मेवाड़ क्षेत्र के जिले

  1. मेवाड़
  2. मेवाड़
  3. Rajasthan Assembly Elections 2023 Vagad Tour, Announcements, Foundation Stone Laying, Unveiling And Attack On BJP Ann
  4. राजस्थान का नक्शा
  5. मेवाड़
  6. मेवाड़
  7. राजस्थान का नक्शा
  8. Rajasthan Assembly Elections 2023 Vagad Tour, Announcements, Foundation Stone Laying, Unveiling And Attack On BJP Ann


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मेवाड़

मेवाड़ Mewar was a princely state in the south-central of Rajasthan. It was also known as 'Udaipur State'. There were modern India's Udaipur, Bhilwara, Rajsamand and Chittorgarh districts. For hundreds of years, the rule of the Rapputas was ruled by Gahlaut and Shishodiya kings ruled for 1200 years. Later it became a British ruled state. Around 1550, Chittoor was the capital of Mewar. Rana Pratap Singh is here ... मेवाड़ राजस्थान के दक्षिण-मध्य में एक रियासत थी। इसे 'उदयपुर राज्य' के नाम से भी जाना जाता था। इसमें आधुनिक भारत के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, तथा चित्तौडगढ़ जिले थे। सैकड़ों सालों तक यहाँ रापपूतों का शासन रहा और इस पर गहलौत तथा शिशोदिया राजाओं ने १२०० साल तक राज किया। बाद में यह अंग्रेज़ों द्वारा शासित राज बना। १५५० के आसपास मेवाड़ की राजधानी थी चित्तौड़। राणा प्रताप सिंह यहीं... Mewar Noun Synonyms [country 0] 1. A province of Rajputana The ancient capital was Chittaur and nowadays it is Udaipur. 2. A raga that is considered to be the son of Malkosang Raga. मेवाड़ संज्ञा पुं० [देश०]१. राजपूताने का एक प्रांत जिसकीप्राचीन राजधानी चितौर थी और आजकल उदयपुर है । २.एक राग जो मालकोस राग का पुत्र माना जाता है ।

मेवाड़

राजस्थान के अन्तर्गत मेवाड़ की स्थिति मेवाड़ राजस्थान के दक्षिण-मध्य में एक रियासत थी। इसे 'उदयपुर राज्य' के नाम से भी जाना जाता था। इसमें आधुनिक भारत के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, तथा चित्तौडगढ़ जिले थे। सैकड़ों सालों तक यहाँ रापपूतों का शासन रहा और इस पर गहलौत तथा सिसोदिया राजाओं ने १२०० साल तक राज किया। बाद में यह अंग्रेज़ों द्वारा शासित राज बना। १५५० के आसपास मेवाड़ की राजधानी थी चित्तौड़। राणा प्रताप सिंह यहीं का राजा था। अकबर की भारत विजय में केवल मेवाड़ का राणा प्रताप बाधक बना रहा। अकबर ने सन् 1576 से 1586 तक पूरी शक्ति के साथ मेवाड़ पर कई आक्रमण किए, पर उसका राणा प्रताप को अधीन करने का मनोरथ सिद्ध नहीं हुआ स्वयं अकबर, प्रताप की देश-भक्ति और दिलेरी से इतना प्रभावित हुआ कि प्रताप के मरने पर उसकी आँखों में आंसू भर आये। उसने स्वीकार किया कि विजय निश्चय ही राणा की हुई। यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में प्रताप जैसे महान देशप्रेमियों के जीवन से ही प्रेरणा प्राप्त कर अनेक देशभक्त हँसते-हँसते बलिवेदी पर चढ़ गए। महाराणा प्रताप की मृत्यु पर उसके उत्तराधिकारी अमर सिंह ने मुगल सम्राट जहांगीर से संधि कर ली। उसने अपने पाटवी पुत्र को मुगल दरबार में भेजना स्वीकार कर लिया। इस प्रकार १०० वर्ष बाद मेवाड़ की स्वतंत्रता का भी अन्त हुआ। . 120 संबंधों: , , चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत का सबसे विशाल दुर्ग है। यह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है जो भीलवाड़ा से कुछ किमी दक्षिण में है। यह एक विश्व विरासत स्थल है। चित्तौड़ मेवाड़ की राजधानी थी। इस किले ने इतिहास के उतार-चढाव देखे हैं। यह इतिहास की सबसे खूनी लड़ाईयों का गवाह है। इसने तीन महान आख्यान और पराक्रम के कुछ सर्वाधि...

