जिंदगी जीने का सही तरीका

  1. problems of symbiosis
  2. जिंदगी क्या है
  3. What is life
  4. जिंदगी को जीने का सही तरीका बताएगा ये एजुकेशनल कोर्स!
  5. जानिए 10 जिंदगी जीने का सही तरीका
  6. problems of symbiosis
  7. जिंदगी क्या है
  8. जिंदगी को जीने का सही तरीका बताएगा ये एजुकेशनल कोर्स!
  9. जानिए 10 जिंदगी जीने का सही तरीका
  10. What is life


Download: जिंदगी जीने का सही तरीका
Size: 43.34 MB

problems of symbiosis

आधुनिकता के नाम पर युवाओं ने जीवन को अपने ढंग से जीने की आजादी लगभग हासिल कर ली है। लगता है, शिक्षित समाज का एक बड़ा हिस्सा इसे उनका अधिकार मान कर स्वीकार भी कर चुका है। रूढ़ियों को ढोते रहना प्रगतिशील समाज की निशानी भी नहीं होती। मगर दिक्कत तब होती है, जब समाज की मूल बनावट और उसके मिजाज को रूढ़ि करार देकर ध्वस्त करने का प्रयास किया जाता है। जीवन जीने की आजादी का अर्थ बहुत सारे युवाओं ने स्वच्छंद जीना समझ लिया है। इसी का नतीजा है कि अपनी पसंद के किसी साथी के साथ बिना विवाह के रहना एक आम प्रवृत्ति बनती जा रही है। शुरू में इस प्रवृत्ति का पुरजोर विरोध हुआ, मगर कुछ लोगों ने इसके पक्ष में आवाजें उठानी शुरू कर दीं, सहजीवन को निजता के अधिकार से जोड़ कर देखा जाने लगा, तब यह प्रवृत्ति अपनी जड़ें जमाती गई। अब इसके अनेक नकारात्मक प्रभाव नजर आने लगे हैं। सहजीवन में रह रहे जोड़ों के हिंसक व्यवहार की अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मगर इस प्रवृत्ति में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा। केरल उच्च न्यायालय ने ऐसे ही एक मामले में कहा कि सहजीवन को किसी भी वैवाहिक कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है। दरअसल, केरल में बिना विवाह के साथ रह रहे एक जोड़े ने अदालत में तलाक की अर्जी लगाई थी। बिना विवाह किए साथ रहने में यह तो आजादी है कि दोनों में अगर किसी तरह का मतभेद होता है और वे अलग होना चाहते हैं, तो हो सकते हैं। इसी आजादी के चलते बहुत सारे युवा सहजीवन में रहने का फैसला करते हैं। मगर दिक्कत तब शुरू होती है, जब वैवाहिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए बने कानूनों के उपयोग की बारी आती है। सहजीवन में रह रही लड़कियां घरेलू हिंसा के मामले में किसी तरह की कानूनी सहायता नहीं प्राप्त कर पातीं। ऐसे जोड़ों का प्राय: अपने पर...

