Kri dhatu roop

  1. क्री (खरीदना) धातु के रूप
  2. Kra Dhatu Roop in Sanskrit (कृ धातु रूप)
  3. धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)
  4. Kra Roop in Sanskrit
  5. कृ (करना) धातु के रूप
  6. Kri Dhatu Roop
  7. क्री धातु के रूप संस्कृत में – Kri Dhatu Roop In Sanskrit


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क्री (खरीदना) धातु के रूप

Kri Dhatu क्री धातु (खरीदना, to buy): क्री धातु उभयपदी क्रयादिगण धातु शब्द है। अतः Kri Dhatu के Dhatu Roop की तरह क्री जैसे सभी उभयपदी क्रयादिगण धातु के धातु रूप ( क्री धातु का गण (Conjugation): क्रयादिगण, नवम् गण – Ninth Conjugation क्री का अर्थ: क्री का अर्थ खरीदना, to buy होता है। क्री (खरीदना) धातु के रूप क्री के धातु रूप (Dhatu Roop of Kri) – परस्मैपदी परस्मैपदी क्री धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में क्री धातु रूप (Kri Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं। 1. लट् लकार क्री धातु – वर्तमान काल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष क्रीणाति क्रीणीतः क्रीणन्ति मध्यम पुरुष क्रीणासि क्रीणीथः क्रीणीथ उत्तम पुरुष क्रीणामि क्रीणीवः क्रीणीमः 2. लिट् लकार क्री धातु – Past Perfect Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चिक्राय चिक्रियतुः चिक्रियुः मध्यम पुरुष चिक्रयिथ चिक्रियथुः चिक्रिय उत्तम पुरुष चिक्राय चिक्रियिव चिक्रियिम 3. लुट् लकार क्री धातु – First Future Tense or Periphrastic पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष क्रेता क्रेतारौ क्रेतारः मध्यम पुरुष क्रेतासि क्रेतास्थः क्रेतास्थ उत्तम पुरुष क्रेतास्मि क्रेतास्वः क्रेतास्मः 4. लृट् लकार क्री धातु – भविष्यत्, Second Future Tense पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष क्रेष्यति क्रेष्यतः क्रेष्यन्ति मध्यम पुरुष क्रेष्यसि क्रेष्यथः क्रेष्यथ उत्तम पुरुष क्रेष्यामि क्रेष्यावः क्रेष्यामः 5. लोट् लकार क्री धातु – अनुज्ञा, Imperative Mood पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष क्रीणातु/क्रीणीतात् क्रीणीताम् क्रीणन्तु मध्यम पुरुष क्रीणीतात्/क्रीणीहि क्रीणीतम् क्रीणीत उत्तम पुरुष क्रीणानि क्रीणाव क्र...

Kra Dhatu Roop in Sanskrit (कृ धातु रूप)

Welcome to thelearners.online. We have provided Kra Dhatu Roop in Sanskrit both text and image format. The latter is in the image format. You may download the image if you want. कृ (करना) – Kra ( Karana) In Text Format लट् लकार (वर्तमान काल)(Lat lakar)(Present Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करोति कुरुतः कुर्वन्ति मध्यम पुरुष करोषि कुरुथः कुरुथ उत्तम पुरुष करोमि कुर्वः कुर्मः लृट् लकार (भविष्यत् काल)(lret lakar)(Future Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करिष्यति करिष्यतः करिष्यन्ति मध्यम पुरुष करिष्यसि करिष्यथः करिष्यथ उत्तम पुरुष करिष्यामि करिष्यावः करिष्यामः लङ् लकार (भूतकाल)(Lang lakar)(Past Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अकरोत् अकुरुताम् अकुर्वन् मध्यम पुरुष अकरोः अकुरुतम् अकुरुत उत्तम पुरुष अकरवम् अकुर्व अकुर्म लोट् लकार (Lot lakar) (आदेशवाचक) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करोतु कुरुताम् कुर्वन्तु मध्यम पुरुष कुरु कुरुतम् कुरुत उत्तम पुरुष करवाणि करवाव करवाम विधिलिङ् लकार (Vidhiling lakar) (चाहिए) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष कुर्यात् कुर्याताम् कुर्युः मध्यम पुरुष कुर्याः कुर्यातम् कुर्यात उत्तम पुरुष कुर्याम् कुर्याव कुर्याम Download Image ( In Image Format ) लट् लकार (वर्तमान काल) (Lat lakar) (Present Tense) Download Image लृट् लकार (भविष्यत् काल) (lret lakar) (Future Tense) Download Image लङ् लकार (भूतकाल) (Lang lakar) (Past Tense) Download Image लोट् लकार (Lot lakar) (आदेशवाचक) Download Image विधिलिङ् लकार (Vidhiling lakar) (चाहिए) Download Image Searched Keywords: kra dhatu roop in sanskrit, kra dhatu ro...