Rajasthan Assembly Elections 2023 Vagad Tour, Announcements, Foundation Stone Laying, Unveiling And Attack On BJP Ann

Rajasthan Election 2023: मेवाड़-वागड़ दौरे से सीएम अशोक गहलोत ने इन 28 सीटों को साधा, घोषणाओं और शिलान्यास के बाद बीजेपी पर वार मुख्यमंत्री सीएम गहलोत रविवार और सोमवार दोपहर तक उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा जिले में रहे इसके बाद सोमवार शाम को उदयपुर पहुंचे 2 दिन के इस दौरे में शिलान्यास अनावरण और घोषणाएं हुई. उदयपुर. पिछले दो दिन से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेवाड़-वागड़ (उदयपुर संभाग) दौरे पर है. रविवार और सोमवार दोपहर तक वह बांसवाड़ा थे और फिर शाम को उदयपुर पहुंचे और फिर रात को यहीं पर रुके. ऐसा लगातार हो रहा है जिसका एक ही मकसद, मेवाड़ की 28 सीटें. हर बार की तरह इस दौरे में भी सीए गहलोत ने घोषणाएं की, शिलान्यास किया, अनावरण किया और भाजपा पर वार किया. यही नहीं हॉर्स ट्रेडिंग की बात भी की. निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया को खरीदने की बात बताई. बांसवाड़ा में सीएम गहलोत रविवार को पहुंचे थे. वहां जनसभा हुई जिसमें करोड़ों रुपए 11 विकास कार्यों की घोषणा की और साथ ही एक बार फिर आदिवासियों के आस्था के केंद्र मानगढ़ धाम के बारे में कहा कि केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं किया जाता तो सरकार राज्य निधि में यह विकास कार्य करवाएगी. अगले दिन बांसवाड़ा के कुशलगढ़ पहुंचे जहां 2500 करोड़ रुपए की अनास नदी लर अपर हाई कैनाल का शिलान्यास किया गया. इससे 338 गांवों में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हो पाएगी. यहां उन्होंने संबोधन देते हुए हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए. उन्होंने निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया की तारीफ करते हुए कहा कि रमिला नहीं होती तो मैं आज मुख्यमंत्री नहीं होता. इसके लिए पैसे लेकर बांसवाड़ा तक लोग आ गए थे और कार की डिक्की में रख दिए, लेकिन रमिला ने नहीं लिए. उदयपुर में विरोध के बाद मूर्ति अ...

