Kavak kise kahate hain

  1. लवक किसे कहते हैं? » Lavak Kise Kehte Hain
  2. कर्ता कारक (परिभाषा और उदाहरण)
  3. हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है?
  4. कारक किसे कहते हैं
  5. वाक्य (परिभाषा, भेद और उदाहरण)
  6. वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण )
  7. तत्व किसे कहते हैं? परिभाषा एवं प्रकार! ( Tatv Kise Kahate Hain )
  8. इतिहास किसे कहते हैं
  9. kavak kya hai । कवक (kavak ) । कवक से उत्पन्न होने वाला बीमारी
  10. अवलोकन किसे कहते हैं? » Avalokan Kise Kehte Hain


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लवक किसे कहते हैं? » Lavak Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। लव से कहते हैं इसमें कोई स्वार्थ ना हो जिसमें कोई लेन-देन ना हो या उसमें कोई मजहब ना हो ना कोई चाहत ना हो कोई धर्म होगा इसमें शेयरिंग ऑफिस में सिर्फ एक-दूसरे की केयर करना है इसमें एक को तकलीफ हो तो दूसरे के हाथ में समझ में आना चाहिए इसको लाल के और अगर सच्चा लव है तो कभी साथ नहीं छोड़ता उस से चालू होता है वह कभी किसी के साथ नहीं छोड़ता love se kehte hain isme koi swarth na ho jisme koi len then na ho ya usme koi majhab na ho na koi chahat na ho koi dharm hoga isme sharing office me sirf ek dusre ki care karna hai isme ek ko takleef ho toh dusre ke hath me samajh me aana chahiye isko laal ke aur agar saccha love hai toh kabhi saath nahi chodta us se chaalu hota hai vaah kabhi kisi ke saath nahi chodta लव से कहते हैं इसमें कोई स्वार्थ ना हो जिसमें कोई लेन-देन ना हो या उसमें कोई मजहब ना हो ना

कर्ता कारक (परिभाषा और उदाहरण)

विषय सूची • • • • • कर्ता कारक किसे कहते हैं? कर्ता कारक की परिभाषा: कोई भी वाक्य जिसमें कार्य करने वाले का पता लगता है, उन्हें कर्ता कारक कहा जाता है। कर्ता कारक में विभक्ति चिह्न के रूप में ने का प्रयोग होता है। जैसे: राम ने केला खाया, प्रियंका ने गाड़ी चलाई इत्यादि। कर्ता कारक के भेद कर्ता कारक दो प्रकार का होता है, जो निम्न है: • परसर्ग सहित • परसर्ग रहित परसर्ग सहित जो वाक्य भूतकाल के लिए प्रयोग होते हैं और उन वाक्यों में ‘ने’ परसर्ग का प्रयोग होता है। उनको परसर्ग सहित कर्ता कारक कहा जाता है। उदाहरण: • मेरे मित्र ने आज यह खाया था। • रामू ने आज गाड़ी चलाई थी। • टीचर ने आज मुझे पीटा था। • सुरेश ने आज केला खाया था। • दीपक ने सुबह आज बादाम खाए थे। परसर्ग रहित जो वाक्य वर्तमान और भविष्य काल के लिए प्रयोग होते हैं और उन वाक्य में ‘ने’ परसर्ग का प्रयोग नहीं होता है। उन वाक्यों को परसर्ग रहित कर्ता कारक कहा जाता है। • राम स्कूल जा रहा है। • कल भारत का मैच होगा। • मोहन किताब पढ़ रहा है। • नरेश खाना खाता है। • सुरेश किताबें पढ़ता है। • दीपक सो रहा है। कर्ता कारक के मुख्य उदाहरण यहां पर हम कर्ता कारक को कुछ उदाहरण (Karta Karak Examples in Hindi) के माध्यम से समझेंगे, जिससे आपको कर्ता कारक आसानी से समझ में आ जायेगा। • राम ने आज क्रिकेट खेला। ऊपर उदाहरण में आप देख सकते हैं कि ‘ने’ विभक्ति चिन्ह का प्रयोग किया गया‌ है। यह चिन्ह कर्ता कारक को दर्शाता है और इस वाक्य में बताया जा रहा है कि राम ने आज क्रिकेट खेला है। इसका मतलब कार्य करने वाले करता का पता चल रहा है। अतः यह कर्ता कारक का मुख्य उदाहरण है। • रमेश ने बीमार की सहायता की। प्रयुक्त वाक्य में ‘ने’ विभक्ति चिन्ह का प्रयोग हुआ है...

हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है?

मित्रों हिंदी साहित्य में प्रबंध काव्य की महत्वता एक अलग शिखर पर ही रहती है। इसीलिए जो भी कवि या रचयिता किसी प्रबंध काव्य की रचना करता है, उसे महान रचनाकार के तौर पर माना जाता है। इसीलिए काफी लोग यह जानना चाहते हैं कि हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसने लिखा था, और हिंदी का प्रथम प्रबंध काव्य किसे माना जाता है? | Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai. यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि हिंदी के प्रथम प्रबंध काव्य के बारे में तो आज हम आपको विस्तार से जानकारी देते हुए बताएंगे कि Hindi ka pratham prabandh kavya kise mana jata hai । इसी के साथ हम आपको आज इस लेख में प्रबंध काव्य के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। चलिए शुरू करते हैं:- प्रबंध काव्य क्या होता है ? | prabandh kavya kise kahate hain इसके अंतर्गत जो स्वरूप के आधार पर काव्य का निर्धारण किया जाता है उसे भी दो भागों में विभाजित किया जा सकता है – • श्रव्य काव्य • दृष्य काव्य श्रव्य काव्य वे काव्य होते है जिनका रसास्वादन किसी भी दूसरे व्यक्ति के द्वारा सुनकर या स्वयं से पढ़कर किया जाता है, जैसे कि रामायण, महाभारत इत्यादि। श्रव्य काव्य भी दो प्रकार होते हैं:- • प्रबंध काव्य • मुक्तक काव्य अब हम आपको बताते हैं कि प्रबंध काव्य किसे कहते हैं। मित्रों, प्रबंध काव्य एक प्रकार से एक ऐसा काव्य होता है जिसमें कोई कथा या कहानी क्रमबद्ध रूप से शुरू से लेकर अंत तक चलती रहती है, और बीच में कहीं भी नहीं टूटती है। हालांकि इसमें कोई दूसरी गौण कथाएं या कहानियां बीच-बीच में सहायक बन कर उभरा सकती है जैसे की रामचरितमानस। जब किसी काव्य में मूल रूप से कथा का सूत्र अलग-अलग प्रकार के छंदों के माध्यम से जुड़ा हुआ होता है, तो उसे प्रबंध का...

कारक किसे कहते हैं

आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ कारक किसे कहते हैं | Karak kise kahate hain“, के बारे में बताने जा रहा हूँ आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । कारक किसे कहते हैं | Karak kise kahate hain कारक (Case) परिभाषा – संज्ञा या सर्वनाम का वाक्य के अन्य पदों (विशेषतः क्रिया) से जो संबंध होता है, उसे कारक कहते हैं। जैसे-राम ने रावण को वाण से मारा । इस वाक्य राम क्रिया (मारा) का कर्ता, रावण मारण क्रिया का कर्म है। वाण यह क्रिया सम्पन्न की गई। अत: वाण क्रिया का साधन होने से करण है। कारक एवं कारक, चिह हिन्दी में कारकों की संख्या 8 मानी गई है। इन कारका के नाम एवं उनके कारक चिन्हो का विवरण इस प्रकार है – करक करक चिन्ह कर्ता ने करण से, के द्वारा अपादान से अधिकरण में , पर कर्म को , ए , ऐं सम्प्र्दान को , के लिए, ए , ऐं सम्बन्ध का , की , के, रा , री , रे, ना , नी , ने सम्बोधन ऐ ! , हे ! , अरे ! , ओ ! करण और अपादान में अन्तर करण और अपादान दोनों कारकों में से’ चिह्न का प्रयोग होता है किन्तु इन दोनों में मूलभूत अंतर है। करण क्रिया का साधन या उपकरण है। कर्ता कार्य सम्पन्न करने के लिए जिस उपकरण या साधन का प्रयोग करता है, उसे करण कहते हैं। जैसे- मैं कलम से लिखता हूँ। यहाँ कलम लिखने का उपकरण है अतः कलम शब्द का प्रयोग करण कारक में हुआ है। अपादान में अपाय (अलगाव) का भाव निहित है। जैसेपड़ से पत्ता गिरा। अपादान कारक पेड़ में है, पत्ते में नहीं। जो अलग हुआ है, उसमें अपादान कारक नहीं माना जाता अपितु जहाँ से अलग हुआ है, उसमें अपादान कारक होता है। पेड़ तो अपनी जगह स्थिर है, पत्ता अलग हो गया अतः ध्रुव (स्थिर) वस्तु में अपादान होगा। एक अन्य उदाहरण वह गाँव से चला आया। यहाँ गाँव में अपादान कारक है...

