केदारनाथ कहां पर है

  1. यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ का रूटमैप, जानिए रजिस्ट्रेशन के 5 तरीके और जरूरी सामानों की लिस्ट
  2. केदारनाथ
  3. Kedarnath Dham : केदारनाथ के पट खुले
  4. केदारनाथ नगर
  5. Kedarnath Kahan Hai
  6. ऋषिकेश से केदारनाथ कैसे जाएं, कहां ठहरें
  7. केदारनाथ धाम कहाँ स्थित है?


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यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ का रूटमैप, जानिए रजिस्ट्रेशन के 5 तरीके और जरूरी सामानों की लिस्ट

• यमुनोत्री- 22 अप्रैल 2023 • गंगोत्री- 22 अप्रैल 2023 • केदारनाथ- 25 अप्रैल 2023 • बद्रीनाथ- 27 अप्रैल 2023 सवाल: चारधाम की शुरुआत कहां से होती है और वहां तक पहुंचने का रास्ता क्या है? जवाब: पारंपरिक तौर से चारधाम यात्रा पश्चिम से पूर्व की तरफ की जाती है। इसका मतलब यह यमुनोत्री से शुरू होती है। इसके बाद गंगोत्री, केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ में यात्रा पूरी होती है। चारधाम की कुल यात्रा 1,607 किलोमीटर की है। इस यात्रा की शुरुआत हरिद्वार या ऋषिकेश में गंगास्नान करने के बाद होती है। अब चारधाम यात्रा का रोड मैप और उससे जुड़ी जानकारी जानते हैं... आपकी सुविधा के लिए हम अलग-अलग रोड मैप दे रहे हैं ताकि जिन्हें चारधाम यात्रा में से किसी एक या दो धाम की भी यात्रा करनी है वो आसानी से जा सकते हैं। यात्रा शुरू करने का पॉइंट हमने जान-बूझकर देश की राजधानी दिल्ली चुना है, क्योंकि यहां से कनेक्टिविटी अच्छी है। इसके साथ जो लोग पहली बार जा रहे हैं उन्हें रूट समझने में भी दिल्ली से आसानी होगी। यमुनोत्री उत्तराखंड के गढ़वाल का सबसे पश्चिमी मंदिर यमुनोत्री है। यमुनोत्री यमुना नदी का उद्गम स्थल है। यह देवी यमुना मंदिर और जानकी चट्टी के पवित्र तापीय झरनों के लिए जाना जाता है। यमुना मंदिर का निर्माण टिहरी गढ़वाल के महाराजा प्रताप शाह ने करवाया था। फेमस जगह और मंदिर: यमुनोत्री मंदिर, सप्तऋषि कुंड, सूर्य कुंड, दिव्य शिला, हनुमानचट्टी, खरसाली। बद्रीनाथ बद्रीनाथ अलकनंदा नदी के बाएं से समुद्र तल से 3133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां भगवान विष्णु का मंदिर है। फेमस जगह और मंदिर: पांडुकेश्वर, योगध्यान बद्री मंदिर, माणा गांव, सतोपंथ झील, तप्त कुंड, नीलकंठ शिखर, चरण पादुका, माता मूर्ति मंदिर, नारद कुंड, भीम ...

