Lymphocytes बढ़ने से कौन सी बीमारी होती है

  1. Lymphocytes kya hai
  2. लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi)
  3. हीमोग्लोबिन ज्यादा होने पर क्या करना चाहिए? – ElegantAnswer.com
  4. [Solved] निम्नलिखित में से कौन सी बीमारी विषाणु से होत�
  5. कीमोथेरेपी क्या है कब की जाती है कैसे की जाती है फायदे और नुकसान
  6. प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग
  7. लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi)
  8. कीमोथेरेपी क्या है कब की जाती है कैसे की जाती है फायदे और नुकसान
  9. [Solved] निम्नलिखित में से कौन सी बीमारी विषाणु से होत�
  10. प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग


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Lymphocytes kya hai

दोस्तों आज की इस आर्टिकल में हम आपको Lymphocytes kya hai और Lymphocytes kya hota hai इसके बारे में पूरी डिटेल में जानकारी देने वाला हूँ और यदि आप Lymphocytes kya hai ये जानने में इंट्रेस्ट रखते है तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें वैसे इस आर्टिकल में आपको How to increase lymphocytes in hindi और how to decrease lymphocytes in hindi के बारे में भी बताया गया है यानि की Lymphocytes से जुडी कुछ बेहतरीन जानकारी दी गई है जो आपको जरूर जानना चाहिए। 7 Conclusion ल्य्म्फोसिट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi) दोस्तों लिंफोसाइट्स (Lymphocytes) मानव के शरीर मे एक रोग प्रतिकारक या संरक्षण शक्ति जैसी कार्य करती है दूसरे शब्दों में कहा जाए तो रक्त में उपस्थित ल्यूकोसाइट्स की संख्या प्रायः किसी रोग या बीमारी का सूचक होता है हम इसे आगे समझते है क्या कभी आपने सोचा है कि जब हमारे शरीर मे कोई जीवाणु (bacteria), विषाणु (virus) या फिर फंगी (fungi) जैसे किसी अन्य सुक्ष्मजीवों का अटैक होता है या फिर हम किसी अन्य तरह के बीमारियों से ही ग्रस्त हो जाते है तो उस वक्त हमारे शरीर के संरक्षण या प्रतिकारक के लिए कौन सी कोशिका कार्य करती है? जब इस तरह के सुक्ष्मजीवों का अटैक हमारे शरीर मे होता है तो हमारे रक्त (Blood) में मौजूद स्वेत रक्त कोशिकाओं (White blood cell) इन सभी सुक्ष्मजीवों का प्रतिकार करते है यानी कि उस से लड़ते है और सभी प्रकार के सूक्ष्मजीवों जैसे जीवाणु, विषाणु, फंगी आदि को मार कर हमारे शरीर को संरक्षित और स्वास्थ्य रखती है अर्थात स्वेत रक्त कोशिकाओं शरीर की संक्रामक रोगों और बाह्य पदार्थों से रक्षा करती है। पर मानव शरीर के भीतर कभी कभी ऐसे बैक्टरिया या वायरस का लक्षण पहुंच जाता है जिसका प्र...

लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi)