मेवाड़

आज विश्व धराेहर दिवस है। जिले में ऐसी कई प्राचीन इमारते हैं, जाे अपने अतीत के इतिहास काे समेटे हुए हैं। इन इमारताें के बनने के पीछे खास मकसद भी रहा है। लेकिन कालांतर में रख-रखाव के अभाव में यह इमारतें खंडहर हाेकर बेजान खड़ी हैं। भास्कर पहली बार कुंभलगढ़ क्षेत्र में मेवाड़-मारवाड़ की सरहद पर बने दाण (कर) चाैकी से रूबरू करवा रहा है। यह चाैकी कुंभलगढ़ अभयारण्य में स्थित है। जाे पहले मेवाड़ व मारवाड़ के बीच व्यापार का सुगम मार्ग हुआ करता था। राजसमंद इतिहासकार दिनेश श्रीमाली ने बताया कि मेवाड़ रियासत काल से एक राज्य से दूसरे राज्य के अंदर जाे वस्तु विनियम पर कर लिया जाता था, उसे दाण चाैकी कहते थे। कुंभलगढ़ क्षेत्र में इस प्रकार की दाे चाैकियां बनी हुई हैं। कुंभलगढ़ अभयारण्य में बनी दाण चाैकी काे घाणेराव की चाैकी के नाम से जाना जाता था। दूसरी देसूरी की नाल में बनी चाैकी जाे वर्तमान में वन विभाग की चाैकी बनी हुई है। इन दाण चाैकियाें पर नियुक्त कार्मिक काे ठिकानेदार कहा जाता था। गेट के दाेनाें ओर भंडारण के लिए बड़े-बड़े कमरे कुंभलगढ़ अभयारण्य में बने दाण चाैकी के ताैर पर एक विशाल दरवाजा बना हुआ है। इस दरवाजे के दाेनाें ओर बड़े-बड़े कमरे बने हुए हैं। जहां पर कार्मिकाें के रूकने की सुविधा व वस्तुओं का भंडारण किया जाता है। इस दरवाजे के बड़े-बड़े गेट भी हुआ करते थे। लेकिन वर्तमान में दरवाजे नहीं है। कमराें की छतें भी टूट गई है। लेकिन एक कच्चा रास्ता आज भी बना हुआ है। जाे सीधे पाली जिले काे जाेड़ता है। आजादी के बाद यह चाैकियां खंडहर में बदली देश आजाद हाेने के बाद 1956 में रियासतें समाप्त हाेने के बाद यह चाैकियां खंडहर में बदल गई। मेवाड़ और मारवाड़ काे जाेड़ने वाले और भी वैकल्पिक मार्ग ...

राजस्थान का नक्शा

राजस्थान के महत्वपूर्ण तथ्य राज्यपाल कल्याण सिंह मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया (बीजेपी) आधिकारिक वेबसाइट www.rajasthan.gov.in स्थापना का दिन 1 नवंबर 1956 क्षेत्रफल 342,239 वर्ग किमी घनत्व 201 प्रति वर्ग किमी जनसंख्या (2011) 68,548,437 पुरुषों की जनसंख्या (2011) 35,550,997 महिलाओं की जनसंख्या (2011) 32,997,440 जिले 33 राजधानी जयपुर नदियाँ लूनी, बनास, काली सिंध, चंबल वन एवं राष्ट्रीय उद्यान सरिस्का टाइगर रिजर्व, केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, धावा वन्यजीव अभयारण्य भाषाएँ राजस्थानी, मारवाड़ी, मेवाड़ी, धुन्धरी, मेवाती और हरौती, हिन्दी, पंजाबी पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब राजकीय पशु ऊंट, चिंकारा राजकीय पक्षी गोडावण राजकीय वृक्ष खेजरी राजकीय फूल रोहिदा नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2011) 42434 साक्षरता दर (2011) 80.33% 1000 पुरुषों पर महिलायें 926 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 200 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 25 राजस्थान के बारे में राजस्थान उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित है। इसके पश्चिम और पश्चिमोत्तर सीमा में पाकिस्तान, उत्तर और उत्तर-पूर्व में राजस्थान की राजधानी राजस्थान का भूगोल और जलवायु पश्चिम राजस्थान अपेक्षाकृत सूखा और बंजर है, इसके कुछ हिस्से में थार का रेगिस्तान भी आता है जिसे ग्रेट इंडियन डेज़र्ट भी कहा जाता है। राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में ज़मीन नम, पहाड़ी और ज्यादा उपजाउ है। पूरे राजस्थान में जलवायु बदलती रहती है। औसत तौर पर सर्दियों में तापमान 8 डिग्री से 28 डिग्री सेल्सियस और गर्मियों में 25 डिग्री से 46 डिग्री सेल्सियस रहता है। वर्षा का औसत भी बदलता रहता है क्योंकि पश्चिमी रेगिस्तान में लगभ...

