केदारनाथ से बद्रीनाथ की दूरी

  1. बद्रीनाथ से केदारनाथ की दूरी और सही रास्ता
  2. केदारनाथ कैसे पहुंचे
  3. केदारनाथ से बद्रीनाथ के बीच घूमने के अच्छे स्थान
  4. 12 ज्योतिर्लिंग में से एक हिमालय पर्वत की गोद में बसा केदारनाथ मंदिर!
  5. दिल्ली से केदारनाथ कैसे जाएं? । केदारनाथ कहाँ स्थित है?
  6. केदारनाथ का इतिहास, केदारनाथ मंदिर की स्थापना कब हुई? केदारनाथ में कौन से भगवान हैं? केदारनाथ कब जाएं? केदारनाथ का नाम कैसे पड़ा? केदारनाथ यात्रा कब से कब तक? केदारनाथ कपाट कब खुलेंगे 2021? केदारनाथ कैसे जाये?


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बद्रीनाथ से केदारनाथ की दूरी और सही रास्ता

बद्रीनाथ से केदारनाथ की दूरी लगभग 245 किलोमीटर है। 245 किलोमीटर की दूरी में बद्रीनाथ से गौरीकुंड का सड़क मार्ग और गौरीकुंड से केदारनाथ का 18 किलोमीटर का पैदल ट्रेक शामिल है। गौरीकुंड से 5 किलोमीटर पहले सोनप्रयाग जगह है जहाँ सभी वाहनों की पार्किंग होती है। बद्रीनाथ से सोनप्रयाग की सड़क मार्ग दूरी तय करने में लगभग 7 से 8 घंटे का समय लग जाता है। बद्रीनाथ से केदारनाथ जाने के दो सड़क मार्ग हैं। बद्रीनाथ से हेलीकाप्टर द्वारा केदारनाथ के पास फाटा, गुप्तकाशी या सिरसी हेलिपैड पहुंचा जा सकता है। फाटा, गुप्तकाशी और सिरसी हेलिपैड से केदारनाथ के लिए हेलीकाप्टर बुकिंग की जा सकती है। सड़क मार्ग द्वारा बद्रीनाथ से केदारनाथ | Badrinath to Kedarnath Distance by Road | बद्रीनाथ से बस, टैक्सी या निजी वाहन द्वारा सोनप्रयाग पहुंचा जाता है। केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग ही सबसे निकटतम बस स्टेशन है। सभी प्रकार के वाहनों की सोनप्रयाग में ही पार्किंग होती है। यहाँ से सार्वजानिक वाहन द्वारा 5 किलोमीटर की सड़क दूरी तय कर गौरीकुंड पहुंचा जाता है। गौरीकुंड से 18 किलोमीटर का पैदल ट्रेक करने के बाद यात्री केदारनाथ मंदिर पहुंचते हैं। बद्रीनाथ से केदारनाथ जाने का सबसे छोटा रास्ता | Badrinath to Kedarnath Best Short Distance Route 1 | बद्रीनाथ से केदारनाथ जाने का सबसे छोटा रास्ता चोपता-ऊखीमठ होते हुए है। चोपता-ऊखीमठ होते हुए बद्रीनाथ से केदारनाथ की सड़क दूरी लगभग 210 किलोमीटर है। इस रास्ते से जाने के लिए यात्रियों को ऊखीमठ के बाद “कुंद” स्थान से गुप्तकाशी के लिए मुड़ना होता है। चोपता की घाटियों का आनंद लेते हुए गुप्तकाशी से होकर आसानी से केदारनाथ पहुंचा जा सकता है। यह मार्ग कम दूरी का है लेकिन सड़कें ज्यादा अच्छी न होन...

केदारनाथ कैसे पहुंचे

उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रताप जिले में स्थित केदारनाथ के नाम से आप लोग जरूर बाक़िफ़ होंगे दोस्तों केदारनाथ यात्रा जाने की आप भी अगर प्लान बना रहे है तो ये लेख आपके जरूर काम आएगा । आज के इस लेख में आप जानेंगे केदारनाथ कैसे पहुंचे , केदारनाथ यात्रा कैसे करे , कहाँ रुके , कब जाये , और साथ में केदारनाथ जाने का खर्चा कितना होगा इन सभी प्रश्नो का जबाब आपको इस लेख में मिल जायेगा इसके लिए आपसे अनुरोध है की अंत तक पढ़े । और साथ ही साथ अगर आप पैदल यात्रा नहीं करना चाहते तो हेलीकप्टर से यात्रा की जानकारी और उसका खर्चा क्या होगा टाइमिंग क्या होगी और कहाँ से मिलेगा । केदरनाथ में 2013 में आयी आपदा की बजह से पहाड़ की विशाल चट्टान मंदिर में पीछे आकर स्थित हो गया था जिसकी बजह से बाढ़ के दौरान पानी की धार दो अलग अलग हिस्सों में बट गयी जिससे मंदिर को किसी प्रकार की नुकशान नहीं हुयी ये सब प्रभु की महिमा है । इतनी बड़ी आपदा के बाबजूद भी मंदिर को जरा भी चोट नहीं आयी. Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • केदारनाथ कैसे पहुंचे केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए भारत के मुख्य 3 यातायात सुबिधाओं के द्वारा पंहुचा जा सकता है जैसे – ट्रैन , हवाई जहाज और बस । जानकारी के लिए बता दू आप चाहे किसी भी माद्यम से केदरनाथ पहुंचना चाहे तो आपको सोनप्रयाग तक के लिए ही बस या पर्सनल कार से आ सकते है आगे का रास्ता आपको घोड़े , खच्चर या फिर सोनप्रयाग से प्राइवेट टैक्सी मिलेंगी जो आपको गौरी कुंड तक पंहुचा देंगे । इसके आगे की यात्रा 16 किलोमीटर पैदल चढ़ाई बाले मार्ग पर चलना पड़ेगा । बया रेलगाड़ी अगर आप ट्रैन से केदारनाथ दर्शन के लिए जा रहे है तब आपके पास 3 बिकल्प है हरिद्वार , ऋषिकेश और देहरादून रेलवे स्टेशन यदि आ...

