लक्ष्मी जी का मंत्र लिखा हुआ

  1. Kanakadhara Strotam Lyrics in Hindi
  2. आरती लक्ष्मी जी की । Mata Laxmi ji Ki Aarti. » Bhagwanam
  3. लक्ष्मी माता मंत्र
  4. 162233


Download: लक्ष्मी जी का मंत्र लिखा हुआ
Size: 38.80 MB

Kanakadhara Strotam Lyrics in Hindi

नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में आप को Kanakadhara Strotam lyrics in hindi देंगे, इस पोस्ट में lyrics के अलावा कनकधारा स्तोत्र के बारे में भी बताया गया है। इससे जुड़े हर प्रश्नों के उत्तर आप को इस पोस्ट में मिल जायेंगे। इस पोस्ट में नीचे जा के आप कनकधारा स्त्रोत लिरिक्स इन हिन्दी में आप को मिल जाएंगी। कनकधारा स्तोत्र के बारे में / Kanakadhara Strotam कनकधारा स्त्रोत जो की आदि गुरु परंतु वह अत्यंत ही दरिद्र थी। ब्राह्मण महिला अत्यंत ही लज्जित हुई क्योंकि शंकराचार्य जी को देने के लिए उसके पास कुछ नहीं था वह घर के इधर उधर कुछ देख ने लगी कि शायद कुछ भी मिल जाए तो वे शंकराचार्य जी के झोली में डाल सके। (Kanakadhara Strotam lyrics in hindi) क्योंकि किसी भी ब्रह्मचारी को खाली हाथ वापस लौटाना उन्हें अच्छा नहीं लगा। उन्हें उसकी पल एक आंवला मिला उन्होंने श्रद्धा पूर्वक शंकराचार्य के झोली में आंवला डाल दिया। और शंकराचार्य जी से प्राथना की और बोली बाबा मेरे पास कुछ भी नही है को में आप को दे सकू कुपया आप इस आंवले को भिक्षा के रूप में रख ले और मुझे क्षमा प्रदान करे। मां का मन बालक शंकर समझ गए की मां का मन क्या हो रहा होंगा। शंकाराचार्य जी ने उनको अपनी मां के भाती देखा, उन्हें बहुत ही दुख हुआ। इसके बाद उन्होंने मां लक्ष्मी की बहुत करुण स्वर में बहुत आर्द स्वर में मां की भक्ति करने लगे। कनकधारा स्त्रोत का पाठ / kanakadhara Stotram Ka Path उनकी स्तुति करने लगे जो कि कनकधारा स्त्रोत (Kanakadhara Strotam lyrics in hindi) आज हम जिसको पड़ते व सुनते है। शंकाराचार्य जी ने इसका पाठ इतनी करुण भाव से, इतने प्रेम से मां की स्तुति की थी कि मां प्रसन्न हो कर वहा प्रकट हो गई। शंकाराचार्य जी का कनकधारा स्त्...

आरती लक्ष्मी जी की । Mata Laxmi ji Ki Aarti. » Bhagwanam

जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता। सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता ।। ओऽम.. तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता। खान-पान का वैभव, सब तुमसे से आता।। ओऽम.. शुभ-गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता। रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।। ओऽम.. महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता। उर आनंद समाता; पाप उतर जाता ।। ओऽम.. महालक्ष्मी मंत्र – Maha Laxmi mantra श्री लक्ष्मी जी की आरती पूजन के बाद इस मंत्र का जप अवश्य करे और प्रणाम करें :- महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि । हरिप्रिये नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं दयानिधे ।। इसे भी पढ़ें – लक्ष्मी जी की आरती हिंदी में विडियो – Laxmi ji Aarti lyrics Most Popular Laxmi Aarti Song – यदि आप लक्ष्मी जी की आरती वीडियो देखना चाहते है तो इस पोस्ट के niche हमने विडियो लगाये भी है कुछ प्रसिद्द लक्ष्मी आरती (laxmi aarti lyrics) के लिंक भी दिए है आप जाकर उन्हें देख सकते है। आज इस पोस्ट में आप पढ़ रहे है आरती लक्ष्मी जी की लिरिक्स । Mata Laxmi ji Ki Aarti lyrics जिसमे हमने आपको सम्पूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है। किसी भी प्रकार की जानकारियाँ यदि आपको चाहिए तो आप हमें कमेंट के द्वारा बता सकते है या ईमेल द्वारा भी संपर्क कर सकते है। आपको यहाँ पर दी गयी जानकारी कैसी लगी हमें जरुर बताएं। अधिक जानकारी के लिए हमारे

