Lohri 2023 kab hai

  1. Lohri 2023 Date लोहड़ी आज जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  2. Lohri 2023: Date, puja, timings, significance, here's all you need to know
  3. Lohri 2023: Is the Hindu festival on January 13 or 14? Know puja timings, history and significance
  4. Lohri 2023 Date and Timing: कब मनाया जाएगा लोहड़ी का त्योहार, नोट कर लें डेट और पूजा का मुहूर्त
  5. when is lohri in 2023 13 or 14 january lohri date in hindi lohri ka shubh muhurt swt
  6. Lohri 2023 Date This Festival Is Dedicated To Sun Know Why Fire Is Lit On This Day
  7. Lohri 2023 why bonfire lit on know history religious importance lohri kab hai muhurat pooja kaise kare mpsn


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Lohri 2023 Date लोहड़ी आज जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Lohri 2023 Date: लोहड़ी आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि Lohri 2023 Confirm Date लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति के आसपास ही पड़ता है। यह पर्व मुख्य रूप से कृषि और प्रकृति को समर्पित है। सिख समुदाय के साथ देशभर के लोग एक दूसरे को लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं देते हैं। जानिए लोहड़ी की तिथि मुहूर्त और पूजा विधि। नई दिल्ली, Lohri 2023 Shubh Muhurat, Puja Vidhi:उत्तर भारत में मकर संक्रांति के अलावा लोहड़ी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर लोहड़ी का पर्व सिख समुदाय के लोग मनाते हैं। इस पर्व में घर के बाहर या फिर खुली जगह पर आग जलाई जाती है और इस पवित्र आग की परिक्रमा करने के साथ उसमें तिल, गजक, पॉपकॉर्न, मूंगफली आदि अर्पित करते हैं। जानिए इस साल किस दिन मनाई जा रही है लोहड़ी, साथ ही जानिए महत्व और शुभ मुहूर्त। लोहड़ी 2023 का महत्व पारंपरिक तौर पर लोहड़ी का पर्व फसल की कटाई और नई फसल बुआई के साथ जुड़ा हुआ है। लोहड़ी की आग में रवि की फसल के तौर पर तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें अर्पित की जाती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव अग्नि देव को आभार व्यक्त करते है, जिससे कि फसल अच्छी उत्पन्न हो। इस दिन पंजाबी लोग सज धज कर ढोल की थाप में भांगड़ा आदि करते हैं और महिलाएं पारंपरिक लोहड़ी का गीत गाकर उत्साह बढ़ाती है। लोहड़ी 2023 पूजा विधि (Lohri 2023 Puja Vidhi) इस दिन गजक, रेवड़ी, पॉपकॉर्न, मूंगफली आदि खरीद लाएं। इसके साथ ही घर के बाहर या फिर खुली जगह पर लकड़ियों को इकट्ठा कर लें। रात के समय मुहूर्त के अनुसार इसमें आग लगाए और फिर अपने परिवार के साथ अग्नि देव का शुक्रिया कहते हुए 7 या फिर 11 बार परिक्रमा करें। इसके साथ ही गजक, रेवड़ी, पॉपकॉर्न आदि आग में अर्पित करते जा...

Lohri 2023: Date, puja, timings, significance, here's all you need to know

Lohri is celebrated by lighting bonfires and dancing to folklores and exchanging gifts among family and friends. On this day, people perform Parikrama around the bonfire while offering sesame seeds, jaggery, gajak, rewdi, and peanuts. Lohri 2023: Date and puja timings Many people are confused as to whether it falls on January 13 or 14. The celebration of Lohri will take place on Saturday, January 14, 2023, according to Drik Panchang. Makar Sankranti will therefore fall on January 15, 2023, Sunday. In addition, the Brahma Muhurta will last from 5.27 to 6.21 am and the Lohri Sankranti tithi will be at 8.57 pm. Also Read: Lohri 2023: History The legend of Dulla Bhatti, who had lived in Punjab during the reign of Mughal Emperor Akbar, is the most well-known folklore connected to Lohri. He used to plunder the wealthy and aid the poor and those in need. Historiographers claim that he once saved a child from kidnappers and raised her as his own daughter. He even carried out the ceremonies without a priest on the day of her wedding. People began to sing the traditional song 'Sundar Mundriye' at Lohri every year because they loved and admired him. Lohri 2023: Significance People light a bonfire and celebrate around it on the special occasion of Lohri. Surya (Sun god) is worshipped on this occasion. It is believed that on this day the flames of the bonfire carry the prayers of the people to the Sun God who will bless the earth with a successful harvest and also end the cold and hars...