धातु (संस्कृत के क्रिया शब्द)

धातु कहते हैं। धातु ही 'धातु' शब्द स्वयं 'धा' में 'तिन्' प्रत्यय जोड़ने से बना है। व्याकरणशास्त्र में पाँच अंगों की परम्परा दिखती है। इसीलिये 'पंचांग व्याकरण' भी प्रसिद्ध है। पाँच अंग ये हैं- सूत्रपाठ, धातुपाठ, गणपाठ, उणादिपाठ तथा लिंगानुशासन। इन पाँच अंगों में से धातुपाठ अतिमहत्वपूर्ण है। प्रायः सभी शब्दों की व्युत्पत्ति धातुओं से की जाती है। कहा गया है - सर्वं च नाम धातुजमाह । अनेकों वैयाकरणों ने धातुपाठों का प्रवचन किया है। श्रीमान अनुक्रम • 1 धातुओं से व्युत्पन्न कुछ शब्दों के उदाहरण • 2 वर्गीकरण • 3 संस्कृत में धातु रूप • 4 कुछ धातुएँ और उनके हिन्दी अर्थ • 5 इन्हें भी देखें • 6 बाहरी कड़ियाँ धातुओं से व्युत्पन्न कुछ शब्दों के उदाहरण [ ] (१) कृ (करना) संज्ञा: कार्य, उपकरण, कर्मन्, ' क्रिया: करोति, नमस्कुरु, प्रतिकरोमि, कुर्मः (२) भू (होना) संज्ञा: भवन, प्रभाव, वैभव, भूत, उद्भव, भविष्य, विशेषण: भावी, भावुक, भावात्मक, भौगोलिक क्रिया: भविष्यति, अभवं, अभव, संभवेत्, संभवामि (३) गम् (जाना) संज्ञा: गति, आगन्तुक, जगत्, संगम, प्रगति, अन्तर्गामित्व, गन्ता विशेषण: गमनशील, सर्वगत, निर्गामी, सुगम, क्रिया: संगच्छ, निर्गच्छति, उपगमिष्यामि, वर्गीकरण [ ] पाणिनीय धातुपाठ में धातुओं के निम्नलिखित वर्ग हैं- 1. भ्वादि (भू +आदि) 2. अदादि (अद् +आदि) 3. जुहोत्यादि 4. दिवादि 5. स्वादि 6. तुदादि 7. रुधादि 8. तनादि 9. क्र्यादि ( क्री + आदि; "कृ +आदि" नहीं ) 10. चुरादि संस्कृत में धातु रूप [ ] परस्मैपद पद की सभी लकारों की धातु रुप सरंचना १. लट् लकार (वर्तमान काल, Present Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष ति तस् (तः) अन्ति मध्यम पुरुष सि थस् (थः) थ उत्तम पुरुष मि वस् (वः) मस् (मः) क्रि...