मेवाड़

मेवाड़ Mewar was a princely state in the south-central of Rajasthan. It was also known as 'Udaipur State'. There were modern India's Udaipur, Bhilwara, Rajsamand and Chittorgarh districts. For hundreds of years, the rule of the Rapputas was ruled by Gahlaut and Shishodiya kings ruled for 1200 years. Later it became a British ruled state. Around 1550, Chittoor was the capital of Mewar. Rana Pratap Singh is here ... मेवाड़ राजस्थान के दक्षिण-मध्य में एक रियासत थी। इसे 'उदयपुर राज्य' के नाम से भी जाना जाता था। इसमें आधुनिक भारत के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, तथा चित्तौडगढ़ जिले थे। सैकड़ों सालों तक यहाँ रापपूतों का शासन रहा और इस पर गहलौत तथा शिशोदिया राजाओं ने १२०० साल तक राज किया। बाद में यह अंग्रेज़ों द्वारा शासित राज बना। १५५० के आसपास मेवाड़ की राजधानी थी चित्तौड़। राणा प्रताप सिंह यहीं... Mewar Noun Synonyms [country 0] 1. A province of Rajputana The ancient capital was Chittaur and nowadays it is Udaipur. 2. A raga that is considered to be the son of Malkosang Raga. मेवाड़ संज्ञा पुं० [देश०]१. राजपूताने का एक प्रांत जिसकीप्राचीन राजधानी चितौर थी और आजकल उदयपुर है । २.एक राग जो मालकोस राग का पुत्र माना जाता है ।

मेवाड़

राजस्थान के अन्तर्गत मेवाड़ की स्थिति मेवाड़ राजस्थान के दक्षिण-मध्य में एक रियासत थी। इसे 'उदयपुर राज्य' के नाम से भी जाना जाता था। इसमें आधुनिक भारत के उदयपुर, भीलवाड़ा, राजसमंद, तथा चित्तौडगढ़ जिले थे। सैकड़ों सालों तक यहाँ रापपूतों का शासन रहा और इस पर गहलौत तथा सिसोदिया राजाओं ने १२०० साल तक राज किया। बाद में यह अंग्रेज़ों द्वारा शासित राज बना। १५५० के आसपास मेवाड़ की राजधानी थी चित्तौड़। राणा प्रताप सिंह यहीं का राजा था। अकबर की भारत विजय में केवल मेवाड़ का राणा प्रताप बाधक बना रहा। अकबर ने सन् 1576 से 1586 तक पूरी शक्ति के साथ मेवाड़ पर कई आक्रमण किए, पर उसका राणा प्रताप को अधीन करने का मनोरथ सिद्ध नहीं हुआ स्वयं अकबर, प्रताप की देश-भक्ति और दिलेरी से इतना प्रभावित हुआ कि प्रताप के मरने पर उसकी आँखों में आंसू भर आये। उसने स्वीकार किया कि विजय निश्चय ही राणा की हुई। यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में प्रताप जैसे महान देशप्रेमियों के जीवन से ही प्रेरणा प्राप्त कर अनेक देशभक्त हँसते-हँसते बलिवेदी पर चढ़ गए। महाराणा प्रताप की मृत्यु पर उसके उत्तराधिकारी अमर सिंह ने मुगल सम्राट जहांगीर से संधि कर ली। उसने अपने पाटवी पुत्र को मुगल दरबार में भेजना स्वीकार कर लिया। इस प्रकार १०० वर्ष बाद मेवाड़ की स्वतंत्रता का भी अन्त हुआ। . 120 संबंधों: , , चित्तौड़गढ़ दुर्ग भारत का सबसे विशाल दुर्ग है। यह राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है जो भीलवाड़ा से कुछ किमी दक्षिण में है। यह एक विश्व विरासत स्थल है। चित्तौड़ मेवाड़ की राजधानी थी। इस किले ने इतिहास के उतार-चढाव देखे हैं। यह इतिहास की सबसे खूनी लड़ाईयों का गवाह है। इसने तीन महान आख्यान और पराक्रम के कुछ सर्वाधि...