जिंदगी क्या है

जाने - जिंदगी का सच, जिंदगी क्या है? , जिन्दगी जीने के तरीके,जीवन जीने के सूत्र,सुखी जीवन के उपाय/ज़िन्दगी का सफ़र ! जिंदगी---- कभी कभी मन में सवाल उठता है जिंदगी क्या है? हमारी जिंदगी का क्या मकसद है? हम किस लिए जिंदगी जिंदगी को जी रहे है? जिंदगी भगवान का दिया एक नजराना है - इसलिए इसे ग्रहणकरो। जिंदगी एक लम्बी यात्रा है - इसके हर पड़ाव को हँसते हुए पूरा करो। जिंदगी एक खेल है---इसे जितने के लिए आखिरी तक पूरे मन से खेलते रहो। जिंदगी एक कर्तव्य है -इसलिए हर व्यक्ति और समाज के प्रति हर कर्तव्य को निभाओ। जिंदगी एक गीत है - इसे ख़ुशी से गुनगुनाओ। हँसमुख अंदाज--- जिंदगी के हर पल को वही व्यक्ति यादगार बना सकता है जिसका स्वभाव और अंदाज हँसमुख होता है।सुख हो या दुःख आपका हंसमुख अंदाज उस पल को बोझिल नही बनने देगा।इस तरह आपकी जिंदगी तेजी से पटरी पर दौड़ेगी। दिल दुखाने वाली छोटी छोटी बातों को करे नजरअंदाज-- हर किसी की जिंदगी में छोटी छोटी ऐसी बातें होती रहती है जो हमारे दिल और दिमाग में रहे तो तूफान मचा देती है जिससे हम परेशान हो जाते है।यदि हम उन छोटी छोटी बातो को दिल से न लगाकर नजरअंदाज कर दे तो जिंदगी में कोई गम रहेगा ही नही। समय की कद्र करे--- यदि आप जिंदगी में अपने लक्ष्य को पाकर खुश रहना चाहते है तो आपको समय की कद्र करनी ही होगी। यदि आप समय के साथ कदम मिलाकर चलेंगे तो हर काम वक्त पर हो जाता है जिससे मानसिक शांति और सुकून की प्राप्ति होती है और जिंदगी दिलचस्प बनी रहती है। खुद पर विश्वास रखें -- अपने आप पर पूर्ण विश्वास रखे कि कोई भी काम आपके लिए नामुमकिन नही है और आप उसको आसानी से क़र सकते है। यह बात आज ही दिमाग में बैठा लें कि दुनिया में आपके लिए फैसले लेने वाला आपसे बेहतर कोई इंसान...

What is life

हम सबके मन कभी न कभी एक सवाल जरूर उठता है कि जिंदगी क्या है। अगर देखा जाये तो जब हम परेशानी से जूझ रहे होते हैं तो इस तरह के सवाल अपने आप दिमाग में उठने लगते है । जिसके बाद हम यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर जिंदगी क्या है ? हमारी जिंदगी का असली मकसद क्या है । हम जिंदगी किस लिये जी रहे ? अगर सही मायने में देखा जाये तो जिंदगी एक लम्बी यात्रा है । जिसपर चलने पर उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है । जिंदगी एक जंग है जिसे जीतने के लिये पूरे मन से लड़ते रहो और जिंदगी एक कर्तव्य है इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को दूसरों और समाज के प्रति सभी कर्तव्य का पालन करना चाहिये । जिंदगी क्या है ? कभी सुख तलाशती है, कभी दु:ख से भागती है कभी सुकून खोजती है, जिंदगी क्या है ? दर्शन है, कला है, विज्ञान है, या अज्ञान है, भूत है, भविष्य, वर्तमान है या सर्व विद्यमान है। वस्तु पाने की दौड़ है या प्रतिस्पर्धा की होड़ है । पीछे छूटने का भय है या आगे रहने का मोह है लगता है कभी मुसीबतों का गठजोड़ है । अगर देखे तो जब मनुष्य जन्म लेता है तो उसके पास सांसे तो होती है पर कोई नाम नही होता और जब मनुष्य की मृत्यु होती है तो उसके पास नाम तो होता है पर सांसे नही होती है। इसी सांसे और नाम के बीच की यात्रा को जीवन कहते है । न किसी के अभाव में जियो, न किसी प्रभाव में जियों अपनी जिंदगी अपने स्वाभाव में जियो । जिंदगी जीने का सही तरीका आशावादी दृष्टिकोण रखें अगर आप जिंदगी को सही मायने में जीना चाहते है तो अपना दृष्टिकोण आशा से परिपूर्ण रखें । साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे की दु:ख के बाद सुख है तो एक खुशहाल जिंदगी जी सकते है। समय की कद्र करें यदि आप जिंदगी में कुछ अच्छा हासिल करना चाहते है तो समय की कद्र करना सीखें । यदि आप...

जिंदगी को जीने का सही तरीका बताएगा ये एजुकेशनल कोर्स!