Kra Roop in Sanskrit

कृ (करना, to do) धातु के रूप | Kra Dhatu Roop in Sanskrit Kra Dhatu Roop in Sanskrit – कृ धातु का अर्थ है ‘करना, to do’। यह तनादिगण तथा उभयपदी धातु है। सभी तनादिगण धातु के कृ धातु के रूप (Dhatu Roop of Kra) – परस्मैपद 1 . लट् लकार (वर्तमान काल, Present Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करोति कुरुतः कुर्वन्ति मध्यम पुरुष करोषि कुरुथः कुरुथ उत्तम पुरुष करोमि कुर्वः कुर्मः 2. लृट् लकार (भविष्यत काल, Future Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करिष्यति करिष्यत: करिष्यन्ति मध्यम पुरुष करिष्यसि करिष्यथ: करिष्यथ उत्तम पुरुष करिष्यामि करिष्याव: करिष्याम: 3. लङ् लकार (भूतकाल, Past Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अकरोत् अकुरुताम् अकुर्वन् मध्यम पुरुष अकरोः अकुरुतम् अकुरुत उत्तम पुरुष अकरवम् अकुर्व अकुर्म 4. लोट् लकार (आज्ञा के अर्थ में, Imperative Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करोतु कुरुताम् कुर्वन्तु मध्यम पुरुष कुरु कुरुतम् कुरुत उत्तम पुरुष करवाणि करवाव करवाम 5. विधिलिङ् लकार (चाहिए के अर्थ में, Potential Mood) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष कुर्यात् कुर्याताम् कुर्युः मध्यम पुरुष कुर्याः कुर्यातम् कुर्यात उत्तम पुरुष कुर्याम् कुर्याव कुर्याम 6. लुङ् लकार (सामान्य भूतकाल, Perfect Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अकार्षीत् अकार्ष्टाम् अकार्षुः मध्यम पुरुष अकार्षीः अकार्ष्टम् अकार्ष्ट उत्तम पुरुष अकार्षम् अकार्ष्व अकार्ष्म 7. लिट् लकार (परोक्ष भूतकाल, Past Perfect Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चकार चक्रतुः चक्रुः मध्यम पुरुष चकर्थ चक्रथुः चक्र उत्तम पुरुष चकर / चकार चकृव चकृम 8. लुट् लकार (अनद्य...

कृ (करना) धातु के रूप

विषय सूची • • • • • • • • • • • • • • • कृ धातु (करने के लिए) कृ धातु उभयलिंगी तानादिगण धातु के लिए शब्द है। इसलिए कृ धातु के धातु रूप की तरह, कृ जैसे सभी उभयपदी तानादिगण जड़ (धातु रूप) का धातु रूप बनाते हैं, उसी तरह संस्कृत व्याकरण में कृ धातु रूप का बहुत महत्व है। कृ धातु का संयोग तानादिगण, सातवां गण – सातवां संयोग। कृ का अर्थ क्रि का अर्थ है करना, करना। कृ धातु रूप सभी लकार (कृ के धातु रूप) परस्मैपदी कृ धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी पुरुष एवं लकारों, तीनों वचन में कृ धातु रूप (कृ धातु रूप 5 लकार): 1. कृ धातु लट् लकार – वर्तमान काल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करोति कुरुतः कुर्वन्ति मध्यम पुरुष करोषि कुरुथः कुरुथ उत्तम पुरुष करोमि कुर्वः कुर्मः Image: kri dhatu roop in sanskrit 2. लिट् लकार पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष चकार चक्रतुः चक्रुः मध्यम पुरुष चकर्थ चक्रथुः चक्र उत्तम पुरुष चकार/चकर चकृव चकृम 3. लुट् लकार पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष कर्ता कर्तारौ कर्तारः मध्यम पुरुष कर्तासि कर्तास्थः कर्तास्थ उत्तम पुरुष कर्तास्मि कर्तास्वः कर्तास्मः 4. लृट् लकार – भविष्यत् पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करिष्यति करिष्यतः करिष्यन्ति मध्यम पुरुष करिष्यसि करिष्यथः करिष्यथ उत्तम पुरुष करिष्यामि करिष्यावः करिष्यामः 5. कृ धातु लोट् लकार – अनुज्ञा पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष करोतु कुरुताम् कुर्वन्तु मध्यम पुरुष कुरुतात् कुरुतम् कुरुत उत्तम पुरुष करवाणि करवाव करवाम 6. लङ् लकार – भूतकाल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अकरोत् अकुरुताम् अकुर्वन् मध्यम पुरुष अकरोः अकुरुतम् अकुरुत उत्तम पुरुष अकरवम् अकुर्व अकुर्म 7. कृ धातु रूप विधिल...

