जल संभर किसे कहते हैं

  1. निम्न में अन्तर स्पष्ट करें (i) नदी द्रोणी और जल
  2. जल निकास क्या है इसकी परिभाषा, लाभ एवं जल निकास की विधियां व प्रणालियां
  3. जल प्रदूषण
  4. UP Board Solutions for Class 11 Geography: Indian Physical Environment Chapter 3 Drainage System (अपवाह तंत्र)
  5. जल
  6. जल संभर किसे कहते हैं? Answer... MP Board Class
  7. UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Water Resources – UP Board Solutions
  8. जल संभर प्रबंधन क्या है?
  9. जल संधि किसे कहते हैं? » Jal Sandhi Kise Kehte Hain


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निम्न में अन्तर स्पष्ट करें (i) नदी द्रोणी और जल

(i) नदी द्रोणी और जल-संभर में अन्तर-बड़ी नदियों के जलग्रहण क्षेत्र को नदी द्रोणी कहते हैं, जबकि छोटी नदियों व नालों द्वारा अपवाहित क्षेत्र जल-संभर कहलाता है। वास्तव में नदी द्रोणी का आकार बड़ा होता है तथा जल-संभर का आकार छोटा। (ii) वृक्षाकार और जालीनुमा अपवाह प्रारूप में अन्तर–वृक्षाकार अपवाह क्षेत्र में नदी अपवाह प्रतिरूप वृक्षाकार आकृति में होता है। इस प्रकार के नदी अपवाह में एक मुख्य नदी धारा से विभिन्न शाखाओं में उपधाराएँ प्रवाहित होती हैं। जालीनुमा अपवाह प्रारूप में प्राथमिक सहायक नदियाँ समानान्तर एवं गौण शाखाएँ समकोण पर काटती हुई प्रवाहित होती हैं। (iii) अपकेन्द्रीय और अभिकेन्द्रीय अपवाह प्रारूप में अन्तर-जब किसी उच्च भाग से नदियों का प्रवाह चारों ओर हो तो उसे अपकेन्द्रीय या अरीय अपवाह प्रारूप कहते हैं। ऐसी प्रणालियाँ किसी ज्वालामुखी पर्वत पर गुम्बद पर या उच्च टीले पर विकसित होती हैं। जब किसी भू-भाग में ऐसा क्षेत्र पाया जाए जो चारों ओर से ऊँचा हो किम्तु बीच में निचला हो तो नदियाँ चारों ओर से बहकर मध्य भाग की ओर आती हैं अर्थात् नदियाँ किसी झील या दलदल में समाप्त हो जाती हैं। इस प्रकार की नदी प्रणाली को अभिकेन्द्रीय अपवाह कहा जाता है। रेगिस्तानी क्षेत्रों में जहाँ अन्त:स्थानीय अपवाह मिलता है, ऐसी अपवाह प्रणाली देखने को मिलती है। तिब्बत का पठार की तथा लद्दाख में भी ऐसी प्रणालियाँ दृष्टिगोचर होती हैं। (iv) डेल्टा और ज्वारनदमुख में अन्तर–डेल्टा काँप मिट्टी का विशाल निक्षेप है। इसकी आकृतित्रिभुजाकार, पंजाकार या पंखाकार होती है। इसका निर्माण नदी के निचले मार्ग में वहाँ होता है जहाँ दाब नाममात्र का होता है। यह नदी की वृद्धावस्था में बनता है। अतः नदी अपने साथ बहाकर लाई गई अवस...

जल निकास क्या है इसकी परिभाषा, लाभ एवं जल निकास की विधियां व प्रणालियां

कृषिकृत भूमि में अत्याधिक सिंचाई, वर्षा या बाढ़ से जमा होने वाले पानी को कृत्रिम रूप से बाहर निकालने की क्रिया जल निकास (drainage in hindi) कहलाती है। कृषिकृत भूमि से खराब जल को जिन तरीकों से बाहर निकलना जाता है उन्हें जल निकास की विधियां या प्रणालियां (methods of drainage in hindi) कहा जाता है। जल निकास क्या है drainage in hindi सामान्यतः वर्षा एवं सिंचाई के साधनों के माध्यम से भूमि पर एकत्रित फालतू पानी को निकालने की प्रक्रिया को जल निकास (drainage in hindi) कहते हैं। खराब जल-निकास के कारण भूमि में हानिकारक लवणों का संग्रह, जल स्तर ऊँचा होना आदि समस्यायें पैदा हो जाती हैं। जल निकास की परिभाषा | defination of drainage in hindi जल निकास की परीभाषा - "जल निकास फसलों की अनुकूल वृद्धि एवं विकास के लिये भूमि में उचित लवण एवं सन्तुलन बनाये रखने के लिये अतिरिक्त पानी को निकालने सम्बन्धी प्रक्रिया है।" " Drainage is the removal of excess water to ensure a fevaourable salt balance in the soil and water table elevation optimum for crop growth and development." जल निकास क्या है जल निकास की विधियां एवं प्रणालियां लिखिए (Methods of drainage in hindi) मोल जल निकास किसे कहते है? What is mole drainage in hindi भूमि सतह पर इच्छित गहराई में अतिरिक्त जल को निकालने के लिए बेलनाकार नालियाँ प्रयोग में लाई जाती हैं। इन नालियों द्वारा होने वाले जल निकास को मोल जल निकास (mole drainage in hindi) कहते हैं। जल निकास की विधियां एवं प्रणालियां | methods of drainage in hindi जल निकास की विधियाँ (methods of drainage in hindi) - खेत में पानी की मात्रा खेत की स्थिति तथा अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते...

