केदारनाथ में बर्फ कब पड़ेगी

  1. Snow set in Kedarnath up to 5 feet due to snowfall for three days
  2. Kedarnath Thirteen days of snowfall in the journey of 15 way being cut through ice
  3. Snowfall and rain in Kedarnath Dham 2 inches snow accumulated in the temple and devotees shivering
  4. Video: केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी, पूरे क्षेत्र में बर्फ की मोटी परत
  5. 400 साल तक बर्फ में दबे रहे केदारेश्‍वर मंदिर के 6 रहस्य
  6. भारी बर्फबारी में करने वाले हैं केदारनाथ की चढ़ाई, इन बातों का जरूर रखें ख्याल
  7. 400 साल तक बर्फ में दबा रहा केदारनाथ धाम : चारधाम यात्रा पर विशेष
  8. Lalit Maharaj Yoga In Amidst Snowfall In Kedarnath Dham. केदारनाथ धाम में 7 फीट बर्फ के बीच तपस्या कर रहे हैं ललित महाराज, योग से भगाते हैं ठंड. Lalit Maharaj Kedarnath. ललित महाराज केदारनाथ


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Snow set in Kedarnath up to 5 feet due to snowfall for three days

गुरुवार को भी जिले में मौसम पूरी तरह खराब रहा। सुबह से ही निचले इलाकों में रिमझिम बारिश होती रही जबकि केदारनाथ, मदमहेश्वर, तुंगनाथ, चन्द्रशिला, रामबाड़ा, लिंचौली आदि स्थानों पर भारी बर्फबारी हो रही है। गुरुवार को केदारनाथ में बर्फबारी के चलते वुड स्टोन के 30, लोनिवि डीडीएमए के 80 मजदूर वापस आ गए हैं। केदारनाथ में पुर्ननिर्माण कार्य न होने के चलते मजदूर वापस आए हैं। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ में वुड स्टोन, लोनिवि डीडीएमए, पुलिस और ऊर्जा निगम के कुल 168 कर्मचारी और मजदूर थे। गुरुवार को वुड स्टोन और डीडीएमए के 110 लोग वापस आ गए हैं। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड में मजदूरों को रहने की व्यवस्था की जाएगी। जैसे ही केदारनाथ में बर्फ कम होगी तो उन्हें पुर्ननिर्माण कार्य के लिए दोबारा केदारनाथ भेजा जाएगा। इधर, केदारनाथ में गुरुवार को काफी ठंड हो गई है। यहां रह रहे कर्मचारी और मजदूर अलाव का सहारा लेकर कमरों में दुबके हुए हैं। वुड स्टोन के प्रभारी मनोज सेमवाल ने बताया कि मजदूरों के लिए बर्फ से बचने की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। केदारनाथ में मौजूद वुड स्टोन के देवेंद्र बिष्ट ने बताया कि बीती रात से लगातार बर्फबारी हो रही है। केदारपुरी में 5 फीट से अधिक बर्फ गिर चुकी है।

Kedarnath Thirteen days of snowfall in the journey of 15 way being cut through ice

केदारनाथ धाम में बर्फबारी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। धाम के कपाट खुले 15 दिन हो चुके हैं। इनमें केवल दो दिन ऐसे रहे, जब बर्फबारी नहीं हुई। मंगलवार शाम भी केदारनाथ में बर्फबारी हुई। जबकि, सोमवार देर रात लगातार तीन घंटे तक धाम में बर्फबारी हुई। इस दौरान यात्रियों के टेंटों में आधा फीट तक बर्फ जम गई। केदारनाथ में तैनात पुलिस कर्मियों ने मौसम की परवाह किए बिना बर्फ हटाकर टैंटों को टूटने से बचाया। केदारनाथ के कपाट 22 अप्रैल को खुले थे। तब से मंगलवार तक केवल दो दिन ऐसे रहे, जब धाम में बर्फबारी नहीं हुई। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि, केदारनाथ धाम में कब बर्फबारी हो जाए, कहा नहीं जा सकता है। लेकिन मई माह में लगातार बर्फबारी, कम ही देखी गई है। धाम में कड़ाके की सर्दी को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस और बीकेटीसी ने मंदिर परिसर के साथ ही अन्य कई जगहों पर अलाव की व्यवस्था की है। सोनप्रयाग में 5 हजार यात्री रोके रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में खराब मौसम और बर्फबारी के चलते मंगलवार को सोनप्रयाग से दोपहर 1 बजे बाद तीर्थयात्रियों को केदारनाथ नहीं भेजा गया। करीब 5 हजार यात्री सोनप्रयाग में रोके गए। हेमकुंड के लिए पहला जत्था 17 को रवाना होगा हेमकुंड साहिब के लिए यात्रियों का का पहला जत्था ऋषिकेश से 17 मई को रवाना होगा। श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात कर यह जानकारी दी। हेमकुंड के कपाट 20 मई को खुलेंगे।