Kri Dhatu Roop

Table of Contents • • • Kri Dhatu Roop क्री धातु रूप के पांचो लकार संस्कृत भाषा में कृ धातु का अर्थ होता है खरीदना। कृ धातु रूप के सभी लकारों में धातु रूप नीचे दिये गये हैं। कृ धातु के पांच लकार इस प्रकार है। • लट् लकार – वर्तमान काल • लोट् लकार – आदेशवाचक • लङ् लकार – भूतकाल • विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में • लृट् लकार – भविष्यत् काल • कृ धातु रूप लट् लकार – वर्तमान काल पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष क्रीणाति क्रीणीतः क्रीणन्ति मध्यम पुरुष क्रीणासि क्रीणीथः क्रीणीथ उत्तम पुरुष क्रीणामि क्रीणीवः क्रीणीमः • कृ धातु रूप लोट् लकार – आदेशवाचक पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुष क्रीणातु क्रीणीताम् क्रीणन्तु मध्यम पुरुषक्रीणीहि क्रीणीतम् क्रीणीत उत्तम पुरुष क्रीणानि क्रीणाव क्रीणाम • कृ धातु रूप लङ् लकार – भूतकाल पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुषअक्रीणात् अक्रीणीताम् अक्रीणन् मध्यम पुरुषअक्रीणाः अक्रीणीतम् अक्रीणीत उत्तम पुरुषअक्रीणाम् अक्रीणीव अक्रीणीम • कृ धातु रूप विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में इसे भी पढ़े: पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुषक्रीणीयात् क्रीणीयाताम् क्रीणीयुः मध्यम पुरुषक्रीणीयाः क्रीणीयातम् क्रीणीयात उत्तम पुरुषक्रीणीयाम् क्रीणीयाव क्रीणीयाम • कृ धातु रूप लृट् लकार – भविष्यत् काल पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन प्रथम पुरुषक्रेष्यति क्रेष्यतः क्रेष्यन्ति मध्यम पुरुषक्रेष्यसि क्रेष्यथः क्रेष्यथ उत्तम पुरुष क्रेष्यामि क्रेष्यावः क्रेष्यामः Kri Dhatu Roop Video

क्री धातु के रूप संस्कृत में – Kri Dhatu Roop In Sanskrit

• लट् लकार - वर्तमान काल • लोट् लकार - आदेशवाचक • लङ् लकार - भूतकाल • विधिलिङ् लकार - चाहिए के अर्थ में • लृट् लकार - भविष्यत् काल क्री धातु रूपलट् लकार - वर्तमान काल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष क्रीणाति क्रीणीतः क्रीणन्ति मध्यम पुरुष क्रीणासि क्रीणीथः क्रीणीथ उत्तम पुरुष क्रीणामि क्रीणीवः क्रीणीमः क्री धातु रूपलोट् लकार - आदेशवाचक पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष क्रीणातु क्रीणीताम् क्रीणन्तु मध्यम पुरुष क्रीणीहि क्रीणीतम् क्रीणीत उत्तम पुरुष क्रीणानि क्रीणाव क्रीणाम क्री धातु रूपलङ् लकार - भूतकाल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अक्रीणात् अक्रीणीताम् अक्रीणन् मध्यम पुरुष अक्रीणाः अक्रीणीतम् अक्रीणीत उत्तम पुरुष अक्रीणाम् अक्रीणीव अक्रीणीम क्री धातु रूपविधिलिङ् लकार - चाहिए के अर्थ में पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष क्रीणीयात् क्रीणीयाताम् क्रीणीयुः मध्यम पुरुष क्रीणीयाः क्रीणीयातम् क्रीणीयात उत्तम पुरुष क्रीणीयाम् क्रीणीयाव क्रीणीयाम क्री धातु रूपलृट् लकार - भविष्यकाल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष क्रेष्यति क्रेष्यतः क्रेष्यन्ति मध्यम पुरुष क्रेष्यसि क्रेष्यथः क्रेष्यथ उत्तम पुरुष क्रेष्यामि क्रेष्यावः क्रेष्यामः 10 line essay,281,10 Lines in Gujarati,1,Aapka Bunty,3,Aarti Sangrah,3,Aayog,3,Agyeya,4,Akbar Birbal,1,Antar,26,anuched lekhan,50,article,17,asprishyata,1,Bahu ki Vida,1,Bengali Essays,135,Bengali Letters,20,bengali stories,12,best hindi poem,13,Bhagat ki Gat,2,Bhagwati Charan Varma,3,Bhishma Shahni,6,Bhor ka Tara,1,Biography,140,Biology,2,Boodhi Kaki,1,Buddhapath,2,Chandradhar Sharma Guleri,2,charitra chitran,94,chhand,1,...

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