मेवाड़

आज विश्व धराेहर दिवस है। जिले में ऐसी कई प्राचीन इमारते हैं, जाे अपने अतीत के इतिहास काे समेटे हुए हैं। इन इमारताें के बनने के पीछे खास मकसद भी रहा है। लेकिन कालांतर में रख-रखाव के अभाव में यह इमारतें खंडहर हाेकर बेजान खड़ी हैं। भास्कर पहली बार कुंभलगढ़ क्षेत्र में मेवाड़-मारवाड़ की सरहद पर बने दाण (कर) चाैकी से रूबरू करवा रहा है। यह चाैकी कुंभलगढ़ अभयारण्य में स्थित है। जाे पहले मेवाड़ व मारवाड़ के बीच व्यापार का सुगम मार्ग हुआ करता था। राजसमंद इतिहासकार दिनेश श्रीमाली ने बताया कि मेवाड़ रियासत काल से एक राज्य से दूसरे राज्य के अंदर जाे वस्तु विनियम पर कर लिया जाता था, उसे दाण चाैकी कहते थे। कुंभलगढ़ क्षेत्र में इस प्रकार की दाे चाैकियां बनी हुई हैं। कुंभलगढ़ अभयारण्य में बनी दाण चाैकी काे घाणेराव की चाैकी के नाम से जाना जाता था। दूसरी देसूरी की नाल में बनी चाैकी जाे वर्तमान में वन विभाग की चाैकी बनी हुई है। इन दाण चाैकियाें पर नियुक्त कार्मिक काे ठिकानेदार कहा जाता था। गेट के दाेनाें ओर भंडारण के लिए बड़े-बड़े कमरे कुंभलगढ़ अभयारण्य में बने दाण चाैकी के ताैर पर एक विशाल दरवाजा बना हुआ है। इस दरवाजे के दाेनाें ओर बड़े-बड़े कमरे बने हुए हैं। जहां पर कार्मिकाें के रूकने की सुविधा व वस्तुओं का भंडारण किया जाता है। इस दरवाजे के बड़े-बड़े गेट भी हुआ करते थे। लेकिन वर्तमान में दरवाजे नहीं है। कमराें की छतें भी टूट गई है। लेकिन एक कच्चा रास्ता आज भी बना हुआ है। जाे सीधे पाली जिले काे जाेड़ता है। आजादी के बाद यह चाैकियां खंडहर में बदली देश आजाद हाेने के बाद 1956 में रियासतें समाप्त हाेने के बाद यह चाैकियां खंडहर में बदल गई। मेवाड़ और मारवाड़ काे जाेड़ने वाले और भी वैकल्पिक मार्ग ...

