लिखिए।

  1. मित्र को जन्मदिन की बधाई देते हुए एक बधाई पत्र लिखिए for class 6,7,8,9,10,11,12
  2. CBSE Class 10 Hindi A पत्र लेखन
  3. Patra lekhan in Hindi
  4. अपने बारे में लिखें
  5. जानिए अनुस्वार क्या है और अनुनासिक शब्द कौन कौन से हैं
  6. Anopcharik Patra in Hindi
  7. औपचारिक पत्र Formal Letter in Hindi Format, Types, Examples


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मित्र को जन्मदिन की बधाई देते हुए एक बधाई पत्र लिखिए for class 6,7,8,9,10,11,12

Mitra ko janamdin ka bhadhi patra विषय पर विभिन्न कक्षाओं के छात्रों के लिए यहाँ पर पत्र लेखन के उदाहरण दिये गए हैं। पत्र लेखन के इन उदाहरणों के आधार पर आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पत्र लेखन कर सकते हैं। मित्र को जन्मदिन की बधाई देते हुए एक बधाई पत्र लिखिए। (11-12) नेहरू छात्रावास, इलाहाबाद दिनांक: 3-3-2021 Advertisement प्रिय मित्र, सप्रेम नमस्ते मुझे जानकर अति प्रसन्नता हो रही है कि अगले हफ्ते तुम्हारा जन्मदिन है। तुम्हें तुम्हारे जन्मदिन की अग्रिम बधाई। यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि अगले हफ्ते ही मेरे विद्यालय की भी छुट्टियां घोषित हुई है और इस शुभ अवसर पर मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगा। यह पल हम दोनों के लिए अत्यंत आनंददायक होगा। तुम्हें यह जानकर अत्यधिक प्रसन्नता होगी कि मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारी पसंद के अनुरुप एक प्यारा-सा तोहफा लिया है जो तुम्हें अवश्य पसंद आएगा। तुम्हारा जन्मदिन तुम्हारे लिए अनेक खुशियां लाए, यही मेरी कामना है और तुम अपने जीवन में ढेर सारी खुशियां हासिल करो। वैसे तो तुम्हारे जन्मदिन पर मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगा लेकिन फिर भी मेरा मन तुम्हें बार-बार शुभकामनाएं देना चाहता है ताकि तुम्हारे चेहरे पर मुस्कान बिखरी रहे। Advertisement आशा है कि तुम और तुम्हारा परिवार कुशल-मंगल से होगा। मैं जानत हूं कि आगामी 13 मार्च को तुम्हारा जन्मदिन है। तुम्हें तुम्हारा जन्मदिन बहुत-बहुत मुबारक हो। मैंने अमन से सुना है कि इस बार तुम अपना जन्मदिन बहुत ही शानदार ढंग से मना रहे हो। यह जानकर अच्छा लगा। खूब मजा आएगा। हम सभी मित्र मिलकर तुम्हारे जन्मदिन की खुशियों को दुगुना कर देंगे। मैं तुम्हारे जन्मदिन की पार्टी में आ रहा हूं। मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारी पसंद की ए...

CBSE Class 10 Hindi A पत्र लेखन

CBSE Class 10 Hindi A लेखन कौशल पत्र लेखन पत्र लेखन एक विशेष कला – मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह अपने दुख-सुख दूसरों में बाँटना चाहता है। जब उसका कोई प्रिय व्यक्ति उसके पास होता है तब वह मौखिक रूप से अभिव्यक्त कर देता है परंतु जब वही व्यक्ति दूर होता है तब वह पत्रों के माध्यम से अपनी बातें कहता और उसकी बातें जान पाता है। वास्तव में पत्र मानव के विचारों के आदान-प्रदान का अत्यंत सरल और सशक्त माध्यम है। पत्र हमेशा किसी को संबोधित करते हुए लिखे जाते हैं, अतः यह लेखन की विशिष्ट विधा एवं कला है। पत्र पढ़कर हमें लिखने वाले के व्यक्तित्व की झलक मिल जाती है। You can also download Science Class 10 to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. पत्रों का महत्त्व – पत्र-लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। इसका उल्लेख हमें अत्यंत प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि रुक्मिणी ने एकांत में एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखकर ब्राह्मण के हाथों श्रीकृष्ण को भिजवाया था। इसके बाद शिक्षा के विकास के साथ विभिन्न उद्देश्यों के लिए पत्र लिखे जाने लगे। पत्र में हमें शब्दों का सोच-समझकर प्रयोग करना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार धनुष से छूटा तीर वापस नहीं आता उसी प्रकार पत्र में लिखे शब्दों को वापस नहीं लौटा सकते। पत्रों की उपयोगिता हर काल में रही है और रहेगी। मोबाइल फ़ोन और संचार के अन्य साधनों का विकास होने के बाद परीक्षा में विदयार्थियों को एक पत्र लिखने को कहा जाता है। इसमें परीक्षक का दृष्टिकोण यह देखना होता है कि विदयार्थी किस प्रकार पत्र लिखता है। पत्र का महत्त्वपूर्ण अंश उसका प्रारंभ और उपसंहार होता है। विद्यार्थी को इन्हीं अंशों में कठिनाई होती है। बीच के भाग में त...