जल प्रदूषण

जल प्रदूषण एक प्रमुख वैश्विक समस्या है। इसके लिए सभी स्तरों पर चल रहे मूल्यांकन की और कारण [ ] प्राकृतिक कारण [ ] प्राकृतिक रूप से जल का प्रदूषण जल में भूक्षरण खनिज पदार्थ, पौधों की पत्तियों एवं ह्यूमस पदार्थ तथा प्राणियों के मल-मूत्र आदि के मिलने के कारण होता है। जल, जिस भूमि पर एकत्रित रहता है, यदि वहाँ की भूमि में खनिजों की मात्रा अधिक होती है तो वे रोगजनक [ ] मुख्य लेख: यह कई रोगों के जनक होते हैं। इस कारण इन्हें रोगजनक कहते हैं। इसमें दूषित पदार्थ [ ] इसमें कार्बनिक, अकार्बनिक सभी प्रकार के पदार्थ जो नदियों में नहीं होने चाहिए, इस श्रेणी में आते हैं। कपड़े या बर्तन की धुलाई या जीवों या मनुष्यों के साबून से नहाने पर यह साबुन युक्त जल शुद्ध जल में विलय हो जाता है। खाने या किसी भी अन्य तरह का पदार्थ भी जल में घुल कर उसे प्रदूषित कर देता है। पेट्रोल आदि पदार्थों का रिसाव समुद्री जल प्रदूषण का बड़ा कारण है। पेट्रोल का आयात-निर्यात समुद्री मार्गों से किया जाता है। इन जहाजों में से कई बार रिसाव हो जाता है या किसी कारण से जहाज दुर्घटना का शिकार हो जाता है। उसके डूबने आदि से या तेल के समुद्र में फैलने से जल प्रदूषण होता है। ऊष्मीय प्रदूषण [ ] कई बड़े कारखाने वस्तु आदि को गलाने हेतु बहुत गर्म करते हैं। इसी के साथ उसमें कई ऐसे पदार्थ भी होते हैं, जिन्हें कारखाने में उपयोग नहीं किया जा सकता है। उसे कहीं ओर डालने के स्थान पर यह उसे नदी में डाल देते हैं। जिसके कारण नदी का पानी प्रदूषित हो जाता है। इसके ऊष्मा के कारण कई जलीय जीवों जैसे मछली आदि की भी मौत हो जाती है, जो नदियों में कचरा खाकर उसे साफ रखने का भी कार्य करती हैं। ऊष्मीय जल में तापीय या ऊष्मीय प्रदूषण नदियों आदि में बहुत ह...

UP Board Solutions for Class 11 Geography: Indian Physical Environment Chapter 3 Drainage System (अपवाह तंत्र)

