जैविक खेती की परिभाषा

  1. जैविक खेती : परिभाषा, महत्त्व, अवधारणा, सिद्धान्त, उद्देश्य, उपयोगिता
  2. जैविक खाद्य पदार्थ
  3. जैविक खेती के सिद्धांत
  4. जैविक खाद्य पदार्थ
  5. जैविक खेती : परिभाषा, महत्त्व, अवधारणा, सिद्धान्त, उद्देश्य, उपयोगिता
  6. जैविक खेती के सिद्धांत


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जैविक खेती : परिभाषा, महत्त्व, अवधारणा, सिद्धान्त, उद्देश्य, उपयोगिता

जैविक खेती ( Organic Farming ) परिभाषा : ” जैविक खेती एक उत्पादन प्रणाली है , जो कि मृदा , पारिस्थितिकी परितंत्रों और लोगों के स्वास्थ्य को बनाए रखती है । यह प्रतिकूल प्रभावों वाले आदानों के उपयोग की बजाय , पारिस्थितिक प्रक्रियाओं , जैव विविधता और स्थनीय परिस्थितियों के अनुकूलित चक्र पर निर्भर करती है । “ ( अंतर्राष्ट्रीय जैविक कृषि गतिविधि संघ ( आई.एफ.ओ.ए. एम . ) के अनुसार ) ” जैविक के खेती फार्म की रचना एवं प्रबंधन कर एक पारिस्थितिकी तंत्र का निमार्ण करने की पद्धति है जिससे संश्लेषित बाह्य आदानों जैसे कि रासायनिक उर्वरकों एवं पेस्टीसाइड्स के उपयोग से बिना टिकाऊ उत्पादकता प्राप्त की जा सके । “ ( राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम ( NPOF ) के अनुसार ) अवधारणा ( Concept ) : मूल रूप से ” जैविक खेती ” भारतीय पद्धति है । जैविक खेती भारतवर्ष की सनातन प्राचीनतम कृषि उत्पादन पद्धति रही है । ऋषि पाराशर ने बताया –” जंतुनाम जीवनम् कृषि ” अर्थात् कृषि का आधार भूमि में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणु हैं । जैविक खेती जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है जीवों के सहारे की जाने वाली जीवन्त खेती है । आधुनिक जैविक खेती का सिद्धान्त सर्वप्रथम सर अल्बर्ट हावर्ड ने 1930 के दशक में इंग्लैण्ड में प्रतिपादित किया । इसे तीस व चालीस के दशक में पौध उद्योग संस्थान ( आई.पी.आई. ) के सर अल्बर्ट हावर्ड के कार्यदल ने आधुनिक आयाम दिया । उन्होंने जैविक कम्पोस्ट आधारित कृषि को अपनाने पर बल दिया । ‘ आर्गेनिक फार्मिंग ‘ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम लार्ड वाल्टर नार्थबोर्न ने 1940 में अपनी पुस्तक ‘ लुक दु दी लेण्ड ‘ में किया था । मुख्यतया जैविक खेती की शुरूआत 1930 के दशक में यूरोप से हुई । 1924 में आस्ट्रिया के दार्शनिक डॉ ....

