलाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की ये दिशा अत्यधिक शुभ होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस दिशा में देवी देवताओं का वास होता है. ऐसे में इस दिशा से जुड़ी हर बात न सिर्फ एक अलग अहमियत रखती है बल्कि इसका घर के सभी सदस्यों पर भी अहम प्रभाव पड़ता है. माना जाता है कि घर की ईशान कोण दिशा में कुछ चीजों का रखा जाना भयंकर तंगी को बुलावा देता है. इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कौन सी वस्तुओं को ईशान कोण में रखना चाहिए और कौन सी वस्तुओं को रखने से बचना चाहिए. साथ ही, इस दिशा से जुड़े नियमों के बारे में भी जानेंगे. यह भी पढ़ें: - देवी देवताओं का स्थान होने के कारण कभी भी घर की ईशान कोण दिशा में टॉयलेट नहीं होना चाहिए. इस दिशा में शौचालय या गंदगी का होना घर केन सदयों को भयंकर बीमारी कि चपेट में ला सकता है. - घर बनवाते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ईशान कोण में बेडरूम न रखें. अगर आपने ऐसा किया है तो फ़ौरन अपना बेडरूम शिफ्ट कर लें. क्योंकि इस दिशा में बेडरूम का होना पति पत्नी के बीच कलह का कारण बनता है और वैवाहिक जीवन में खटास आने लगती है. - ईशान कोण में भारी चीजों का रखना अशुभ माना जाता है. क्योंकि भारी वस्तु घर में पॉजिटिव एनर्जी को कम कर नेगटिविटी को बढ़ाती है. साथ ही, ईशान कोण में भारी वस्तु का होना आपको बदहाली और कर्ज के नीचे दबा सकता है. यह भी पढ़ें: ईशान कोण में इन चीजों का होना होता है शुभ - घर की ईशान कोण में तुलसी का होना शुभता का संकेत है. तुलसी का पौधा न सिर्फ घर में सकारात्मकता लाता है बल्कि घर को बुरी शक्तियों के ...

घन कोण किसे कहते हैं, घन कोण का मात्रक और सूत्र » BasicStudy

घन कोण की परिभाषा किसी वृत्त की त्रिज्या के बराबर लम्बाई की चाप उस वृत्त के केन्द्र पर अन्तरित करती है। ठीक इसी प्रकार, किसी ‘गोलीय’ (spherical) पृष्ठ का क्षेत्रफल गोले के केन्द्र पर जो कोण अन्तरित करता है उसे ‘ घन कोण‘ कहते हैं तथा इसे ‘ω’ से निरूपित करते हैं। घन कोण का मात्रक ‘स्टेरेडियन (steradian अथवा Sr) कहलाता है. माना कि किसी गोले का केन्द्र O है व त्रिज्या r है (चित्र)। हम इसके पृष्ठ पर एक क्षेत्रफल-अवयव (area element) dA पर विचार करते हैं। यदि इस क्षेत्रफल-अवयव की परिसीमा (boundary) पर स्थित बिन्दुओं को गोले के केन्द्र 0 से मिलायें तो इस प्रकार खींची गई रेखाएँ केन्द्र 0 पर एक घन कोण dω अन्तरित करती हैं। चूँकि गोलीय क्षेत्रफल dA, त्रिज्या के वर्ग r 2 के अनुक्रमानुपाती होता है, अत: निष्पत्ति dA/r 2 एक नियतांक है। यह निष्पत्ति ही क्षेत्रफल dA द्वारा गोले के केन्द्र 0 पर अन्तरित घन कोण dω कहलाती है। इस प्रकार dω = dA/r 2 समीकरण (i) में

Ishan Kon

Ishan kon is considered as one of the most auspicious parts in Hindu mythology and Vastu Shastra. The word ‘Ishan’ means the place of the Gods and the word ‘Kon’ means an angle. Hence Ishan kon is considered to be the most sacred part of any house or commercial building. It is believed that this part of the house influences the health, wealth, success, and prosperity of the inhabitants of the house. It is believed that positive powerful vibrations and energies flow through the northeast direction of your home. This is the reason that many Vastu Shastra experts suggest to keep this direction or part of your home either open or with light construction. If this corner of your home is kept open then it allows the positive and divine energy to flow freely into the house. As per Vastu shastra, each and every direction has a ruler or a caretaker, similarly, each direction has one ruling planet. And, according to Hindu mythology, there are eight avatars of S. No. Particulars Association 1. Ruler/ Caretaker Lord Shiva 2. Ruling Planet Jupiter 3. Santan Lakshmi 4. Part Of Vastu Purush Head 5. Element Associated Water Article At A Glance • • • • • • • • Meaning And Direction Of Ishan Kon In simple terms, Ishan kon is that part or corner of your home which is located in the extreme North-East corner of your plot, home, or commercial building. Ishan kon is located in a sub direction called the northeast direction which is located between the north direction and the east direction. Isha...