जेंडर स्टीरियोटाइप क्या है

  1. जेंडर स्टीरियोटाइपिंग : लिंग आधारित पूर्वाग्रह कैसे पितृसत्ता को करते हैं मज़बूत
  2. Vim Ad Controversy
  3. पक्षपात से आप क्या समझते हैं? – ElegantAnswer.com
  4. Male Fashion Influencers in India, भारत के मेल फैशन इन्फ्लुएंसर्स
  5. (जेंडर स्टीरियोटाइप की परिभाषा) Gender Stereotype Definition in Hindi !!
  6. Ranveer Singh Nude Photoshoot


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जेंडर स्टीरियोटाइपिंग : लिंग आधारित पूर्वाग्रह कैसे पितृसत्ता को करते हैं मज़बूत

जेंडर स्टीरियोटाइपिंग किसी व्यक्ति के बारे में उसके लिंग के आधार पर बनाई गई धारणा है, जो समाज में उसकी विशेषताओं, व्यवहारों और जिम्मेदारियों को लिंग के अनुसार परिभाषित करती है। उदाहरण के तौर पर हमारा समाज महिलाओं को ऐसे व्यक्ति के रूप में देखता है जो परिवार और परिवार के सदस्यों की सेहत और खानपान का ध्यान रखें और पुरुष को परिवार के मुखिया और संरक्षक के तौर पर जाना जाता है। समाज में लिंग आधारित रूढ़िवादी सोच या असमानताएं एक दम से नहीं उपजती हैं बल्कि इन्हें बोया जाता है। हर इंसान के बचपन में ही माता-पिता, परिवार के अन्य सदस्य, स्कूल और समाज के द्वारा इन्हें बोया जाता है। इस तरह एक इंसान बचपन से व्यस्क होने तक के सफर तक रूढ़िवादी, पितृसत्तात्मक सोच और असामनताओं का भरा-पूरा पेड़ बन जाता है। यह बोया गया बीज है जेंडर स्टीरियोटाइपिंग या लिंग रूढ़िबद्धता, जो स्त्री-पुरुष के अंतर को कभी भरने नहीं देता। यह इनके काम, पसंद-नापसंद और व्यवहार को अलग-अलग परिभाषित करके रखता है। बचपन से ही इसकी ट्रेनिंग बच्चों को दी जाती है। जब तक जेंडर स्टीरियोटाइपिंग खत्म नहीं होगा तब तक समाज में जेंडर स्टीरियोटाइपिंग क्या है? जेंडर स्टीरियोटाइपिंग किसी व्यक्ति के बारे में उसके लिंग के आधार पर बनाई गई धारणा है, जो समाज में उसकी विशेषताओं, व्यवहारों और जिम्मेदारियों को लिंग के अनुसार परिभाषित करती है। उदाहरण के तौर पर और पढ़ें : महिलाओं और पुरुषों से पितृसत्तात्मक समाज की अपेक्षाएं महिलाओं और पुरुषों से समाज द्वारा उनके लिंग के आधार पर की जाने वाली अपेक्षाएं बहुत अलग-अलग हैं। इसमें पुरुषों को महिलाओं पर अधिकार दिया जाता है और महिलाओं से उम्मीद की जाती है कि वे इसका पालन करें। पुरुषों से उम्मीद की जाती है क...

Vim Ad Controversy

इन दिनों जेंडर सेंसिटिविटी को लेकर बहुत सी बातें हो रही हैं और लगभग हर सेक्टर में इससे जुड़े उदाहरण देखने को मिल रहे हैं। अब ट्विटर पर ट्रोल होने का सिलसिला शुरू हो चुका है और ऐसे में कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स के विज्ञापन भी जेंडर सेंसिटिव बनाने की कोशिश कर रही हैं। पर ऐसा करने के बाद भी ट्रोल होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हालिया उदाहरण है विम लिक्विड का। विम लिक्विड का नया एड मिलिंद सोमन के साथ फिलमाया गया है जिसमें शर्टलेस मिलिंद एप्रन पहने विम ब्लैक को प्रमोट कर रहे हैं। विज्ञापन सामान्य सा दिख रहा है, लेकिन ये ट्रोल होने लगा। इसे जरूर पढ़ें- आखिर क्यों ट्रोल हुआ ये विज्ञापन? क्या रंगों का भी जेंडर होता है? पर किसी भी प्रोडक्ट को अगर पुरुषों के लिए लॉन्च करना है तो उसे यही कारण है कि इस विज्ञापन को ट्रोल करना शुरू किया गया, लेकिन यहां भी कहानी में एक ट्विस्ट है। विम ब्लैक प्रोडक्ट नहीं बल्कि मार्केटिंग स्ट्रेटजी है हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी का प्रोडक्ट विम लिक्विड अपने कंपनी की तरफ से ये बात साफ की गई कि ये सिर्फ एक मजाक था और लिक्विड वही है। View this post on Instagram कंपनी की तरफ से एक पूरी की पूरी मार्केटिंग स्ट्रैटजी लग गई कि आखिर पुरुषों को बर्तन धोना चाहिए। जब काम एक जैसा है तो फिर उसका असर भी एक जैसा ही होगा। ये पहली बार नहीं है जब विम ब्रांड की तरफ से कुछ ऐसे जेंडर सेंसिटिविटी कैम्पेन चलाए गए हैं। इसके पहले भी कई बार विम की तरफ से पुरुषों को बर्तन धोने के लिए बहुत प्रोत्साहित किया गया है। उनकी एक एड कैम्पेन में तो वीरेंद्र सहवाग भी थे। इसके अलावा ये बात तो देखिए सही है कि बर्तन धोने की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की नहीं होती। बल्कि ये समझने की जरूरत है कि किसी ...

