कालरात्रि की आरती

  1. Devi Sandhya Puja : आज मां कालरात्रि की संध्या और मध्य रात्रि होगी विशेष पूजा, जानें आराधना विधि
  2. Aarti: Mata Kalratri Ki Aarti
  3. माँ कालरात्रि की आरती
  4. कालरात्रि माता की आरती I Mata Kalratri Ki Aarti


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Devi Sandhya Puja : आज मां कालरात्रि की संध्या और मध्य रात्रि होगी विशेष पूजा, जानें आराधना विधि

डीएनए हिंदीः नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि (Devi Kalratri) की पूजा सुबह से ज्यादा संध्या या रात करने का महत्व ज्यादा माना गया है. संध्या पूजा (Sandhya Puja) गृहस्थ लोग तो मध्य रात्रि की पूजा (Mid Night puja) तांत्रिकों के लिए बेहद खास होती है. आज के ही दिन श्रीयंत्र की स्थापना(Sri Yantra Sthapna) भी होती है. देवी कालरात्रि ऋद्धि-सिद्धि प्रदान करने वाली मानी गई हैं. साथ ही नवरात्रि की सप्तमी को तंत्र साधना करने वाले साधक रात के समय देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं. देवी पापियों का नाश करने और अपने भक्तों का भला करने वाली हैं. तो लीजिए देवी की संध्या आरती, बीज मंत्र और पूजा विधि (Navratri 7th Day Aarti, Mantra, Puja Vidhi) से लेकर श्रीयंत्र स्थापना (Sri Yantram Sthapna) तक की पूरी जानकारी. यह भी पढ़ेंः मां कालरात्रि की पूजा विधि (Maa Kalratri Ki Puja Vidhi) : मां कालरात्रि की पूजा ब्रह्ममुहूर्त में की जाती है. तांत्रिक क्रिया से साधना करने वाले इनकी पूजा रात के समय करते हैं. मां की पूजा के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें. इस दिन मां कालरात्रि को कुमकुम, लाल फूल, रोली चढ़ाएं. माला के रूप में मां को नीबूओं की माला पहनाएं और उनके आगे तेल का दीपक जलाकर उनकी अराधना करें. इसके बाद माता की कथा पढ़ें या सुने और अंत में उनकी आरती उतार कर उनको भोग लगाएं. मां से जाने अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें.शाम को भी इसी क्रम में पूजा विधि करनी होगी. बस शाम को सूर्यास्त के बाद स्नान दोबारा करना होगा. यह भी पढ़ेंः मां कालरात्रि के मंत्र (Maa Kalratri Mantra) : – ॐ कालरात्र्यै नम:– ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ– ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा– या देवी सर...

Aarti: Mata Kalratri Ki Aarti

हिन्दी में पढ़ें The Kalratri form of Maa Durga is worshiped on the seventh day of Navratri, the lyrics of this very important aarti of Maa Kalratri are as follows. Kalaratri Jai-jai-mahakali । Kaal Ke Muh Se Bachane Wali ॥ Dusht Sangharak Naam Tumhara । Mahachandi Tera Avtar ॥ Prithvi Aur Aakash Pe Sara । Mahakali Hai Tera Pasara ॥ Khadag Khappar Rakhne Wali । Dushton Ka Lahoo Chakhane Wali ॥ Kalkatta Sthan Tumhara । Sab Jagah Dekhoon Tera Najara ॥ Sabhi Devta Sab Nar-nari । Gawen Stuti Sabhi Tumhari ॥ Raktdanta Aur Annapoorna । Kripa Kare to Koi Bhi Duhkh Na ॥ Na Koi Chinta Rahe Bimari । Na Koi Gam Na Sankat Bhari ॥ Us Par Kabhi Kasht Na Aaven । Mahakali Maa Jise Bachabe ॥ Tu Bhi Bhakt Prem Se Kah । Kalratri Maa Teri Jai ॥

