लक्ष्मी मंत्र संस्कृत

  1. संस्कृत सुभाषितानि
  2. वैदिक मंत्र
  3. Yogini Ekadashi 2023 Upay Do These Remedies To Get Blessings Of Lord Vishnu And Maa Lakshmi
  4. Lakshmi Mantra
  5. ॥ महालक्ष्मी पूजन विधि मूल संस्कृत में॥
  6. Shree Suktam Path Vidhi
  7. गणपति मंत्र तथा श्लोक


Download: लक्ष्मी मंत्र संस्कृत
Size: 48.49 MB

संस्कृत सुभाषितानि

त्वं सिद्धिस्त्वं स्वधा स्वाहा सुधा त्वं लोकपावनी । सन्ध्या रात्रिः प्रभा भूतिर्मेधा श्रद्धा सरस्वती ॥ Laxmi Mantra with hindi meaning हे देवी! तुम सिद्धि हो, स्वाहा हो, सुधा हो और त्रिलोकी को पवित्र करने वाली हो तथा तुम ही संध्या, रात्रि, प्रभा, विभूति, मेधा, श्रद्धा और सरस्वती हो। Laxmi Shlok, Laxmi Mantra, Mantra, Shlok, Shloks, Jayatu Sanskritam, Jayatu Bharatam, Vadatu Sanskritam, Jayatu Jayatu Bharatam, Sanskrut, Sanskrit, Subhashit, Subhasit, Subhashitani, Subhashitam, Subhashita, Subhashit Sanskrit, Subhashitani in Sanskrit, Sanskritam, Sanskrut Quotes, Sanskrit Quotes,

वैदिक मंत्र

* VEDIC MANTRA * वक्रतुंड गणेश मंत्र श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥ गणेश शुभ लाभ मंत्र ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये। वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥ ———————————————— Shiva Moola Mantra ॐ नमः शिवाय॥ • Maha Mrityunjaya Mantra ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ ——————————— ॐ श्री हनुमते नमः॥ Om Shri Hanumate Namah॥ ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥ ——————————— Kubera Mantra ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ Kubera Dhana Prapti Mantra ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥ ————————————————

Yogini Ekadashi 2023 Upay Do These Remedies To Get Blessings Of Lord Vishnu And Maa Lakshmi

Yogini Ekadashi 2023: योगिनी एकादशी का व्रत 14 जून को बुधवार के दिन रखा जाएगा. आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. यह एकादशी समस्त पापों का नाश करती है. योगिनी एकादशी के दिन किए गए कुछ विशेष उपायों से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इन उपायों को करने से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं. योगिनी एकादशी 2023 के दिन करें ये उपाय • एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र पहनें. इसके बाद विष्णु जी के साथ धन की देव मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें. ऐसा करने से विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और सारि आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं. • योगिनी एकादशी के दिन एक डंठल वाला पान का पत्ता लें. अब इस पर कुमकुम से श्री लिख कर भगवान विष्णु को अर्पित करें और उनकी पूजा करें. पूजा खत्म होने के बाद इस पत्ते को लाल कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख लें. ऐसा करने से जल्दी नौकरी में प्रमोशन होता है. इस उपाय से बिजनेस में भी नए अवसर खुलने लगते हैं. • इस एकादशी पर भगवान कृष्ण को नारियल और बादाम का भोग लगाना भी बहुत फलदायी माना जाता है. इससे हर इच्छा पूरी होती है. • योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के प्रिय मंत्र ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का 21 माला जप करने से जीवन के सारे कष्ट दूर होने लगते हैं. इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से भी विशेष लाभ मिलता है. • योगिनी एकादशी के दिन शाम को घर के हर एक हिस्से में दीपक जलाने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है. मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से घर में कभी धन की कमी नहीं रहती है. • पीपल के पेड़ में विष्णु भगवान का निवास...