Patra lekhan in Hindi

Contents • 1 पत्र लेखन की परिभाषा और उदाहरण (Patra Lekhan in Hindi) | Letter Writing in Hindi Examples • 1.1 पत्र लेखन की परिभाषा • 1.2 पत्र लेखन की विशेषताएँ • 1.3 पत्र का प्रारूप • 1.4 पत्रों के प्रकार • 1.5 1. अनौपचारिक-पत्र (IX) • 1.6 निमंत्रण पत्र का अर्थ • 1.7 निमंत्रण पत्र का उदाहरण • 1.8 संवेदना पत्र इन हिंदी | Sanvedana Patr In Hindee • 1.9 बधाई पत्र इन हिंदी • 1.10 धन्यवाद पत्र इन हिंदी • 1.11 शुभकामना पत्र इन हिंदी • 1.12 सूचना सद्भावना व अन्य पत्र • 1.13 2. औपचारिक-पत्र (X) • 1.14 आवेदन पत्र इन हिंदी • 1.15 शिकायती पत्र लेखन इन हिंदी • 1.16 पूछताछ संबंधी-पत्र आम लोगों की यह धारणा है कि पत्र लिखने में किसी तरह का कोई प्रयास नहीं करना पड़ता है, लेकिन वास्तव में पत्र लेखन भी एक कला है। यही वह माध्यम है, जिसके द्वारा व्यक्ति अपने स्वजन-परिजनों के बीच अपने हृदयगत भावों की अभिव्यक्ति करके संतोष प्राप्त करता है। यही वह साधन है, जिसके माध्यम से दूसरों के दिलों पर विजय प्राप्त की जा सकती है। अतः पत्र लिखना एक ऐसी कला है, जिसके लिए बुद्धि और ज्ञान की परिपक्वता, विचारों की विशालता, विषय का ज्ञान, अभिव्यक्ति की शक्ति और भाषा पर नियंत्रण की आवश्यकता है। पत्र लेखन की परिभाषा और उदाहरण (Patra Lekhan in Hindi) | Letter Writing in Hindi Examples हमें एक ऐसी व्यावहारिक व्याकरण की पुस्तक की आवश्यकता महसूस हुई जो विद्यार्थियों को हिंदी भाषा का शुद्ध लिखना, पढ़ना, बोलना एवं व्यवहार करना सिखा सके। ‘ पत्र लेखन की परिभाषा इसके बिना हमारे पत्र अत्यंत साधारण होंगे। वे किसी को प्रभावित भी नहीं कर पाएँगे और हमारी अल्प-बुद्धि का प्रतीक भी बन जाएंगे। पत्र केवल हमारे कुशल समाचारों के आदान-प्...