जैविक खाद्य पदार्थ

जैविक खाद्य पदार्थ इस तरीके से बनाये जाते हैं कि उत्पादन के दौरान सिंथेटिक सामग्री के उपयोग को सीमित किया जा सके अथवा बाहर निकाला जा सके. मानव इतिहास के अधिकांश हिस्से में कृषि का वर्णन जैव के रूप में किया जा सकता है; केवल 20वीं सदी के दौरान भोजन आपूर्ति के लिए अधिक मात्रा में कृत्रिम रसायनों की आपूर्ति की गई थी। उत्पादन की इस नवीनतम शैली को "परमाणु रहित" कहा जाता है। जैविक उत्पादन के तहत, परमाणु रहित अजैविक [ [ त्यापैकी पहिल्या गटातील पदार्थ हे सजीवांपासून जैविक खाद्य पदार्थ इस तरीके से बनाये जाते हैं कि उत्पादन के दौरान सिंथेटिक सामग्री के उपयोग को सीमित किया जा सके अथवा बाहर निकाला जा सके. मानव इतिहास के अधिकांश हिस्से में कृषि का वर्णन जैव के रूप में किया जा सकता है; केवल 20वीं सदी के दौरान भोजन आपूर्ति के लिए अधिक मात्रा में कृत्रिम रसायनों की आपूर्ति की गई थी। उत्पादन की इस नवीनतम शैली को "परमाणु रहित" कहा जाता है। जैविक उत्पादन के तहत, परमाणु रहित अजैविक [ [ जैविक खाद्य उत्पादन अत्यंत विनियमित उद्योग है, जो [ ऐतिहासिक रूप से, for historical use [ [ अनुक्रम • 1 शब्द का अर्थ और इसकी उत्पत्ति • 2 जैविक खाद्य की पहचान करना • 2.1 कानूनी परिभाषा • 3 पर्यावरणीय प्रभाव • 3.1 Yield • 3.2 ऊर्जा दक्षता • 3.3 कीटनाशक और किसान • 3.4 कीटनाशक के अवशेष • 4 पोषण का महत्व और स्वाद • 5 लागत • 6 संबंधित आंदोलन • 7 तथ्य और आंकड़े • 7.1 उत्तर अमेरिका • 7.2 यूरोप • 7.3 कैरिबियन • 7.4 जैविक ओलंपियाड • 8 इन्हें भी देखें • 9 सन्दर्भ • 10 आगे पढ़ें • 11 बाहरी कड़ियाँ शब्द का अर्थ और इसकी उत्पत्ति [ ] 1939 में लुक टू द लैंड (1940) में कृषि के लिए पूर्णतावादी, पारिस्थितिक रूप से संतुलित पद्धति ...

जैविक खेती के सिद्धांत

यह लेख निम्नलिखित भाषाओं में भी उपलब्ध है: यह लेख निम्नलिखित भाषाओं में भी उपलब्ध है: English Español (Spanish ) Français (French ) Deutsch (German ) Nederlands (Dutch ) العربية (Arabic ) Türkçe (Turkish ) 简体中文 (Chinese (Simplified) ) Русский (Russian ) Italiano (Italian ) Ελληνικά (Greek ) Português (Portuguese, Brazil ) 한국어 (Korean ) polski (Polish ) अधिक अनुवाद दिखाएं कम अनुवाद दिखाएं जैविक खेती क्या है? – जैविक खेती की परिभाषा और उदाहरण जैविक खेती का सारांश संक्षेप में, जैविक खेती में खेती करने की ऐसी तकनीकें और विधियां शामिल होती हैं जो सतत कृषि के माध्यम से पर्यावरण, मनुष्य और जानवरों की रक्षा करने का प्रयास करती हैं। जैविक खेती के उत्पादकों को उर्वरीकरण और फसल की रक्षा दोनों के लिए जैविक पदार्थों के अलावा कोई भी अन्य चीज प्रयोग करने की अनुमति नहीं होती। उर्वरीकरण विधियों के रूप में, वे मुख्य रूप से गोबर की खाद, कम्पोस्ट, या विशेष जैविक सिंथेटिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं। फसल की रक्षा के उपायों के रूप में, ज्यादातर जालों और प्राकृतिक शिकारियों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार की खेती में बहुत ज्यादा मेहनत की ज़रूरत पड़ती है और इससे होने वाली पैदावार भी पारंपरिक खेती की तुलना में काफी कम होती है। हालाँकि, जैविक उत्पादक अपने उत्पादों को बाज़ार में पारंपरिक उत्पादों से ज्यादा महंगे दामों पर बेच सकते हैं। जैविक खेती की परिभाषा यूरोपीय संसद ब्रुसेल्स के अधिनियम, 27 अप्रैल 2018, के अनुसार, जैविक खेती खेत के प्रबंधन और खाद्य उत्पादन की एक समग्र प्रणाली है, जो सबसे अच्छे पर्यावरणीय और जलवायु गतिविधि के अभ्यासों, उच्च स्तर की जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, पशु कल...

