कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम

  1. कर्नाटक चुनाव परिणाम 2023:कहां मुश्किल में पड़ी बीजेपी, किन वजहों से उम्मीद से उलट आए परिणाम?
  2. कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजे 2023
  3. कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम 2023: Karnataka Assembly Election 2023 Live Results, Latest News, Photos & Videos in Hindi
  4. कर्नाटक चुनाव परिणाम 2023:क्या बीजेपी के लिए बंद हो गया दक्षिण का द्वार? लोकसभा चुनावों से पहले ये बड़ा झटका
  5. कर्नाटक में हार के बाद संगठन में बदलाव करेगी BJP, नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष के नाम पर मंथन
  6. Election Results 2023 LIVE Updates
  7. फैसले कर्नाटक में, संदेश देशभर के लिए, जानिए कैसे फ्रंटफुट पर आकर सिद्धारमैया साध रहे हैं एक तीर से कई निशाने
  8. कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम 2023: Karnataka Assembly Election 2023 Live Results, Latest News, Photos & Videos in Hindi
  9. कर्नाटक में हार के बाद संगठन में बदलाव करेगी BJP, नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष के नाम पर मंथन
  10. Karnataka Assembly Election 2023 Live Updates of Voting in hindi Know the latest updates and news about candidates of BJP Congress and JDS


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कर्नाटक चुनाव परिणाम 2023:कहां मुश्किल में पड़ी बीजेपी, किन वजहों से उम्मीद से उलट आए परिणाम?

कर्नाटक चुनाव परिणाम 2023: कहां मुश्किल में पड़ी बीजेपी, किन वजहों से उम्मीद से उलट आए परिणाम? लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें कर्नाटक में एक साल से बीजेपी के नेता हलाला, हिजाब से लेकर अजान तक के मुद्दे उठाते रहे। ऐन चुनाव के समय बजरंगबली की भी एंट्री हो गई लेकिन धार्मिक ध्रुवीकरण की ये कोशिशें बीजेपी के काम नहीं आईं। कांग्रेस ने बजरंग दल को बैन करने का वादा किया तो बीजेपी ने बजरंग दल को सीधे बजरंग बली से जोड़ दिया और पूरा मुद्दा भगवान के अपमान का बना दिया। विस्तार कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद आज मतगणना जारी है। 36 मतगणना केंद्रों पर 224 विधानसभा क्षेत्रों के वोटों की गिनती चल रही है। मतगणना में जो रुझान सामने आए हैं, उसमें भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से पिछड़ती नजर आ रही है। केंद्र में भाजपा नीत नरेंद्र मोदी की सरकार है। पीएम मोदी को वोटों का जादूगर कहा जाता है, फिर कर्नाटक में भाजपा के लिए अनुकूल माहौल क्यों नहीं बन पाया? कर्नाटक में भाजपा के हार के कारणों को ढूंढती यह रपट। कर्नाटक में बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजह मजबूत चेहरे का न होना रहा है। येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को बीजेपी ने भले ही मुख्यमंत्री बनाया हो, लेकिन सीएम की कुर्सी पर रहते हुए भी बोम्मई का कोई खास प्रभाव नहीं नजर आया। वहीं, कांग्रेस के पास डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया जैसे मजबूत चेहरे थे। बोम्मई को आगे कर चुनावी मैदान में उतरना बीजेपी को महंगा पड़ा। बीजेपी की हार के पीछे अहम वजह भ्रष्टाचार का मुद्दा भी रहा। कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ शुरू से ही '40 फीसदी पे-सीएम करप्शन' का एजेंडा सेट किया और ये धीरे-धीरे बड़ा मुद्दा बन गया। करप्शन के मुद्दे पर ही एस.ईश्वरप्पा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा...

