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  1. कॉपर टी (Copper T) क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे करें?
  2. कॉपर टी क्या है, इसके फायदे और नुकसान
  3. Copper T Removal Importance


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कॉपर टी (Copper T) क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे करें?

शादी के बाद हर कपल फैमिली प्लानिंग के बारे में सोचता है। ऐसे में उन्हें अनचाहे गर्भ की चिंता सबसे ज्यादा सताती है। इससे बचने के लिए वह गर्भनिरोध के ऐसे तरीको को ढूंढ रहे होते हैं, जो उन्हें इस चिंता से निकाल सकें। गर्भनिरोध के विभिन्न तरीकों में कॉपर टी भी एक ऑप्शन है, जिसका उपयोग करके अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है। कॉपर टी एक अंतरगर्भाशय उपकरण है, जो काफी प्रभावी होता है। इससे 5 साल तक आपको गर्भवती होने के तनाव से राहत मिल जाएगी। कॉपर टी (Copper T) क्या है? कॉपर टी प्लास्टिक की एक छोटी पिननुमा चीज होती है, जिसपर तांबे का तार लिपटा होता है। यह एक अंतरगर्भाशय उपकरण है, जिसे महिलाएं कॉपर टी अंग्रेजी अक्षर T के आकार की होती है। इसको झुकाकर महिला के गर्भ में डाला जाता है। एक बार जब कॉपर टी सही तरह से डाल लिया जाए, तो फिर यह युग्मनज और गर्भाशय की दीवारों के बीच बाधा के रूप में कार्य करने लगता है। इससे महिला [mc4wp_form id=”183492″] और पढ़ें: क्या इसका उपयोग सुरक्षित है? (is copper T safe) बहुत सारी महिलाओं में इसे लेकर कंफ्यूजन रहता है कि उनके लिए यह सुरक्षित होगा या नहीं। उनके दिमाग में यह सवाल आना लाजमी भी है। इसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भ को टालने की यह तकनीक बेहद प्रभावशाली है। इसे गर्भाशय में आसानी से फिट किया जा सकता है। यह गर्भाशय में बनने वाले एग को स्पर्म से फर्टिलाइज नहीं करने देती है। बस इसके लिए एक बात का खास ख्याल रखना चाहिए और वो यह है कि गर्भ को रोकने के लिए आप जिस कॉपर टी को लगवा रहे हैं, उसकी क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए। यदि कुछ समय बाद आपका मूड बदल जाता है और आप प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो आप इसे कभी भी निकलवाकर गर्भधारण कर सकती हैं। कॉपर टी में खास ब...