लाइफ, जिंदगी, जीवन, जन्म, मुत्यु, भविष्य, कर्म, भाग्य, विवाह, रिश्ता, संबन्ध, प्यार, नफ़रत, दोस्त, दुश्मन, तंदुरुस्ती, बीमारी, पागलपन, क्रोध, लोभ, दया, संतोष..... और ऐसे कई सारे शब्द हमारे जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन क्या वाकई में हम इन शब्दों का सही अर्थ जानते हैं?... नहीं। हम हमारे जिंदगी के 15 साल स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई के लिये देते हैं, लेकिन हमारी पढ़ाई इन शब्दों के साथ नहीं जुड़ी है। डॉक्टर बनने के लिये हम मेडिकल कॉलेज में जाते हैं, इंजीनियर बनने के लिए हम इन्जीनियरिंग कॉलेज, अकाउन्टेन्ट बनने के लिए कॉमर्स कॉलेज, टीचर बनने के लिए बीएड कॉलेज वगैरा-वगैरा... लेकिन जीवन जीने का तरीका सीखने के लिये, कोई स्कूल या कॉलेज नहीं है। हम सोचते हैं ये सारी चीजे हमें मां-बाप से पता चलनी चाहिये, लेकिन क्या हमारे माँ-बाप इन शब्दों के बारे में जानते है....? ठीक से नहीं.....। हम हमेशा गलती करके पछताते हैं, या उस गलती से सीखते हैं। लेकिन सिर्फ सीखने के लिए ही गलती करो, ये बात ठीक नहीं। और गलती से हमें कैसे सीखना चाहिये, ये कौन और कैसे बतायेगा...? खैर! इन सवालों को पढ़ो...... 1. जिंदगी जीने का सही तरीका क्या है? 2. हम शरीर को सशक्त और रोग मुक्त कैसे बना सकते हैं? 3. खुशहाल जिंदगी जीने के लिये हमें कितने पैसों की आवश्यकता होती है? 4. भगवान में विश्वास रखने से मेरा क्या फ़ायदा होगा? और भगवान को न मानने से मेरा क्या नुकसान होगा.....? हम सभी ऐसे सवालों के ज़वाब खोजते रहते हैं, लेकिन सही जवाब नहीं मिल पाते...। और इन्हीं चीज़ों को सिखाने के लिये भारतीय विद्या भवन ने एक साल का पाठ्यक्रम बनाया है, “Diploma in Holistic Living”। ज़िंदगी कैसी जीनी चाहिए इसका संदर्भ हमें वेदों में और उपनिषदों में मिलता है, ल...

जानिए 10 जिंदगी जीने का सही तरीका

Table of Contents • • • • • • • • • • • • जब हम इस प्रश्न को सोचते हैं, तो ध्यान देना चाहिए कि हर व्यक्ति का सही तरीका जिंदगी जीने का भी अलग होता है। फिर भी, कुछ मूलभूत सिद्धांत और मार्गदर्शन हैं जिन्हें अपनाकर हम सभी एक खुशहाल और सत्यापित जीवन जी सकते हैं। यहां जीवन को सही तरीके से जीने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आदेश दिए गए हैं। तो चलिए जानिए 10 जिंदगी जीने का सही तरीका अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें – एक सत्यापित और खुशहाल जीवन जीने के लिए, आपको अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करना होगा। यह आपके जीवन की निर्देशिका होगा और आपको समय, ऊर्जा और संसाधनों को सही तरीके से उपयोग करने में मदद करेगा। लक्ष्यों को छोटे और बड़े हिसाब से विभाजित करें और उन्हें स्मार्ट (विशिष्ट, मापनीय, संभव और समय-सीमित, मुद्रित) लक्ष्य बनाएं। स्वास्थ्य ध्यान रखें – स्वास्थ्य हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण धन है। हमेशा याद रखें कि स्वस्थ मस्तिष्क और शारीर ही सच्ची खुशी और सफलता का मूल हैं। एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए, नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ आहार लें, पर्याप्त नींद लें, और मानसिक स्वास्थ्य के लिए समय निकालें। स्वास्थ्य के मामले में कोई संकोच न करें, और इसे अपने जीवन की प्राथमिकता बनाएं। आत्मसमर्पण और समय का मूल्यांकन करें – हमारे पास यही एकमात्र संसाधन है जिसे हम कभी वापस नहीं पा सकते हैं – समय। हम सभी के पास 24 घंटे होते हैं, और सही तरीके से जीने के लिए हमें इसका समय का सही उपयोग करना आवश्यक है। एक महत्वपूर्ण तत्व है आत्मसमर्पण, जिसे हमेशा अपने काम में लगाना चाहिए। समय का मूल्यांकन करें और अव्यवसायिक गतिविधियों से बचें जो आपका समय बर्बाद कर सकती हैं। संबंधों का महत्व समझें – नवीनता और सीख को स्वीकार करें ...