वाक्य (परिभाषा, भेद और उदाहरण)

विषय सूची • • • • वाक्य किसे कहते हैं (Vakya Kise Kahate Hain) वाक्य की परिभाषा: शब्दों का दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह जिसका पूरा अर्थ निकलता हो, उन्हें वाक्य कहा जाता है। उदाहरण के रूप में हम “बालक सोता रहता है” वाक्य लेते है। यहां पर शब्दों को एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित किया गया है जो एक साथ मिलकर आपस में सार्थक समूह का निर्माण करते हैं। प्रयुक्त उदाहरण में यदि शब्दों का क्रम निश्चित नहीं होता है तो अर्थ नहीं निकल कर उसका गलत अर्थ निकल जाता है। वाक्यों के दो अंग होते हैं, जो निम्न है: • उद्देश्य • विधेय उद्देश्य जिस विषय के बारे में जानकारी दी जा रही है, उन्हें उद्देश्य कहा जाता है। • राधिका नाचती है। यहां पर राधिका के बारे में जानकारी दी जा रही है, इसलिए यहां पर उद्देश्य राधिका है। विधेय उद्देश्य की जो भी जानकारी दी जाती है, उसे विधेय कहा जाता है। • राधिका नाचती है। यहां पर राधिका नाच रही है, इसलिए इस वाक्य में नाचना विधेय है। वाक्य के भेद कितने होते हैं (Vakya ke Kitne Bhed Hote Hain) वाक्य का विभाजन दो आधार पर किया गया है, जो निम्न है: • रचना के आधार पर • अर्थ के आधार पर नीचे हम वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) के बारे में विस्तार से उदाहरण के साथ जानेंगे। रचना के आधार पर • सरल वाक्य • मिश्र वाक्य • संयुक्त वाक्य सरल वाक्य ऐसा वाक्य जिसमें एक ही सरल वाक्य को दूसरी भाषा में साधारण वाक्य के नाम से भी जाना जाता है, वाक्य में एक उद्देश्य होता है। सरल वाक्य के उदाहरण • रामकिताब पढ़ता है। • राधा दौड़ती है। • गंगा पढ़ाई करती है। • पारस खाना खाता है। सरल वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें मिश्र वाक्य ऐसे वाक्य जिनमें मिश्र वाक्य में मुख्य उद्द...

वर्ण किसे कहते है ( परिभाषा, भेद और उदाहरण )

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • Varn Kise Kahate Hain ध्वनियों के वे मौलिक और सूक्ष्मतम रूप जिन्हें और विभाजित नहीं किया जा सकता है, उन्हें वर्ण कहा जाता है। वर्ण के मौखिक रूप को ध्वनि एवं लिखित रूप को अक्षर कहते हैं। • जैसे – क् , ख्, ग् , अ, ए इत्यादि। किसी शब्द को अगर हम विभाजित करें तो हमें इसमें छिपे हुए वर्णों का पता चल जाएगा। उदाहरण के लिए, • सभा = स् + अ + भ् + आ । वर्ण की परिभाषा– Varn Ki Paribhasha वर्ण की परिभाषा की बात करें तो वर्ण उस मूल ध्वनि को कहा जाता है, जिसके खंड व टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है व इसके टुकड़े या खण्ड नहीं किये जा सकते हैं। जैसे:- क, ख, व, च, प आदि। वर्ण के भेद – Varn Ke Kitne Bhed Hote Hain हिंदी भाषा के अनुसार वर्ण 2 प्रकार के होते हैं। • स्वर • व्यंजन हिन्दी वणमाला में 11 स्वर और 33 व्यंजन है। यह भी पढ़े: स्वर – Swar in Hindi:– वे ध्वनियाँ जिनके उच्चारण में वायु बिना किसी अवरोध के बाहर निकलती है, स्वर कहलाते है। स्वरों के भेद – Swar ke Bhed : उच्चारण समय या मात्रा के आधार पर स्वरो के तीन भेद है। 1. ह्रस्व स्वर :– इन्हे मूल स्वर तथा एकमात्रिक स्वर भी कहते है। इनके उच्चारण में सबसे कम समय लगता है। जैसे – अ, इ, उ, ऋ 2. दीर्घ स्वर :- इनके उच्चारण में हस्व स्वर की अपेक्षा दुगुना समय लगता है अर्थात दो मात्राए लगती है, उसे दीर्घ स्वर कहते है। जैसे – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ यह भी पढ़े: 3. प्लुत स्वर :– संस्कृत में प्लुत को एक तीसरा भेद माना जाता है, पर हिन्दी में इसका प्रयोग नहीं होता | जैसे – ओउम प्रयत्न के आधार पर:- जीभ के प्रयत्न के आधार पर तीन भेद है। 1. अग्र स्वर :– जिन स्वरों के उच्चारण में ...