केदारनाथ से बद्रीनाथ के बीच घूमने के अच्छे स्थान

केदारनाथ और बद्रीनाथ उत्तराखंड चार धाम यात्रा के प्रमुख मंदिर हैं। उत्तराखंड चार धाम यात्रा के दौरान लाखों लोग केदारनाथ दर्शन के बाद बद्रीनाथ पहुँचते हैं। केदारनाथ से बद्रीनाथ मार्ग पर पर्यटकों के घूमने के लिए काफी अच्छे स्थान हैं। इस मार्ग की न्यूनतम दूरी 245 किलोमीटर है जिसमें केदारनाथ से गौरीकुंड तक का 18 किलोमीटर पैदल ट्रेक भी शामिल है। गौरीकुंड से बद्रीनाथ की दूरी तय करने में लगभग 7-8 घंटे का समय लग जाता है। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि केदारनाथ से बद्रीनाथ सड़क मार्ग पर पड़ने वाले वो कौन से पर्यटक स्थान हैं जहाँ हर पर्यटक को जाना चाहिए। केदारनाथ से ऊपर लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर चोराबाड़ी ताल है। यहाँ गाँधी जी की अस्थियां विसर्जित की गयी थी इसलिए इसे गांधी सरोवर ताल के नाम से भी जाना जाता है। चोराबाड़ी ताल, बमक ग्लेशियर से बनी एक सुंदर झील है। चोराबारी ताल समुद्र तल से 3,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित साफ़ पानी की एक छोटी सी झील है। यहाँ से आसपास के हिमालय की चोटियों के शानदार दृश्य देखने को मिलते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस झील के पास भगवान शिव ने सप्तऋषियों को योग का ज्ञान दिया था। झील तक पहुँचने के लिए केदारनाथ से लगभग 3 किलोमीटर का पैदल ट्रेक है। इस ट्रेक को सुबह जल्दी कर लेना चाहिए क्योंकि यहाँ का मौसम तेजी से बदलता है। 3 किमी का ट्रेक केदारनाथ के लोहे के पुल से शुरू होता है और गांधी सरोवर(चोराबाड़ी झील) पर समाप्त होता है। ट्रेक आसान है। केदारनाथ से ऊपर लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर वासुकी ताल है। वासुकी झील केदारनाथ की खूबसूरत पहाड़ियों में समुद्र तल से लगभग 4135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक मनमोहक झील है। वासुकी ताल ट्रेक उत्तराखंड के प्रसिद्ध ट्रेक में से एक है। मा...

12 ज्योतिर्लिंग में से एक हिमालय पर्वत की गोद में बसा केदारनाथ मंदिर!

• ख़बरें और राजनीति Menu Toggle • राजनीति • प्रचलन-Trending • खास खबर • अवश्य पढ़ें Menu Toggle • विचार-विमर्श • व्यक्तित्व • प्रेरणा • खाना खजाना • स्वास्थ्य और सेहत Menu Toggle • Adult Health • जीवन शैली Menu Toggle • रिश्ते नाते • वेश-भूषा & सुंदरता • सैर सपाटा • आध्यात्म • लालन-पालन • तकनीक Menu Toggle • काम के उपकरण • मोटर-गाड़ी • क्रिप्टो करेंसी • मुफ़्त में मिलेगा Menu Toggle • किताबें • एप्स & सॉफ्टवेर • जुगाड़ • पैसा और सफलता Menu Toggle • स्टार्टअप • उद्यमिता • शेयर बाजार • व्यापार ज्ञान • पढाई लिखाई • रोज़गार Menu Toggle • सरकारी नौकरी • सरकारी योजना • मनोरंजन Menu Toggle • टीवी – ओ.टी.टी. • सिनेमा-OTT • टॉप लिस्ट • अज़ब ग़जब • सुनो कहानी • गैलरी • वीडियो • जानकारियां Menu Toggle • इतिहास • ज्योतिष • समाधान • रहस्य • ENG Menu Toggle • Submit Post • Privacy Policy Menu Toggle • Terms & Policy • Comments Policy • Disclaimer • Terms of Submission भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित हिंदुओं का प्रसिद्ध मंदिर है केदारनाथ। उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। यह मंदिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिए खुलता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पांडवों के पौत्र महाराजा जनमेजय ने कराया था और आदि शंकराचार्य ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। यह मंदिर एक 6 फुट ऊंचे चौकोर चबूतरे पर बना हुआ है। मंदिर में मुख्य भाग मंडप और गर्भगृह के चारों ओर प्रदक्षिणा पथ है। बाहर प्रांगण में नंदी बैल वाहन के रूप में विराजमान हैं। उत्तराखंड त्रासदी में ऐसे हुआ चमत्कार: जून 2013 के दौरान भारत के उत्तराखंड में अचानक आई बाढ़ और भूस्...

