जगतगुरु

  1. स्वरूपानंद सरस्वती
  2. ramanandacharya jayanti
  3. Jagatguru Name Rashi
  4. Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey got the title of Jagatguru Ramanujacharya
  5. अयोध्या में 12 अक्टूबर को जगतगुरु रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे सीएम योगी, cm yogi to unveil jagatguru ramanujacharya statue in ayodhya on october 12
  6. Jagat Guru Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Died And His Last Rites Will Be Performed Tomorrow In Narsinghpur Ann


Download: जगतगुरु
Size: 43.19 MB

स्वरूपानंद सरस्वती

अनुक्रम • 1 जीवन परिचय • 2 योगदान और कार्य • 2.1 स्वतंत्रता संग्राम मे योगदान • 2.2 विचार और जागरुकता • 3 इन्हें भी देखें • 4 सन्दर्भ • 5 बाहरीकड़ियाँ जीवन परिचय [ ] स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सितम्बर 1924 को पोथीराम उपाध्याय रखा। नौ वर्ष की उम्र में उन्होंने घर छोड़ कर धर्म यात्रायें प्रारम्भ कर दी थीं। इस दौरान वह 1950 में ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती नाम से जाने जाने लगे। 1950 में वे दंडी संन्यासी बनाये। योगदान और कार्य [ ] स्वतंत्रता संग्राम मे योगदान [ ] जब स्वामी जी ने छोड़ दिया, यह वह समय था, जब अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा, तो वह भी विचार और जागरुकता [ ] स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती जी, चांद मिया) की पूजा करने के विरोध में रहे, क्योंकि कुछ हिंदू दिशाहीन हो कर अज्ञानवश असत् की पूजा करने में लगे हुए हैं। जिससे उन्होंने इन्हें भी देखें [ ] • • • • • • • सन्दर्भ [ ] • . अभिगमन तिथि 4 जुलाई 2014. • . अभिगमन तिथि 26 January 2015. • jagadgurushankaracharya.org. मूल से पुरालेखित 12 May 2015. सीएस1 रखरखाव: अयोग्य यूआरएल ( बाहरीकड़ियाँ [ ] • • •

ramanandacharya jayanti

रामानंद का जन्म : माघ माह की सप्तमी ईस्वी सन् 1299 को प्रयाग के कान्यकुब्ज ब्राह्मण के कुल में जन्मे श्री रामानंदजी के पिता का नाम पुण्यसदन शर्मा तथा माता का नाम सुशीलादेवी था। वशिष्ठ गोत्र कुल के होने के कारण वाराणसी के एक कुलपुरोहित ने मान्यता अनुसार जन्म के तीन वर्ष तक उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने और एक वर्ष तक आईना नहीं दिखाने को कहा था। जहां रामानंद का जन्म हुआ उस स्थान को वर्तमान में श्री मठ प्राकट्य धाम कहा जाता है। रामानंद की दीक्षा : आठ वर्ष की उम्र में उपनयन संस्कार होने के पश्चात उन्होंने वाराणसी पंच गंगाघाट के स्वामी राघवानंदाचार्यजी से दीक्षा प्राप्त की। तपस्या तथा ज्ञानार्जन के बाद बड़े-बड़े साधु तथा विद्वानों पर उनके ज्ञान का प्रभाव दिखने लगा। इस कारण मुमुक्षु लोग अपनी तृष्णा शांत करने हेतु उनके पास आने लगे। रचनाएं : स्वामी रामानंद ने अनेक ग्रंथ लिखे थे। जिनमें से श्रीवैष्णव मताव्ज भास्कर, श्रीरामार्चन-पद्धति प्रमुख है। इसके अलावा गीताभाष्य, उपनिषद-भाष्य,आनन्दभाष्य, सिद्धान्त-पटल, रामरक्षास्तोत्र, योग चिन्तामणि, रामाराधनम्, वेदान्त-विचार, रामानन्दादेश, ज्ञान-तिलक, ग्यान-लीला, आत्मबोध राम मन्त्र जोग ग्रन्थ, कुछ फुटकर हिन्दी पद और अध्यात्म रामायण भी है। शंकराचार्य की तरह पदवी : उनके देह त्याग के बाद से वैष्ण्व पंथियों में जगद्‍गुरु रामानंदाचार्य पद पर 'रामानंदाचार्य' की पदवी को आसीन किया जाने लगा। जैसे शंकराचार्य एक उपाधि है, उसी तरह रामानंदाचार्य की गादी पर बैठने वाले को इसी उपाधि से विभूषित किया जाता है। दक्षिण भारत के लिए श्रीक्षेत्र नाणिज को वैष्णव पीठ रूप में घोषित कर इसका नाम 'जगद्‍गुरु रामानंदाचार्य पीठ, नणिजधाम' रखा गया है। वैष्णवों के अखाड़े और संप्र...