केदारनाथ

आज हम आपको भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगो में से एक व उत्तराखण्ड के रुपद्रप्रयाग जिले में स्थित बाबा केदारनाथ की यात्रा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं । यहां आप कैसे आये, कहां रुके, यात्रा में कितना खर्च आयेगा, साथ ही हैलीकॉप्टर से यात्रा पर कितना खर्च आयेगा, इसके बारे में देगें पूरी जानकारी । चार धाम यात्रा करने के लिए क्लिक करें सबसे पहले बात करते हैं ट्रेन की- तो यहां आने के लिये आप उत्तराखण्ड में स्थित हरिद्वार, ऋषिकेश, या देहरादून रेलवे स्टेशन में से किसी भी रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं । लेकिन भारत के सभी प्रदेशों से ज्यातर ट्रेनें देहरादून या हरिद्वार ही आती हैं । आपको बता दें कि केदारनाथ पहुंचने के लिये इन तीनों ही स्टेशन से आपको वाया रोड टैक्सी या बस से उत्तराखण्ड के सोनप्रयाग पहुंचना होगा । देहरादून रेलवे स्टेशन से सोनप्रयाग की दूरी 250 कि0मी0 है, हरिद्वार रेलवे स्टेशन से सोनप्रयाग की दूरी 235 कि0मी0 है, जबकि ऋषिकेश से सोनप्रयाग की दूरी सबसे कम 210 कि0मी0 है । केदारनाथ पहुंचने के लिये जो नजदीकी हवाई अड्डा ज़ॉली ग्राण्ट एयर पोर्ट देहरादून में स्थित है । यहां पहुंचकर भी आपको वाया रोड टैक्सी या बस से ही उत्तराखण्ड के सोनप्रयाग पहुंचना होगा । और आगर आप अपने निजी वाहन से आ रहे हैं तो भी आपको सोनप्रयाग ही पहुंचना होगा । इसके आगे का सफर आप निजी वाहन से नहीं कर सकते । अब बात करते हैं हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट पहुंच आप आगे का सफर कैसे करेंगे । रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट से निकल आप बस या टैक्सी करके सीधे सोनप्रयाग पहु्ंच सकते हैं । बसें आपको सुबह 05 बजे से देर शाम तक मिलती हैं । लेकिन मेरी राय में आप सुबह जल्दी ही 05 से 07 के बीच निकल लें क...

Kedarnath Dham : केदारनाथ के पट खुले

उत्तराखंड में केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट खुल चुके हैं. इस दौरान शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की मौजूदगी में पूजा-अर्चना की गई. बता दें केदारनाथ मंदिर, 12 शिवलिंग मंदिरों में से एक है. यह मंदिर 6 महीने खुला रहता है, जबकि साल के दूसरे 6 महीने यह बंद रहता है. लेकिन कोरोना के चलते 2020 से यहां श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति नहीं थी. अगर आप भी केदारनाथ की यात्रा करने का विचार बना रहे हैं, तो पहले कुछ जरूरी जानकारी जान लें. कौन कर सकते हैं यात्रा उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) ने कोविड महामारी के चलते श्रद्धालुओं की संख्या निश्चित की हुई है. रोजाना 12,000 श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन की अनुमति होगी. जबकि बद्रीनाथ में 15,000 और गंगोत्री में 7,000 व यमुनोत्री में 4,000 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गई है. इसके लिए श्रद्धालुओं को कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या कोरोना नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाना जरूरी नहीं है, बता दें उत्तराखंड में फिलहाल कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में है. कैसे पहुंचे केदारनाथ केदारनाथ धाम उत्तराखंड मे स्थित है. यहां सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो करीब 201 किलोमीटर दूर स्थित है. लेकिन बड़ा स्टेशन गौरीकुंड से आखिरी की 16 किलोमीटर की यात्रा पैदल करनी होती है, इस दौरान यात्री खच्चर की सवारी करना भी चुन सकते हैं. अगर आप पैदल जाना चाहते हैं, तो चढ़ाई वाली यह यात्रा सुबह 8 बजे गौरीकुंड से शुरू होती है, शाम तक आप केदारनाथ पहुंच सकते हैं. इसके लिए आप गुप्तकाशी, सोनभद्र या गौरीकुंड कहीं लॉकर व्यवस्था का भी लाभ ले सकते हैं. दूसरी तरफ गुप्तकाशी से सीधे केदारनाथ के लिए हेलिक...