Snowfall and rain in Kedarnath Dham 2 inches snow accumulated in the temple and devotees shivering

Snowfall and rain in Kedarnath Dham 2 inches snow accumulated in the temple and devotees shivering | केदारनाथ धाम में बर्फबारी व बारिश: मंदिर परिसर में 2 इंच बर्फ जमा, ठिठुरने लगे श्रद्धालु | Hindi News, Uttar Pradesh केदारनाथ धाम में बर्फबारी व बारिश: मंदिर परिसर में 2 इंच बर्फ जमा, ठिठुरने लगे श्रद्धालु रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी: भगवान केदारनाथ धाम में कल देर रात तक बर्फबारी और बारिश होती रही, जिससे यहां का तापमान लुढक गया. इस बर्फबारी से केदारनाथ की चारों ओर की पहाडियां बर्फ से लद गईं, यहां तक कि मंदिर परिसर में 2 इंच के आसपास बर्फ जमा हो गई. केदारनाथ धाम में इस सीजन की यह पहली बर्फबारी है. जो श्रद्धालु इस बर्फबारी के समय केदारनाथ धाम में उपस्थित थे, वे लोग ठिठुर रहे थे, पर साथ ही जय बम-बम भोले के जयकारे के साथ बर्फबारी का भी आन्नंद ले रहे थे. अभी भी केदारनाथ के कुछ क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं तो कहीं हल्की सी धूप खिली हुई है. लोग अपनी दुकानों से बर्फ हटा रहे हैं. सुबह के समय का दृश्य तो अदृभुत था, सुनहरी धूप से पूरी केदारपुरी चांदी की तरह चकम उठी थी. इस ठंडे मौसम में भी श्रदालु लगातार दर्शन के लिए आ रहे थे और भगवान भोले के जयकारे लगा रहे है. उधर गंगोत्री और यमुनोत्री में भी बर्फबारी, फिलहाल गोमुख रूट बंद उधर उत्तरकाशी में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी कल रात को हल्की बर्फबारी हुई. धाम की आसपास की पहाड़ियों पर बर्फ गिरी. बर्फबारी होने से तापमान में गिरावट आ गई है. मौसम खराब होने और बीते रात हुई बर्फबारी के कारण गोमुख ट्रैक पर पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय ने बताया कि इस इलाके में बर्फ गिरने कीवहज से अपने सावधानी...

Video: केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी, पूरे क्षेत्र में बर्फ की मोटी परत

उत्तराखंड के उच्च पहाड़ी इलाके बर्फ से ढक गए हैं. केदारनाथ धाम में भी भारी बर्फबारी हुई. भारी हिमपात के कारण पूरे क्षेत्र में बर्फ की मोटी परत देखने को मिली. न्यूज एजेंसी ANI ने इसका वीडियो साझा किया है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि पूरा कि मंदिर परिसर भी पूरी तरह बर्फ से ढक गया है. पूरा धाम क्षेत्र बर्फ की सफेदी से ढका दिख रहा है. Heavy Snowfall in Joshimath: भू-धंसाव के बीच जोशीमठ में भारी बर्फबारी, बढ़ी ठंड (Watch Video) वीडियो में आप भी केदारनाथ धाम के दर्शन करें. — ANI_HindiNews (@AHindinews) (SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.) • LIVE Biparjoy Cyclone: गुजरात में बिपरजॉय का कहर, भारी बारिश जारी, सैकड़ों पेड़ और खंभे उखड़े, PM मोदी ने CM भूपेंद्र से की बात • Mithun Chakraborty Turns 73:मिथुन चक्रवर्ती की 5 ऐसी बेहतरीन फिल्में जो आपको जरूर देखनी चाहिए, 'डिस्को डांसर' से लेकर 'अग्नीपथ' जैसी फिल्मों में 'मिथुन दा' ने मचाया था धमाल • International Picnic Day 2023: क्यों जरूरी है अंतर्राष्ट्रीय पिकनिक दिवस मनाना? जानें इस दिवस का इतिहास, महत्व एवं सेलिब्रेशन! • Ashes Series 2023: एशेज सीर...