माँ कालरात्रि की आरती

माँ कालरात्रि की आरती माँ दुर्गाजी की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गापूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई रूपों में से एक माना जाता है। माता की आरती करने पर काल पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। यहां माता कालरात्रि की आरती दी गई है। ॐ जय जय कालरात्रि मैया ॐ जय जय कालरात्रि दुष्टों की संहारिणी दुष्टों की संहारिणी सुखों की माँ दात्री ॐ जय जय कालरात्रि ॐ जय जय कालरात्रि मैया ॐ जय जय कालरात्रि दुष्टों की संहारिणी दुष्टों की संहारिणी सुखों की माँ दात्री ॐ जय जय कालरात्रि रूप भयंकर माँ का दुष्ट सदा काँपे मैया दुष्ट सदा काँपे भक्त सदा हर्षावे भक्त सदा हर्षावे रिद्धि सिद्धि पाते ॐ जय जय कालरात्रि महामाई हो जग की दयामयी हो माँ मैया दयामयी हो माँ भैरवी भद्रकाली भैरवी भद्रकाली चामुंडा कई नाम ॐ जय जय कालरात्रि सप्तम नवराते में साधक करता ध्यान मैया साधक करता ध्यान सिद्धियाँ भक्ता पावे सिद्धियाँ भक्ता पावे मिटता हर अज्ञान ॐ जय जय कालरात्रि खड्गधारिणी मैया वरमुद्राधारी मैया वरमुद्राधारी सृष्टि करे नित आरती सृष्टि करे नित आरती गुण गावे नर नारी ॐ जय जय कालरात्रि सर्वजगत हे मैया तुमसे प्रकाशित है मैया तुमसे प्रकाशित है कर दो कृपा हे मैया कर दो कृपा हे मैया हम सब याचक हैं ॐ जय जय कालरात्रि भूत प्रेत डर जावे जब तुम हो आती मैया जब तुम हो आती शत्रु डर न सतावे शत्रु डर न सतावे करुणा माँ बरसाती ॐ जय जय कालरात्रि गर्द्भव सवारी साजे दू दुख दूर करें मैया दू दुख दूर करें निर्बल शक्ति पावे निर्बल शक्ति पावे भय से मुक्त करें ॐ जय जय कालरात...

कालरात्रि माता की आरती I Mata Kalratri Ki Aarti

माँ कालरात्रि की आरती माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं। दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि माता की आरती उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन ‘सहस्रार’ चक्र में स्थित रहता है। कालरात्रि माता की आरती ———————————————————– कालरात्रि जय जय महाकाली, काल के मुंह से बचाने वाली । दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा, महा चंडी तेरा अवतारा II (१) पृथ्वी और आकाश पर सारा, महाकाली है तेरा पसारा । खंडा खप्पर रखने वाली, दुष्टों का लहू चखने वाली II (२) कलकत्ता माँ स्थान तुम्हारा, सब जगह देखूं तेरा नजारा । सभी देवता सब नर नारी, गावे स्तुति सभी तुम्हारी II (३) रक्तदंता और अन्नपूर्णा, कृपा करे तो कोई भी ना दु:खयारी । ना कोई चिंता रहे ना रहे बीमारी, ना कोई गम ना संकट कोई भारी II (४) उस पर कभी कष्ट ना आवे, महाकाली मां जिसको बचावे । सभी ‘भक्त’ प्रेम से कहे, कालरात्रि मां तेरी जय II (५) II इति श्री अन्य आरती संग्रह कात्यायनी माता की आरती माँ चंद्रघंटा की आरती देवी माँ कालात्रि को व्यापक रूप से – काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू-रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक रूप माना जाता है। रौद्री और धुमोरना देवी कालात्री के अन्य कम प्रसिद्ध नामों में हैं | कालरात्रि देवी का सिद्ध मंत्र ‘ ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:। कालरात्रि माता की स्तुति मंत्र या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ कालरात्रि माता का ध्यान मंत्र करालवन्दना घोरां मुक्तकेशी चतुर्भुजाम्। कालरात्रिम् करालिंका दिव्याम् विद्युतमाला विभूषिताम्॥ दिव्यम् लौहवज्र खड्ग वामोघोर्ध्व कराम्बुजाम्। अभयम् वरदाम्...