problems of symbiosis

आधुनिकता के नाम पर युवाओं ने जीवन को अपने ढंग से जीने की आजादी लगभग हासिल कर ली है। लगता है, शिक्षित समाज का एक बड़ा हिस्सा इसे उनका अधिकार मान कर स्वीकार भी कर चुका है। रूढ़ियों को ढोते रहना प्रगतिशील समाज की निशानी भी नहीं होती। मगर दिक्कत तब होती है, जब समाज की मूल बनावट और उसके मिजाज को रूढ़ि करार देकर ध्वस्त करने का प्रयास किया जाता है। जीवन जीने की आजादी का अर्थ बहुत सारे युवाओं ने स्वच्छंद जीना समझ लिया है। इसी का नतीजा है कि अपनी पसंद के किसी साथी के साथ बिना विवाह के रहना एक आम प्रवृत्ति बनती जा रही है। शुरू में इस प्रवृत्ति का पुरजोर विरोध हुआ, मगर कुछ लोगों ने इसके पक्ष में आवाजें उठानी शुरू कर दीं, सहजीवन को निजता के अधिकार से जोड़ कर देखा जाने लगा, तब यह प्रवृत्ति अपनी जड़ें जमाती गई। अब इसके अनेक नकारात्मक प्रभाव नजर आने लगे हैं। सहजीवन में रह रहे जोड़ों के हिंसक व्यवहार की अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मगर इस प्रवृत्ति में कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा। केरल उच्च न्यायालय ने ऐसे ही एक मामले में कहा कि सहजीवन को किसी भी वैवाहिक कानून के तहत मान्यता प्राप्त नहीं है। दरअसल, केरल में बिना विवाह के साथ रह रहे एक जोड़े ने अदालत में तलाक की अर्जी लगाई थी। बिना विवाह किए साथ रहने में यह तो आजादी है कि दोनों में अगर किसी तरह का मतभेद होता है और वे अलग होना चाहते हैं, तो हो सकते हैं। इसी आजादी के चलते बहुत सारे युवा सहजीवन में रहने का फैसला करते हैं। मगर दिक्कत तब शुरू होती है, जब वैवाहिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए बने कानूनों के उपयोग की बारी आती है। सहजीवन में रह रही लड़कियां घरेलू हिंसा के मामले में किसी तरह की कानूनी सहायता नहीं प्राप्त कर पातीं। ऐसे जोड़ों का प्राय: अपने पर...

जिंदगी क्या है

जाने - जिंदगी का सच, जिंदगी क्या है? , जिन्दगी जीने के तरीके,जीवन जीने के सूत्र,सुखी जीवन के उपाय/ज़िन्दगी का सफ़र ! जिंदगी---- कभी कभी मन में सवाल उठता है जिंदगी क्या है? हमारी जिंदगी का क्या मकसद है? हम किस लिए जिंदगी जिंदगी को जी रहे है? जिंदगी भगवान का दिया एक नजराना है - इसलिए इसे ग्रहणकरो। जिंदगी एक लम्बी यात्रा है - इसके हर पड़ाव को हँसते हुए पूरा करो। जिंदगी एक खेल है---इसे जितने के लिए आखिरी तक पूरे मन से खेलते रहो। जिंदगी एक कर्तव्य है -इसलिए हर व्यक्ति और समाज के प्रति हर कर्तव्य को निभाओ। जिंदगी एक गीत है - इसे ख़ुशी से गुनगुनाओ। हँसमुख अंदाज--- जिंदगी के हर पल को वही व्यक्ति यादगार बना सकता है जिसका स्वभाव और अंदाज हँसमुख होता है।सुख हो या दुःख आपका हंसमुख अंदाज उस पल को बोझिल नही बनने देगा।इस तरह आपकी जिंदगी तेजी से पटरी पर दौड़ेगी। दिल दुखाने वाली छोटी छोटी बातों को करे नजरअंदाज-- हर किसी की जिंदगी में छोटी छोटी ऐसी बातें होती रहती है जो हमारे दिल और दिमाग में रहे तो तूफान मचा देती है जिससे हम परेशान हो जाते है।यदि हम उन छोटी छोटी बातो को दिल से न लगाकर नजरअंदाज कर दे तो जिंदगी में कोई गम रहेगा ही नही। समय की कद्र करे--- यदि आप जिंदगी में अपने लक्ष्य को पाकर खुश रहना चाहते है तो आपको समय की कद्र करनी ही होगी। यदि आप समय के साथ कदम मिलाकर चलेंगे तो हर काम वक्त पर हो जाता है जिससे मानसिक शांति और सुकून की प्राप्ति होती है और जिंदगी दिलचस्प बनी रहती है। खुद पर विश्वास रखें -- अपने आप पर पूर्ण विश्वास रखे कि कोई भी काम आपके लिए नामुमकिन नही है और आप उसको आसानी से क़र सकते है। यह बात आज ही दिमाग में बैठा लें कि दुनिया में आपके लिए फैसले लेने वाला आपसे बेहतर कोई इंसान...

