काला मोतियाबिंद का घरेलू उपचार

  1. मोतियाबिंद के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज
  2. काला मोतियाबिंद
  3. मोतियाबिंद होने पर क्या करना चाहिए?
  4. मोतियाबिंद का कारण, लक्षण, घरेलु उपचार
  5. आंखों के रोग (Eye Diseases) के बारे में जानें पूरी जानकारी
  6. मोतियाबिंद का घरेलू उपचार
  7. मोतियाबिंद (Motiyabind) से बचाव के 10 उपाय और घरेलू उपचार


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मोतियाबिंद के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

आंखें अनमोल हैं, इन्हें सही देखभाल की जरूरत होती है। जरा-सी लापरवाही भी आंखों की बीमारियों का कारण बन सकती है और मोतियाबिंद भी उन्हीं में से एक है। सिर्फ सही जानकारी और बेहतर इलाज से ही हम इस बीमारी से बचा जा सकता है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम मोतियाबिंद के घरेलू इलाज लेकर आए हैं, जो उपयोगी होने के साथ ही सुरक्षित भी हैं। साथ ही लेख में मोतियाबिंद के कारण और लक्षण के बारे में भी चर्चा करेंगे। विषय सूची • • • • • • • • • मोतियाबिंद के प्रकार – Types of Cataracts in Hindi मोतियाबिंद के कई प्रकार हो सकते हैं, लेकिन इनमें से पांच प्रकार के मोतियाबिंद सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं, जो इस प्रकार हैं ( 1. जन्मजात मोतियाबिंद (Congenital cataract) : इस प्रकार का मोतियाबिंद जन्म के समय से ही मौजूद रह सकता या फिर शिशु को बाल्यावस्था के दौरान हो सकता है। 2. सेकंडरी मोतियाबिंद (Secondary Cataract) : सेकेंडरी मोतियाबिंद मधुमेह, ग्लूकोमा (नेत्र समस्या) सर्जरी या स्टेरॉयड जैसी दवाओं की वजह से हो सकता है। 3. रेडिएशन मोतियाबिंद (Radiation Cataract): इस प्रकार का मोतियाबिंद कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी प्रक्रिया के बाद रेडिएशन के कारण हो सकता है। 4. ट्रॉमेटिक मोतियाबिंद (Traumatic Cataract): इस प्रकार का मोतियाबिंद आंखों के किसी घाव की वजह से हो सकता है। इसे दर्दनाक मोतियाबिंद भी कहा जाता है। मोतियाबिंद होने का कारण – Causes of Cataracts in Hindi मोतियाबिंद के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं ( • प्रोटीन के कारण लेंस में धुंधलापन आना • • रेडिएशन • स्टेरॉयड का लंबा इस्तेमाल • धूम्रपान • पराबैंगनी विकिरण • • आंख की पुरानी बीमारी या सर्जरी • आंखों में सूजन • परिवार में किसी को पहले मोत...

काला मोतियाबिंद

हमारे शरीर के सबसे खास और नाजुक अंगों में से एक होती हैं आंखें। अगर इनका ख्‍याल न रखा जाए तो छोटी-सी परेशानी जिंदगी भर की तकलीफ बन सकती है। लेकिन लोग आंखों की सेहत पर उतना ध्‍यान नहीं देते जितना उन्‍हें देना चाहिए। यही वजह है कि 40 की उम्र तक आते-आते कईं लोग आंखों की गंभीर समस्याओं के शिकार हो जाते हैं, उनमें से काला मोतिया एक है। एक अनुमान के अनुसार भारत में चालीस वर्ष से अधिक आयु के लगभग इनसे बचने के लिए जरूरी है कि आंखों की नियमित रूप से जांच व सही उपचार कराएं, पोषक तत्‍वों से भरपूर भोजन करें और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं। जानिए क्या होता है काला मोतिया? काला मोतिया को ग्लुकोमा या काला मोतियाबिंद भी कहते हैं। काला मोतिया के अधिकतर मामलों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते ना ही दर्द होता है, इसलिए यह दृष्टिहीनता का एक प्रमुख कारण माना जाता है। काला मोतिया में हमारी आंखों की ऑप्टिक नर्व पर दबाव पड़ता है जिससे उन्हें काफी नुकसान पहुंचता है। अगर ऑप्टिक नर्व पर लगातार दबाव बढ़ता रहेगा तो वो नष्ट भी हो सकती हैं। इस दबाव को इंट्रा ऑक्युलर प्रेशर कहते हैं। हमारी आंखों की ऑप्टिक नर्व ही सूचनाएं और किसी चीज का चित्र मस्तिष्क तक पहुंचाती हैं। यदि ऑप्टिक नर्व और आंखों के अन्य भोगों पर पड़ने वाले दबाव को कम न किया जाए तो आंखों की रोशनी पूरी तरह जा सकती है। पूरे विश्व में काला मोतिया दृष्टिहीनता का दूसरा सबसे प्रमुख कारण है। काला मोतिया के कारण जब एक बार आंखों की रोशनी चली जाती है तो उसे दोबारा पाया नहीं जा सकता। इसलिए बहुत जरूरी है कि आंखों की नियमित अंतराल पर जांच कराई जाए ताकि आंखों पर पड़ने वाले दबाव का कारण पता लगाकर तुरंत उचित उपचार कराया जा सके। अगर काला मोतिया की पहचान प्रारंभि...