400 साल तक बर्फ में दबे रहे केदारेश्‍वर मंदिर के 6 रहस्य

भारतीय राज्य उत्तराखंड में गिरिराज हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सर्वोच्च केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर बना हुआ है। रहस्यों से भरे इस केदारनाथ धाम और मंदिर के संबंध में कई कथाएं जुड़ी हुई हैं। आओ जानते हैं कि कब और क्यों केदारनाथ का मंदिर 400 साल तक बर्फ में दबा रहा और क्या है इस मंदिर के पांच रहस्य। केदारनाथ धाम में एक तरफ करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदार, दूसरी तरफ 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड का पहाड़। न सिर्फ 3 पहाड़ बल्कि 5 नदियों का संगम भी है यहां- मं‍दाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी। इन नदियों में अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी आज भी मौजूद है। इसी के किनारे है केदारेश्वर धाम। यहां सर्दियों में भारी बर्फ और बारिश में जबरदस्त पानी रहता है। यह मंदिर कटवां पत्थरों के भूरे रंग के विशाल और मजबूत शिलाखंडों को जोड़कर बनाया गया है। 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर खड़े 85 फुट ऊंचे, 187 फुट लंबे और 80 फुट चौड़े मंदिर की दीवारें 12 फुट मोटी हैं। यह आश्चर्य ही है कि इतने भारी पत्थरों को इतनी ऊंचाई पर लाकर व तराशकर कैसे मंदिर की शक्ल दी गई होगी? खासकर यह विशालकाय छत कैसे खंभों पर रखी गई? पत्थरों को एक-दूसरे में जोड़ने के लिए इंटरलॉकिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह मंदिर मौजूदा मंदिर के पीछे सर्वप्रथम पांडवों ने बनवाया था, लेकिन वक्त के थपेड़ों की मार के चलते यह मंदिर लुप्त हो गया। तब इस मंदिर का निर्माण 508 ईसा पूर्व जन्मे और 476 ईसा पूर्व देहत्याग गए आदिशंकराचार्य ने करवाया था। इस मंदिर के पीछे ही उनकी समाधि है। इसका गर्भगृह अपेक्षाकृत प्राचीन है जिसे 80वीं शताब्दी के लगभग का माना जाता है। पहल...

भारी बर्फबारी में करने वाले हैं केदारनाथ की चढ़ाई, इन बातों का जरूर रखें ख्याल

अगले कुछ दिनों तक बिगड़ा रहेगा मौसम का मिजाज मौसम विभाग ने पूरे उत्तराखंड में मौसम बिगड़ने की चेतावनी दी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चारों धाम में बर्फबारी होने की वजह से मौसम काफी ठंडा हो गया है। इस वजह जगह-जगह यात्री फंस गये हैं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 1 मई तक मौसम में खास सुधार होने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में बर्फबारी, बिजली गिरने और तेज बारिश होने की संभावना है। केदारनाथ यात्रा में गौरीकुंड के पास पर्याप्त संख्या में रेनशेल्टर नहीं होने की वजह से यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। हालांकि प्रशासन यात्रियों की मदद करने के लिए पूरी तरह से तत्पर है। अगर पैदल चढ़ने का लिया है फैसला अगर आपने केदारनाथ की दुर्गम चढ़ाई को पैदल पूरा करने का फैसला लिया है, तो समझ लें कि मौसम के बिगड़े हालातों में आपकी चढ़ाई और भी कठिन होने वाली है। गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर तक की दूरी 16 किमी की है। आप भीमबली, रामबाड़ा, लिंचोली, घोड़ा पड़ाव के रास्ते मंदिर तक पहुंचेंगे। जरूर बरतें ये सावधानियां • ऊंचे पहाड़ पर स्थित केदारनाथ मंदिर साल में 6 महीने बर्फ से ढंका रहता है। लेकिन बर्फ पिघलने के बाद भी केदारनाथ घाटी में ठंड काफी ज्यादा रहती है। इसलिए यात्रा के 6 महीनों के दौरान यहां लगातार ठंड बनी रहती है। • केदारनाथ में घाटी से लेकर पहाड़ तक, मौसम कभी भी बिगड़ सकता है। इसलिए बारिश से बचने के लिए रेनकोट, वॉटरप्रुफ जूते और बैग के लिए रेनकवर जरूर साथ में रखें। • केदारनाथ की यात्रा शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से फुल चेकअप जरूर करवा लें। कहीं ऐसा ना हो कि रास्ते में अचानक आपकी तबियत बिगड...

