लोकतंत्र को परिभाषित करें

  1. 03: भारतीय लोकतंत्र की कहानियाँ / Bharat me Samajik Parivartan aur Vikas
  2. लोकतंत्र
  3. लोकतंत्र क्या है, लोकतंत्र की परिभाषा,
  4. लोकतंत्र का अर्थ क्या होता है?
  5. लोकतंत्र का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, गुण एवं दोष


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03: भारतीय लोकतंत्र की कहानियाँ / Bharat me Samajik Parivartan aur Vikas

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लोकतंत्र

• दे • वा • सं लोकतंत्र या प्रजातन्त्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अन्तर्गत जनता अपनी स्वेच्छा से निर्वाचन में आए हुए किसी भी उम्मीदवार को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है यद्यपि शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किन्तु लोकतन्त्र का सिद्धान्त दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। मूलतः लोकतन्त्र भिन्न-भिन्न सिद्धान्तों के मिश्रण बनता है, लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है। लोकतंत्र में ऐसी व्यवस्था रहती है की जनता अपनी मर्जी से विधायिका चुन सकती है। लोकतंत्र एक प्रकार का शासन व्यवस्था है, जिसमे सभी व्यक्ति को समान अधिकार होता हैं। एक अच्छा लोकतंत्र वह है जिसमे राजनीतिक और सामाजिक न्याय के साथ-साथ आर्थिक न्याय की व्यवस्था भी है। देश में यह शासन प्रणाली लोगो को सामाजिक, राजनीतिक तथा धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करती हैं। अनुक्रम • 1 लोकतन्त्र के प्रकार • 1.1 प्रतिनिधि लोकतन्त्र • 1.2 प्रत्यक्ष लोकतन्त्र • 2 भारत में लोकतन्त्र के प्राचीनतम प्रयोग • 3 लोकतन्त्र की अवधारणा • 4 लोकतन्त्र का पुरातन उदारवादी सिद्धान्त • 5 लोकतंत्र में अधिकारों की महत्वपूर्ण भूमिका • 6 लोकतंत्र का बहुलवादी सिद्धान्त • 7 लोकतंत्र का सहभागिता सिद्धान्त • 8 लोकतंत्र का मार्क्सवादी सिद्धान्त • 9 लोकतंत्र की आवश्यकता • 10 इन्हें भी देखें • 11 बाहरी कड़ियाँ लोकतन्त्र के प्रकार [ ] लोकतन्त्र की परिभाषा के अनुसार यह "जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है"। लेकिन अलग-अलग देशकाल और परिस्थितियों में अलग-अलग धारणाओं के प्रयोग से इसकी अवधारणा कुछ जटिल हो गयी है। प्राचीनकाल से ही लोकतन्त्र के सन्दर्भ में कई प्रस्ताव रखे गये हैं, पर इनमें से कई कभी क्रियान्वित नहीं...

लोकतंत्र क्या है, लोकतंत्र की परिभाषा,

• • • • • • • • • लोकतंत्र क्या है? – Loktantra kya hai ? Loktantra ki paribhasha करना बहुत बड़ा और जटिल कार्य है। लोक तंत्र को परिभाषित करना चाहें तो हम कह सकते हैं की ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें जनता का शासन होता है और जनता ही शक्तिशाली होती है। Loktantra या प्रजातंत्र की एक निश्चित परिभाषा देना एक कठिन कार्य है, क्योंकि अलग–अलग कालों के विचारकों द्वारा Loktantra की अलग–अलग परिभाषा दी है। Loktantra में शासन किसी एक व्यक्ति विशेष या समुदाय विशेष के पास न रहकर जनता के पास रहता है, क्योंकि जनता अपनी इच्छा से मत देकर शासन करने वाले दल को चुनती है। इसलिए हम कह सकते हैं की शासन का जनता का होता है। क्योंकि शासन किसके पास होगा यह तय करना जनता के हाथ में है। क्योंकि आवधिक निर्वाचन में जनता अपने मताधिकार का उपयोग करके शासन करने वाले दल को बदल सकती है। लोकतंत्रका अर्थ क्या है? – Definition of democracy in Hindi दुनिया के कुछ महान व्यक्तियों ने अपने अलग-अलग शब्दों में बताया है कि loktantra kya hai. उदाहरण के लिए दुनिया की सबसे पुरानी डेमोक्रेसी अमेरिका के पहले राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपने शब्दों में loktantra ki paribhasha दी है। - Advertisement - लोकतंत्र की परिभाषा: लोकतंत्रबना है दो शब्दों के मेल से (लोक+तंत्र), लोकका अर्थ है जनता और तंत्र का अर्थ है शासन लोकतंत्रको हम प्रजातंत्र भी कह सकते हैं जिसका अर्थ है लोगों का शासन या फिर जनता का शासन। लोकतंत्रसे अभिप्राय ऐसे शासन व्यवस्था से है जिसमें शासन जनकाके लिए,जनताके द्वारा, जनताका शासन होता है। Loktantraमें ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें सभी व्यक्ति एक सामान होते हैं और सबकेसामान अधिकार होते हैं। अब्राहम लिंकन की फ़ोटो loktantra ki p...