Jagatguru Name Rashi

• Jobs and Career • Government Service • Sarkari Naukri | सरकारी नौकरी • Sarkari Yojana | सरकारी योजना • Government Jobs | Govt Jobs | Latest Govt Jobs • Earn Money • GK – General Knowledge • इतिहास • प्रश्न उत्तर • Full Form • Documents • आधार कार्ड • PF – EPF – UAN • पैन कार्ड • राशन कार्ड • वोटर आईडी कार्ड • Tips and Tricks • बैंकिंग टिप्स • कंप्यूटर टिप्स • मोबाइल टिप्स • एजुकेशनल टिप्स • फेसबुक टिप्स • सिक्यूरिटी टिप्स • हेल्थ टिप्स • व्हाट्सएप्प टिप्स • जीमेल टिप्स • More • ज्योतिष • कुंडली दोष • राशिफल • राशि की जानकारी • लड़कियों के नाम • लड़को के नाम • Interesting Facts • Event • Movies • सवाल जवाब • मोटिवेशनल • लव स्टोरीज • कहानियां • जीवनी, रोचक बाते • रैम – मेमोरी कार्ड – पेनड्राइव • शायरी – स्टेटस – जोक्स – सुविचार मकर राशि (Capricorn Zodiac) यह राशिचक्र में दसवीं राशि है और यह त्‍याग और बलिदान की राशि है. इस राशि के अपने परिजनों से प्रेम करते हैं लेकिन उसका प्रदर्शन नहीं करते. इस राशि का स्वामी शनि है, शनि अच्‍छा होने पर ये लोग ईमानदार, सजग और विश्‍वसनीय होते हैं और शनि खराब होने पर ठीक उल्‍टा होता है. इस राशि के जातको के लिए शुभ दिन शुक्रवार, मंगलवार और शनिवार होता है और शुभ रंग लाल, नीला और सफेद होता है. इस राशि के लिए भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी यह अक्षर निर्धारित किये गए है जिनके द्वारे हम अपना नाम कौनसी राशि में आता है यह जान सकते है या मकर राशि में जन्म होने पर इन अक्षरों पे नामकरण कर सकते है. मकर राशि के लड़कों के नाम (Capricorn Rashi Boys Names, Makar Rashi Ke Ladko Ke Naam) अगर आपके बेटे/लड़के का जन्म मकर राशि में होता है तो आप अपने बेटे/लड़के का न...

Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey got the title of Jagatguru Ramanujacharya

Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey got the title of Jagatguru Ramanujacharya | बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय को मिली जगतगुरु रामानुजाचार्य की उपाधि, जीयर स्वामी ने गद्दी पर बिठाया | Hindi News, पटना बिहार के पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय को मिली जगतगुरु रामानुजाचार्य की उपाधि, जीयर स्वामी ने गद्दी पर बिठाया Former DGP Gupteshwar Pandey: बिहार पुलिस में डीजीपी रहने के बाद कथावाचक बने गुप्तेश्वर पांडेय को रामानुजाचार्य समुदाय के जगतगुरु की उपाधि हासिल हुई है. श्री त्रिदंडी स्वामी जी महाराज के परम शिष्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी के द्वारा शनिवार (08 जून) को बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को जगतगुरु रामानुजाचार्य के पद पर आसीन किया गया. इस दौरान उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया. जीयर स्वामी ने पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के समर्पण भाव और सनातन धर्म के प्रसार में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें इस पद पर आसीन कराया है. जगतगुरु रामानुजाचार्य के पद पर आसीन किए जाने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि अब जीयर स्वामी जी महाराज के आदेशों का पालन करते हुए सनातन धर्म का प्रचार करना ही उनके जीवन का उद्देश्य रह गया है. वह पूरे देश में सनातन धर्म का प्रचार करेंगे. उन्होंने कहा कि वह जतपुरा में स्वामी जी द्वारा किए जा रहे चतुर्मासा के दौरान आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन के लिए आते-जाते रहेंगे. ये भी पढ़ें- जगतगुरु रामानुजाचार्य के पद पर आसीन होने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय काफी प्रफुल्लित दिखाई दिए. इस मौके पर बिहार के एडीजी अमृत राज और गढ़वा जिले के पूर्व डीडीसी सत्यनारायण उपाध्याय सहित कई भक्तों ने जीयर स्वामी जी से मिलकर आशीर्वाद प्राप्त किया. ये भी पढ़ें- बता दें क...