तत्व किसे कहते हैं? परिभाषा एवं प्रकार! ( Tatv Kise Kahate Hain )

इस लेख में तत्व ( Elements ) विषय से सम्बन्धित सभी जानकारी मिलेगी जैसे कि – तत्व किसे कहते हैं? परिभाषा एवं प्रकार! ( Tatv Kise Kahate Hain ) आदि । तो चलिए आगे जानते है इन सभी प्रश्नों के बारे में ” उत्तर “ । तत्व किसे कहते हैं? ( What are the Elements Called ) तत्व किसे कहते हैं :— वे पदार्थ जो एक ही प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बने होते है , तत्त्व ( Elements ) कहलाते हैं । तत्त्व के प्रकार ( Type of Element ) तत्त्व 2 प्रकार के होते हैं — ( 1 ). धातु और , ( 2 ). अधातु आदि । ( 1 ). धातु ( Metal ) अवस्था — सभी धातुएं सामान्य तापमान पर ठोस होती हैं । पारा ( Mercury ) सामान्य तापमान पर द्रव के रूप में होता है । आघात वर्धनीयता — धातुओं को पीटकर चादर ( Sheet ) में बदला जा सकता है । सोना सबसे अच्छा आघात वर्धनीय धातु है । तन्यता — धातुओं को खींचकर तारों में बदला जा सकता है । सोना सबसे ज्यादा तन्य धातु है । ध्वानिक — धातु टकराने पर ध्वनि उत्पन्न करती हैं । चमकीलापन — सभी धातुएं चमकीली होती हैं । कठोरता — कठोर होती हैं लेकिन सोडियम और पोटैशियम नरम होते हैं । इन्हें चाकू से काटा जा सकता है । चालकता — सभी धातुएं ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होती हैं । चाँदी सबसे अच्छी सुचालक हैं । भंगुरता — धातुएं आसानी से नहीं टूटती हैं । घनत्व — घनत्व बहुत ज्यादा होता है । गलनांक और क्वथनांक बिन्दु — गलनांक बहुत ऊँचा होता है । सोडियम और पोटैशियम का यह बिन्दु बहुत कम होता है । ( 2 ). अधातु ( Non-Metal ) अवस्था — अधातुएं सामान्य तापमान पर तीनों अवस्थाओं में मिलती हैं । • ठोस — कार्बन , सल्फर , फॉस्फोरस • द्रव — ब्रोमीन • गैस — हाइड्रोजन , ऑक्सीजन , नाइट्रोजन , क्लोरीन आघात वर्धनीयता — अधातुओं को पीटकर...

इतिहास किसे कहते हैं

इतिहास किसे कहते है – itihaas kise kahate hain इतिहास किसे कहते हैं(itihas kise kahate hain )अक्सर इस सवाल का उत्तर जानने की जिज्ञासा लाखों लोगों में होती है। तभी तो हजारों लोग इस प्रश्न का जवाव गूगल पर जानना चाहते हैं। इतिहास से अभिप्राय उने विगत घटनाओं से है। जिसमें देश समाज, ब्रह्मांड से जुड़ी हुई समस्त पिछली घटनाओ और उन घटनाओं के विषय में अवधारणाओं का उल्लेख किया जाता है। इतिहास किसे कहते हैं – ITIHAAS KISE KAHATE HAIN इतिहास का अर्थ – itihaas ka arth kya hai इतिहास का शाब्दिक अर्थ की बाद की जाय तो यह हिन्दी के दो शब्दों के मेल से बना है। इति और हास, इति का मतलब होता है बीती हुई और हास का मतलब कहानी से है। इस प्रकार इतिहास का अर्थ (itihas ka arth) होता है बीती हुई कहानी। इस प्रकार इसे इस रूप में समझा जा सकता है, की इतिहास वह शास्त्र है जिसमें विगत घटित घटनाओं के बारें में हमें जानकारी मिलती है। इतिहास के प्रकार ऊपर आपने इतिहास के अर्थ के बारें में जाना की इतिहास से क्या अभिप्राय है। अब हम इतिहास की उपयोगिता और इतिहास के प्रकार के बारें में जानते हैं। इतिहास को वर्गीकृत करना कठिन है। लेकिन सुविधा की दृष्टि से इतिहास को मुख्य रूप से भागों में बांटा जा सकता है। • प्राचीन इतिहास • मध्यकालीन इतिहास • आधुनिक इतिहास READ खूबसूरत सिटी पैलेस जयपुर का इतिहास | City palace Jaipur history in Hindi इस वर्गीकरण के अलावा भी इतिहास के और भी प्रकार हो सकते हैं। सामाजिक इतिहास, साँस्कृतिक इतिहास, राजनीतिक इतिहास, धार्मिक इतिहास, आर्थिक इतिहास इत्यादि। इतिहास क्या है परिभाषा– itihas ki paribhasha kya hai अक्सर लोग इतिहास की परिभाषा जानना चाहते हैं की इतिहास क्या है। इतिहास की परिभाषा इन ...