400 साल तक बर्फ में दबा रहा केदारनाथ धाम : चारधाम यात्रा पर विशेष

Hindi News / Nation / Kedarnath Dham buried in snow for 400 years 400 साल तक बर्फ में दबा रहा केदारनाथ धाम : चारधाम यात्रा पर विशेष 26-05-2022 : 02:30 pm || भारतीय राज्य उत्तराखंड में गिरिराज हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सर्वोच्च केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मंदिर। इस संपूर्ण क्षेत्र को केदारनाथ धाम के नाम से जाना जाता है। यह स्थान छोटा चार धाम में से एक है। केदारनाथ धाम और मंदिर के संबंध में कई कथाएं जुड़ी हुई हैं। शिवलिंग उत्पत्ति का रहस्य पुराण कथा अनुसार हिमालय के केदार श्रृंग पर भगवान विष्णु के अवतार महातपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या करते थे। उनकी आराधना से प्रसन्न होकर भगवान शंकर प्रकट हुए और उनके प्रार्थनानुसार ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा वास करने का वर प्रदान किया। यह स्थल केदारनाथ पर्वतराज हिमालय के केदार नामक श्रृंग पर अवस्थित है। पांडव कथा कहा जाता है जब पांडवों को स्वर्गप्रयाण के समय शिवजी ने भैंसे के स्वरूप में दर्शन दिए थे जो बाद में धरती में समा गए लेकिन पूर्णतः समाने से पूर्व भीम ने उनकी पुंछ पकड़ ली थी। जिस स्थान पर भीम ने इस कार्य को किया था उसे वर्तमान में केदारनाथ धाम के नाम से जाना जाता है। एवं जिस स्थान पर उनका मुख धरती से बाहर आया उसे पशुपतिनाथ (नेपाल) कहा जाता है। पुराणों में पंचकेदार की कथा नाम से इस कथा का विस्तार से उल्लेख मिलता है। केदार घाटी में दो पहाड़ हैं नर और नारायण पर्वत। विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण ऋषि की यह तपोभूमि है। दूसरी ओर बद्रीनाथ धाम है जहां भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। कहते हैं कि सतयुग में बद्रीनाथ धाम की स्थापना नारायण ने की थी। इसी आशय को शिवपुराण के कोटि रुद्र संहिता मे...

Lalit Maharaj Yoga In Amidst Snowfall In Kedarnath Dham. केदारनाथ धाम में 7 फीट बर्फ के बीच तपस्या कर रहे हैं ललित महाराज, योग से भगाते हैं ठंड. Lalit Maharaj Kedarnath. ललित महाराज केदारनाथ

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड के सभी जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही रही है और लोगों के ऊपर ठंड का कहर बढ़ता ही जा रहा है. जहां उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के अधिकतम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी दिखाई दे रही है तो वहीं मैदानी जिलों में कड़ाके की ठंड के कारण लोगो को कोहरे की मार झेलनी पड़ रही है. चार धाम में अत्यधिक बर्फबारी हो रही है. बात करें केदारनाथ धाम की तो केदारनाथ धाम में भी जमकर बर्फबारी हो रही है. धाम में अभी तक करीब 7 फीट तक बर्फ गिर चुकी है. बाबा केदार के कपाट बंद होने के बाद से भक्तों के लिए बाबा का धाम बंद है. इस समय भारी बर्फबारी व कंपकपाती ठंड के बीच केदारनाथ धाम से पुनर्निर्माण के काम में लगे मजदूर पहले ही नीचे लौट चुके हैं लेकिन बाबा केदार के भक्त साधु ललित महाराज अब भी वहीं तपस्या में लीन हैं. चारों तरफ गिरी बर्फ और जमा देने वाली ठंड भी इनकी साधना के आगे बेअसर दिखती है. ललित महाराज वर्ष भर साढ़े 11 हज़ार फीट की ऊंचाई में, केदारनाथ धाम में माइनस 10 डिग्री तापमान की कडकडाती सर्दी में बाबा केदार का ध्यान करते हुए योगमुद्रा में समाधि की अवस्था मे रहते है. आपको बता दें की वर्षों से ललित महाराज की यही दिनचर्या है. वे असहनीय ठंड के बावजूद केदारनाथ धाम में डटे रहते हैं. जमा देने वाली ठंड के बीच भी भक्ति में लीन हैं. बता दें की केदारनाथ मंदिर से लगभग 200 मीटर दूर पुराने गढ़वाल मंडल विकास निगम गेस्ट हाउस में ललित महाराज का आश्रम है. ललित महाराज पिछले कई वर्षों से कपाट बंद होने के बाद भी केदारनाथ में रहते हैं और आवारा पशुओं की सेवा के अलावा, वह यात्रा के मौसम में हर दिन तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन भी करते हैं. हर साल लाखों लोग भंडारा में शामिल होते हैं. यात्रा श...