कर्नाटक विधानसभा चुनाव नतीजे 2023

नतीजों का स्रोत चुनावी नतीजों का स्रोत भारतीय चुनाव आयोग है भारत निर्वाचन आयोग जैसे-जैसे विधानसभा, पार्टियों और उम्मीदवारों के नतीजे शेयर करेगा आप इस पन्ने पर देख पाएंगे. चुनाव आयोग द्वारा किए गए बदलाव भी आप यहां अपडेट के साथ देख सकेंगे क्रेडिट लेखक और प्रोड्यूसर: शादाब नज़्मी, डेवलपमेंट- कावेरी बिस्वास, मार्कोस गुरगेल और एडम एलेन. डेटा आंकलन और पद्धति: तज़ीन पठान. चुनाव के नतीजों के लिए स्रोत चुनाव आयोग. इलस्ट्रेशन- निकिता देशपांडे. प्रोजेक्ट: हौली फ्रैम्पटन और पढ़े • कर्नाटक विधानसभा चुनाव: राज्य से जुड़े हर सवाल का जवाब जानिए • कर्नाटक चुनावः '91 गालियां' और बजरंग दल जैसे मुद्दों का ज़मीन पर क्या असर है?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम 2023: Karnataka Assembly Election 2023 Live Results, Latest News, Photos & Videos in Hindi

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे 13 मई को आ गए जिसमें कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल कर भाजपा से सत्ता छीन ली। इसके लिए 10 मई को वोटिंग हुई थी। 224 सदस्यीय सदन में कांग्रेस ने 135सीटें जीतीं। जबकि सरकार बनाने के लिए जादुई संख्या 113 है। 2018 में 104 सीटें जीतने वाली भाजपा सिर्फ 66 सीटें ही जीत सकी जबकि जनता दल (सेक्युलर) सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गया। इस बार चार निर्दलीय चुनाव जीते। अगर विश्लेषण पर नजर डालें तो साफ है कि बीजेपी ने उत्तरी कर्नाटक के कुछ हिस्सों में खराब प्रदर्शन किया जहां वो मजबूत मानी जाती है। कांग्रेस के वोट शेयर से पता चलता है कि उसने हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है,खासकर उत्तरी कर्नाटक और पुराने मैसूरु क्षेत्र में। कांग्रेस ने 42.9 प्रतिशत वोट शेयर दर्ज किया जबकि भाजप केवल 36 प्रतिशत ही वोट हासिल कर सकी। दूसरी ओर जद (एस)ने 13.3 फीसदी वोट हासिल किए। कुल मिलाकर यह एक मुश्किल लड़ाई थी और कर्नाटक ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह एक ही पार्टी को लगातार दो बार सत्ता में वापस नहीं चुनता है। search• • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • शशिकला अन्नासाहेब जोले भाजपा जीते 73,348 7,292 Uttam Raosaheb Patil अन्य हारे 66,056 गणेश हुक्केरी कांग्रेस जीते 1,28,349 ...

कर्नाटक चुनाव परिणाम 2023:क्या बीजेपी के लिए बंद हो गया दक्षिण का द्वार? लोकसभा चुनावों से पहले ये बड़ा झटका

कर्नाटक चुनाव परिणाम 2023: क्या बीजेपी के लिए बंद हो गया दक्षिण का द्वार? लोकसभा चुनावों से पहले ये बड़ा झटका कर्नाटक के जरिए बीजेपी दक्षिण में अपना पैर पसारना चाहती थी लेकिन यहां उसे सफलता नहीं मिली है। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं और यहां बीजेपी की हार निश्चित रूप से पार्टी के लिए बड़ा झटका है। कर्नाटक में फिलहाल बीजेपी के पास 25 लोकसभा सांसद हैं जबकि कांग्रेस-जेडीएस के पास केवल 2 लोकसभा सांसद हैं। इस चुनाव परिणाम का असर बाकी राज्यों पर भी पड़ने की संभावना है राज्य में बीजेपी को तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले येदियुरप्पा को साइड लाइन करने और पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार और पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी को टिकट नहीं देने की वजह से लिंगायत समुदाय में भी नाराजगी दिखी है। ये सभी लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं और इनको नज़रअंदाज करना कहीं न कहीं पार्टी को भारी पड़ी है। वहीं, कांग्रेस के पास डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया जैसे मजबूत नेता थे और उनके सामने बोम्मई कुछ खास नहीं कर पाए। इसके अलावा, कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाया। पूरे कैंपेन में पार्टी 40 फीसदी कमीशन के मुद्दे को उठाती रही और बीजेपी इसका काट नहीं निकाल पाई। कर्नाटक की जनता ने ध्रुवीकरण की राजनीति को भी नकार दिया है। बजरंगबली का मुद्दा हो या मुस्लिम आरक्षण खत्म करने मुद्दा, बीजेपी ने अपनी तरफ से हिंदुत्व कार्ड खेलने की कोशिश तो पूरी की लेकिन कर्नाटक की जनता ने इसमें बहुत दिलचस्पी नहीं ली। जहां तक बात सियासी समीकरण की है, तो बीजेपी न ही अपने कोर वोट बैंक लिंगायत समुदाय को अपने साथ जोड़े रख पाई और ना ही दलित, आदिवासी, ओबीसी और वोक्कालिंगा समुदाय का दिल जीत सकी। इस हार के सा...