लक्ष्मी माता मंत्र

देवी लक्ष्मी के मंत्र और उससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी शब्द श्री शुभता और बहुतायत के सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करता है जो देवी लक्ष्मी के कई नामों में से एक है। श्री लक्ष्मी अपने भक्तों पर विभिन्न प्रकार की कृपा बरसाती हैं। देवी लक्ष्मी अपने भक्तों को समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं, परोपकार और सौभाग्य लाती हैं, और ज्ञान प्रदान करती हैं। देवी लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है लेकिन देवी लक्ष्मी जो समृद्धि प्रदान करती है, वह उतनी ही आंतरिक है जितना बाहरी धन वह आंतरिक रूप से और हमारे चारों ओर एक सुंदर दुनिया बनाने के लिए हमे प्रेरित करती हैं। हमारे जन्मजात गुण, सद्गुण, देवी लक्ष्मी के दिव्य गुणों को दर्शाते हैं, और जब हम अपने कार्यों में इन गुणों की पुष्टि और खेती करने के लिए स्वयं प्रयास करते हैं, तो वह फल के रूप में अपना आशीर्वाद हमें प्रदान करती हैं। आइए इस लेख के माध्यम से देवी लक्ष्मी के जन्म उनकी शक्ति और लक्ष्मी जी के मंत्र जानें। लक्ष्मी जी का जन्म माना जाता है कि देवी लक्ष्मी का जन्म दूध के महासागर अर्थात समुद्र मंथन से हुआ था। जिसके संबंध में हमें भारतीय शास्त्रों में कई पौराणिक घटना देखने को मिलती है, जिसमें देवताओं और राक्षसों के बीच संघर्ष को दर्शाया गया है। मान्यताओं के अनुसार देव दानवों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया था। जब इस समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी का उदय हुआ, तो सभी देवताओं और राक्षसों ने देवी के इस सुंदर और परोपकारी रूप को श्रद्धा के साथ देखा। प्रतीकात्मक रूप से देखें तो समुद्र मंथन हमारे आंतरिक राक्षसों के आगे झुकने और हमारे गुणों को मजबूत करने के बीच हमारे संघर्ष का प्रतिनिधित्व करता है, और देवी लक्ष्मी भगवान की कृपा की प्रतीक हैं, जो हम...

162233

जीवन में धन का होना सौभाग्य, शक्ति और वैभव का प्रतीक है, लेकिन धन को बनाये रखना एक बड़ी समस्या है, क्योंकि लक्ष्मी चंचला होती हैं. हिंदू पूजा और तंत्र शास्त्र में धनी व्यक्ति का अर्थ केवल सांसारिक रूप से ही धनी नहीं होना है, वरन मानसिक और पारिवारिक रूप से संपन्न, समृद्ध और शांति प्राप्त करनेवाला माना जाता है. मां लक्ष्मी धन की देवी हैं, तो कुबेर धन के संरक्षक हैं. धन प्राप्ति के लिए लक्ष्मी और कुबेर दोनों की कृपा जरूरी है. शास्त्रों में स्वच्छता एवं सुव्यवस्था के स्वभाव को भी श्री कहा गया है. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए न केवल घर को स्वच्छ रखने की जरूरत है, वरन घर के आसपास और मन को भी स्वच्छ और साफ सुथरा रखने की जरूरत है. घर का उत्तर पूर्व का कोना देवभूमि कहा जाता है. इस कोने की प्रत्येक दिन सफाई करें और कभी भी इस कोने में टॉयलेट या नाली का निर्माण नहीं करें. मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं. विष्णु पुराण के अनुसार लक्ष्मी भृगु की पुत्री हैं. वह विष्णु के साथ क्षीर सागर में निवास करती हैं. दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण उन्होंने स्वर्ग का त्याग किया और क्षीर सागर को अपना निवास स्थान बनाया. महालक्ष्मी महान गुरु शुक्राचार्य के साथ-साथ चंद्र की बहन हैं. जब देव और दानव ने श्री क्षीर सागर का मंथन किया, तो लक्ष्मी और चंद्र मंथन से निकले. मां लक्ष्मी के दाहिने हाथ में कमल व अभय मुद्रा है, जो भक्त को शक्ति और बुद्धिमता का वरदान देता है. मां लक्ष्मी के बायें हाथ में कलश है, जो समृद्धि व धन प्रदान करता है. * मां तारा हैं लक्ष्मी स्वरूपा : गुरु रामानुज सिंह जी (सरकार बाबा), तारापीठ विद्यारागी आश्रम के अनुसार मां तारा लक्ष्मी स्वरूपा हैं. मां लक्ष्मी को श्री विद्या, षोडशी, ललिता, राज-...