कुरुक्षेत्र

  1. कुरुक्षेत्र भूलेख जमाबंदी नकल खसरा खतौनी: Kurukshetra Bhulekh Khasra khatauni Online
  2. धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की सम्पूर्ण यात्रा निर्देशिका (2023)
  3. हरियाणा ने कुरुक्षेत्र में धरने पर बैठे किसानों की मानी बात, हाईवे से हटेंगे आंदोलनकारी
  4. 'कुरुक्षेत्र का इतिहास'
  5. कुरुक्षेत्र शहर में घूमने लायक दर्शनीय स्थल की जानकारी
  6. कुरुक्षेत्र रामधारी सिंह दिनकर
  7. कुरुक्षेत्र


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कुरुक्षेत्र भूलेख जमाबंदी नकल खसरा खतौनी: Kurukshetra Bhulekh Khasra khatauni Online

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धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की सम्पूर्ण यात्रा निर्देशिका (2023)

क्या आप जानते हैं कि कुरुक्षेत्र के पास सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष हैं – वह भूमि जहां महाभारत का युद्ध हुआ था? भारत में शायद ही कोई होगा जिसने कुरुक्षेत्र का नाम ना सुना हो। बचपन से ही हम रामायण की तरह महाभारत, कुरुक्षेत्र युद्ध और भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिए गए ग्रंथ भगवदगीता के उपदेशों को सुनते चले आ रहे हैं। इस लेख में कुरुक्षेत्र में घूमने की टॉप 6 जगहें, स्थानीय व्यंजन, स्मृति चिन्ह, एक्टिविटीज, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, आवास, यात्रा युक्तियां आदि सभी महत्वपूर्ण चीजों को बताया गया है। इसे एक आदर्श यात्रा निर्देशिका कहना बिल्कुल सही होगा। तो बिना समय गवाएं, चलिए आगे बढ़ते हैं। कुरुक्षेत्र में घूमने की टॉप 6 जगहें कुरुक्षेत्रम गमिष्यामि कुरुक्षेत्रे वसाम्य्हम। य एवं सततं ब्रूयात सर्वपापैः प्रमुच्यते।। 1. श्री कृष्ण संग्रहालय महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण ने एक अहम भूमिका निभाई थी। यह दुनिया का एकमात्र संग्रहालय है जो पूर्ण रूप से बस भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। इसकी स्थापना सन् 1987 में हुई और इसमें लगातार नए ब्लॉक जोड़े जाते गए। वर्तमान संग्रहालय में कुल 9 गैलरी है जिनमे कुरुक्षेत्र, हरियाणा, द्वारका, मथुरा के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों से प्राप्त पुरातात्विक कलाकृतियों को संजोकर रखा गया है। श्री कृष्ण संग्रहालय का प्रवेश इन गैलरी में भगवान कृष्ण से संबंधित लकड़ी की नक्काशी, हाथी दांत के काम, धातु निर्मित कलाकृतियां, शिलालेख, चित्रकला, लघु चित्र आदि को प्रदर्शित किया गया है। कृष्ण संग्रहालय का एक दृश्य एक अन्य गैलरी में श्रीकृष्ण के जीवनकाल और महाभारत को दर्शाया गया है। यह संग्रहालय का मुख्य आकर्षण है। इसके अलावा यहां सालभर वर्कशॉप, प्रदर्शनी, और प्रतियोगिताओं का आयोजन हो...

हरियाणा ने कुरुक्षेत्र में धरने पर बैठे किसानों की मानी बात, हाईवे से हटेंगे आंदोलनकारी