kavak kya hai । कवक (kavak ) । कवक से उत्पन्न होने वाला बीमारी

By July 22, 2022 kavak kya hai : इसका दूसरा नाम फफूंद भी है । इसे बढ़ने का समय है । जब आंद्रता बढ़ने लगता है । उस समय में फफूंद की संख्या बढ़ने लगती है । साथ में वर्षा ऋतू में फफूंद की संख्या बढ़ना प्रारम्भ हो जाती है । मछली के अंडे, स्पान, नवजात शिशु एंव बड़ी मछलिया जल्दी फफूंद से परेशान हो जाती है । kavak kya hai इसकी परिभाषा निचे बताने की कोशिस करते है । Table of Contents • • • • • • • • • • कवक की परिभाषा : यदि kavak kya hai इसकी परिभाषा कहाँ जाये तो इसकी परिभाषा होता है – वैसा जीव जो परजीवी या मृतोपजीवी होते हैं। जो बीजाणुओं के द्वारा जनन करते हैं। तथा सर्वव्यापी होते हैं । उसे कवक के अंतर्गत रखा जाता है । यह बहुकोशिकीय जिव होता है । इसकी प्रजनन बीजाणुओं के द्वारा होता है । इनका शरीर विभिन्न प्रकार के तंतुओ द्वारा बना होता है । यह जिव आपस में मिलकर तंतु जाल बना लेते है । कवक भूमि पर जो कचरा पदार्थ पड़ा हुआ रहता है । उसे अपघटित करके दूसरे पदार्थ में परिवर्तित कर देता है । दूसरे रूप में बदले हुए पदार्थ उर्वरक के रूप में काम करता है । कुछ कवक तो ऐसे भी होते है । जिसे खाने में भी प्रयोग किया जाता है । बहुत से खाने वाले कवक में से एक का नाम मशरूम है । जिसमे काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है । कवक एंव ईस्ट का प्रयोग किण्वन द्वारा शराब में किया जाता है । कवक का लक्षण : जब कवक प्रभाव करता है, उसका लक्षण है:- (i) इसके प्रभाव से जबड़े फूल जाता है । और अंधापन आने लगता है । (ii) पैक्टोरलफिन और काँडलफिन के जोड़ पर खून जमा हो जाता है । (iii) रोगग्रस्त भाग पर रुई के सामान गुच्छे प्रभाव दिखाने लगता है । (iv) जिस मछली में कवक प्रभाव कर देता है । उसमें मछली कमजोर और सुस्त हो जाता है । कवक द...

अवलोकन किसे कहते हैं? » Avalokan Kise Kehte Hain

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। अवलोकन शब्द अंग्रेजी भाषा में जोश का शब्द होता है वह ऑब्जरवेशन होता है इसका अर्थ होता है देखना परीक्षण निरीक्षण या कार्य कारण या पारस्परिक संबंधों को जानने के लिए स्वाभाविक रूप से घटित होने वाली घटनाओं का सूक्ष्म निरीक्षण करना है avalokan shabd angrezi bhasha mein josh ka shabd hota hai wah Observation hota hai iska arth hota hai dekhna parikshan nirikshan ya karya kaaran ya paarasparik sambandhon ko jaanne ke liye swabhavik roop se ghatit hone wali ghatnaon ka sukshm nirikshan karna hai अवलोकन शब्द अंग्रेजी भाषा में जोश का शब्द होता है वह ऑब्जरवेशन होता है इसका अर्थ होता है द