राजस्थान का नक्शा

राजस्थान के महत्वपूर्ण तथ्य राज्यपाल कल्याण सिंह मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया (बीजेपी) आधिकारिक वेबसाइट www.rajasthan.gov.in स्थापना का दिन 1 नवंबर 1956 क्षेत्रफल 342,239 वर्ग किमी घनत्व 201 प्रति वर्ग किमी जनसंख्या (2011) 68,548,437 पुरुषों की जनसंख्या (2011) 35,550,997 महिलाओं की जनसंख्या (2011) 32,997,440 जिले 33 राजधानी जयपुर नदियाँ लूनी, बनास, काली सिंध, चंबल वन एवं राष्ट्रीय उद्यान सरिस्का टाइगर रिजर्व, केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, धावा वन्यजीव अभयारण्य भाषाएँ राजस्थानी, मारवाड़ी, मेवाड़ी, धुन्धरी, मेवाती और हरौती, हिन्दी, पंजाबी पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब राजकीय पशु ऊंट, चिंकारा राजकीय पक्षी गोडावण राजकीय वृक्ष खेजरी राजकीय फूल रोहिदा नेट राज्य घरेलू उत्पाद (2011) 42434 साक्षरता दर (2011) 80.33% 1000 पुरुषों पर महिलायें 926 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 200 संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 25 राजस्थान के बारे में राजस्थान उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित है। इसके पश्चिम और पश्चिमोत्तर सीमा में पाकिस्तान, उत्तर और उत्तर-पूर्व में राजस्थान की राजधानी राजस्थान का भूगोल और जलवायु पश्चिम राजस्थान अपेक्षाकृत सूखा और बंजर है, इसके कुछ हिस्से में थार का रेगिस्तान भी आता है जिसे ग्रेट इंडियन डेज़र्ट भी कहा जाता है। राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में ज़मीन नम, पहाड़ी और ज्यादा उपजाउ है। पूरे राजस्थान में जलवायु बदलती रहती है। औसत तौर पर सर्दियों में तापमान 8 डिग्री से 28 डिग्री सेल्सियस और गर्मियों में 25 डिग्री से 46 डिग्री सेल्सियस रहता है। वर्षा का औसत भी बदलता रहता है क्योंकि पश्चिमी रेगिस्तान में लगभ...

Rajasthan Assembly Elections 2023 Vagad Tour, Announcements, Foundation Stone Laying, Unveiling And Attack On BJP Ann

Rajasthan Election 2023: मेवाड़-वागड़ दौरे से सीएम अशोक गहलोत ने इन 28 सीटों को साधा, घोषणाओं और शिलान्यास के बाद बीजेपी पर वार मुख्यमंत्री सीएम गहलोत रविवार और सोमवार दोपहर तक उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा जिले में रहे इसके बाद सोमवार शाम को उदयपुर पहुंचे 2 दिन के इस दौरे में शिलान्यास अनावरण और घोषणाएं हुई. उदयपुर. पिछले दो दिन से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेवाड़-वागड़ (उदयपुर संभाग) दौरे पर है. रविवार और सोमवार दोपहर तक वह बांसवाड़ा थे और फिर शाम को उदयपुर पहुंचे और फिर रात को यहीं पर रुके. ऐसा लगातार हो रहा है जिसका एक ही मकसद, मेवाड़ की 28 सीटें. हर बार की तरह इस दौरे में भी सीए गहलोत ने घोषणाएं की, शिलान्यास किया, अनावरण किया और भाजपा पर वार किया. यही नहीं हॉर्स ट्रेडिंग की बात भी की. निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया को खरीदने की बात बताई. बांसवाड़ा में सीएम गहलोत रविवार को पहुंचे थे. वहां जनसभा हुई जिसमें करोड़ों रुपए 11 विकास कार्यों की घोषणा की और साथ ही एक बार फिर आदिवासियों के आस्था के केंद्र मानगढ़ धाम के बारे में कहा कि केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्मारक घोषित नहीं किया जाता तो सरकार राज्य निधि में यह विकास कार्य करवाएगी. अगले दिन बांसवाड़ा के कुशलगढ़ पहुंचे जहां 2500 करोड़ रुपए की अनास नदी लर अपर हाई कैनाल का शिलान्यास किया गया. इससे 338 गांवों में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हो पाएगी. यहां उन्होंने संबोधन देते हुए हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए. उन्होंने निर्दलीय विधायक रमिला खड़िया की तारीफ करते हुए कहा कि रमिला नहीं होती तो मैं आज मुख्यमंत्री नहीं होता. इसके लिए पैसे लेकर बांसवाड़ा तक लोग आ गए थे और कार की डिक्की में रख दिए, लेकिन रमिला ने नहीं लिए. उदयपुर में विरोध के बाद मूर्ति अ...