जैविक खाद्य पदार्थ

जैविक खाद्य पदार्थ इस तरीके से बनाये जाते हैं कि उत्पादन के दौरान सिंथेटिक सामग्री के उपयोग को सीमित किया जा सके अथवा बाहर निकाला जा सके. मानव इतिहास के अधिकांश हिस्से में कृषि का वर्णन जैव के रूप में किया जा सकता है; केवल 20वीं सदी के दौरान भोजन आपूर्ति के लिए अधिक मात्रा में कृत्रिम रसायनों की आपूर्ति की गई थी। उत्पादन की इस नवीनतम शैली को "परमाणु रहित" कहा जाता है। जैविक उत्पादन के तहत, परमाणु रहित अजैविक [ [ त्यापैकी पहिल्या गटातील पदार्थ हे सजीवांपासून जैविक खाद्य पदार्थ इस तरीके से बनाये जाते हैं कि उत्पादन के दौरान सिंथेटिक सामग्री के उपयोग को सीमित किया जा सके अथवा बाहर निकाला जा सके. मानव इतिहास के अधिकांश हिस्से में कृषि का वर्णन जैव के रूप में किया जा सकता है; केवल 20वीं सदी के दौरान भोजन आपूर्ति के लिए अधिक मात्रा में कृत्रिम रसायनों की आपूर्ति की गई थी। उत्पादन की इस नवीनतम शैली को "परमाणु रहित" कहा जाता है। जैविक उत्पादन के तहत, परमाणु रहित अजैविक [ [ जैविक खाद्य उत्पादन अत्यंत विनियमित उद्योग है, जो [ ऐतिहासिक रूप से, for historical use [ [ अनुक्रम • 1 शब्द का अर्थ और इसकी उत्पत्ति • 2 जैविक खाद्य की पहचान करना • 2.1 कानूनी परिभाषा • 3 पर्यावरणीय प्रभाव • 3.1 Yield • 3.2 ऊर्जा दक्षता • 3.3 कीटनाशक और किसान • 3.4 कीटनाशक के अवशेष • 4 पोषण का महत्व और स्वाद • 5 लागत • 6 संबंधित आंदोलन • 7 तथ्य और आंकड़े • 7.1 उत्तर अमेरिका • 7.2 यूरोप • 7.3 कैरिबियन • 7.4 जैविक ओलंपियाड • 8 इन्हें भी देखें • 9 सन्दर्भ • 10 आगे पढ़ें • 11 बाहरी कड़ियाँ शब्द का अर्थ और इसकी उत्पत्ति [ ] 1939 में लुक टू द लैंड (1940) में कृषि के लिए पूर्णतावादी, पारिस्थितिक रूप से संतुलित पद्धति ...