जिंदगी को जीने का सही तरीका बताएगा ये एजुकेशनल कोर्स!

लाइफ, जिंदगी, जीवन, जन्म, मुत्यु, भविष्य, कर्म, भाग्य, विवाह, रिश्ता, संबन्ध, प्यार, नफ़रत, दोस्त, दुश्मन, तंदुरुस्ती, बीमारी, पागलपन, क्रोध, लोभ, दया, संतोष..... और ऐसे कई सारे शब्द हमारे जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन क्या वाकई में हम इन शब्दों का सही अर्थ जानते हैं?... नहीं। हम हमारे जिंदगी के 15 साल स्कूल और कॉलेज में पढ़ाई के लिये देते हैं, लेकिन हमारी पढ़ाई इन शब्दों के साथ नहीं जुड़ी है। डॉक्टर बनने के लिये हम मेडिकल कॉलेज में जाते हैं, इंजीनियर बनने के लिए हम इन्जीनियरिंग कॉलेज, अकाउन्टेन्ट बनने के लिए कॉमर्स कॉलेज, टीचर बनने के लिए बीएड कॉलेज वगैरा-वगैरा... लेकिन जीवन जीने का तरीका सीखने के लिये, कोई स्कूल या कॉलेज नहीं है। हम सोचते हैं ये सारी चीजे हमें मां-बाप से पता चलनी चाहिये, लेकिन क्या हमारे माँ-बाप इन शब्दों के बारे में जानते है....? ठीक से नहीं.....। हम हमेशा गलती करके पछताते हैं, या उस गलती से सीखते हैं। लेकिन सिर्फ सीखने के लिए ही गलती करो, ये बात ठीक नहीं। और गलती से हमें कैसे सीखना चाहिये, ये कौन और कैसे बतायेगा...? खैर! इन सवालों को पढ़ो...... 1. जिंदगी जीने का सही तरीका क्या है? 2. हम शरीर को सशक्त और रोग मुक्त कैसे बना सकते हैं? 3. खुशहाल जिंदगी जीने के लिये हमें कितने पैसों की आवश्यकता होती है? 4. भगवान में विश्वास रखने से मेरा क्या फ़ायदा होगा? और भगवान को न मानने से मेरा क्या नुकसान होगा.....? हम सभी ऐसे सवालों के ज़वाब खोजते रहते हैं, लेकिन सही जवाब नहीं मिल पाते...। और इन्हीं चीज़ों को सिखाने के लिये भारतीय विद्या भवन ने एक साल का पाठ्यक्रम बनाया है, “Diploma in Holistic Living”। ज़िंदगी कैसी जीनी चाहिए इसका संदर्भ हमें वेदों में और उपनिषदों में मिलता है, ल...