सारांश • सूरजमुखी के एमएसपी की मांग को लेकर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में दिल्ली चंडीगढ़ हाईवे को जाम किए किसानों को आखिरकार हरियाणा सरकार से आश्वासन मिल गया. • नेपाल के व्यापारियों ने भारत से आलू, प्याज आयात करना बंद किया. नेपाल सरकार ने इन पर वैट बढ़ाया था, उसी के विरोध में लिया फ़ैसला • पाकिस्तान में साइक्लोन बिपरजोय के कारण एक लाख लोगों को निकालने के लिए सेना तैनात • लोगों को ज़्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है जापान सरकार • इक्वाडोर की एक बुज़ुर्ग महिला के अंतिम संस्कार में जुटे लोग उस वक्त हैरान रह गए, जब वह अपने ताबूत में सांसें ले रही थी. उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. • सरकार का रोज़गार मेले में 70 हज़ार नौकरियां और नौ सालों में लाखों लोगों को नौकरियां देने का दावा, कांग्रेस ने मेले को बताया 'विश्वगुरु का तमाशा' • उत्तर भारत में भूकंप के झटके, नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र जम्मू-कश्मीर के डोडा में रहा और रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.4 रही. • भोपाल के सतपुड़ा भवन में भीषण आग, हादसे में कोई घायल तो नहीं लेकिन आदिवासी कल्याण और उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े कई दस्तावेज़ राख. • पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है-यह दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच एक गहरे संबंध को दिखाता है. • बिपरजोय तूफ़ान : मौसम विभाग ने गुजरात के ज़िलों में बड़े नुकसान की आशंका जताई ANI Copyright: ANI रामचंद्र पौडेल Image caption: रामचंद्र पौडेल नेपाल के राष्ट्रपति 78 वर्षीय रामचंद्र पौडेल को सीने में दर्द की शिकायत के बाद मंगलवार को काठमांडू के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हालां...

'कुरुक्षेत्र का इतिहास'

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कुरुक्षेत्र शहर में घूमने लायक दर्शनीय स्थल की जानकारी

4/5 - (1 vote) Kurukshetra Tourism In Hindi : कुरुक्षेत्र पर्यटन स्थल भारत के हरियाणा राज्य में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। कुरुक्षेत्र वही भूमि हैं जहां भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। कौरवो और पांडवो के बीच हस्तानापुर के राज सिंहासन के लिए लड़ी जाने वाली कुरुक्षेत्र की लड़ाई इसी स्थान पर हुई थी जिसे महाभारत के युद्ध के नाम से जाना जाता हैं। कुरुक्षेत्र का यह भीषण युद्ध धर्म की स्थापना के लिए लड़ा गया था। जिसमे भगवान श्री कृष्ण ने धर्म का पक्ष लेते हुए पांड्वो का साथ दिया जबकि सामने कौरवो की विशाल 11 अक्षाणी सेना थी। महाभारत के इस युद्ध में पूरे भारत वर्ष के राजा महाराजाओं के अलावा विदेशी सल्तानातो से भी वीरो-महावीरो ने भाग लिया था। कुरुक्षेत्र की भूमि अनगिनत वीरो के रक्त से लाल हुई थी और इस युद्ध में दिव्य अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग किया गया, जिससे भीषण नरसंहार हुआ। कुरुक्षेत्र को ब्रह्मक्षेत्र (ब्रह्मा की भूमि), ब्रह्मादेवी, उत्तरादेवी और धर्मक्षेत्र (पवित्र शहर) जैसे कई नामों से जाना जाता है। कुरुक्षेत्र दर्शन भारत की राजधानी दिल्ली से लगभग 170 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यदि आप भी कुरुक्षेत्र की इस पावन भूमि के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा जरूर पढ़े – 1. कुरुक्षेत्र का इतिहास – Kurukshetra History In Hindi कुरुक्षेत्र का इतिहास बहुत प्राचीन हैं और कुरुक्षेत्र का नाम राजा कुरु के नाम पर रखा गया था जोकि महाभारत में पांडवों और कौरवों के पूर्वज थे। वामन पुराण के अनुसार राजा कुरु ने इस स्थान का चयन सरस्वती नदी के तट पर आठ गुणों के साथ धर्मशास्त्र को बताने के लिए किया था। जोकि सत्य, दया, यज्ञ, तपस्या, क्षमा, ब्रह्मचार्य, दान और पवित...