कॉपर टी क्या है, इसके फायदे और नुकसान

कॉपर टी क्या है, इसके फायदे और नुकसान – Copper T in Hindi कॉपर टी एक ऐसी युक्ति है जिसका उपयोग महिलाओं के अनचाहे गर्भ को रोकने में मदद मिलती है । कॉपर टी कोई नेचुरल उपचार नही है, जहां पर कॉपर टी से एक ओर लाभ मिलता है वहीं दूसरी तरफ कई घातक परिणाम भी देखने को मिलते है। कॉपर टी शुक्राणु की गति को प्रभावित करते हैं और प्रजनन कोशिकाओं को अंडे तक पहुंचने और निषेचन से रोकते हैं। कॉपर टी एक निषेचित अंडे को चिपके रहने से रोकने के लिए गर्भाशय के अस्तर को भी बदल सकते हैं। हार्मोनलकॉपर टी, गर्भाशय को मोटा होने के लिए खुलने पर तरल पदार्थ बना सकता है, जिससे शुक्राणु निकलते हैं। यह हार्मोन को बदलकर ओव्यूलेशन को भी प्रभावित कर सकता है जिसके कारण हर महीने एक अंडा निकलना बंद हो जाता है। ( ये भी पढ़िए – कॉपर IUD, कॉपर टी क्या है ? – Copper T Kya Hai कॉपर टी – (Copper T) कॉपर टी एक छोटा सा प्लास्टिक उपकरण है, जिसके चारों ओर तांबे के तार लिपटे होते हैं और अंत तक एक अच्छा नायलॉन धागा जुड़ा होता है। इस उपकरण को गर्भाशय के माध्यम से योनि में स्थापित कर दिया जाता है। जब तक आप अपनी उंगली को अपनी योनि के अंदर नहीं डालते तब तक आप इसको महसूस नहीं कर सकते। कॉपर टी एक छोटा प्लास्टिक T- आकार का उपकरण है जिसमें प्रोजेस्टोजन होता है। यह हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का एक सिंथेटिक संस्करण है जो महिलाएं स्वाभाविक रूप से बनाती हैं। डिवाइस में एक कोटिंग (झिल्ली) होती है जो गर्भाशय में प्रोजेस्टोजन की सप्लाई को नियंत्रित करती है। कॉपर आईयूडी की तरह, यह एक अच्छा नायलॉन धागा है जो अंत में जुड़ा हुआ है ताकि जाँच करना आसान हो जाए। ( ये भी पढ़िए– कॉपर टी के फायदे –Copper t ke Fayde • कॉपर और हार्मोनल आईयूडी दोनों ही गर्भावस...

Copper T Removal Importance

आज के समय में महिलाओ के लिए गर्भनिरोध के लिए कई तरह के विकल्प मौजूद हैं। दवाइयों से लेकर आईयूडी का इस्तेमाल करना अब बेहद आम हो चुका है। आईयूडी जिसे महिलाएं कॉपर टी कहकर भी पुकारती हैं, लंबे समय तक न्म नियंत्रण का एक अत्यधिक प्रभावी तरीका हैं। कॉपर टी के इस्तेमाल का एक लाभ यह भी है कि अगर महिला कभी गर्भवती होने की इच्छा करती है तो वह बिना किसी परेशानी के इसे बेहद आसानी से निकलवा भी सकती हैं। हालांकि यह देखने में आता है कि कई बार महिलाएं कॉपर टी लगवाने के बाद उसे निकलवाती ही नहीं है। आपको यह समझने की आवश्यकता है कि कॉपर टी की अपनी एक लाइफ होती है और उसके बाद उसे निकलवाना कई मायनों में महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आप अभी तक इससे अनजान हैं, तो चलिए आज इस लेख में Fortis La Femme Hospital की सीनियर कंसल्टेंट गायनेकालॉजिस्ट डॉ. अनीता गुप्ता आपको इस बारे में बता रही हैं- किस तरह काम करती है आईयूडी आईयूडी एक छोटा, टी-आकार का उपकरण होता है जिसे डॉक्टर एक साधारण प्रक्रिया के दौरान गर्भाशय में डालते हैं। आमतौर पर आईयूडी कॉपर बेस्ड व हार्मोन बेस्ड होती है। एक बार लगाने के बाद, ये उपकरण 3 से 10 साल के बीच गर्भधारण को रोकते हैं। इस समय के बाद, इसे बदलना आवश्यक है। ऐसा न करने से प्रेग्नेंसी और इंफेक्शन दोनों की संभावना बढ़ जाती है। जहां कॉपर आधारित आईयूडी डालने के बाद 12 साल तक गर्भधारण को रोकते हैं। इस समय के बाद उन्हें गर्भाशय से हटा देना चाहिए। वहीं, हार्मोनल-आधारित आईयूडी के अलग-अलग लाइफस्पेन होते हैं। कुछ ब्रांड गर्भावस्था को 3 साल तक रोक सकते हैं, जबकि अन्य 6 साल तक काम करते हैं।( जानिए आईयूडी के टाइप्स) इसे जरूर पढ़ें- क्या आईयूडी अन्य बर्थकंट्रोल विकल्पों की तुलना में है अधिक प्रभाव...