केदारनाथ नगर

श्रीकेदारनाथ का मंदिर ३,५९३ मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ एक भव्य एवं विशाल मंदिर है। इतनी ऊँचाई पर इस मंदिर को कैसे बनाया गया, इस बारे में आज भी पूर्ण सत्य ज्ञात नहीं हैं। यहाँ तक पहुँचने के दो मार्ग हैं। पहला १४ किमी लंबा पक्का पैदल मार्ग है जो [ भ्रमण [ ] यहां स्थापित प्रसिद्ध केदारनाथ आने के लिए आवागमन [ ] हिमालय के पवित्र तीर्थों के दर्शन करने हेतु तीर्थयात्रियों को रेल, बस, टैक्सी आदि के द्वारा हरिद्वार आना चाहिए। हरिद्वार से उत्तराखंड की यात्राओं के लिए साधन उपलब्ध होते हैं। हरिद्वार से केदारनाथ की दूरी 247 किलोमीटर है। हरिद्वार से गौरीकुण्ड 233 किलोमीटर की यात्रा मोटरमार्ग से की जाती है, जबकि गौरी कुण्ड से केदारनाथ तक 14 किलोमीटर की दूरी पैदल मार्ग से जाना पड़ता है। पैदल चलने में असमर्थ व्यक्ति के लिए गौरी कुण्ड से घोड़ा, पालकी, पिट्ठू आदि के साधन मिलते हैं। यह यात्रा हरिद्वार से चित्रदीर्घा [ ] • • अवधी • Български • বাংলা • বিষ্ণুপ্রিয়া মণিপুরী • Cebuano • Deutsch • डोटेली • English • Esperanto • Español • فارسی • Suomi • Français • ગુજરાતી • Italiano • ಕನ್ನಡ • Lietuvių • मैथिली • Malagasy • मराठी • Bahasa Melayu • नेपाली • नेपाल भाषा • Nederlands • ଓଡ଼ିଆ • ਪੰਜਾਬੀ • Polski • پنجابی • Русский • संस्कृतम् • ᱥᱟᱱᱛᱟᱲᱤ • Svenska • தமிழ் • తెలుగు • Українська • اردو • Tiếng Việt • 中文 • Bân-lâm-gú

Kedarnath Kahan Hai

Kedarnath Kahan Hai | केदारनाथ कहां है | कैसे जाएं? Kedarnath Kahan Hai, केदारनाथ कहां है,केदारनाथ,केदारनाथ यात्रा का खर्च,केदारनाथ मंदिर,केदारनाथ कितने किलोमीटर है,केदारनाथ मंदिर कब खुलेगा,केदारनाथ यात्रा,केदारनाथ धाम,केदारनाथ कैसे पहुंचे,kedarnath,kedarnath temple,kedarnath helicopter booking,uttarakhand kedarnath,haridwar to kedarnath distance,kedarnath uttarakhand,kedarnath opening date 2022 Hello दोस्तों स्वागत है आपका nayiidea.com में आज हम केदारनाथ कहां है, केदारनाथ (उत्तराखंड) यात्रा का संपूर्ण वर्णन करेंगे जिसमें आपको बताएंगे केदारनाथ जाने में कुल खर्चा कितना होता है, केदारनाथ कैसे जाएं, केदारनाथ कब जाए, केदारनाथ कहां रुके, और केदारनाथ में कहां-कहां घूमे, तो इस पोस्ट में जानेंगे केदारनाथ यात्रा का संपूर्ण जानकारी। Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • Kedarnath Kahan Hai (केदारनाथ कहां है) उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ जी का मंदिर काफी प्रसिद्ध है जो कि आपने तो सुना ही होगा केदारनाथ जाने का अगर आप योजना बना रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है इस पोस्ट में मैं बताऊंगा केदारनाथ जाने का क्या क्या साधन है, केदारनाथ जाने का कुल खर्चा कितना आएगा, खाने पीने और रुकने की क्या व्यवस्था है वहां, और हम केदारनाथ में कहां-कहां घूमे और साथ ही में अगर आप पैदल यात्रा नहीं करना चाहते हैं तो वहां हेलीकॉप्टर भी चलती है और वह हेलीकॉप्टर का क्या खर्चा होगा और इसके टाइमिंग कब होगी और वह कहां कहां घूमाएगा, तो आज की इस पोस्ट में मैं केदारनाथ जी का यात्रा का संपूर्ण वर्णन करूंगा। Read More :- बागेश्वर धाम कहां है, बागेश्वर धाम कैसे...