कर्नाटक में हार के बाद संगठन में बदलाव करेगी BJP, नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष के नाम पर मंथन

सूत्रों की मानें तो कर्नाटक विधानसभा में मिली बड़ी हार के बाद नलीन कुमार कतील ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा केंद्रीय नेतृत्व को दे दिया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें नए अध्यक्ष बनाए जाने तक पद पर बने रहने के लिए कहा है. बताया जा रहा है कि जल्द ही कर्नाटक बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. पार्टी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी महुर लगाएगी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव के संकेत दें दिए थे. इस बीच अब बताया जा रहा है कि जल्द ही कर्नाटक बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. पार्टी नए प्रदेश के नाम की घोषणा के साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी महुर लगाएगी. इन दोनों पदो पर कर्नाटक के जातीय समीकरणों और संगठनात्मक अनुभव को को ध्यान में रखकर दोनों पदों के नामों पर फैसला लिया जाएगा. बताया जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए लिंगायत-वोक्कालिगा और ओबीसी वोटरों को बीजेपी के प्रति लामबंद करना बहुत जरूरी है, ताकि इन समुदायों के मतदाताओं का वर्ग 2019 की तरह फिर से बीजेपी के वोट कर अगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत में बड़ी भूमिका निभाए. नलिन कतील सौंप चुके इस्तीफा- सूत्र सूत्रों की मानें तो कर्नाटक विधानसभा में मिली बड़ी हार के बाद नलीन कुमार कतील ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा केंद्रीय नेतृत्व को दे दिया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें नए अध्यक्ष बनाए जाने तक पद पर बने रहने के लिए कहा है. वैसे भी नलिन कुमार कतील का अध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पिछले साल ही पूरा हो चुका है. प्रदेश अध्यक्ष पद के ल...

Election Results 2023 LIVE Updates

चुनाव परिणाम 2023 Live Updates: कर्नाटक में किसकी बनेगी सरकार? आज जारी होंगे नतीजे Karnataka Election Results: कर्नाटक चुनाव के ज्यादात्तर एग्जिट पोल में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. हालांकि, BJP और Congress दोनों ही पार्टियों ने दावा किया है कि उन्हें कर्नाटक चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलेगा. कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस दोनों ने शुक्रवार को अपनी-अपनी रणनीति पर चर्चा की और निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधने को लेकर मंथन किया. मतदान के बाद सामने आए विभिन्न चुनावी सर्वे में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला होने के संकेत मिलने के चलते दोनों दल जीत दर्ज करने की संभावना वाले निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने पाले में करना चाहते हैं. टैप कर पढ़ें पूरी खबर... ओडिशा की झारसुगुड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतगणना शनिवार सुबह आठ बजे शुरू होगी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) निकुंज बिहारी ढल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उपचुनाव की इस सीट के लिए नौ उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मुकाबला तीन उम्मीदवारों तक ही सीमित है, जिसमें सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) की दीपाली दास, कांग्रेस के तरुण पांडे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तंकाधर त्रिपाठी शामिल हैं. कर्नाटक चुनाव के कई एग्ज़िट पोल्स में कांग्रेस-बीजेपी के पूर्ण बहुमत से दूर रहने और हंग असेंबली की स्थिति का अनुमान जताया गया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि जेडीएस किंगमेकर के रूप में बड़ी भूमिका निभा सकती है. ऐसी अटकलें थीं कि सत्ता बनाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी नेता जेडीएस से संपर्क कर रही है. लेकिन अब कांग्रेस ने इन अटकलों को खारिज कर दिय...

