लोकतंत्र के लिए राजनीतिक दल क्यों आवश्यक है

  1. Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 6 राजनीतिक दल Notes in Hindi
  2. राजनीतिक दल का अर्थ क्या है?
  3. 5. लोकतंत्र की चुनौतियाँ ( लघु उत्तरीय प्रश्न )


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Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 6 राजनीतिक दल Notes in Hindi

10 Class लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 6 राजनीतिक दल Notes in hindi Textbook NCERT Class Class 10 Subject लोकतांत्रिक राजनीति Chapter Chapter 6 Chapter Name राजनीतिक दल Category Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति Notes in Hindi Medium Hindi Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 6 राजनीतिक दल Notes in hindi जिसमे हम राजनीतिक दल , राजनीतिक दल के कार्य , लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका , दलीय व्यवस्थाएँ , गठबंधन की सरकार , क्षेत्रीय दल , राष्ट्रीय दल , क्षेत्रीय दलआदि के बारे में पड़ेंगे । Class 10 लोकतांत्रिक राजनीति Chapter 6 राजनीतिक दल Notes in hindi 📚 अध्याय = 6 📚 💠 राजनीतिक दल 💠 ❇️राजनीतिक दल :- 🔹 लोगों का ऐसा संगठित समूह जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है । ❇️राजनीतिक दल के घटक :- • नेता • सक्रिय सदस्य • अनुयायी या समर्थक ❇️राजनीतिक दल का कार्य :- • चुनाव लड़ना • नीतियों और कार्यक्रमों को मतदाता के सामने रखना • कानून निर्माण • सरकार बनाना और सरकार चलाना • विरोधी पक्ष की भूमिका निभाना • मुद्दों को उठाना तथा आंदोलन की शुरूआत • कल्याण कार्यक्रमों को लोगों तक पहुँचाना • जनमत का निर्माण ❇️लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका :- • सरकार की नीतियों पर नज़र रखना । • सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना । • सराकर चलाने में सकरात्मक भूमिका निभाना ❇️राजनीतिक दल की जरूरत क्यों ? • आधुनिक लोकतंत्र राजनीतिक दल के बिना नहीं चल सकता । • अगर दल न हो तो सारे उम्मीदवार स्वतंत्र या निर्दलीय होंगे तब इनमें से कोई बड़े नीतिगत बदलाव के बारे में लोगों से चुनावी वायदे नहीं पर पाएगा । • सरकार तो बन जाएगी पर उसकी उपयोगिता संदिग्ध होगी । • प्रतिनिधित्व पर आधारित लोकतांत्...

राजनीतिक दल का अर्थ क्या है?

राजनीतिक दल क्या है? लोकतंत्र के इस दौरे में, हम कई राजनीतिक दलों से मिले हैं। राजनीति और सरकार बनाने और काम करने में। इस में पाठ्यपुस्तक, हमने राजनीतिक दलों को संघीय के वाहन के रूप में देखा है राजनीतिक सत्ता का बंटवारा और सामाजिक विभाजन के वार्ताकारों के रूप में लोकतांत्रिक राजनीति का क्षेत्र। इस दौरे को समाप्त करने से पहले, आइए हम राजनीतिक दलों की प्रकृति और कार्यप्रणाली पर एक नज़र डालें, खासकर हमारे देश में। Table of Contents राजनीतिक दल की परिभाषा? एक राजनीतिक दल को कम से कम मोटे तौर पर समान राजनीतिक उद्देश्यों और विचारों वाले लोगों के एक संगठित समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो अपने उम्मीदवारों को सार्वजनिक पद के लिए निर्वाचित करके सार्वजनिक नीति को प्रभावित करना चाहता है। एक स्थायी और अच्छी तरह से काम करने वाले लोकतंत्र में पार्टियां समाज के विशिष्ट उप-संरचनाओं में गहराई से और स्थायी रूप से स्थापित होती हैं। वे एक स्वतंत्र और निष्पक्ष समाज में सरकारी संस्थाओं को नागरिक समाज के तत्वों से जोड़ सकते हैं और किसी भी आधुनिक लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था के कामकाज के लिए आवश्यक माने जाते हैं। • सदस्यों और समर्थकों द्वारा पहचानी गई सार्वजनिक नीति की प्राथमिकताओं और नागरिक जरूरतों और समस्याओं को हल करना और स्पष्ट करना • राजनीतिक और चुनावी प्रणाली के कामकाज और सामान्य राजनीतिक मूल्यों की पीढ़ी में मतदाताओं और नागरिकों का सामाजिककरण और शिक्षित करना • विरोधी मांगों को संतुलित करना और उन्हें सामान्य नीतियों में परिवर्तित करना • राजनीतिक निर्णयों में भाग लेने के लिए नागरिकों को सक्रिय और संगठित करना और उनकी राय को व्यवहार्य नीति विकल्पों में बदलना • जनता की राय को नागरिकों...

5. लोकतंत्र की चुनौतियाँ ( लघु उत्तरीय प्रश्न )

1. बिहार में लोकतंत्र की चुनौतियाँ कौन-सी हैं ? उत्तर- हमारे प्रान्त में लोकतंत्र के समक्ष अनेक चुनौतियाँ हैं। इनमें सबसे अधिक अशिक्षा, जातिवाद तथा निर्धनता है। इन सबकी वजह से बिहार में जागृति नहीं आ पा रही है और लोकतंत्र का विस्तार रुक गया है। 2. गठबंधन की सरकार से आपका क्या अभिप्राय है ? उत्तर- जब किसी चुनाव में किसी एक राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत प्राप्त । नहीं होता, तब वह कई क्षेत्रीय या राष्ट्रीय दलों के साथ समझौता के तहत बहुमत प्राप्त करता है। इस प्रकार बनी सरकारें गठबंधन सरकार कहलाती हैं। 3. संप्रदायवाद लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती हैं, कैसे ? उत्तर- संप्रदायवाद के कारण विभिन्न धर्मों के लोग परस्पर दूसरे धर्म के प्रति द्वेष का भाव रखने लगते हैं जिसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय एकता को खतरा होता है। यह गृहयुद्ध की स्थिति पैदा कर सकता है। अत: यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ी `चुनौती है। 4. अमेरिकी संविधान निर्माता अलेक्जेन्डर हैमिल्टन ने क्या कहा था ? उत्तर- उन्होंने सरकार के विभिन्न अंगों के विषय में यह कहा था कि “कार्यपालिका में ऊर्जा होनी चाहिए तो विधायिका में दूरदर्शिता जबकि न्यायपालिका में सत्य के प्रति निष्ठा एवं संयम होना चाहिए। 5. लोकतंत्र की सफलता के लिए शिक्षा का प्रसार क्यों जरूरी है ? उत्तर- शिक्षा से लोगों के भीतर चेतना पैदा होती है। लोग अपने कर्तव्यों के रे में जागरूक होते हैं। अपने लिए योग्य प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं जो सरकार जाते हैं। इस प्रकार शासन में भी अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित कर पाते हैं। यही ” कि लोकतंत्र की सफलता के लिए शिक्षा का प्रसार बहुत जरूरी है। 6. भारतीय लोकतंत्र के तीन महत्त्वपूर्ण अंग कौन-कौन से हैं ? उत्तर- भारत में लोकतांत्रिक सरकार के तीन...