ऋषिकेश से केदारनाथ कैसे जाएं, कहां ठहरें

अगर आप Kedarnath Yatra करने का प्रोग्राम बना रहें हैं और यह जानना चाहते हैं कि ऋषिकेश से केदारनाथ कैसे जाएं तो बने रहिए इस Late Awakening Traveler के साथ अंत तक। भगवान शिव के पावन धाम केदारनाथ मंदिर तक पहुंचने में ऋषिकेश एक ऐसा स्थान है जहां हर यात्री को आना ही पड़ता है। आप चाहे देश के किसी भी कोने से केदारनाथ धाम के लिए यात्रा कर रहे हों ऋषिकेश से ही आगे की यात्रा संभव होती है। ऋषिकेश से केदारनाथ कैसे जाएं – क्या है सबसे आसान रास्ता? पहली बार केदारनाथ Trip करने वाले सभी लोगों के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि ऋषिकेश से केदारनाथ की यात्रा कैसे करें? केदारनाथ जाने के लिए ऋषिकेश एक अहम पड़ाव है। यूं तो आप हरिद्वार से भी केदारनाथ के लिए सीधी बस ले सकते हैं लेकिन वहां आपको बस या प्राइवेट टैक्सी के इतने विकल्प नहीं मिलते जितने ऋषिकेश में मिलते हैं। कैसे पहुंचे केदारनाथ धाम यह जानने के लिए ऋषिकेश कैसे जाएं यह जानना आवश्यक है। ऋषिकेश आकर आप आगे के लिए अपनी यात्रा प्रारंभ कर सकते हैं। ऋषिकेश पहुंचने के कितने रास्ते हैं – देश के अलग-अलग हिस्सों से कैसे पहुंचे? ऋषिकेश पहुंचने के दो रास्ते हैं। एक देहरादून और दूसरा हरिद्वार। जो भी मार्ग आपको सुविधाजनक लगे आप उसी से ऋषिकेश पहुंच सकते हैं। हरिद्वार से Rishikesh की दूरी लगभग 28.2 किमी. है जबकि देहरादून से ऋषिकेश की दूरी लगभग 44.4 किमी. है।। अगर बात करें हरिद्वार से केदारनाथ कितने किलोमीटर है तो सड़क मार्ग से यह दूरी लगभग 239 किमी. पड़ती है। यदि आप यह जानना चाहते हैं हरिद्वार से केदारनाथ कैसे पहुंचे तब भी यह लेख आपकी केदारनाथ यात्रा में बहुत काम आने वाला है। केदारनाथ जाने के लिए अगर आपको Haridwar से Direct bus नहीं मिलती तो आगे की यात्रा ...

केदारनाथ धाम कहाँ स्थित है?

केदारनाथ धाम भारत देश के उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह समुद्र तल से 22000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जो ऋषिकेश से गौरीकुंड की दूरी 211 किलो०मीटर है। गाैरीकुण्ड से 18 किलो०मीटर की पैदल यात्रा केदारनाथ धाम तक पहुँचा जा सकता है। जरूरी नहीं है कि आप पैदल यात्रा करें। यहां पर दो प्रकार के वैकल्पिक साधन (1)- हेलीकॉप्टर (पवन हंस) के द्वारा फाटा रामपुर से और सीतापुर से केदारनाथ के लिए हवाई यात्रा भरता है (2)- दूसरी घाेडे खच्चर, सीतापुर और गाैरीकुण्ड की यात्री काे बैठाकर केदारनाथ पहुंचा जा सकता है। Table of Contents केदारनाथ का परिचय केदारनाथ पवित्र धाम में से एक धाम माना जाता है। यह एक प्राचीन मंदिर है। माना है कि जब दाे धाम की यात्रा पूरी कर देते हाे तब तीसरा धाम केदारनाथ आता है। माना जाता जाता है कि यह मंदिर माला के राजा ईस भूज ने इसका निर्माण कराया था। जिसका शासन 1076ई० से 1099ई० के बीच हुआ था। माना जाता है कि केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित किया जाता है। तथा कलयुग में आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का निर्माण किया था। केदारनाथ से मंदाकिनी नदी निकलती है। माना जाता है कि केदारनाथ के पांच रूप में माना जाता है।(1) केदारनाथ- पंचमुखी (2) तुंगनाथ- शिव की भूजाएँ। (3) रुद्रनाथ- मुक (4) मद्महेश्वर- नाभी (5) कल्पेश्वर- जटा Also Read: केदारनाथ का (कथा), इतिहास एक बार की बात है। कि हिमालय पर्वत की शिखा पार विष्णु के अवतार ऋषि नर और नारायण तपस्या कर रहे थे। उनके अराधना से प्रचलित होकर भगवान शिव प्रकट हुए। उन्हें ज्योतिर्लिंग के अनुसार सदा वास करने का वर प्रदान किया। माना जाता है कि पांडव युद्ध में भ्राता हत्या से मुक्त होना चाहतें थें। परन्तु भगवान शंकर का आशीर्वाद प...