अपने बारे में लिखें

पहले-पहल अपने बारे में लिखने से कुछ संकोच का अनुभव हो सकता है, परंतु कवर लेटर्स (Cover letters), व्यक्तिगत निबंध या पर्सनल एसेस (personal essays), और अपने बारे में बायो नोट्स को विशेष चालाकी और सलाहों के साथ इनकी शैली और विषय-वस्तु के संबंध में इन्हें कम डरावना बनाया जा सकता है। मूलतत्व को सीख लीजिए और अपने व्यक्तिगत लेखन (personal writing) को ऐसा बनाइए कि वह कुछ अलग लगे। (Write About Yourself) केवल अपना परिचय दे दीजिए: अपने बारे में लिखना कठिन हो सकता है, क्योंकि आपको बहुत कुछ कहना होता है। केवल एक या दो पैराग्राफ में आपके आजीवन अनुभव, प्रतिभाएँ, और कुशलताएँ? आप जिस किसी भी प्रकार के लेखन लिखने की योजना बना रहे हैं, आपका उद्देश्य जो भी हो, केवल इसके बारे में ऐसे ही सोचिए कि आप किसी अजनबी को अपना परिचय दे रहे हैं। उनको क्या जानने की आवश्यकता है? इस तरह के प्रश्नों का उत्तर दीजिए: • आप कौन हैं? • आपका बैकग्राउंड क्या है? • आपकी रुचियाँ क्या हैं? • आपकी प्रतिभाएँ क्या हैं? • आपकी उपलब्धियाँ क्या हैं? • आपने किन चुनौतियोँ का सामना किया है? अपनी प्रतिभाओं और रुचियों की संक्षिप्त सूची देते हुए आरंभ कीजिए: यदि आप निश्चिंत नहीं हों कि शुरू करने के लिए किसे चुनना चाहिए, या यदि आपको नियत कार्य के लिए आपको केवल एक चीज चुनने की अनुमति हो, तो आप जितनों के लिए संभव हो, सूची बनाने का प्रयास कीजिए और अच्छे विवरणों का विचारावेश कीजिए जो आपको निर्णय करने में सहायता करें। पिछले चरण के प्रश्नों का उत्तर दीजिए, और तब जितने संभव हो सकें उतने उत्तरों की रूपरेखा प्रस्तुत कीजिए। अपने विषय को संकीर्ण कीजिए: किसी विशेष विषय को चुनिए, इसका विस्तार से वर्णन कीजिए, और इसका उपयोग अपना परिचय देने में की...

जानिए अनुस्वार क्या है और अनुनासिक शब्द कौन कौन से हैं

This Blog Includes: • • • • • • • • • • • अनुस्वार की परिभाषा अनुस्वार का अर्थ होता है, स्वर के बाद आने वाला। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो स्वर के बाद आने वाला व्यंजन अनुस्वार कहलाता है। अनुस्वार की ध्वनि नाक से निकलती है। हिंदी भाषा के अनुसार अनुस्वार का प्रयोग चिन्ह बिंदु (ं)के रूप में अलग-अलग जगह पर प्रयोग किया जाता है। अन्य शब्दों में समझें तो अनुस्वारएक उच्चारण की मात्रा है जो अधिकांश भारतीय लिपियों में प्रयुक्त होती है। इसको कभी-कभी ‘म’ अक्षर द्वारा भी लिखते हैं। जैसे: कंबल ~ कम्बल; इंफाल ~ इम्फाल इत्यादि। अनुस्वार के उदाहरण Anuswar in Hindi के उदाहरण इस प्रकार हैं: • पंख • गंदा • तिरंगा • अंदर • मंत्र • बांग्ला • चंदन • लंबे • पंजाब • भंडारा • पलंग • अंडा • पंडित • संजय • संगीता • संतरा • संतोष • संदेश • अंगूर • मंगल • मंजन • फिरंगी • मनोरंजन • नारंगी • घंटी अनुस्वार का प्रयोग अनुस्वार (ं) का प्रयोग पंचम वर्णों (ङ, ञ, ण, न, म ये पंचाक्षर कहलाए जाते हैं) के जगह पर किया जाता है। • गङ्गा = गंगा • चञ्चल = चंचल • डण्डा = डंडा • गन्दा = गंदा • कम्पन = कंपन अब हम यह बात तो जान गए हैं कि अनुस्वार (ं) का प्रयोग पंचम वर्णों (ङ, ञ, ण, न, म) के स्थान पर किया जाता है। • परन्तु ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं कि प्रत्येक पंचाक्षर के स्थान पर (ं) अनुस्वार का प्रयोग एक समान है। • ऐसे में हमें इस बात का कैसे पता चले कि कौन सा अनुस्वार (ं) किस पंचाक्षर का उच्चारण कर रहा है? यह भी पढ़ें : संपूर्ण हिंदी व्याकरण सीखें अनुस्वार को पंचाक्षर में बदलने का नियम Anuswar in Hindi के चिह्न के प्रयोग के बाद आने वाला वर्ण जिस वर्ग का होगा अनुस्वार का चिह्न उसी वर्ग के पंचम-वर्ण का स्थान लगे...