अयोध्या में 12 अक्टूबर को जगतगुरु रामानुजाचार्य की प्रतिमा का अनावरण करेंगे सीएम योगी, cm yogi to unveil jagatguru ramanujacharya statue in ayodhya on october 12

अयोध्याः सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) आगामी 12 अक्टूबर को धर्म नगरी अयोध्या में होंगे. इस दौरान वह दक्षिण भारतीय परंपरा से जुड़े अम्माजी मंदिर में जगतगुरु रामानुजाचार्य (Jagatguru Ramanujacharya) की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. राधा स्वामी मंदिर के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दक्षिण भारतीय परंपरा से जुड़े संत शामिल होंगे. कार्यक्रम के दौरान ही संतों की एक सभा का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें बतौर मुख्य अतिथि गोरक्ष पीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे.इस कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस दौरान अयोध्या में सुरक्षा से जुड़े व्यापक इंतजाम रहेंगे. बताते चलें कि दक्षिण भारतीय शैली पर बने हुए प्राचीन राधा स्वामी मंदिर में मुख्यमंत्री 12 अक्टूबर को दोपहर 11:00 बजे पहुंचेंगे और लगभग 1 घंटे तक यहीं पर रहेंगे. मंदिर प्रशासन का दावा है कि मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर स्वीकृति मिल गई है.मुख्यमंत्री अम्मा जी के मंदिर में जगद्गुरु रामानंदाचार्य की मूर्ति का अनावरण करेंगे. बताते चलें कि राम नगरी के प्रमुख संतों ने लता मंगेशकर चौक के निर्माण के समय विरोध दर्ज कराते हुए जगद्गुरु रामानुजाचार्य के नाम पर चौक चौराहा बनाए जाने की मांग की थी. यह बोले मंदिर के व्यवस्थापक. मुख्यमंत्री ने अयोध्या के संतो को आश्वस्त किया था कि जल्द ही हिंदू धर्म के जगदगुरु रामानुजाचार्य के नाम से भी चौराहे होंगे और प्रमुख सड़कों का नाम दिया जाएगा. इतना ही नहीं जगद्गुरु रामानुजाचार्य की प्रतिमा की स्थापना भी की जाएगी. इसके बाद अम्माजी के मंदिर में जगदगुरु रामानुजाचार्य मूर्ति की स्थापना की जा रही है. इस कार्यक्रम को पूरे धूमधाम से मन...

Jagat Guru Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Died And His Last Rites Will Be Performed Tomorrow In Narsinghpur Ann

Shankaracharya Swami Swaroopanand Death: द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया. उन्होंने नरसिंहपुर (Narsinghpur) के झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में साढ़े तीन बजे 99 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली. जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का अंतिम संस्कार कल झोतेश्वर में ही साढ़े तीन बजे होगा. कल परमहंसी गंगा आश्रम में ही उन्हें समाधि दी जाएगी. आज रात और कल अंतिम दर्शन के लिये देह को रखा जायेगा. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे. कुछ दिनों पहले ही उन्होंने अपना 99वां जन्मदिवस मनाया था. दिग्विजय सिंह उनके दीक्षांत शिष्य हैं. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती आजादी की लड़ाई में भाग लेकर जेल भी गए थे. उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए भी लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी थी. सीएम योगी ने ट्वीट कर जताया दुख उनके निधन पर यूपी के सीएम योगी ने दुख जताया है. सीएम ने ट्वीट किया कि, "श्री द्वारका-शारदा पीठ व ज्योतिर्मठ पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य श्रद्धेय स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज का ब्रह्मलीन होना संत समाज की अपूरणीय क्षति है. प्रभु श्री राम दिवंगत पुण्यात्मा को अपने परमधाम में स्थान व शोकाकुल हिंदू समाज को यह दुःख सहने की शक्ति दें. ॐ शांति." कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने स्वामी के निधन पर ट्वीट कर लिखा कि, "पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है.उन्होंने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे.सादर श्रद्धांजलि." प्रियंका गांधी वाड्रा ने जताया...