दिल्ली से केदारनाथ कैसे जाएं? । केदारनाथ कहाँ स्थित है?

केदारनाथ जी के तीर्थ पुजारी इस क्षेत्र के प्राचीन ब्राह्मण हैं, उनके पूर्वज इस स्वयंभू ज्योतिर्लिंग की पूजा ऋषि-मुनि भगवान नर-नारायण के समय से करते आ रहे हैं, जिनकी संख्या उस समय 360 थी। पांडवों के पोते राजा जनमेजय ने उन्हें इस मंदिर में पूजा करने का अधिकार दिया था और तब से वे तीर्थयात्रियों से पूजा करवा रहे हैं। आदि गुरु शंकराचार्य के समय से, दक्षिण भारत के जंगम समुदाय के रावल और पुजारी मंदिर में शिव लिंग की पूजा करते हैं, जबकि तीर्थयात्रियों की ओर से इन तीर्थ पुरोहित ब्राह्मणों द्वारा पूजा की जाती है। मंदिर के सामने याजकों के पास अपने मेहमानों और अन्य यात्रियों के लिए पक्की धर्मशालाएँ हैं, जबकि मंदिर के पुजारियों और अन्य कर्मचारियों की इमारतें मंदिर के दक्षिण की ओर हैं। दिल्ली से केदारनाथ कैसे जाएं? केदारनाथ कहाँ स्थित है? केदारनाथ कहाँ स्थित है? । where is Kedarnath located केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित हिन्दुओं का प्रसिद्ध मंदिर है। उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है। पत्‍थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पाण्डवों के पौत्र महाराजा जन्मेजय ने कराया था। यहाँ स्थित शंभु शिवलिंग अति प्राचीन है। आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया। केदारनाथ का तापमान और ऊंचाई? । Kedarnath temperature and altitude केदारनाथ मन्दिर समुद्र तल से 11686 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गर्मियों के समय में केदारनाथ कैसे ...

केदारनाथ का इतिहास, केदारनाथ मंदिर की स्थापना कब हुई? केदारनाथ में कौन से भगवान हैं? केदारनाथ कब जाएं? केदारनाथ का नाम कैसे पड़ा? केदारनाथ यात्रा कब से कब तक? केदारनाथ कपाट कब खुलेंगे 2021? केदारनाथ कैसे जाये?

Facebook Twitter WhatsApp Email Messenger गिरिराज हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सर्वोच्च केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग। केदारनाथ धाम और मंदिर तीन तरफ पहाड़ों से घिरा है। एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड। न सिर्फ तीन पहाड़ बल्कि पांच ‍नदियों का संगम भी है यहां- मं‍दाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी। इन नदियों में से कुछ का अब अस्तित्व नहीं रहा लेकिन अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी आज भी मौजूद है। इसी के किनारे है केदारेश्वर धाम। यहां सर्दियों में भारी बर्फ और बारिश में जबरदस्त पानी रहता है। यह उत्तराखंड का सबसे विशाल शिव मंदिर है, जो कटवां पत्थरों के विशाल शिलाखंडों को जोड़कर बनाया गया है। ये शिलाखंड भूरे रंग के हैं। मंदिर लगभग 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर बना है। इसका गर्भगृह अपेक्षाकृत प्राचीन है जिसे 80वीं शताब्दी के लगभग का माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में अर्धा के पास चारों कोनों पर चार सुदृढ़ पाषाण स्तंभ हैं, जहां से होकर प्रदक्षिणा होती है। अर्धा, जो चौकोर है, अंदर से पोली है और अपेक्षाकृत नवीन बनी है। सभामंडप विशाल एवं भव्य है। उसकी छत चार विशाल पाषाण स्तंभों पर टिकी है। विशालकाय छत एक ही पत्थर की बनी है। गवाक्षों में आठ पुरुष प्रमाण मूर्तियां हैं, जो अत्यंत कलात्मक हैं। 85 फुट ऊंचा, 187 फुट लंबा और 80 फुट चौड़ा है केदारनाथ मंदिर। इसकी दीवारें 12 फुट मोटी हैं और बेहद मजबूत पत्थरों से बनाई गई है। मंदिर को 6 फुट ऊंचे चबूतरे पर खड़ा किया गया है। यह आश्चर्य ही है कि इतने भारी पत्थरों को इतनी ऊंचाई पर लाकर तराशकर कैसे मंदिर की शक्ल ‍दी गई होग...