कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र pdf

  1. प्रातः स्मरण मंत्र (Shloka)
  2. Paise Ke Liye Mantra
  3. pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र
  4. सुबह का मंत्र कराग्रे वसते लक्ष्मी


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प्रातः स्मरण मंत्र (Shloka)

सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से पहले प्रातः स्मरण करना चाहिए, क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है, कि जैसे ही आप सुबह उठते हैं, अपना पैर पृथ्वी पर रखने से पहले आपको अपने हाथों को देखना चाहिए, उसके बाद कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र को बोलना चाहिए. ऐसा इसलिए करना चाहिए क्योंकि कहा जाता है, कि इस कराग्रे वसते लक्ष्मी मंत्र (Pratah Smaran Mantra) Lyrics in Hindi PDF With Meaning कराग्रेवसतेलक्ष्मी:,करमध्येसरस्वती। करमूलेतुगोविन्द:,प्रभातेकरदर्शनम॥१॥ इस संपूर्ण श्लोक का अर्थ है – हाथ के अग्रभाग में धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है, तथा मध्य भाग में सरस्वती, मूल भाग में गोविंद अर्थात भगवान विष्णु का निवास होता है, यह सभी देवी देवता आपके दिन को मंगलमय करें. समुद्रवसनेदेवि!पर्वतस्तनमंड्ले। विष्णुपत्नि!नमस्तुभ्यंपाद्स्पर्श्मक्षमस्वे॥२॥ अर्थ – साथ ही आगे कहा गया है, कि समुद्ररूपी वस्त्र को पहनने वाली, जिसने पर्वतों को धारण किया हुआ है, भगवान विष्णु की पत्नी पृथ्वी मुझे माफ करें, क्योंकि उन्हें मेरे पैरों का स्पर्श होता है, इसलिए क्षमायाचना करता हूँ। ब्रह्मामुरारीस्त्रिपुरांतकारी भानु:शाशीभूमिसुतोबुधश्च। गुरुश्चशुक्र:शनि-राहु-केतवः कुर्वन्तुसर्वेममसुप्रभातम॥३॥ अर्थ – तीनों देवता ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश तथा सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु एवं केतु यह सभी ग्रह एवं सभी देव मेरे प्रभात को शुभ एवं मंगलमय करें. सनत्कुमार:सनक:सन्दन: सनात्नोप्या सुरिपिंलग्लौच। सप्तस्वरा:सप्तरसातलनि कुर्वन्तुसर्वेममसुप्रभातम॥४॥ अर्थ – ब्रह्मा जी के मानस पुत्र बाल ऋषि सनत कुमार सनक सनन्दन तथा सनातन तथा आसुरी एवं छंदो का ज्ञान कराने वाले मुनि पिंगल जी को मेरे सुप्रभात को मंगलमय करें. साथ ही ब्रह...

Paise Ke Liye Mantra

5 Kamane Ke Liye Mantra – Paiso ke Liye Mantra – Paise Kamane Ke Liye Mantra Paise Ke Liye Mantra हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी और देवता एक विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति करते हैं। यदि मां लक्ष्मी धन की देवी हैं, तो कुबेर उनके पुरुष समकक्ष हैं। हर कोई अपनी इच्छाओं को पूरा करने के उद्देश्य से भगवान की पूजा करता है और धन, सौभाग्य, शांति और प्रचुरता का आशीर्वाद प्राप्त करता है, जो किसी भी इंसान के लिए एक शांतिपूर्ण और तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए महत्वपूर्ण तत्व हैं। जो आर्थिक रूप से स्थिर है। केवल कड़ी मेहनत ही हमें कभी-कभी धन और समृद्धि को आकर्षित करने में मदद नहीं करती है, हमें अच्छे भाग्य की आवश्यकता होती है जो देवताओं के आशीर्वाद के साथ होता है। देवी लक्ष्मी जो धन और भाग्य की देवी हैं, जो लोगों को धन और सौभाग्य प्रदान करती हैं। सौभाग्य और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए कुछ शक्तिशाली लक्ष्मी मंत्र हैं जिनका हर कोई जाप कर सकता है और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। लक्ष्मी मंत्र जिसे धन मंत्र भी कहा जाता है, धन मंत्र छोटे, शक्तिशाली कथन हैं जो आप नियमित रूप से और जोर से घोषित करते हैं ताकि आपको अपने धन का आत्मविश्वास बढ़ाने, अपने जीवन में प्रचुरता को आकर्षित करने और अपने लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद मिल सके। अगर दिन की शुरुआत शुभ हो तो पूरे दिन शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस दुनिया में हर कोई सफलता हासिल करना चाहता है और उसके लिए कड़ी मेहनत भी करता है। लेकिन जरूरी नहीं मेहनत करने वाले को सफलता ही मिले। क्यूंकि बहुत से लोग कड़ी मेहनत के बावजूद भी जीवन में कभी कामयाब नहीं हो पाते है। आज हम आपको पैसे कमाने के तीन मंत्र बताने जा रहे हैं, जिनसे आप रातों रात माला-माल हो सकते ह...

pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र

Post Views: 890 pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र बोधवचनानि – बोधदायक वचन 1. सत्यं वद- सत्य बोलो 2. धर्मं चर- धर्म का आचरण करो 3. मातृदेवो भव- माता को देव मानो 4. पितृदेवो भव- पिता को देव मानो 5. आचार्यदेवो भव- आचार्य को देव मानो 6. अतिथिदेवो भव- अतिथि को देव मानो 7. स्वाध्यायान्मा प्रमद:- स्वाध्याय में प्रमाद मत करो 8. श्रद्धया देयम्- श्रद्धा से दो pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र करदर्शनम् कराग्रे वसते लक्ष्मी: करमध्ये सरस्वती। करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम् ॥1॥ पृथ्वी का वंदन समुद्रवसने देवि! पर्वतस्तनमण्डले। विष्णुपनि! नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व मे॥2॥ जगद्गुरु श्रीकृष्ण की वन्दना वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् । देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।3 ।। माधव का वन्दन मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्। यत्कृपा तमहं वंदे परमानन्दमाधवम् ।।4।। देवियों को प्रणाम नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः। नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्म ताम् ।।5।। pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र पुण्यश्लोक पुण्यश्लोको नलो राजा पुण्यश्लोको युधिष्ठिरः। पुण्यश्लोका च वैदेही पुण्यश्लोको जनार्दनः।।6।। सात चिरंजीवी अश्वत्थामा बलिया॑सो हनुमांश्च विभीषणः। कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरजीविनः॥7॥ पाँच सतियाँ अहल्या द्रौपदी सीता तारा मंदोदरी तथा। पंच नामस्मरेन्नित्यं महापातकनाशनम् ॥8॥ सात मोक्षपुरियाँ अयोध्या मथुरा माया काशी काँची अवंतिका। पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिकाः॥9॥ नारायण का वंदन नारायणं निराकारं नरवीरे नरोत्तमम्। नृसिंह नागनाथं च तं वन्दे नरकान्तकम् ॥10॥ pratah smaranam mantra प्रातः स्मरण मंत्र रघुनंदन राम का वंदन राघवं रामचन्द्रं च राव...

सुबह का मंत्र कराग्रे वसते लक्ष्मी

सुबह का मंत्र कराग्रे वसते लक्ष्मी | karagre vasate lakshmi mantra :=>सुबह उठकर किस तरह अपने दिनचर्या शुरुआत करनी चाहिए | इस मंत्र को पढ़ने से होंगे आपको धन वैभव की कामनाएं पूर्ण और मां सरस्वती की भी कृपा आपके ऊपर पूर्णता बरसेगी सुबह का मंत्र कराग्रे वसते लक्ष्मी कराग्रे बसंती लक्ष्मी कर मध्य सरस्वती| कर मूले तू गोविंदं प्रभाते कर दर्शनम्|| हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी निवास करती है हाथ के मध्य में सरस्वती मूल में गोविंद भगवान का वास होता है| इसलिए प्रात काल हाथ का दर्शन करना चाहिए और जीवन में धन ज्ञान एवं ईश्वर को प्राप्त करना मानव के हाथ में है इस विषय में कहा गया है karagre vasate lakshmi mantra Pdf