Anopcharik Patra in Hindi

विषय-सूची 1 • • • • • • All Type Anopcharik Patra / Informal Letter in Hindi अनौपचारिक पत्र की परिभाषा – भाई, बहन, चाचा, दादा, मित्रों रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों और सगे-संबंधियों को लिखे जाने वाले पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाते है। अनौपचारिक पत्र की महत्वपूर्ण बातें – • इसमें व्यक्तिगत सुख-दुख और अनुभव का विवरण होता है। • इसमें तथ्यों के साथ साथ आत्मिक भावों को भी महत्व दिया जाता है। • यह पत्र प्रेम भाव और विचार विमर्श के लिए भी लिखा जाता है। • इसकी भाषा शैली अनौपचारिक होती है। अनौपचारिक पत्र के तीन भाग होते है – पहला भाग – प्रथम भाग पत्र के सबसे ऊपर बाई तरफ लिखा जाता है, इसमें पत्र लिखने वाले का पता, तिथि और पत्र-प्रापक के लिए उचित संबोधन तथा अभिवादन होता है। दूसरा भाग – दूसरा भाग पत्र का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है इसके अंदर पत्र लिखने का विषय मुख्य संदेश और इत्यादि विचार विमर्श की बातें लिखी जाती है। तीसरा भाग – यह अनौपचारिक पत्र का अंतिम भाग होता है इसमें पत्र लिखने वाले का नाम और हस्ताक्षर होते है। अनौपचारिक पत्र के संबोधन के प्रकार – पूज्य – पिता जी, माता जी, गुरु जी इत्यादि। आदरणीय – चाचा जी, मामा जी, भाई साहब, दीदी, भाभी जी इत्यादि। श्रद्धेय – चाचा जी गुरुवर इत्यादि। प्रिय – भाई, बहन, मित्र इत्यादि। अभिवादन और समापन के प्रकार – संबंध अभिवादन समापन बड़ों को प्रणाम, सादर प्रणाम, चरण स्पर्श आज्ञाकारी, स्नेह-पात्र, कृपया-पात्र, स्नेहकाक्षी बराबर वालों को सप्रेम, नमस्ते, नमस्कार तुम्हारा हितेषी, अभिन्न, स्नेही, शुभाकाक्षी छोटो को सुखी रहो, प्रसन्न रहो, शुभाशीर्वाद, शुभाशीष तुम्हारा, शुभचिंतक, शुभाकाक्षी, शुभेच्छु Anopcharik Patra Format in Hindi अपने छोटे भाई को पत्र लि...

औपचारिक पत्र Formal Letter in Hindi Format, Types, Examples

Formal Letter in Hindi औपचारिक पत्र Formal Letter in Hindi format, Types, Examples Letter writing in Hindi Formal Letter in Hindi - औपचारिक पत्र - Letter writing in Hindi or on any language is an art and we know that all these letters have a pre-specified format. Formal letters are specially written to authorities such as leave application to the school authorities, letter to the editor of a newspaper, or application to any government departments so that they stay on record. Here we have tried to let you know the correct format and language of formal letters in Hindi with examples. Letter Writing in Hindi - पत्र-लेखन Formal Letter in Hindi - पत्र-लेखन एक कला है इसलिए पत्र लिखते समय पत्र में सहज, सरल तथा सामान्य बोलचाल की भाषा का प्रयोग करना चाहिए, जिससे पत्र को प्राप्त करने वाला पत्र में व्यक्त भावों को अच्छी प्रकार से समझ सकें। पत्र-लेखन के माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों के माध्यम से एक व्यक्ति अपनी बातों को लिखकर दूसरों तक पहुँचा सकता है। जिन बातों को लोग कहने में हिचकिचाते हैं, उन बातों को पत्रों के माध्यम से आसानी से समझाया या कहा जा सकता है। Top Related - Learn Hindi Grammar पत्र की आवश्यकता क्यों है? दूर रहने वाले अपने सबंधियों अथवा मित्रों की कुशलता जानने के लिए और अपनी कुशलता का समाचार देने के लिए पत्र लिखे जाते हैं। आजकल हमारे पास बातचीत करने के लिए, हालचाल जानने के लिए अनेक आधुनिक साधन उपलब्ध हैं, जैसे- टेलीफ़ोन, मोबाइल फ़ोन, ईमेल आदि। प्रश्न यह उठता है कि फिर भी पत्र-लेखन सीखना क्यों आवश्यक है? पत्र लिखना महत्वपूर्ण ही नहीं अत्य...