Lakshmi Mantra

अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनाद प्रमोदिनीम् । श्रियं देवीमुप ह्रये श्रीर्मा देवी जुषताम् ॥ भावार्थ : जिस देवी के आगे घोड़े तथा उनके पीछे रथ रहते हैं तथा जो हस्तिनाद को सुनकर प्रमुदित होती हैं, उन्हीं श्री देवीका मैं आवाहन करता हूँ , लक्ष्मी देवी मुझे प्राप्त हों । गंधद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् । ईश्वरीं सर्वभूतानां तामिहोप ह्वये श्रियम् ॥ भावार्थ : जो दुराधर्षा तथा नित्यपुष्टा हैं तथा गोबर से युक्त गन्धगुणवती पृथिवी ही जिनका स्वरूप है, सब भूतों की स्वामिनी उन लक्ष्मीदेवी का मैं यहाँ अपने घर में आवाहन करता हूँ । महालक्ष्मै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि । तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात् ॥ भावार्थ : हम विष्णु पत्नी महालक्ष्मी को जानते हैं तथा उनका ध्यान करते हैं । वे लक्ष्मी जी हमें प्रेरणा प्रदान करें । सद्यो वैगुण्यमायान्ति शीलाद्याः सकला गुणाः । पराङ्मुखी जगद्धात्री यस्य त्वं विष्णुवल्लभे ॥ भावार्थ : हे देवि ! तुम्हारे गुणों का वर्णन करने में तो श्री ब्रह्मा जी की रचना भी समर्थ नहीं है । अत: हे कमलनयने ! अब मुझ पर प्रसन्न होओ और मुझे कभी न छोड़ो । अश्वदायि गोदायि धनदायि महाधने । धनं मे जुषतां देवि सर्वकामांश्च देहि मे ॥ भावार्थ : अश्वदायिनी, गोदायिनी, धनदायिनी, महाधनस्वरूपिणी हे देवी ! मेरे पास धन रहे, आप मुझे सभी अभिलषित वस्तुएँ प्रदान करें । त्वं माता सर्वलोकानां देवदेवो हरिः पिता । त्वयैतद्विष्णुना चाम्ब जगद् व्याप्तं चराचरम् ॥ भावार्थ : तुम संपूर्ण लोकों की माता हो तथा देवदेव भगवान् हरि पिता हैं । हे मातः ! तुमसे और श्रीविष्णु भगवान् से यह सकल चराचर जगत् व्याप्त है ।

॥ महालक्ष्मी पूजन विधि मूल संस्कृत में॥

WD महालक्ष्मी पूजनकर्ता स्नान करके कोरे अथवा धुले हुए शुद्ध वस्त्र पहनें, माथे पर तिलक लगाएँ और शुभ मुहूर्त में पूजन शुरू करें। इस हेतु शुभ आसन पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुँह करके पूजन करें। अपनी जानकारी हेतु पूजन शुरू करने के पूर्व प्रस्तुत पद्धति एक बार जरूर पढ़ लें। पवित्रकरण : बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की अनामिका से निम्न मंत्र बोलते हुए अपने ऊपर एवं पूजन सामग्री पर जल छिड़कें- ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा । यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः ॥ पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं । आसन : निम्न मंत्र से अपने आसन पर उपरोक्त तरह से जल छिड़कें- ॐ पृथ्वी त्वया घता लोका देवि त्वं विष्णुना घृता । त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु च आसनम्‌ ॥ आचमन : दाहिने हाथ में जल लेकर तीन बार आचमन करें- ॐ केशवाय नमः स्वाहा, ॐ नारायणाय नमः स्वाहा, ॐ माधवाय नमः स्वाहा । यह बोलकर हाथ धो लें- ॐ गोविन्दाय नमः हस्तं प्रक्षालयामि । दीपक : दीपक प्रज्वलित करें (एवं हाथ धोकर) दीपक पर पुष्प एवं कुंकु से पूजन करें- दीप देवि महादेवि शुभं भवतु मे सदा । यावत्पूजा-समाप्तिः स्यातावत्‌ प्रज्वल सुस्थिराः ॥ ( पूजन कर प्रणाम करें) स्वस्ति-वाचन : निम्न मंगल मंत्र बोलें- ॐ स्वस्ति न इंद्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः । स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्ट्टनेमिः स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ द्यौः शांतिः अंतरिक्षगुं शांतिः पृथिवी शांतिरापः शांतिरोषधयः शांतिः। वनस्पतयः शांतिर्विश्वे देवाः शांतिर्ब्रह्म शांतिः सर्वगुं शांतिः शांतिरेव शांति सा मा शांतिरेधि। यतो यतः समिहसे ततो नो अभयं कुरु । शंन्नः कुरु प्राजाभ्यो अभयं नः पशुभ्यः। सुशांतिर्भवतु ॥ ॐ सिद्धि बुद...