पक्षपात से आप क्या समझते हैं? – ElegantAnswer.com

पक्षपात से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंपक्षपात (bias) किसी व्यक्ति, संस्थान, प्रकाशन या संगठन के दृष्टिकोण के ऐसे रुझान को कहते हैं जिसमें किसी विषय को लेकर अधूरा परिप्रेक्ष्य रखा जाये या प्रस्तुत करा जाये और अन्य दृष्टिकोणों की सम्भावनाओं या उपयुक्तता से बिना उचित आधार के इनकार करा जाये। अक्सर पक्षपाती व्यवहार किसी सांस्कृतिक वातावरण में सीखा जाता है। एक स्टीरियोटाइप सरल परिभाषा क्या है? इसे सुनेंरोकेंदरअसल, स्टीरियोटाइप का मतलब ही है कि एक किस्म के पूर्वग्रह पाल कर जीना। हम एक तरह की चीजों को मान लेते हैं। और उस पर ठीक एक ही ढंग से बर्ताव करने लगते हैं। कोई शख्स इस तरह की छवि बना लेता है, तो उसे स्टीरियोटाइप कह दिया जाता है। पक्षपात और भेदभाव में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंपूर्वाग्रह हमेशा गैर-सचेत और स्वचालित होता है जबकि भेदभाव सचेत और गैर-सचेत हो सकता है। दृष्टिकोण के संज्ञानात्मक और भावात्मक घटकों को पूर्वाग्रह के लिए लागू किया जाता है। इसके विपरीत, अन्य लोगों के प्रति व्यवहार अर्थात व्यवहार घटक भेदभाव के लिए लागू होता है। पक्षपात एवं समानता से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंलोकतान्त्रिक व्यवस्था में संवैधानिक रूप में स्त्री और पुरुष आपस में हर क्षेत्र चाहे वह परिवार, धार्मिक, राजनितिक, प्रशासनिक, आर्थिक आदि का हो, बराबर है तथा लिंग के आधार पर महिलाओं के साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा सकता है, इन सबके लिए एक ऐसी समाजिक क्रांति लाने की आवश्यकता है जो महिलाओं को अपने अधिकारों के … जाति पूर्वाग्रह से आप क्या समझते हैं? इसे सुनेंरोकेंजाति पूर्वाग्रह भारत एक ऐसा देश है जिसमें बहुत जाति के लोग रहते हैं। प्राय: देखा गया है कि एक जाति के लोग दूसरी जाति के लोग...

Male Fashion Influencers in India, भारत के मेल फैशन इन्फ्लुएंसर्स

Male Fashion Influencers: ‘ ‘ और ‘ मेकअप’ जैसे शब्दों को सुनकर सबसे पहले दिमाग़ में क्या आता है? ज़ाहिर है मेकअप प्रोडक्ट्स या फिर एक मेकअप करती या फ़ैशनेबल आउफ़िट पहने हुए महिला की छवि ब्रेन में छप जाती है. सालों से लोगों में ऐसी ग़लतफ़हमी पनप चुकी है कि सिर्फ़ महिलाओं का ही फ़ैशन से ताल्लुक है. मतलब आदमियों के फ़ैशन सेंस पर अगर किसी से राय मांग लो, तो पहले तो वो व्यक्ति आपको एक नज़र ऊपर से नीचे घूरते हुए भयंकर जजमेंटल मोड में आएगा. उसके बाद आपकी बात को हंसी-मज़ाक में टाल कर वहां से ख़िसक लेगा. ये तो मर्दों के साथ बड़ी नाइंसाफ़ी है यार. लड़कियों की तरह उनको भी गुड लुकिंग दिख़ने का पूरा राइट है. चलो शुक्र है आज का समय पुराने समय से थोड़ा बदल गया है, जहां फ़ीमेल ही नहीं, बल्कि मेल फ़ैशन इन्फ्लुएंसर्स भी सोशल मीडिया पर सामने आ रहे हैं. यकीन मानिए, इन मेल फ़ैशन इन्फ्लुएंसर्स ने लोगों की सोच में बदलाव तो लाया ही है. साथ ही जेंडर स्टीरियोटाइप्स को भी चकनाचूर करने का काम किया है. तो यहां पेश हैं ऐसे 7 मेल फ़ैशन इन्फ्लुएंसर्स, जिनके फैशन सेंस को आपको ज़रूर फॉलो करना चाहिए. Male Fashion Influencers 1. परम साहिब परम साहिब पंजाबी हैं. अगर आप उनके इंस्टाग्राम पेज पर एक बार नज़र मारेंगे, तो आपको समझ आएगा कि इनको अपने ऑउटफ़िट्स में कलर्स के साथ एक्सपेरिमेंट करना कितना पसंद है. कभी आपको ये फ्रॉक पहने नज़र आएंगे, तो कभी ये हाथों में मेहंदी लगाए दिखेंगे. इनकी अपनी एक ये भी पढ़ें: 3. अंकुश बहुगुणा अंकुश बहुगुणा दिल्ली के वो लौंडे हैं, जिन्हें लोगों की सोच से घंटा कोई फ़र्क नहीं पड़ता. वो एक्टर, क्रिएटर और ‘ mensxp व ‘ Stressed Thoughts‘ जैसे चैनल्स के डायरेक्टर रह चुके हैं. हालांकि, उन्होंने आर्किटेक्चर की पढ़ाई की है...