Lohri 2023: Is the Hindu festival on January 13 or 14? Know puja timings, history and significance

On this day, people light fires outside their homes or in public areas using wood and cow dung cakes, and then they perform Parikrama around the fire while offering sesame seeds, jaggery, gajak, rewdi, and peanuts. Along with harvesting the crops, they also offer the bhog they made from the crops offered to the fire. Lohri 2023: Date and puja timings The precise day on which Lohri should be celebrated is unclear this year. Many people are confused as to whether it falls on January 13 or 14. The celebration of Lohri will take place on Saturday, January 14, 2023, according to Drik Panchang. Makar Sankranti will therefore fall on January 15, 2023, on a Sunday. In addition, the Brahma Muhurta will last from 5.27 to 6.21 am and the Lohri Sankranti tithi will be at 8.57 pm. Lohri 2023: History The legend of Dulla Bhatti, who had lived in Punjab during the reign of Mughal Emperor Akbar, is the most well-known folklore connected to Lohri. He used to plunder the wealthy and aid the poor and those in need. Historiographers claim that he once saved a child from kidnappers and raised her as his own daughter. He even carried out the ceremonies without a priest on the day of her wedding. People began to sing the traditional song ‘Sundar Mundriye’ at Lohri every year because they loved and admired him. Lohri 2023: Significance and Celebration Lohri and sugarcane products go hand in hand. If you are celebrating Lohri, you will be indulging in Gur (jaggery) along with gajjak. Along with...

Lohri 2023 Date and Timing: कब मनाया जाएगा लोहड़ी का त्योहार, नोट कर लें डेट और पूजा का मुहूर्त

• • Faith Hindi • Lohri 2023 Date and Timing: कब मनाया जाएगा लोहड़ी का त्योहार, नोट कर लें डेट और पूजा का मुहूर्त Lohri 2023 Date and Timing: कब मनाया जाएगा लोहड़ी का त्योहार, नोट कर लें डेट और पूजा का मुहूर्त Lohri 2023 Date and Timing: जनवरी के महीने दो सबसे महत्वपूर्ण त्योहार लोहड़ी और मकर संक्रांति आते हैं. जिनका सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है. Lohri 2023 Date and Timing: नए साल की शुरुआत हो गई है और अब सभी को इस साल आने वाले त्योहारों का इंतजार है. नए साल के पहले महीने में यानि जनवरी में लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार आता हे. इनमें से लोहड़ी पंजाबियों का मुख्य त्योहार है और इसे बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता हे. लोहड़ी का त्योहार नई फसल आने की खुशी में मनाया जाता है जबकि हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार भी बेहद खास है और मकर संक्रांति का तब मनाया जाता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. जनवरी में पहले लोहड़ी का त्योहार आता है फिर इसके अगले दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है. वैसे तो हर साल 13 जनवरी को लोहड़ी मनाई जाती है लेकिन ग्रहों की स्थिति के आधार पर इसकी डेट में भी बदलाव होता है. आइए जानते हैं इस साल कब मनाई जाएगी लोहड़ी? Also Read: • • • लोहड़ी 2023 डेट और शुभ मुहूर्त लोहड़ी का त्योहार पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार नई फसल आने की खुशी में मनाते हैं और साथ ही यह भी मान्यता है कि लोहड़ी के दिन से सर्दियां कम होने लगती हैं. इसके बाद दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी हो जाती हैं. पंचांग के अनुसार इस साल लोहड़ी का त्योहार का 13 जनवरी को नहीं, बल्कि 14 जनवरी को मनाया जाएगा. लोहड़ी रात के समय मनाई जाती है और इसके ...

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Lohri 2023: कब है लोहड़ी? 13 या 14 जनवरी को? यहां दूर करें कंफ्यूजन, जानिए सही तिथि-विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व पंजाबी और सिखों के लिए लोहाड़ी त्यौहार का अपना एक अलग ही महत्व है. इस त्यौहार को पूरे देश में बड़े ही जोर शोर से मनाया जाता है. चलिए आइए जानते हैं इस साल कब है लोहड़ी. क्यों मनाया जाता है, शुभ मुहूर्त क्या है महत्व. Lohri 2023: पंजाबी और सिखों के लिए लोहाड़ी त्यौहार का अपना एक अलग ही महत्व है. इस त्यौहार को पूरे देश में बड़े ही जोर शोर से मनाया जाता है. लोहड़ी फसल की कटाई और नई फसल की बुवाई के साथ जुड़ा है. हर साल की तरह इस साल भी लोग लोहड़ी की तारीख (Lohri 2023 Date) को लेकर असमंजस में है. चलिए आइए जानते हैं इस साल कब है लोहड़ी. क्यों मनाया जाता है लोहड़ी, शुभ मुहूर्त क्या है महत्व. आमतौर पर लोग लोहड़ी में आग का चक्कर लगाते हुए गीत गाते हैं और साथ ही दुल्ला भट्टी की कहानी सुनते हैं. लोहड़ी के दिन दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि मुगल काल में अकबर के द्वारा दुल्ला भट्टी को पंजाब में रहने के लिऐ भेज दिया गया था. उन दिनों पंजाब की लड़कियों को आमिर सौदागरों को बेचा जा रहा था. दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को उस समय रक्षा की और आमिर सौदागरों के चंगुल से छुड़ाकर उनकी शादी हिंदू लड़कों से करवायी. तभी से दुल्ला भट्टी को नायक के रुप में मना जाता है. इसलिए हर साल लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी से जुड़ी कहानी सुनाई जाती है.