जैविक खेती : परिभाषा, महत्त्व, अवधारणा, सिद्धान्त, उद्देश्य, उपयोगिता

जैविक खेती ( Organic Farming ) परिभाषा : ” जैविक खेती एक उत्पादन प्रणाली है , जो कि मृदा , पारिस्थितिकी परितंत्रों और लोगों के स्वास्थ्य को बनाए रखती है । यह प्रतिकूल प्रभावों वाले आदानों के उपयोग की बजाय , पारिस्थितिक प्रक्रियाओं , जैव विविधता और स्थनीय परिस्थितियों के अनुकूलित चक्र पर निर्भर करती है । “ ( अंतर्राष्ट्रीय जैविक कृषि गतिविधि संघ ( आई.एफ.ओ.ए. एम . ) के अनुसार ) ” जैविक के खेती फार्म की रचना एवं प्रबंधन कर एक पारिस्थितिकी तंत्र का निमार्ण करने की पद्धति है जिससे संश्लेषित बाह्य आदानों जैसे कि रासायनिक उर्वरकों एवं पेस्टीसाइड्स के उपयोग से बिना टिकाऊ उत्पादकता प्राप्त की जा सके । “ ( राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम ( NPOF ) के अनुसार ) अवधारणा ( Concept ) : मूल रूप से ” जैविक खेती ” भारतीय पद्धति है । जैविक खेती भारतवर्ष की सनातन प्राचीनतम कृषि उत्पादन पद्धति रही है । ऋषि पाराशर ने बताया –” जंतुनाम जीवनम् कृषि ” अर्थात् कृषि का आधार भूमि में रहने वाले सूक्ष्म जीवाणु हैं । जैविक खेती जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है जीवों के सहारे की जाने वाली जीवन्त खेती है । आधुनिक जैविक खेती का सिद्धान्त सर्वप्रथम सर अल्बर्ट हावर्ड ने 1930 के दशक में इंग्लैण्ड में प्रतिपादित किया । इसे तीस व चालीस के दशक में पौध उद्योग संस्थान ( आई.पी.आई. ) के सर अल्बर्ट हावर्ड के कार्यदल ने आधुनिक आयाम दिया । उन्होंने जैविक कम्पोस्ट आधारित कृषि को अपनाने पर बल दिया । ‘ आर्गेनिक फार्मिंग ‘ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम लार्ड वाल्टर नार्थबोर्न ने 1940 में अपनी पुस्तक ‘ लुक दु दी लेण्ड ‘ में किया था । मुख्यतया जैविक खेती की शुरूआत 1930 के दशक में यूरोप से हुई । 1924 में आस्ट्रिया के दार्शनिक डॉ ....

जैविक खेती के सिद्धांत

यह लेख निम्नलिखित भाषाओं में भी उपलब्ध है: यह लेख निम्नलिखित भाषाओं में भी उपलब्ध है: English Español (Spanish ) Français (French ) Deutsch (German ) Nederlands (Dutch ) العربية (Arabic ) Türkçe (Turkish ) 简体中文 (Chinese (Simplified) ) Русский (Russian ) Italiano (Italian ) Ελληνικά (Greek ) Português (Portuguese, Brazil ) 한국어 (Korean ) polski (Polish ) अधिक अनुवाद दिखाएं कम अनुवाद दिखाएं जैविक खेती क्या है? – जैविक खेती की परिभाषा और उदाहरण जैविक खेती का सारांश संक्षेप में, जैविक खेती में खेती करने की ऐसी तकनीकें और विधियां शामिल होती हैं जो सतत कृषि के माध्यम से पर्यावरण, मनुष्य और जानवरों की रक्षा करने का प्रयास करती हैं। जैविक खेती के उत्पादकों को उर्वरीकरण और फसल की रक्षा दोनों के लिए जैविक पदार्थों के अलावा कोई भी अन्य चीज प्रयोग करने की अनुमति नहीं होती। उर्वरीकरण विधियों के रूप में, वे मुख्य रूप से गोबर की खाद, कम्पोस्ट, या विशेष जैविक सिंथेटिक उर्वरकों का प्रयोग करते हैं। फसल की रक्षा के उपायों के रूप में, ज्यादातर जालों और प्राकृतिक शिकारियों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार की खेती में बहुत ज्यादा मेहनत की ज़रूरत पड़ती है और इससे होने वाली पैदावार भी पारंपरिक खेती की तुलना में काफी कम होती है। हालाँकि, जैविक उत्पादक अपने उत्पादों को बाज़ार में पारंपरिक उत्पादों से ज्यादा महंगे दामों पर बेच सकते हैं। जैविक खेती की परिभाषा यूरोपीय संसद ब्रुसेल्स के अधिनियम, 27 अप्रैल 2018, के अनुसार, जैविक खेती खेत के प्रबंधन और खाद्य उत्पादन की एक समग्र प्रणाली है, जो सबसे अच्छे पर्यावरणीय और जलवायु गतिविधि के अभ्यासों, उच्च स्तर की जैव विविधता, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, पशु कल...