फैसले कर्नाटक में, संदेश देशभर के लिए, जानिए कैसे फ्रंटफुट पर आकर सिद्धारमैया साध रहे हैं एक तीर से कई निशाने

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार धड़ाधड़ फैसले ले रही है. इनमें से कुछ फैसले ऐसे हैं जिनमें आगामी चुनावों के साथ-साथ अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए भी संदेश छिपा है. पिछली सरकार के फैसलों को पलटने के क्रम में गुरुवार को सरकार ने उस धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने का फैसला किया जिसे पिछली बीजेपी (BJP) सरकार लाई थी. इतना ही नहीं पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने कन्नड़ और सामाजिक अध्ययन की किताबों में जीबी हेडगेवार और वीर सावरकर समेत विवादित लेखकों के जो भाषण शामिल किए थे, कांग्रेस सरकार ने उन भाषणों को भी हटाने का फ़ैसला किया है. अब ऐसा दावा किया जा रहा है कि सिद्धा सरकार राज्य के स्कूल-कॉलेजों में लगे हिजाब बैन को भी हटा सकती है. धर्मांतरण कानून को लेकर सिद्धा ने किया था वादा दरअसल जब बीजेपी सरकार ने विधानसभा में धर्मांतरण का कानून पास किया था तो उस समय सिद्धारमैया विपक्ष के नेता थे. उन्होंने तब कहा था कि जिस दिन कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी, उसके बाद इस कानून को वापस लिया जाएगा. अब, जब सिद्धारमैया सरकार ने कानून को रद्द करने का फैसला कर लिया है तो साफ है कि जो लोग अब अपना धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं, वो आसानी से कर सकते हैं और उन्हें डीएम की परमिशन नहीं लेनी होगी. इस फैसले के जरिए सिद्धारमैया ने पार्टी समर्थकों को भी मजबूत संदेश दिया है कि वह केवल खोखले वादे ही नहीं करते हैं बल्कि उसे लागू भी करते हैं. हेडगेवार-सावरकर पर चैप्टर हटाने का फैसला इतना हीं नहीं सिद्धारमैया कैबिनेट ने कन्नड़ और सोशल स्टडीज़ की पाठ्यपुस्तकों से आरएसएस के संस्थापक जीबी हेडगेवार और सावरकर से जुड़े चैप्टर भी हटाने का फैसला क...

कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम 2023: Karnataka Assembly Election 2023 Live Results, Latest News, Photos & Videos in Hindi

कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के नतीजे 13 मई को आ गए जिसमें कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल कर भाजपा से सत्ता छीन ली। इसके लिए 10 मई को वोटिंग हुई थी। 224 सदस्यीय सदन में कांग्रेस ने 135सीटें जीतीं। जबकि सरकार बनाने के लिए जादुई संख्या 113 है। 2018 में 104 सीटें जीतने वाली भाजपा सिर्फ 66 सीटें ही जीत सकी जबकि जनता दल (सेक्युलर) सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गया। इस बार चार निर्दलीय चुनाव जीते। अगर विश्लेषण पर नजर डालें तो साफ है कि बीजेपी ने उत्तरी कर्नाटक के कुछ हिस्सों में खराब प्रदर्शन किया जहां वो मजबूत मानी जाती है। कांग्रेस के वोट शेयर से पता चलता है कि उसने हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है,खासकर उत्तरी कर्नाटक और पुराने मैसूरु क्षेत्र में। कांग्रेस ने 42.9 प्रतिशत वोट शेयर दर्ज किया जबकि भाजप केवल 36 प्रतिशत ही वोट हासिल कर सकी। दूसरी ओर जद (एस)ने 13.3 फीसदी वोट हासिल किए। कुल मिलाकर यह एक मुश्किल लड़ाई थी और कर्नाटक ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह एक ही पार्टी को लगातार दो बार सत्ता में वापस नहीं चुनता है। search• • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • शशिकला अन्नासाहेब जोले भाजपा जीते 73,348 7,292 Uttam Raosaheb Patil अन्य हारे 66,056 गणेश हुक्केरी कांग्रेस जीते 1,28,349 ...