UP Board Solutions for Class 11 Geography: Indian Physical Environment Chapter 3 Drainage System (अपवाह तंत्र) UP Board Solutions for Class 11 Geography: Indian Physical Environment Chapter 3 Drainage System (अपवाह तंत्र) पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर | प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए. (i) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी बंगाल का शोक के नाम से जानी जाती थी? (क) गंडक (ख) कोसी (ग) सोन (घ) दामोदर उत्तर-(घ) दामोदर।। (ii) निम्नलिखित में से किस नदी की द्रोणी भारत में सबसे बड़ी है? (क) सिन्धु (ख) ब्रह्मपुत्र (ग) गंगा (घ) कृष्णा उत्तर-(ग) गंगा। (iii) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी पंचनद में शामिल नहीं है? (क) रावी | (ख) सिन्धु (ग) चेनाब (घ) झेलम उत्तर-(ख) सिन्धु। (iv) निम्नलिखित में से कौन-सी नदी पंचनद भ्रंश घाटी में बहती है? (क) सोन (ख) यमुना । (ग) नर्मदा (घ) लूनी उत्तर-(ग) गर्मदा।। (v) निम्नलिखित में से कौन-सा स्थान अलकनन्दा व भागीरथी का संगम स्थल है? (क) विष्णुप्रयाग (ख) रुद्रप्रयाग (ग) कर्णप्रयाग (घ) देवप्रयाग उत्तर-(घ) देवप्रयाग। प्रश्न 2. निम्न में अन्तर स्पष्ट करें (i) नदी द्रोणी और जल-संभर, (ii) वृक्षाकार और जालीनुमा अपवाह प्रारूप, (iii) अपकेन्द्रीय और अभिकेन्द्रीय अपवाह प्रारूप, (iv) डेल्टा और ज्वारनदमुख। उत्तर- (i) नदी द्रोणी और जल-संभर में अन्तर-बड़ी नदियों के जलग्रहण क्षेत्र को नदी द्रोणी कहते हैं, जबकि छोटी नदियों व नालों द्वारा अपवाहित क्षेत्र जल-संभर कहलाता है। वास्तव में नदी द्रोणी का आकार बड़ा होता है तथा जल-संभर का आकार छोटा। (ii) वृक्षाकार और जालीनुमा अपवाह प्रारूप में अन्तर–वृक्षाकार अपवाह क्षेत्र में नदी अपवाह प्रतिरूप वृक्षाकार आकृति में...

जल

इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर स्रोत खोजें: · · · · जल पानी सभी जीवों के लिए एक महत्वपूर्ण और पृथ्वी की सतह पर बहुतायत में मिलने वाला सूचना एंव गुण जल, पानी नीर वैकल्पिक नाम एक्वा, डाईहाइड्रोजन मोनो ऑक्साइड, हाइड्रोजन हाइड्रॉक्साइड, ( H 2O 7732-18-5 InChI=1/H2O/h1H2 18.0153 g/mol 0.998 g/cm³ (द्रव 20°C पर, 1 atm) 0.917 g/cm³ (ठोस 0°C पर, 1 atm) 0 99.974°C (373.124 K) (211.95°F) 4.184 J/(g·K) (द्रव 20°C पर) 74.539 J/ (mol·K) (द्रव 25°C पर) जल या पानी एक आम 2O। यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्रयोग पृथ्वी का लगभग 71% सतह को 1.460 पीटा टन (पीटी) (10 21 किलोग्राम) जल से आच्छदित है जो अधिकतर महासागरों और अन्य बड़े जल निकायों का हिस्सा होता है इसके अतिरिक्त, 1.6% जल लगातार एक चक्र में घूमता रहता है जिसे जलचक्र कहते है, इसमे 12 किलोग्राम) प्रति वर्ष। भूमि पर 107 Tt वर्षा के अलावा, वाष्पीकरण 71 Tt प्रति वर्ष का अतिरिक्त योगदान देता है। साफ और ताजा पेयजल मानवीय और अन्य जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन दुनिया के कई भागों में खासकर विकासशील देशों में भयंकर पदार्थों में से है जो पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से सभी तीन अवस्थाओं में मिलते हैं। जल पृथ्वी पर कई अलग अलग रूपों में मिलता है: आसमान में जल वाष्प और जल में कई पदार्थों को घोला जा सकता है जो इसे एक अलग 2O स्वाद में फीका होता है जबकि सोते (झरने) के पानी या लवणित जल (मिनरल वाटर) का स्वाद इनमे मिले खनिज लवणों के कारण होता है। सोते (झरने) के पानी या लवणित जल की गुणवत्ता से अभिप्राय इनमे विषैले तत्वों, प्रदूषकों और रोगाणुओं की अनुपस्थिति से होता है। जल एक रसायनिक...

