कामायनी किस युग की रचना है

  1. कामायनी
  2. UP Board class 12 Hindi model paper 2023 pdf download
  3. [Solved] 'कामायनी' के रचनाकार
  4. कामायनी किसकी रचना है?
  5. DU MA Hindi Entrance Question Paper with Answer Keys 2018
  6. प्रिय प्रवास किसकी रचना है? और इसके सभी सर्ग का वर्णन


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कामायनी

लेखक मूल शीर्षक 'कामायनी' मुख्य पात्र मनु और श्रद्धा प्रकाशन तिथि 81-288-0663-7 देश भाषा प्रकार विशेष 'कामायनी' मनु की कथा इसमें आदिमानव मनु की कथा ली गयी है। इस काव्य की कथावस्तु पन्द्रह सर्ग 'कामायनी' की कथा पन्द्रह सगों में विभक्त है, जिनका नामकरण चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा आदि मनोविकारों के नाम पर हुआ है। 'कामायनी' आदि मानव की कथा तो है ही, पर इसके माध्यम से कवि ने अपने युग के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों पर विचार भी किया है। आधुनिक संदर्भ सारस्वत प्रदेश की प्रज्ञा जिस बुद्धिवदिता और भौतिकवादिता से त्रस्त है, वही आधुनिक युग की स्थिति है। 'कामायनी' अपने रूपकत्व में एक मनोविज्ञानिक और दार्शनिक मंतव्य को प्रकट करती है। मनु मनका प्रतीक है और श्रद्ध तथा इड़ा क्रमश: उसके हृदय और बुद्धिपक्ष है। अपने आंतरिक मनोविकारों से संघर्ष करता हुआ मनु श्रद्धा- विश्वास की सहायता से आनन्द लोक तक पहुँचता है। प्रसाद ने समरसता सिद्धांत तथा समन्वय मागं का प्रतिपादन किया है। अंतिम चार सर्गों में प्रतिपादित दर्शन पर शैवागम का प्रभाव है। विशिष्ट शैली का महाकाव्य 'कामायनी' एक विशिष्ट शैली का प्रकाशन 1982 में 'कामायनी' की प्रसाद द्वारा प्रस्तुत मूल पन्ने की प्रगति अवस्था टीका टिप्पणी और संदर्भ

UP Board class 12 Hindi model paper 2023 pdf download

UP Board class 12 Hindi model paper 2023 pdf download ||यूपी बोर्ड कक्षा 12 सामान्य हिंदी मॉडल पेपर 2023 UP Board 12th hindi Model Paper/ sample paper 2023 Download Details Name of Board Conducting Exam Board of Secondary Education UPMSP – Madhyamik Board Name of Exam UP Board 12th Examinations 2023 Exam Dates February & March 2023 Compartmental Exams Date Update Later Status Download Available Below Links, Official Website www.upmsp.edu.in Name of Board UP Board Authority Uttar Pradesh Board of secondary Education Head office Prayagraj (Allahabad) Class 10th & 12th Subjects Hindi, English, maths, Geography, science, social science, Sanskrit, drawing, physics, chemistry, agriculture, home science etc. State Uttar Pradesh Official website www.upmsp.edu.in यूपी बोर्ड माध्यमिक मॉडल पेपर 2023 यूपी 12वीं हिंदी ब्लूप्रिंट 2023 यूपी बोर्ड 12वीं हिंदी मॉडल पेपर 2023 डाउनलोड विवरण बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का नाम माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यूपीएमएसपी - माध्यमिक बोर्ड परीक्षा का नाम यूपी बोर्ड 10 वीं परीक्षा 2023 परीक्षा तिथियां फरवरी और मार्च 2023 कंपार्टमेंटल परीक्षा तिथि अद्यतन बाद में स्थिति डाउनलोड लिंक के नीचे उपलब्ध है, आधिकारिक वेबसाइट www.upmsp.edu.in 👉 उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश की बोर्ड 12वीं परीक्षा माध्यमिक विद्यालय स्तरीय परीक्षा के लिए स्वायत्त परीक्षा प्राधिकरण प्रशासित किया। 12वीं कक्षा की परीक्षा को माध्यमिक शिक्षा परिषद या हाईस्कूल माध्यमिक परीक्षा 2023 कहा जाता है। यूपी बोर्ड का मुख्य ऑफिस या कार्यालय इलाहाबाद (वर्तमान नाम प्रयागराज) में स्थित है। यूपी ब...