मोतियाबिंद होने पर क्या करना चाहिए?

आंखें इंसान के शरीर के सभी खास अंगों में से एक हैं। उम्र ढलने या चोट लगने के कारण आंखों में कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं, इन्ही में एक समस्या मोतियाबिंद है। मोतियाबिंद एक गंभीर बीमारी है, जिसका समय पर उचित इलाज आवश्यक है। अगर आप मोतियाबिंद से पीड़ित हैं और इसका बेस्ट इलाज पाना चाहते हैं तो प्रिस्टीन केयर का यह ब्लॉग खास आपके लिए है। Table of Contents • • • • • • मोतियाबिंद क्या है? मोतियाबिंद एक सामान्य बीमारी है जो आंखों को प्रभावित करती है। मोतियाबिंद को अंग्रेजी में कैटरैक्ट (Cataract in Hindi) कहा जाता है। शोध के मुताबिक, मोतियाबिंद पूरी दुनिया में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण है। अधिकतर मामलों में मोतियाबिंद एक खास उम्र यानि 45-55 की उम्र के बाद लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन आंखों में चोट लगने या दूसरे कई कारणों से मोतियाबिंद की समस्या किसी भी उम्र के इंसान को हो सकती है। मोतियाबिंद की शुरुआती स्टेज में लेंस के कुछ हिस्से में धुंधलापन छा जाता है जिसके कारण किसी भी वस्तु की रोशनी पूरी तरह से रेटिना तक नहीं जा पाती है। नतीजतन, मरीज को चीजें धुंधली दिखाई पड़ती हैं। मोतियाबिंद एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि यह दोनों आंखों को एक ही तरह से प्रभावित करे। इसे पढ़ें: मोतियाबिंद बहुत धीरे-धीरे विकास करता है और एक समय के बाद लेंस में पूरी तरह से धुंधलापन छा जाता है। मोतियाबिंद की समस्या कई कारणों से होती है जिसमें बुढ़ापा, मोटापा, धूम्रपान, अनुवांशिक कारण, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, उच्च मायोपिया, आँखों की पुरानी सर्जरी, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, आंखों में पुरानी चोट या सूजन, लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं का सेवन, सूरज की रौशनी में लंबे समय त...