जानिए 10 जिंदगी जीने का सही तरीका

Table of Contents • • • • • • • • • • • • जब हम इस प्रश्न को सोचते हैं, तो ध्यान देना चाहिए कि हर व्यक्ति का सही तरीका जिंदगी जीने का भी अलग होता है। फिर भी, कुछ मूलभूत सिद्धांत और मार्गदर्शन हैं जिन्हें अपनाकर हम सभी एक खुशहाल और सत्यापित जीवन जी सकते हैं। यहां जीवन को सही तरीके से जीने के लिए कुछ महत्वपूर्ण आदेश दिए गए हैं। तो चलिए जानिए 10 जिंदगी जीने का सही तरीका अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करें – एक सत्यापित और खुशहाल जीवन जीने के लिए, आपको अपने लक्ष्यों को स्पष्ट करना होगा। यह आपके जीवन की निर्देशिका होगा और आपको समय, ऊर्जा और संसाधनों को सही तरीके से उपयोग करने में मदद करेगा। लक्ष्यों को छोटे और बड़े हिसाब से विभाजित करें और उन्हें स्मार्ट (विशिष्ट, मापनीय, संभव और समय-सीमित, मुद्रित) लक्ष्य बनाएं। स्वास्थ्य ध्यान रखें – स्वास्थ्य हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण धन है। हमेशा याद रखें कि स्वस्थ मस्तिष्क और शारीर ही सच्ची खुशी और सफलता का मूल हैं। एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए, नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ आहार लें, पर्याप्त नींद लें, और मानसिक स्वास्थ्य के लिए समय निकालें। स्वास्थ्य के मामले में कोई संकोच न करें, और इसे अपने जीवन की प्राथमिकता बनाएं। आत्मसमर्पण और समय का मूल्यांकन करें – हमारे पास यही एकमात्र संसाधन है जिसे हम कभी वापस नहीं पा सकते हैं – समय। हम सभी के पास 24 घंटे होते हैं, और सही तरीके से जीने के लिए हमें इसका समय का सही उपयोग करना आवश्यक है। एक महत्वपूर्ण तत्व है आत्मसमर्पण, जिसे हमेशा अपने काम में लगाना चाहिए। समय का मूल्यांकन करें और अव्यवसायिक गतिविधियों से बचें जो आपका समय बर्बाद कर सकती हैं। संबंधों का महत्व समझें – नवीनता और सीख को स्वीकार करें ...

What is life

हम सबके मन कभी न कभी एक सवाल जरूर उठता है कि जिंदगी क्या है। अगर देखा जाये तो जब हम परेशानी से जूझ रहे होते हैं तो इस तरह के सवाल अपने आप दिमाग में उठने लगते है । जिसके बाद हम यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर जिंदगी क्या है ? हमारी जिंदगी का असली मकसद क्या है । हम जिंदगी किस लिये जी रहे ? अगर सही मायने में देखा जाये तो जिंदगी एक लम्बी यात्रा है । जिसपर चलने पर उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है । जिंदगी एक जंग है जिसे जीतने के लिये पूरे मन से लड़ते रहो और जिंदगी एक कर्तव्य है इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को दूसरों और समाज के प्रति सभी कर्तव्य का पालन करना चाहिये । जिंदगी क्या है ? कभी सुख तलाशती है, कभी दु:ख से भागती है कभी सुकून खोजती है, जिंदगी क्या है ? दर्शन है, कला है, विज्ञान है, या अज्ञान है, भूत है, भविष्य, वर्तमान है या सर्व विद्यमान है। वस्तु पाने की दौड़ है या प्रतिस्पर्धा की होड़ है । पीछे छूटने का भय है या आगे रहने का मोह है लगता है कभी मुसीबतों का गठजोड़ है । अगर देखे तो जब मनुष्य जन्म लेता है तो उसके पास सांसे तो होती है पर कोई नाम नही होता और जब मनुष्य की मृत्यु होती है तो उसके पास नाम तो होता है पर सांसे नही होती है। इसी सांसे और नाम के बीच की यात्रा को जीवन कहते है । न किसी के अभाव में जियो, न किसी प्रभाव में जियों अपनी जिंदगी अपने स्वाभाव में जियो । जिंदगी जीने का सही तरीका आशावादी दृष्टिकोण रखें अगर आप जिंदगी को सही मायने में जीना चाहते है तो अपना दृष्टिकोण आशा से परिपूर्ण रखें । साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे की दु:ख के बाद सुख है तो एक खुशहाल जिंदगी जी सकते है। समय की कद्र करें यदि आप जिंदगी में कुछ अच्छा हासिल करना चाहते है तो समय की कद्र करना सीखें । यदि आप...