कर्नाटक में हार के बाद संगठन में बदलाव करेगी BJP, नए प्रदेश अध्यक्ष और नेता विपक्ष के नाम पर मंथन

सूत्रों की मानें तो कर्नाटक विधानसभा में मिली बड़ी हार के बाद नलीन कुमार कतील ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा केंद्रीय नेतृत्व को दे दिया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें नए अध्यक्ष बनाए जाने तक पद पर बने रहने के लिए कहा है. बताया जा रहा है कि जल्द ही कर्नाटक बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. पार्टी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी महुर लगाएगी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव के संकेत दें दिए थे. इस बीच अब बताया जा रहा है कि जल्द ही कर्नाटक बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. पार्टी नए प्रदेश के नाम की घोषणा के साथ ही विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भी महुर लगाएगी. इन दोनों पदो पर कर्नाटक के जातीय समीकरणों और संगठनात्मक अनुभव को को ध्यान में रखकर दोनों पदों के नामों पर फैसला लिया जाएगा. बताया जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए लिंगायत-वोक्कालिगा और ओबीसी वोटरों को बीजेपी के प्रति लामबंद करना बहुत जरूरी है, ताकि इन समुदायों के मतदाताओं का वर्ग 2019 की तरह फिर से बीजेपी के वोट कर अगामी लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत में बड़ी भूमिका निभाए. नलिन कतील सौंप चुके इस्तीफा- सूत्र सूत्रों की मानें तो कर्नाटक विधानसभा में मिली बड़ी हार के बाद नलीन कुमार कतील ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा केंद्रीय नेतृत्व को दे दिया है, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें नए अध्यक्ष बनाए जाने तक पद पर बने रहने के लिए कहा है. वैसे भी नलिन कुमार कतील का अध्यक्ष के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पिछले साल ही पूरा हो चुका है. प्रदेश अध्यक्ष पद के ल...

Karnataka Assembly Election 2023 Live Updates of Voting in hindi Know the latest updates and news about candidates of BJP Congress and JDS

- कर्नाटक में 737 ऐसे मतदान केंद्र थे, जो या तो किसी विषय पर आधारित थे या पारम्परिक तरीके से सजाये गये थे. ऐसे मतदान केंद्रों ने इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में रंग भर दिये. पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाताओं का उत्साह प्रफुल्लित कर देने वाला था. ज्यादातर का एक ही जवाब था , 'वोट डालकर मैं बहुत खुश हूं. यह मेरा अधिकार है.’ - चुनाव आयोग ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति मतदाताओं की उदासीनता को जानने-समझने के प्रयास के तहत अनोखा प्रयोग करते हुए मतदान का दिन सप्ताह के बीच में निर्धारित किया था, ताकि लोग मतदान के दिन वाली छुट्टी को अन्य छुट्टियों के साथ मिलाकर बाहर घूमने न निकल जाएं. चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘मतदान का दिन बुधवार को रखा गया. अगर यह सोमवार को होता तो, यह शनिवार, रविवार के साथ लंबी छुट्टी का आधार बन जाता. अगर मंगलवार को भी होता, तब भी एक दिन की छुट्टी लेकर बाहर घूमने जा सकते थे.... बुधवार को मतदान दिवस होने पर थोड़ी मुश्किल है.’ - निर्वाचन आयोग के अनुसार, उसने राज्य में महिलाओं द्वारा संचालित 996 मतदान केन्द्र (पिंक मतदान केन्द्र), दिव्यांगों द्वारा संचालित 239 मतदान केन्द्र और युवाओं द्वारा संचालित 286 मतदान केन्द्र बनाए थे. एक चुनाव अधिकारी के अनुसार, कर्नाटक पहला राज्य है जिसके विधानसभा चुनाव में 80 वर्ष की आयु पूरी कर चुके और घर से निकलने में अक्षम बुजुर्गों को घर से मतदान करने की सुविधा दी गई है. • कर्नाटक चुनाव में शाम 5 बजे तक 65 प्रतिशत मतदान हुआ है. मतदान में पहली बार मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे युवाओं और बुजुर्गों ने पूरे उत्साह के साथ मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया. ऐसे मतदाता बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकलकर वोट डालने पहुंचे. निर्वाचन आयोग ...