जल संभर किसे कहते हैं? Answer... MP Board Class

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UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Water Resources – UP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 6 Water Resources (जल – संसाधन) UP Board Class 12 Geography Chapter 6 Text Book Questions UP Board Class 12 Geography Chapter 6 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए (i) निम्नलिखित में से जल किस प्रकार का संसाधन है (क) अजैव संसाधन (ख) अनवीकरणीय संसाधन (ग) जैव संसाधन . (घ) चक्रीय संसाधन। उत्तर: (घ) चक्रीय संसाधन। (ii) निम्नलिखित नदियों में से, देश में किस नदी में सबसे ज्यादा पुनः पूर्ति योग्य भौम जल संसाधन हैं (क) सिन्धु (ख) ब्रह्मपुत्र (ग) गंगा (घ) गोदावरी। उत्तर: (ग) गंगा। (iii) घन किमी में दी गई निम्नलिखित संख्याओं में से कौन-सी संख्या भारत में कुल वार्षिक वर्षा दर्शाती है (क) 2,000 (ख) 3,000 (ग) 4,000 (घ) 5,000. उत्तर: (ख) 3,000. (iv) निम्नलिखित दक्षिण भारतीय राज्यों में से किस राज्य में भौम जल उपयोग ( % में) इसके कुल भौम जल संभाव्य से ज्यादा है (क) तमिलनाडु (ख) कर्नाटक (ग) आन्ध्र प्रदेश (घ) केरल उत्तर: (क) तमिलनाडु। (v) देश में प्रयुक्त कुल जल का सबसे अधिक समानुपात निम्नलिखित सेक्टरों में से किस सेक्टर में (क) सिंचाई (ख) उद्योग (ग) घरेलू उपयोग (घ) इनमें से कोई नहीं। उत्तर: (क) सिंचाई। प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर 30 शब्दों में दीजिए (i) यह कहा जाता है कि भारत के जल संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना कीजिए। उत्तर: जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कारक • सिंचाई के लिए जल की अधिक माँग • जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता का कम होना • जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप जल के उपयोग में वृद्धि • उद्योगों में जल का अन्...

जल संभर प्रबंधन क्या है?

जल संभर प्रबंधन क्या है?वह भूमि जिसका जल प्रवाहित एक ही झील या नदी में आता है, वह एक जल संभर कहलाती है। जल संभर का अभिप्राय एक ऐसे क्षेत्र से है जिसका जल एक बिन्दु की ओर प्रवाहित होता है। इस जल का योजनाबद्ध तरीके से उपयोग अच्छे परिणाम देने वाला बन सकता है। संबंधित क्षेत्र एक इकाई के रूप में एक गांव हो सकता है अथवा गाँवों का समूह भी। इस क्षेत्र में कृषि, बंजर, वन आदि सभी प्रकार की भूमियाँ शामिल हो सकती हैं। जल संभर कार्यक्रमों से भूमि का अधिकतम उपयोग संभव है। इस प्रकार किसी क्षेत्र विशेष में जल के हर संभव उपयोग को ही जल संभर प्रबंधन कहते हैं। जल संभर प्रबंधन से लाभ जल संभर प्रबंधन के द्वारा लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं- • पीने और सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति, • जैव विविधता में वृद्धि, • जलाक्रान्त तथा लवणता का ह्रास, • कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि, • वनों के कटाव में कमी, • जीवन स्तर उठना, • रोजगार में वृद्धि, • स्थानीय लोगों की सहभागिता से आपसी मेल-जोल बढ़ना। जल संभर प्रबंधन से अपेक्षित परिणामजल संभर प्रबंधन परियोजना से अभी तक इच्छित परिणाम नहीं मिल सके हैं। जबकि भारत सरकार 2000 तक विभिन्न मंत्रालयों के माध्यमों से जल संभर प्रबंधन कार्यक्रमों में 2 अरब डालर खर्च कर चुकी है। इसके लिए निम्नकारक उत्तरदाई हैं- • वैज्ञानिक सोच का अभाव, • तकनीकी कमियाँ, • स्थानीय लोगों के सहयोग की कमी, • विभिन्न विभागों के बीच आपसी सहयोग का अभाव तथा • पृथक मंत्रालय का न होना। नदी संयोजन देश के विस्तृत क्षेत्र सूखा तथा बाढ़ से पीड़ित रहते हैं। सूखा और बाढ़ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। इस समस्या के हल के लिए 1982 में‘राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण’ का गठन किया गया। इसके गठन का मुख्य उद्देश्य ‘राष...

जल संधि किसे कहते हैं? » Jal Sandhi Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। जलसंधि उसे कहते हैं जो पानी के बंटवारे के बारे में क्या जाता है जाना तो यह समझी दौरान दोनों देशों के बीच में होती है जैसे तमिलनाडु आकर लड़का के बीच में आंसर और तेलंगाना के बीच में महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच में या फिर 2 देशों के बीच में जैसे भारत-बांग्लादेश के बीच में ऐसा jalasandhi use kehte hain jo paani ke batware ke bare me kya jata hai jana toh yah samjhi dauran dono deshon ke beech me hoti hai jaise tamil nadu aakar ladka ke beech me answer aur telangana ke beech me maharashtra aur telangana ke beech me ya phir 2 deshon ke beech me jaise bharat bangladesh ke beech me aisa जलसंधि उसे कहते हैं जो पानी के बंटवारे के बारे में क्या जाता है जाना तो यह समझी दौरान दोन