(जेंडर स्टीरियोटाइप की परिभाषा) Gender Stereotype Definition in Hindi !!

जेंडर स्टीरियोटाइप की परिभाषा | Definition of Gender Stereotype in Hindi !! एक लिंग स्टीरियोटाइप एक सामान्यीकृत दृश्य या विशेषताओं या विशेषताओं के बारे में पूर्व धारणा है, या महिलाओं और पुरुषों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिकाएं हैं या जिनके पास होना चाहिए। एक लिंग स्टीरियोटाइप हानिकारक है जब यह महिलाओं की और पुरुषों की अपनी व्यक्तिगत क्षमताओं को विकसित करने, अपने पेशेवर करियर को आगे बढ़ाने और अपने जीवन के बारे में विकल्प बनाने की क्षमता को सीमित करता है। ✔️ izoozo.com Provide Hindi & English Content Writing Services @ low Cost ✔️अंकिता शुक्ला Oyehero.com की कंटेंट हेड हैं. जिन्होंने Oyehero.com में दी गयी सारी जानकारी खुद लिखी है. ये SEO से जुडी सारे तथ्य खुद हैंडल करती हैं. इनकी रूचि नई चीजों की खोज करने और उनको आप तक पहुंचाने में सबसे अधिक है. इन्हे 4.5 साल का SEO और 6.5 साल का कंटेंट राइटिंग का अनुभव है !! नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में आपको हमारे द्वारा लिखा गया ब्लॉग कैसा लगा. बताना न भूले - धन्यवाद ??? !! You Might Also Like

Ranveer Singh Nude Photoshoot

22 जुलाई 2022 की सुबह-सुबह रणवीर सिंह ने इंटरनेट पर कोहराम मचा दिया। रणवीर सिंह का ये फोटोशूट रात में ही वायरल हो गया था, लेकिन सुबह उठते ही कई लोगों को जो कल्चर शॉक लगा है उसका नतीजा आप सोशल मीडिया ट्रेंड्स पर देख सकते हैं। मुझे गलत मत समझिएगा कल्चर शॉक से मेरा मतलब किसी धर्म या सभ्यता से नहीं बल्कि यहां तो जेंडर सेंसिटिविटी और उसके कारण लगे कल्चर शॉक की बात हो रही है। चौंक गए? रणवीर सिंह उन गिने-चुने लोगों में से एक हैं जिन्हें हर मामले में ट्रोल किया जाता है, लेकिन उनकी पर्सनैलिटी किसी रैम्बो से कम नहीं है। अब आप सोच रहे होंगे कि भला ऐसे फोटोशूट के लिए उनकी तारीफ क्यों की जा रही है, लेकिन 2022 में अब तक जहां फीमेल न्यूडिटी को ऑब्जेक्टिफाइड होते देख लोगों की आंखें थक चुकी हैं वहीं रणवीर सिंह ने हमें बात करने का मौका दे दिया है। महिलाओं की न्यूडिटी ठीक पर पुरुष की न्यूडिटी से इतनी समस्या क्यों? आपने पहली बार किसी महिला को किसी मैग्जीन के कवर में न्यूड कब देखा था? थोड़ा ज़ोर डालिए दिमाग पर .... शायद आपको याद ना हो, लेकिन प्लेब्वॉय ये कई दशकों से करती आ रही है और न्यूड फोटोशूट को लेकर हमेशा ही सुंदर मॉडल्स की तस्वीरें दिखाई जाती हैं। पर अगर आप पुरुषों की बात करें तो उनके न्यूड होते ही कई लोगों के मन में 'छी.. ये क्या देख लिया' वाले विचार आते हैं। ये तब है जब भारत में गांव-देहात से लेकर शहरों तक में पुरुषों की न्यूडिटी हम हमेशा ही देखते रहते हैं। जेंडर स्टीरियोटाइप्स को लेकर बात करनी जरूरी है... आपमे से कितने लोग होंगे जिन्हें रणवीर सिंह पर दोबारा फोकस करते हैं और पिछले सालों में उनकी अपीयरेंस की बात करते हैं। उन्होंने घाघरा पहना तो लोगों ने ट्रोल किया कि वो दीपिका पादुकोण क...