काली कंबल वाले बाबा का पता

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  2. काली कमली वाले बाबा तीर्थ यात्रियों की मदद करने वाले
  3. काली कंबल वाले बाबा फिर शिविर लगाने की तैयारी में: दादियां गांव में शिविर के लिए लगा रहे थे टेंट, प्रशासन ने काम रूकवाया


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Bageshwar Maharaj similar Kaale Kambal Vaale Baba Ganesh Bhai Gurjar know

Kaale Kambal Vaale Baba: बागेश्‍वर महाराज अपने कथित चमत्‍कार को लेकर सुर्खियों में बने हुए है, वहीं, उनके इस चमत्‍कार का विवाद खत्म नहीं हुआ है कि अब राजस्थान के राजसमंद में कंबल बाबा हर बीमारी का मिनटों में इलाज करने का दावा कर रहे हैं . ये कंबल बाबा गुजरात के रहने वाले हैं, जिनका नाम गणेश भाई गुर्जर है. ये कंबल बाबा जगह-जगह जाकर 15 दिनों से कैंप लगा रहे हैं और दावा कर रहे है कि वह लोगों की उपचार मिनटों में कर सकते हैं. वहीं, कैंप में आए कई लोगों का कहना है कि हां बाबा के कंबल को स्पर्श करने और बाबा के हाथ लगने के बाद उनको स्वस्थ महसूस हो रहा है. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें कोई आराम नहीं है. कंबल बाबा के शिविर में राजसमंद, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र कई राज्यों में लोग इलाज करवाने आते हैं. लोग इस कैंप में आने के लिए हजारों से लेकर लाखों रुपये खर्च करते हैं, लेकिन शिविर 1 रुपया भी नहीं लिया जाता है. वहीं, कंबल वाले बाबा का कहना है कि उनके कंबल में आध्यात्मिक शक्ति है और किसी भी शख्स को कंबल में डालकर उसकी नाड़ी और शरीर को देखकर बीमारी पता चल जाती है. बाबा उस बीमारी का नाम बता देते हैं . कंबल वाले बाबा के कंधे पर हमेशा कंबल रहता है. उनके कैंप में लकवे से ग्रसित मरीज जाता आते हैं. बाबा कहते है और दावा करते हैं कि वह बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज कर सकते हैं. बाबा सिर पर काली पगड़ी पहनते और उनके हाथ में एक काला कंबल रहता है. इसी कंबल से बाबा बीमारी ठीक करने का दावा करते हैं. बाबा कहते हैं कि माता रानी से उनको यह शक्ति मिली है. बाबा ने बताया कि उनको यह कंबल आम के झाड़ से मिली और माता ने आशीर्वाद दिया कि यह कंबल किसी को भी ओढ़ा देने से वह शख्स ठीक हो जाएगा...