Shree Suktam Path Vidhi

श्री सूक्तम् – देवी लक्ष्मी जी की आराधना के लिए उनको समर्पित संस्कृत में लिखा मंत्र है जिसे हम श्री सूक्त पाठ भी कहते है या लक्ष्मी सूक्त भी कहते है | यह सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है | जो जातक जीवन में हर तरह से सुख भोगना चाहते है – जीवन से गरीबी दूर करना चाहते है | एश्वर्य प्राप्त करना चाहते है उन्हें Shree Suktam Path Vidhi को केवल अपने कानों से सुने और माँ लक्ष्मी का मनन करें | श्री सूक्त पाठ माँ लक्ष्मी जी को अति प्रिय है इसलिए मन में माँ लक्ष्मी जी के प्रति पूर्ण श्रद्धा रखते हुए इस पाठ(स्त्रोत) को करें | Shree Suktam Path Vidhi श्री लक्ष्मीसूक्तम्‌ पाठ हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् । चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥1॥ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ॥2॥ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम् । श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ॥3॥ कां सोस्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम् । पद्मे स्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥4॥ प्रभासां यशसा लोके देवजुष्टामुदाराम् । पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ॥5॥ आदित्यवर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽथ बिल्वः । तस्य फलानि तपसानुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः ॥6॥ उपैतु मां देवसखः कीर्तिश्च मणिना सह । प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन् कीर्तिमृद्धिं ददातु मे ॥7॥ क्षुत्पिपासामलां ज्येष्ठामलक्ष्मीं नाशयाम्यहम् । अभूतिमसमृद्धिं च सर्वां निर्णुद गृहात् ॥8॥ गन्धद्वारां दुराधर्षां नित्यपुष्टां करीषिणीम् । ईश्वरींग् सर्वभूतानां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥9॥ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि । पशूनां रूपमन...

गणपति मंत्र तथा श्लोक

लेख सारिणी • • • • • • • • • • • गणपति मंत्र तथा श्लोक – Ganpati Shlok & Mantra Ganesh Mantra in Hindi : विघ्नहर्ता श्री गणेश के मंत्र (Ganesh Mantra) और गणेश श्लोक (Ganpati Shlok) के उच्चारण से भक्तो के दुःख पल भर में समाप्त हो जाते हैं। गणेश मंत्र जाप (Ganesh Mantra in Sanskrit) से समस्त चिंता दूर हो जाएँगी । इन गणेश मंत्रो (Ganesh Mantra with Lyrics) में से कोई भी एक मंत्र की 108 बार नित्य माला जपने या स्मरण करने मात्र से श्री गणेश प्रसन्न हो जाते हैं। गणेश मंत्र – Ganesh Mantra Lyrics || ॐ गं गणपतये नमो नमः || || श्री सिद्धिविनायक नमो नमः || || अष्टविनायक नमो नमः || || गणपति बाप्पा मोरया || गजानंद एकाक्षर मंत्र – Gajanand Ekashar Mantra ।। ऊँ गं गणपतये नमः ।। गणेश गायत्री मन्त्र – Ganesh Gayatri Mantra || ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात् || यह गणेश गायत्री मंत्र (Ganesh Mantra) है। इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप करने से गणेशजी की कृपा होती है। लगातार 42 दिन तक गणेश गायत्री मंत्र के जप से व्यक्ति के पूर्व कर्मो का बुरा फल खत्म होने लगता है और भाग्य उसके साथ हो जाता है। गणेश तांत्रिक मंत्र – Ganesh Tantrik Mantra ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश। ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश।। यह गणेश तांत्रिक मंत्र (Ganesh Mantra) है जिसकी साधना में रोज सुबह महादेवजी, पार्वतीजी तथा गणेशजी की पूजा करने के बाद इस मंत्र का 108 बार जाप करने व्यक्ति के समस्त दुख समाप्त होते हैं। इस मंत्र जप के दौरान व्यक्ति को पूर्ण सात्विकता रखनी होती है और क्रोध, मांस, मदिरा, परस्त्री से संबंधों से दूर रहना होता है। गणेश कुबेर मंत्र – Gane...