Kuber ji ki aarti

  1. आरती: भगवान श्री कुबेर जी
  2. kuber ji ki aarti : संघ प्राप्त करें Lyrics , PDF
  3. Kuber Ji Ki Aarti: भगवान श्री कुबेर जी की करें ये आरती, जीवन में धन की कभी नहीं होगी कमी
  4. Kuber Ji Ki Aarti
  5. Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics
  6. Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi / English
  7. Aarti Kuber Ji Ki


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आरती: भगवान श्री कुबेर जी

Read in English भारत के सबसे बड़े त्यौहार दीपावली का शुभ आरंभ धनतेरस से होता है, धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर एवं श्री गणेश की पूजा-आरती प्रमुखता से की जाती है। ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे । शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े । दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे । योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥ गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे । दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥ भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने । मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥ बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े । अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥ मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले । अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥ यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे । कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥ ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥ श्री कुबेर जी दूसरी प्रसिद्ध आरती

kuber ji ki aarti : संघ प्राप्त करें Lyrics , PDF

श्री कुबेर आरती | kuber ji ki aarti :->भगवान कुबेर ‘देवताओं के कोषाध्यक्ष’ और ‘यक्ष के राजा’ हैं। वह धन, समृद्धि और वैभव के सच्चे प्रतिनिधि हैं। भगवान कुबेर न केवल बांटते हैं, श्री कुबेर आरती | kuber ji ki aarti ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे । शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े । दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे । योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे । दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने । मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े । अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले । अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे । कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे… kuber ji ki aarti PDF

Kuber Ji Ki Aarti: भगवान श्री कुबेर जी की करें ये आरती, जीवन में धन की कभी नहीं होगी कमी

नई दिल्ली: सभी चाहते हैं कि उनके जीवन में पैसों से जुड़ी कोई परेशानियां न आएं. उनके पास भरपूर (kuber aarti) पैसा हो. इसके साथ ही बैंक बैलेंस बढ़ता रहे. इसके लिए लोग तरह-तरह की कोशिशें भी करते हैं. लेकिन, कोई सफल हो पाता है तो कोई रह भी जाता है. ऐसे में सबको सबसे पहले धन के देवता कुबेर याद आते हैं जो सभी देवताओं के कोषाध्यक्ष भी हैं. अगर कोई रोजाना कुबेर देव के मंत्र का 108 बार जप करने के बाद, श्री कुबरे की ये आरती करता है तो उसके जीवन में कभी भी धन की कमी (kuber maharaj ki aarti) नहीं होती. यह भी पढ़े : कुबेर की आरती (aarti of kuber bhagwan) ॐ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे। ॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे। योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं॥ ॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥ गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे। दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करे॥ ॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥ भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने। मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने॥ ॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥ बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े, अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे॥ ॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥ मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले। अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले॥ ॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे...॥ यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे । कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पा...

Kuber Ji Ki Aarti

Lyrics In English Om Jai Yaksh Kuber Hare, Swami Jai Yaksh Kuber Hare. Sharan Pade Bhagato Ke, Bhandar kuber Bhare. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Shiv Bhakto Me Bhakt Kuber Bade, Swami Bhakta Kuber Bade. Daitya Danav Manav Se, Kai-Kai Yuddh Lade. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Swarn Sinhasan Baithe, Sir Par Chhatra Phire, Swami Sir Par Chhatra Phire. Yogini Mangal Gavain, Sab Jai Jai Kar Karain. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Gada Trishul Hath Me, Shastra Bahut Dhare, Swami Shastra Bahut Dhare. Sukh Bhay Sankat Mochan, Dhanush Tankar Bhare. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Bhanti Bhanti Ke Vyanjan Bahut Bane, Swami Vyanjan Bahut Bane. Mohan Bhog Lagavain, Sath Me Urad Chane. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Bal Buddhi Vidya Data, Ham Teri Sharan Pade, Swami Ham Teri Sharan Pade. Apane Bhakt Jano Ke, Sare Kam Sanvare. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Mukut Mani Ki Shobhaa, Motiyan Haar Gale, Swami Motiyan Haar Gale. Agar Kapur Ki Baati, Ghee Ki Jot Jale. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Yaksha Kuber Ki Aarati, Jo Koi Nar Gaave, Swami Jo Koi Nar Gaave. Kahat Prempaal Swami, Manavaanchhit Phal Paave. Eti Shri Kuber Aarti. हिंदी में लिरिक ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे । शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े । दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे । योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र ब...

Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics

Lord Kuber is the ‘treasurer of the Gods’ and ‘king of Yaksha’. He is a true representation of wealth, prosperity and glory. Lord Kuber not only distributes, but also maintains and guards all the treasures of this universe. Hence, Lord Kuber is also known as guardian of wealth. Kuber comes from family tress of Lord Brahma. He is the son of Vishrava and Illavida. Married to Kauberi (also known as Yakshi, Bhadra and Charvi), they have four children. The caretaker of all the wealth of the world was once made fun of, by people because of his obese looks. Mortified, Kuber undertook severe penance to please Lord Shiva. Impressed, Lord Shiva appeared in front of Him and granted Him the boon of being the custodian of all wealth after which all men started adoring Kuber. ‘Kuber’ in Sanskrit means ill Shaped or deformed. So, as per the meaning of the name, Lord Kuber is portrayed having a fat and dwarf body. He is depicted with a complexion similar to that of the lotus leaves and His body structure shows some deformities. He has three legs, only eight teeth and His left eye is yellow. Lord Kuber being the deity of wealth carries a pot or bag full of gold coins and is adorned with heavy jewelry “Kuber ji ki aarti” Song Info Song Kuber ji ki aarti Singer Music Lyrics Traditional Producer H.R.Entertainment Director Nayan Rathod “Kuber ji ki aarti” Song Lyrics in Hindi ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे । शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥...

Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi / English

श्री कुबेर जी की आरती, Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi and English, Lord Kuber Bhajan Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे । शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे । ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े । दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे । योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे । दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने । मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े । अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले । अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे ॥ यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे । कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे ॥ इति श्री कुबेर आरती ॥ Shri Kuber Ji Ki Aarti Lyrics in English Om Jai Yaksh Kuber Hare, Swami Jai Yaksh Kuber Hare. Sharan Pade Bhagato Ke, Bhandar kuber Bhare. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Shiv Bhakto Me Bhakt Kuber Bade, Swami Bhakta Kuber Bade. Daitya Danav Manav Se, Kai-Kai Yuddh Lade. Om Jai Yaksh Kuber Hare. Swarn Sinhasan Baithe, Sir Par Chhatra Phire, Swami Sir Par Chhatra Phire. Yogini Mangal Gavain, Sab Jai ...

Aarti Kuber Ji Ki

|| श्री कुबेर आरती || ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे। ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे…….. शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ॥ ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे…….. स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे। योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं॥ ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे…….. गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे। दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करें॥ ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे…….. भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने। मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने॥ ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे…….. बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े, अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे॥ ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे…….. || Kuber Ji Ki Aarti || Om Jai Yaksh Kuber Hare, Swaami Jai Yaksh Kuber Hare Sharan Pade Bhagato Ke, Bhandaar kuber Bhare । Om Jai Yaksh Kuber Hare………. Shiv Bhakto Me Bhakta Kuber Bade, Swaami Bhakta Kuber Bade । Daitya Daanav Maanav Se Kai-Kai Yuddh Lade ॥ Om Jai Yaksh Kuber Hare………. Swarn Sinhaasan Baithe , Sir Par Chhatra Phire, Swaami Sir Par Chhatra Phire । Yogini Mangal Gaavain, Sab Jay Jay Kaar Karain ॥ Om Jai Yaksh Kuber Hare………. Gada Trishul Haath Me, Shastra Bahut Dhare, Swaami Shastra Bahut Dhare । Sukh Bhay Sankat Mochan, Dhanush Tankaar Bhare ॥ Om Jai Yaksh Kuber Hare………. Bhaanti Bhaanti Ke Vyanjan Bahut Bane, Swaami Vyanjan Bahut Bane । Mohan Bhog Lagaavain, Saath Me Udad Chane ॥ Om Jai Yaksh Kuber Hare………. Bal Buddhi Vid...

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