काली कमली वाले बाबा तीर्थ यात्रियों की मदद करने वाले

काली कमली वाले बाबा को उत्तराखंड में तीर्थ यात्रियों के लिए सुगम रास्ते और धर्मशालाओं के निर्माण के लिए जाना जाता है। इन्हें स्वामी विशुद्धानंद के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म वर्तमान पाकिस्तान के गुजरांवाला जिले के जलालपुर किकना नामक स्थान में सन 1831 में हुवा था। ये भिल्लङ्गन शैव सम्प्रदाय से संबंध रखने के कारण, ये और इनका परिवार भगवान भोलेनाथ की तरह काला कंबल धारण करते थे। मात्र 32 वर्ष की आयु में ये सन्यास लेकर बन गए श्री 1008 स्वमी विशुद्धानंद काली कमली वाले बाबा। सन्यास के उपरांत ये जब हिमालय की तीर्थ यात्रा पर गए , तब इन्हें तीर्थयात्रियों की यात्रा में आने वाली परेशानियों का अहसास हुआ। बाबा को उत्तराखंड से विशेष लगाव था। इन्होंने उत्तराखंड के तीर्थों के महत्व को समझा और यह हिमालयी क्षेत्र में तीर्थ यात्रा में आने वाली कठिनाइयों को महसूस किया। बाबा ने तीर्थयात्रा में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास किया। तीर्थयात्रियों को सुविधा देने के लिए उन्होंने 1937 में बाबा काली कमली वाले पंचायती क्षेत्र की स्थापना की। फोटो साभार सोशल मिडिया इनके पवित्र प्रयास से ऋषिकेश में रेल का निर्माण, लक्ष्मण झूला पुल का पुनः निर्णाण कराया। जगह जगह पर यात्रा मार्गों का प्रबंध किया तीर्थ यात्रियों के लिए जगह जगह पर , धर्मशाला और प्याऊ बनवावे । स्वामी विशुद्धानंद जी काली कमली वाले बाबा जी ने लगभग 33 वर्षों तक तीर्थ यात्रियों की सेवा की। कहा जाता है कि 1953 में स्वामी विशुद्धानंद जी हिमालय की तीर्थ यात्रा पर निकले उसके बाद दिखाई नही दिए। इनके बाद इस संस्था के उत्तराधिकारी बाबा रामनाथ हुए । बाबा रामनाथ जी के बाद इस संस्था के उत्तराधिकारी बाबा मनीराम को बनाया गया । उन्होंने इस सं...

काली कंबल वाले बाबा फिर शिविर लगाने की तैयारी में: दादियां गांव में शिविर के लिए लगा रहे थे टेंट, प्रशासन ने काम रूकवाया

PALI SIROHI ONLINE पाली।मांडा में ग्रामीणों ने विरोध जताया तो काली कंबल वाले बाबा ने दांदिया गांव (सोजतरोड) में शिविर लगाने की तैयारी शुरू कर दी। इसके लिए बड़ा टेंट लगाने का काम भी शुरू करवाया दिया। प्रशासन को इसकी भनक लगी तो मंगलवार को मौके पर पहुंच काम रूकवाया। मारवाड़ जंक्शन तहसीलदार रामलाल मीणा ने बताया कि मांडा गांव में ग्रामीणों के विरोध के बाद वहां से काली कंबल वाले बाबा का शिविर हटाने की कार्रवाई की थी। लेकिन बिना प्रशासनिक इजाजत के इन्होंने 16 जुलाई को दादिया गांव में शिविर लगाने के लिए टेंट लगाने का काम शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलने पर सोजत रोड थानाप्रभारी ऊर्जाराम भी मौके पर पहुंचे। बाबा को बिना इजाजत के उन्हें शिविर नहीं लगाने की हिदायत देते हुए टेंट हटाने के निर्देश देते हुए काम रूकवाया। ज्ञात रहे पाली जिले के मांडा गांव में 01 जुलाई को मांडा में भैरूजी मंदिर के ओरण क्षेत्र में शिविर लगा। कम्बल घूमाकर कैंसर, शुगर, लकवे जैसी बीमारी से पीड़ित मरीजों को स्वस्थ करने का प्रचार-प्रसार किया गया। ऐसे में शिविर में बड़ी संख्या में लोग पहले दिन से ही पहुंचने लगे। दानदाताओं ने आने वाले लोगों के लिए खाने-पीने व रूकने की व्यवस्था की। लोग खुलें शौच जाने लगे। जिससे गांव में गंदगी फैलने लगी। इससे ग्रामीण नाराज हो गए। ग्रामीणों के विरोध के बाद आखिरकार 20 जुलाई तक आयोजित होने वाला शिविर कम्बल वाले बाबा को स्थगित करना पड़ा। तब जाकर ग्रामीण धरने से उठे थे। अब बाबा ने दादिया गांव में शिविर लगाने की तैयारी शुरू कर दी थी। इसकी जानकारी मिलने पर शिविर के लिए लगाया जा रहा टेंट का काम रूकवाया गया। पाली सिरोही ऑनलाइन के सोशियल मीडिया हैंडल से जुड़ें… ट्विटर फेसबुक यूट्यूब चैनल सब्सक्रा...