[Solved] 'कामायनी' के रचनाकार

'कामायनी' के रचनाकार जयशंकर प्रसाद है. सही उत्तर विकल्प 1'जयशंकर प्रसाद 'है। Key Points • कामायनी- कामायनीहिंदी भाषा का एकमहाकाव्यहै। इसके रचयिताजयशंकर प्रसादहैं। यह आधुनिक छायावादी युग का सर्वोत्तम और प्रतिनिधि हिंदी महाकाव्य है। 'प्रसाद' जी की यह अंतिम काव्य रचना 1936 ई. में प्रकाशित हुई, परंतु इसका प्रणयन प्राय: 7-8 वर्ष पूर्व ही प्रारंभ हो गया था। 'चिंता' से प्रारंभ कर 'आनंद' तक 15 सर्गों के इस महाकाव्य में मानव मन की विविध अंतर्वृत्तियों का क्रमिक उन्मीलन इस कौशल से किया गया है कि मानव सृष्टि के आदि से अब तक के जीवन के मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक विकास का इतिहास भी स्पष्ट हो जाता है। कला की दृष्टि से कामायनी छायावादी काव्यकला का सर्वोत्तम प्रतीक माना जा सकता है। चित्तवृत्तियों का कथानक के पात्र के रूप में अवतरण इस काव्य की अन्यतम विशेषता है। और इस दृष्टि से लज्जा, सौंदर्य, श्रद्धा और इड़ा का मानव रूप में अवतरण हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।कामायनी प्रत्यभिज्ञा दर्शन पर आधारित है। साथ ही इस पर अरविन्द दर्शन और गांधी दर्शन का भी प्रभाव यत्र तत्र मिल जाता है। • जयशंकर प्रसाद - • जयशंकर प्रसाद-हिन्दीकवि, नाटककार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वे हिन्दी केछायावादी युगके चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने हिन्दी काव्य में एक तरह सेछायावादकी स्थापना की जिसके द्वाराखड़ी बोलीके काव्य में न केवल कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई, बल्कि जीवन के सूक्ष्म एवं व्यापक आयामों के चित्रण की शक्ति भी संचित हुई औरकामायनीतक पहुँचकर वह काव्य प्रेरक शक्तिकाव्य के रूप में भी प्रतिष्ठित हो गया। बाद के प्रगतिशील एवं नई कविता दोनों धाराओं के प्रमुख आलोचकों ने उसकी इस शक्तिमत्ता क...

कामायनी किसकी रचना है?

कामायनी के रचयिता जयशंकर प्रसाद हैं। वह आधुनिक हिंदी साहित्य के साथ-साथ हिंदी थिएटर के भी एक प्रमुख व्यक्ति थे। कामायनी का निर्माण लगभग 7-8 वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुआ, यद्यपि 1936 ई. तक इसका प्रकाशन नहीं हुआ। 15 सर्गों के इस महाकाव्य में “चिंता” से लेकर “आनंद” तक, मानव मन के विभिन्न अन्तरालों को इतनी पूर्णता के साथ समाप्त किया गया है कि मानव सृष्टि के आरंभ से लेकर अब तक के जीवन के मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक विकास का इतिहास भी स्पष्ट हो जाता है। कामायनी के रचनाकार कामायनी एक हिन्दी महाकाव्य है। जयशंकर प्रसाद कामायनी के रचनाकार हैं । इसे हिंदी साहित्य में आधुनिक समय में लिखी गई सबसे बड़ी साहित्यिक कृतियों में से एक माना जाता है। • यह हिंदी कविता के छायावादी स्कूल का प्रतीक है और 19वीं शताब्दी के अंत और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में लोकप्रियता हासिल की। • यह पौराणिक रूप के मानवीय भावनाओं, विचारों और कार्यों के परस्पर क्रिया को दर्शाता है। कामायनी प्रत्याभिज्ञ दर्शन पर आधारित है। इसके साथ ही यहां गांधी दर्शन और अरविंद दर्शन का प्रभाव भी देखने को मिलता है। • जयशंकर प्रसाद एक कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार और निबंधकार थे जिन्होंने हिंदी में लिखा था। उनकी विरासत समकालीन हिंदी लेखन के इतिहास में जीवित है। • वह एक क्रांतिकारी लेखक थे, जिन्होंने एक साथ कविता, रंगमंच, कहानियों और उपन्यासों की रचनाएँ कीं, जिन्होंने हिंदी को गौरवान्वित किया। • जयशंकर प्रसाद के सबसे प्रसिद्ध नाटक स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त और ध्रुवस्वामिनी हैं। उनमें से अधिकांश प्राचीन भारतीय ऐतिहासिक कथाओं पर केन्द्रित हैं। • उनमें से कुछ के मूल में पौराणिक विषय भी थे। समकालीन भारतीय रंगमंच के लिए जयशंकर प्रसाद के नाटकों को...