मोतियाबिंद का कारण, लक्षण, घरेलु उपचार

Cataracts Treatment in Hindi/मोतियाबिंद में आंखों की पुतली पर सफेद रंग का धब्बा आ जाती है और रोगी की दृष्टि धुंधली पड़ जाती है। वह किसी चीज को स्पष्ट नहीं देख पाता। आंखों के आगे धब्बे और फिर काले बिंदु से दिखाई पड़ने लगते हैं। जैसे जैसे रोग बढ़ता जाता है रोगी ठीक से देखने में असमर्थ हो जाता है। तो आइये जाने मोतियाबिंद का कारण, लक्षण और घरेलु इलाज मोतियाबिंद ज्यादातर बुजुर्गों को होता है। लेकिन आजकल ये युवाओं ओर बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। इसके अतिरिक्त यह अत्यधिक पढ़ने-लिखने, रात में पढ़ने से, अधिक शराब, तंबाकू, धूम्रपान, चीनी, चाय-कॉफी, गलत खान-पान तथा पोष्टिक भोजन के अभाव के फलस्वरुप भी हो सकता है। Contents • • • • • • • • • • • • मोतियाबिंद क्या हैं और कैसे होता हैं – What is Cataracts in Hindi Motiyabind kya hai hindi – हमारी आंख की पुतली के पीछे एक लेंस होता है। पुतली पर पड़ने वाली लाइट को यह लेंस फोकस करता है और रेटिना पर ऑब्जेक्ट की साफ इमेज बनाता है। आंख के अंदर का लेंस कैमरे की तरह काम करता है। लेंस पानी और प्रोटीन से मिलकर बनता है। रेटिना से यह इमेज नर्व्स तक और वहां से दिमाग तक पहुंचती है। आंख की पुतली के पीछे मौजूद यह लेंस पूरी तरह से साफ होता है, ताकि इससे लाइट आसानी से पास हो सके। उम्र बढ़ने के साथ कई बार कुछ प्रोटीन एक जगह इकट्ठी हो जाती है और लेंस के एक हिस्से पर जमा हो जाती है। जिसकी वजह से इससे गुजरने वाला प्रकाश का रास्ता बंद हो जाता है। इसका नतीजा यह होता है कि पूरी लाइट पास होने पर जो ऑब्जेक्ट इंसान को बिल्कुल साफ दिखाई देता है, अब कम लाइट पास होने की वजह से वही ऑब्जेक्ट धुंधला नजर आने लगता है। लेंस पर होनेवाले इसी धुंधलेपन की स्थिति को मोतियाबि...

आंखों के रोग (Eye Diseases) के बारे में जानें पूरी जानकारी

ऐसा माना जाता है कि आंखें हमारे दिल का प्रतिबिम्ब होती हैं। यही, कारण है कि आंखों को सबसे खूबसूरत अंग माना जाता है। यह सच है कि आंखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है लेकिन क्या हम इनकी उतनी देखभाल करते हैं जितनी हमें करनी चाहिए? बहुत कम लोग होंगे जो अपनी आंखों की देखभाल भी अच्छे से करते होंगे। आंखों का अच्छे से ख्याल न रखने का परिणाम होते हैं, आंखों के रोग (Eye Disease)। आंखों के रोग (Eye Disease) कई बार गंभीर हो सकते हैं। अगर यकीन नहीं होता तो पढ़िए यह लेख और जानिए आंखों की बीमारियों के बारे में। आंखें क्यों हैं महत्वपूर्ण? (Importance of Eyes) आंखों के रोग (Eye Disease) से जुड़ी जानकारी देने से पहले आपको आंखों का महत्व बताना जरुरी है ताकि आप इन्हें लेकर गंभीर और सचेत हो जाएं। आंखें हमारे शरीर का सबसे अधिक डेवेलप्ड सेंसरी ऑर्गन है। आंखें न केवल हमारे जीवन बल्कि हमारे शरीर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आंखों से न केवल हमें दिखाई देता है बल्कि इससे हम अपनी आसपास की दुनिया के बारे में अधिक जान पाते हैं। आंख हमें दुनिया में उन वस्तुओं के आकार, रंग आकर को देखने और उनकी व्याख्या करने की में मदद करती हैं, जो रोशनी को उत्सर्जित करती हैं। हमारी आंख तेज में या हल्की रोशनी में देखने में सक्षम है, लेकिन रोशनी नहीं होने पर हम वस्तुओं को नहीं देख पाते हैं। और पढ़ें : कौन से हैं आंखों के रोग? (Eye Disease) आंखों के रोग (Eye Disease) भी कई तरह के होते हैं। जिनमें से कुछ सामान्य होते हैं तो कुछ के परिणाम गंभीर तक हो सकते हैं। कुछ आंखों के रोग (Eye Disease) इतने गंभीर हो सकते हैं जिनके कारण आंखों की रोशनी तक जा सकती है। कुछ ऐसी आंखों की कैटरेक्ट (Cataracts) आइ लेंस में...