लोकतंत्र का अर्थ क्या होता है?

लोकतंत्र का अर्थ है- ऐसी सरकार जो जनमत पर आधारित होती है और इसके प्रति उत्तरदायी होती है। दूसरे शब्दों में, लोकतंत्र का अर्थ है- ऐसी व्यवस्था जिसमें लोगों की शक्ति सर्वाेच्च होती है। वह सरकार के निर्धारक होते है। बहुमत का शासन होता है। लोकतंत्र का अर्थलोकतंत्र पद ग्रीक शब्द “डेमोस” और “क्रेटोस” से ग्रहण किया गया है।“डेमोस” का अर्थ है जनता और “क्रेटोस” का अर्थ है शक्ति। इस प्रकार लोकतंत्र शब्द का अर्थ है“जनता की शक्ति”। अर्थात ’डेमोक्रेसी’ का अर्थ हुआ ’लोक शक्ति’ अथवा शासन का वह स्वरूप जिसमें सर्वाेच्च शक्ति लोगों के पास होती है। वर्तमानसमय में यह शासन का सर्वाधिक लोकप्रिय स्वरूप बन चुका है। इस प्रकार की शासन व्यवस्था में जनता अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से स्वयं शासन करती है। म्यूलर (2009) के अनुसार, “लोकतंत्र एक राजनीतिक व्यवस्था या पद्धति है जिसमें समुदाय का एक महत्वपूर्ण भाग सरकार के कार्य के निर्धारण में सहभागी होता है।” उनकी सहभागिता प्रत्यक्ष रूप से समुदाय का सामूहिक चयन अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अपने प्रतिनिधियों के चुनाव को सुनिश्चित कर सकती हैं। इस व्यवस्था का मुख्य मानक यह है कि इसमें नागरिकों की उपेक्षाओं तथा राज्य से उनकी प्राप्ति के मध्य एक सम्बन्ध होता है। लोकतंत्र की प्रारंभिक परिभाषाएँ इसके संख्यात्मक मानकों पर केन्द्रित थी जैसा कि ग्रीकवासियों के अनुसार इस शासन का अर्थ था“बहुतों द्वारा शासन”। परंतु आधुनिक लेखक संख्यात्मक मानदंडों को अपनाने के स्थान पर लोकतंत्र के उन सिद्धान्तों पर बल देते हैं कि राज्य के निर्देशन में उन लोगों को सहभागी होना चाहिए जो नागरिक के कर्त्तव्यों का निर्वहन करने के लिए उपयुक्त हैं। अवस्थी (2012) ने बहुत मह...

लोकतंत्र का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, गुण एवं दोष

लोकतंत्र का उदय यूनान में हुआ, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि 500 ई.पू. के आस-पास यूनान में पहली लोकतान्त्रिक सरकार बनी थी।‘डेमोक्रेसी’ शब्द का उद्भव यूनानी शब्द ‘डेमोक्राटिया’ (Demokratia) से हुआ है। जो कि दो यूनानी शब्दों‘demos’ अर्थात्‘लोग’ और ‘kratos’ अर्थात्‘शक्ति’ से मिलकर बना है। इस प्रकार लोकतंत्र का मतलब ‘लोगों के द्वारा शासन’ होता है जो कि सरकार को सच्चे अर्थों मेंवैद्यानिकता प्रदान करता है। इसी कारण हम आज लोकतंत्र के विभिन्न स्वरूप देखते हैं यथा-उत्तर कोरिया में अधिनायकवादी लोकतंत्र, पाकिस्तान और तुर्की में इस्लामिक लोकतंत्र, अमेरिका में अध्यक्षीय लोकतंत्र और भारत में संसदात्मक लोकतंत्र। • गरीब और हीनतम लोगों के द्वारा शासन। • समान अवसर पर आधारित समाज और श्रेणी तथा विशेषाधिकार के स्थान पर • व्यक्तिगत गुणों पर आधारित समाज। • सामाजिक असमानता को कम करने हेतु कल्याणकार्य और पुनर्वितरण। • बहुमत के शासन पर आधारित निर्णय निर्माण। • बहुमत के शासन कि बाधाओं को हटाते हुए अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा। • लोकप्रिय मतदान हेतु सार्वजनिक कार्यालयों को मतदान के माध्यम से भरा जाना। व्यापक सन्दर्भ में लोकतंत्र के अतर्गत बहुत सी विशेषताओं को सम्मिलित किया जा सकता लोकतंत्रहै। लिखित संविधान, विधि का शासन, मानव अधिकार, स्वतंत्र पत्रकारिता और न्यायालय कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का विभाजन इत्यादि को लोकतंत्र के आधारभूत लक्षणों के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। अपने प्रारंभिक स्वरूप में लोकतंत्र का विचार यूनान से आया, जो कि समावेशी स्वरूप में नहीं था। लोकतंत्र का यूनानी माॅडल महिलाओं, दासों और प्रवासियों को समाहित नहीं करता, इस अर्थ में यह खुद को अलोकतांत्रिक बन...