Lohri 2023 Date This Festival Is Dedicated To Sun Know Why Fire Is Lit On This Day

Lohri 2023 Date: लोहड़ी का पर्व हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है. ये पर्व दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. उत्तर भारत के कई राज्यों में लोहड़ी पर्व मनाया जाता जाता है. यह पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले आता है. लोहड़ी पर्व नए अन्न के तैयार होने और फसल कटाई की खुशी में मनाया जाता है. इस दौरान आग का अलाव लगाया जाता है और इसमें गेंहू की बालियों को अर्पित किया जाता है. इस अवसर पर पंजाबी समुदाय के लोग भांगड़ा करते हैं और खूब नाचते-गाते हैं. लोहड़ी के दिन अग्नि क्यों जलाई जाती है और इसका क्या महत्व है. लोहड़ी में अग्नि का महत्व लोहड़ी का पर्व सूर्यदेव और अग्नि को समर्पित माना जाता है. इसमें नई फसलों को अग्निदेव को समर्पित किया जाता है. मान्यताओं के अनुसार लोहड़ी के पर्व के माध्यम से नई फसल का भोग सभी देवताओं तक पहुंचाया जाता है. पुराणों के अनुसार अग्नि के जरिए ही सभी देवी-देवता अपने भोग को ग्रहण करते हैं. इस पर्व में अग्निदेव और सूर्य को फसल समर्पित करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. साथ ही अच्छी फसल और सुख समृद्धि की कामना की जाती है. लोहड़ी से जुड़ी धार्मिक मान्यता लोहड़ी पर्व को लेकर धार्मिक मान्यता है कि ये फसल की कटाई और नवीन अन्न तैयार होने की खुशी में मनाया जाता है. इस बार 13 जनवरी गुरुवार के दिन पड़ रही है. इस दिन शाम के समय में आग जलाते हैं और उसके चारों ओर एकत्रित हो जाते हैं. इसके बाद आग में रेवड़ी, मूंगफली, खील, चिक्की, गुड़ से निर्मित चीजें डालकर परिक्रमा करते हैं. साथ ही गीत गाए जाते हैं. इस दिन आग के पास बैठकर गज्जक और रेवड़ी खाए जाते हैं. पंजाब में रात के समय मक्के की रोटी और सरसों का साग खाया जाता है. ये भी पढ़ें Disclaimer: यहां मु...

Lohri 2023 why bonfire lit on know history religious importance lohri kab hai muhurat pooja kaise kare mpsn

नई दिल्ली: साल 2023 में मकर संक्रांति (Makar sankranti) 14 जनवरी को है, और इसके ठीक एक दिन पहले 13 जनवरी को लोहड़ी (Lohri 2023) का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन नई फसलों की पूजा होती है और आग जलाकर गुड़, मूंगफली, रेवड़ी, गजक आदि को अर्पित किया जाता है. इसके बाद सभी लोग अग्नि की परिक्रमा करते हैं, और पारंपरिक गीत को गाते हैं. लोहड़ी पर्व की परंपरा को समझने को लिए उसके अर्थ को समझना होगा. ये तीन अक्षरों से मिलकर बना है. पहला ल जिसका अर्थ है लकड़ी, ओह का अर्थ है सूखे उपले, और ड़ी का अर्थ रेवड़ी से है. इसलिए लोहड़ी पर उपलों और लकड़ी की मदद से अग्नि जलाई जाती है. अब अग्नि क्यों जलाई जाती है, आइये जानते हैं, इसका महत्व.... लोहड़ी के पर्व में अग्नि का महत्व दरअसल लोहड़ी का पर्व सूर्य और अग्नि को समर्पित है. इस पर्व पर लोग नई फसलों को अग्निदेव को समर्पित करते हैं. शास्त्रों की माने तो अग्निदेव और सूर्य को फसल समर्पित कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. मान्यता है कि लोहड़ी के पर्व के माध्यम से नई फसल का भोग सभी देवताओं तक पहुंचता है. अग्निदेव से आने वाले अच्छे समय और अच्छी फसल की कामना की जाती है. लोहड़ी का धार्मिक महत्व वैसे तो लोहड़ी का त्योहार प्रकृति की पूजा के लिए है. लेकिन पंजाब में इस पर्व का धार्मिक महत्व भी है. लोहड़ी की शाम को सात बार इसकी परिक्रमा की जाती है. साथ ही तिल, गुड़, चावल, मक्के की आहुति भी दी जाती है. जिसे तिलचौली कहते हैं. धार्मिक मान्यता ये है कि जिसके घर खुशियों का मौका आया हो, लोहड़ी उसी के घर जलाई जाएगी. इस अवसर पर लोग मिठाई बांटकर खुशियां मनाते है. लोहड़ी का सामाजिक महत्व धार्मिक महत्व के अलावा लोहड़ी का सामाजिक महत्व भी है. इस दिन लोक गीत भी गाए जाते है...