मोतियाबिंद का घरेलू उपचार

मोतियाबिंद का घरेलू उपचार मोतियाबिंद का घरेलू उपचार मोतियाबिंद ऐसी ही गंभीर समस्या है, जिसमें आंखों के लेंस पर एक धब्बा आ जाता है | जिससे आप जो भी चीज देखते हैं वह आपको धुंधली नजर आती है और वहां आपको धब्बा जैसा नजर आता है | आज हम कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से मोतियाबिंद का इलाज संभव है | मोतियाबिंद के लिए घरेलू उपाय 1.नए मोतियाबिंद में ताजे स्वमूत्र की दो-तीन बूंदे आंखों में रोजाना दो – तीन बार डालने से मोतियाबिंद ठीक हो जाते हैं अथवा बढ़ने से रुक जाता है | स्वमूत्र को चौड़े मुंह की कांच की शीशी में भरकर रख दें और 15 मिनट बाद ठंडा होने पर इससे आंखें धोए या बूंदे आंख में डालें | आप यह प्रयोग 2 महीने तक करने से आपको लाभ होगा | 2 .छोटी मक्खियों का पतला शहद , सफेद प्याज का रस 10 ग्राम , भीमसेनी कपूर 10 ग्राम इन तीनों चीजों को अच्छी तरह मिलाकर शीशी में रख ले और रात को सोने से पहले कांच की सलाई के द्वारा आंखों में लगाने से उतरता हुआ मोतियाबिंद जल्दी ही रुक जाता है यदि उतरा हुआ भी हो तो साफ हो जाता है | यदि हमें भीमसेनी कपूर ना मिले सके तो केवल शहद और प्याज के रस से ही प्रयोग कर सकते हैं | दृष्टि कभी मंद न होगी – स्वस्थ आंखों में शुद्ध मधु की एक सलाई सप्ताह में एक -दो बार डालने से दृष्टि कभी मंद न होगी ,बल्कि उम्र के साथ और तेज होगी और साथी खाने के लिए चार बादाम रात में पानी में भिगोकर और सवेरे कालीमिर्च के साथ पीसकर मिश्री के साथ चाटे और ऊपर से दूध पी ले पी लेना इससे आपकी दृष्टि कभी मंदाना होगी | परहेज– चीनी , धुले हुए चावल , मैदा ,खीर ,उबले हुए आलू ,हलवा ,चाय ,कॉफी ,शराब | आचार ,मुरब्बे ,चॉकलेट आदि का सेवन ना करें | नेत्रों के लिए हितकारी– कद्दूकस किया हुआ आंवला -मुरंबा ,पपीता ,प...

मोतियाबिंद (Motiyabind) से बचाव के 10 उपाय और घरेलू उपचार

मोतियाबिंद क्या है? Motiyabind Kya Hai? क्या आप जानते हैं कि मोतियाबिंद 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए दृष्टि हानि का सबसे सामान्य कारण है? ग्लूकोमा, मैक्यूलर डिजनरेशन और डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी समस्या के साथ इस रोग के भी दुनियाभर में भी कई मामले हैं। लेकिन आपको चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपकी उम्र जो भी हो, आप इस पेज पर बताए गए घरेलू उपचार के जरिए मोतियाबिंद की रोकथाम आसानी से कर सकते हैं। इन 10 टिप्स से मोतियाबिंद का बढ़ना बंद हो जाएगा और आपको किसी भी तरह की मोतियाबिंद के लक्षण – Motiyabind Ke Lakshan मोतियाबिंद होने के बाद इसके कई अलग-अलग लक्षण सामने आते हैं, जैसे- • धुंधली या काली दृष्टि का होना • रात के समय सही दृष्टि न होना या दृष्टि में कठिनाई होना • प्रकाश और ज़्यादा तेज रोशनी से आँखों को तकलीफ पहुँचना • पढ़ने और अन्य कामों के लिए रोशनी की आवश्यकता महसूस करना • चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस प्रिस्क्रिप्शन में बार-बार बदलाव होना • रंगों का गायब होना या पीला पड़ना • एक ही आँख में दोहरी दृष्टि का होना मोतियाबिंद – Eyemantra आँखों में विभिन्न प्रकार के मोतियाबिंद होते हैं, जैसे कि न्यूक्लियर मोतियाबिंद, कॉर्टिकल मोतियाबिंद, पोस्टिरियर मोतियाबिंद और कॉन्गेन्शियल मोतियाबिंद जिनकी रोकथाम की आवश्यकता होती है। इसके अलावा मोतियाबिंद से जुड़े अन्य कई और भी लक्षण शामिल हैं, जैसे: • बढ़ती उम्र का होना • मधुमेह होना • धूप के अत्यधिक संपर्क में आना • धूम्रपान करना • मोटापा आना • उच्च रक्तचाप का होना • आँख की किसी सर्जरी का होना • कोर्टिकोस्टेरोइड दवाओं का लंबे समय तक उपयोग करना • अत्यधिक मात्रा में शराब पीना ये सभी वो कारक हैं, जो मोतियाबिंद की अधिक संभावना को बढ़ा सकते...