कुरुक्षेत्र रामधारी सिंह दिनकर

कुरुक्षेत्र रामधारी सिंह दिनकर कुरुक्षेत्र राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की बहुचर्चित तथा सर्वाधिक लोकप्रिय रचना है जिसका प्रकाशन सन १९४६ में हुआ था .इसकी रचना के सम्बन्ध में स्वयं दिनकर जी ने कहा है - कुरुक्षेत्र की रचना भगवान व्यास के अनुसरण पर नहीं हुई है और न महाभारत को दुहराना ही मेरा उद्देश्य था .मुझे को कुछ कहना था ,वह युधिष्ठिर और भीष्म का प्रसंग उठाये बिना भी कह सकता था किन्तु तब यह रचना शायद प्रबंध के रूप में न उत्तर कर मुक्तक बनकर रह गयी होती . कुरुक्षेत्र राष्ट्रकवि रामधारी सिंहदिनकर की बहुचर्चित तथा सर्वाधिक लोकप्रिय रचना है जिसका प्रकाशन सन १९४६ में हुआ था .इसकी रचना के सम्बन्ध में स्वयं दिनकर जी ने कहा है - कुरुक्षेत्र की रचना भगवान व्यास के अनुसरण पर नहीं हुई है और न महाभारत को दुहराना ही मेरा उद्देश्य था .मुझे को कुछ कहना था ,वह युधिष्ठिर और भीष्म का प्रसंग उठाये बिना भी कह सकता था किन्तु तब यह रचना शायद प्रबंध के रूप में न उत्तर कर मुक्तक बनकर रह गयी होती . यह समस्या प्रधान महाकाव्य है .आपसी विद्वेष तथा हिंसा की आग ने मानवीय सभ्यता के इतिहास को रक्तमय कुरुक्षेत्र करके उसे शमशान सा बना दिया है .युद्ध समस्या का हल नहीं हैं .भयानक युद्ध के उपरान्त ग्लानी ,पशाताप के अतिरिक्त और कुछ नहीं मिलता .ये युद्ध राष्ट्रनायकों की प्रेरणा से होते हैं .इनमें असंख्य लोगों की बलि देकर राष्ट्रनायक अपने को सुरक्षित कर लेते हैं .इस समस्या पर प्रकाश डालने के उपरान्त कवि स्पष्ट करता है कि प्राचीन काल में एक बार कुरुक्षेत्र में भयानक युद्ध हुआ था ,भीषण नरमेध हुआ था .ब्रजांग भीम ने दुशासन के वक्ष का रक्त पीकर अपनी पैशाचिक पिपासा शांत की थी और द्रोपदी ने उसी रक्त से अपनी वेणी आरक्त...

कुरुक्षेत्र

सबसे लोकप्रिय भारतीय धर्मग्रन्थ भागवत गीता तथा सबसे चर्चित महाभारत युद्ध की बात आते ही, कुरुक्षेत्र का नाम स्वयं ही चर्चा में आ जाता है। कुरुक्षेत्र, जहां कौरवों तथा पांडवों के बीच धर्मयुद्ध हुआ था। कदाचित ही कोई भारतीय होगा जो कुरुक्षेत्र के विषय में नहीं जानता हो। मुझे आपको यह बताने की आवश्यकता नहीं कि कौरवों तथा पांडवों के बीच हुए धर्मयुद्ध के आरम्भ में यहीं भगवान् कृष्ण ने पांडुपुत्र अर्जुन को भग्वदगीता का ज्ञान दिया था जो हिन्दुओ के लिए परमग्रन्थ है। इसलिए इसे धर्मक्षेत्र या धर्म की भूमि भी कहा जाता है। धर्मक्षेत्र यह शब्द भागवत गीता का पहला शब्द भी है। मैंने कुरुक्षेत्र की पहली यात्रा अपने बालपन में की थी जिसकी स्मृति मेरे मन में कुछ विशेष नहीं है। इसलिए कुछ दिनों पहले मैंने एक बार फिर कुरुक्षेत्र के दर्शन किये। कुरुक्षेत्र पर मेरा यह संस्मरण इसी यात्रा का परिणाम है। कुरुक्षेत्र कहाँ है? कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान देते श्री कृष्ण कुरुक्षेत्र का शाब्दिक अर्थ है कुरु का क्षेत्र। कुरु भरत वंश के सम्राट थे। कालान्तर में कौरव तथा पांडव उनके वंशज हुए। क्षेत्र का अर्थ है भूभाग, ना कि नगर या कस्बा। वर्तमान में जिस कुरुक्षेत्र नगर को हम जानते हैं, वह सन १९४७ के पश्चात की संरचना है। कुरुक्षेत्र वास्तव में सन १९४७ के पश्चात स्थापित एक शरणार्थी शिविर था जो कालान्तर में एक नगर में परिवर्तित हो गया। यह प्राचीन स्थल जो महाभारत युद्ध से सम्बंधित है, उसे थानेसर भी कहा जाता है। यह स्थानेश्वर शब्द का अपभ्रंशित रूप है जो एक प्राचीन शिव मंदिर का नाम है। उपलब्ध सूत्रों के अनुसार कुरुक्षेत्र इन स्थलों से घिरा हुआ है- दक्षिण – तुरघन (कदाचित शत्रुघन शब्द का अपभ्रंश रूप) या पंजाब...