DU MA Hindi Entrance Question Paper with Answer Keys 2018

Delhi university MA hindi entrance question paper यहाँ पर दिल्ली विश्वविद्यालय एंट्रेंस टेस्ट (DUET) 2018 का एम.ए. हिंदी प्रवेश प्रश्न पत्र दिया जा रहा है। DUET MA Hindi entrance question paper 2018 को उत्तर के साथ आप पढ़ सकते हैं और डाउनलोड भी कर सकते हैं। यदि DUET MA हिंदी प्रवेश प्रश्न पत्र 2018 का पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं तो पोस्ट के अंत में जाएं और Download PDF File पर क्लिक करें-> फिर सहेजें। सभी प्रश्नों के उत्तर (Answer Keys) आधिकारिक (official) वेबसाइट से लिए गए हैं। entrance question paper- 2018 अब डीयू पीजी प्रवेश परीक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय एमए हिंदी प्रवेश परीक्षा प्रश्न पत्र- 2018 1. ‘ कढ़ी में कोयला’ के रचनाकार हैं- (A) बदरीनारायण प्रेमघन (B) पांडेय बेचन शर्मा उग्र ✅ (C) भारतेंदु हरिश्रंद्र (D) नागार्जुन 2. बनारसी दास चतुर्वेदी किस पत्र के संपादक थे? (A) विशाल भारत ✅ (B) सुधा (C) बनारस समाचार (D) माधुरी 3. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को ज्ञानपीठ सम्मान किस रचना पर प्राप्त हुआ था? (A) रश्मिरथी (B) संस्कृति के चार अध्याय (C) हुंकार (D) उर्वशी ✅ 4. ‘ चांद’ पत्रिका की संपादिका थीं- (A) शिवरानी देवी (B) होमवती देवी (C) महादेवी वर्मा ✅ (D) सुभद्रा कुमारी चौहान 5. रस-संप्रदाय के प्रवर्तक थे- (A) भरत मुनि ✅ (B) अभिनव गुप्त (C) आनंदवर्द्धन (D) दण्डी 6. मैथिलीशरण गुप्त की रचना का नाम है- (A) भारत भारती ✅ (B) चुभते चौपदे (C) अनुरागरत्न (D) मानसी 7. ‘ पोएटिक्स’ किसकी रचना है? (A) मैथ्यू ऑर्नाल्ड (B) लोंजाइनस (C) प्लेटो ✅ (D) अरस्तू 8. ‘ पाया पत्र तुम्हारा’ किन दो रचनाकारों के बीच हुए पत्र-व्यवहार का संकलन है? (A) महावीर प्रसाद द्विवेदी और श्रीधर पाठक (B) नेमिचंद्र जैन और ...

प्रिय प्रवास किसकी रचना है? और इसके सभी सर्ग का वर्णन

प्रिय प्रवास किसकी रचना है? “प्रिय प्रवास” आधुनिक हिन्दी साहित्य का प्रथम सफल महाकाव्य है. जिसका रचना लेखक अयोध्यासिंह उपाध्याय “हरिऔध” ने की है. हरिऔध जी को काव्यप्रतिष्ठा “प्रिय प्रवास” से मिली है. इसका रचनाकाल सन् 1909 से सन् 1913 है. “प्रिय प्रवास” विरहकाव्य है. अयोध्या सिंह उपाध्याय जी का जन्म 15 अप्रैल सन 1865 में निजामाबाद आजमगढ में हुआ था. प्रस्तुत लेख प्रिय प्रवास किसकी रचना है एवं इसके प्रत्येक छंद का संक्षिप्त वर्णन दिया गया है. उनके पिता का नाम भोलासिंह उपाध्याय था और उनकी माता जी का नाम रुक्मिणी देवी था. इनके पूर्वज शुक्ल यजुर्वेदी ब्राह्मण थे जो कालान्तर में सिक्ख हो गये. अयोध्या सिंह उपाध्याय जी का विवाह 17 वर्ष की अवस्था में हो गया था. स्वाध्याय से इन्होने हिंदी अंग्रेजी फारसी संस्कृत आदि भाषाओं का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया. 5 वर्ष की अवस्था में फारसी के माध्यम से इनकी शिक्षा प्रारम्भ हुई . मिडिल परीक्षा पास करके ये क्वीन्स कालेज, बनारस में अंग्रेजी पढ़ने गये, पर अस्वस्थता के कारण अध्ययन छोड़ना पड़ा. स्वाध्याय से ही इन्होंने हिन्दी, संस्कृत, फारसी और अंग्रेजी में अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया. निबामाबाद के मिडिल स्कूल के अध्यापक, कानूनगो और काशी विश्वविद्यालय में अवैतनिक शिक्षक के पदों पर इन्होंने कार्य किया. हरिऔध जी के अध्यापक जीवन धेय अध्यापक ही रहा.वहीं महान साहित्यकार का निधन सन् 1947 ई० में हो गया. प्रिय प्रवास” खड़ीबोली का महाकाव्य है. जिसके लेखक अयोध्यासिंह उपाध्याय है| इसमें 17 सर्ग है. इसमें ‘श्रृगार’ और ‘करुण रस’ की प्रधानता है. प्रिय प्रवास की भाषा संस्कृत-गर्भित है. इसमें हिन्दी के स्थान पर संस्कृत का रंग अधिक है. इसकी कथावस्तु का मूलाधार श्रीम...