आज हम जानेंगे कि लिंफोसाइट्स क्या होता है? (Lymphocytes kya hai) लिंफोसाइट्स के बढ़ने का कारण? (cause of high lymphocytes), लिंफोसाइट्स कैसे बढ़ाएं? (How to increase lymphocytes) , लिंफोसाइट्स घटने का कारण?, लिंफोसाइट्स कैसे कम करें? (how to decrease lymphocytes) इत्यादि Lymphocytes से जुड़े सारे सवालों के उत्तर आज हम जानेंगे। 9.1 Conclusion लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi) आइए जानते हैं लिंफोसाइट्स क्या होता है ( Lymphocytes kya hai) या लिंफोसाइट का मतलब क्या होता है (Lymphocytes meaning in hindi)। दोस्तों जैसा कि आप सभी लोगों को पता है कि जब भी हमारे शरीर में कोई bacteria या virus या fungi का attack होता है तो उस वक्त हमारे खून में मौजूद white blood cells उस bacteria या virus को मार के खत्म कर देती है। लेकिन कुछ स्थिति में हमारी श्वेत रक्त कोशिकाएं वायरस या बैक्टीरिया को समझ नहीं पाते हैं और ऐसी स्थिति में उस virus या bacteria से लड़ने का काम Lymphocytes द्वारा किया जाता है। यानी कि Lymphocytes हमें होने वाले बीमारियों से बचाता है तथा हमें स्वस्थ रखता है। लेकिन कभी-कभी हमारे शरीर में Lymphocytes level low हो जाती है और कभी-कभी हमारे शरीर में Lymphocytes level high हो जाती है तो कम होने पर और बढ़ने पर भी यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी एक मात्रा होती है और अगर लिंफोसाइट्स उस मात्रा से अधिक या कम हो जाए तो यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है। शरीर में लिंफोसाइट्स की मात्रा कितनी होती है। (Lymphocytes kitna hona chahiye) White Blood Cells की तरह हमारे शरीर में lymphocytes की भी एक न्यूनतम और अधिकतम मात्रा होती है। अगर लिंफोसाइट्स हमारे शरीर...

हीमोग्लोबिन ज्यादा होने पर क्या करना चाहिए? – ElegantAnswer.com

हीमोग्लोबिन ज्यादा होने पर क्या करना चाहिए? आइए जानते हैं आप अपने आहार में किन चीजों को शामिल कर हीमोग्लोबिन के लेवल को मेंटेन रख सकते हैं. • तरबूज गर्मियों में तरबूज खाना शरीर के लिए फायदेमंद होता है. • हरी सब्जियां डाइट में केल, पालक और अन्य हरी सब्जियां खाएं. • खट्टे फल आप अपने आहारा में संतरा, नींबू, अंगूर आदि का सेवन कर सकते हैं. • अनार • खजूर • सीड्स और नट्स हीमोग्लोबिन बढ़ने से क्या नुकसान होता है? Blood Clot से होने वाले नुकसान • ब्लड क्लॉटिंग • हृदय संबंधी रोग की समस्याएं • आंखों में धुंधलापन • चक्कर आना • पीरियड में अधिक ब्लीडिंग • गठिया • सिरदर्द • उच्च रक्तचाप हीमोग्लोबिन की स्थिति में कोई कैसे सुधार कर सकता है? इसे सुनेंरोकें1851 में ओटो फंक ने लेखों की एक श्रृंखला का प्रकाशन किया जिसमें उन्होंने लाल रक्त कोशिकाओं को शुद्ध जल, अल्कोहल या ईथर जैसे घोलकों की सहायता से पतला करने के बाद प्राप्त प्रोटीन के घोल से घोलक का धीमा वाष्पीकरण करके हीमोग्लोबिन के स्फटिकों को उगाने के बारे में बताया. हीमोग्लोबिन बढ़ने से होते हैं यह 5 नुकसान • शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के बढ़ने पर कई बार आप थकान का अनुभव करते हैं। • हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ने पर आपकी दिमागी क्षमता कुछ हद तक प्रभावित होती है। • अगर आपके शरीर से अक्सर ब्लीडिंग होती है जैसे नाक से खून निकलना या फिर दांतों की जड़ों, मसूड़ों से खून आना आदि। हीमोग्लोबिन कैसे कम किया जाए? इसे सुनेंरोकेंयदि शरीर में फोलिक एसिड की कमी होगी तो जाहिर है कि शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर की कमी दर्ज करी जाएगी। शरीर में फोलिक एसिड की मात्रा को संतुलित करने के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियों, जिगर, चावल, अंकुरित, सूखे सेम, गेहूं के बीज, दृढ़ अना...

[Solved] निम्नलिखित में से कौन सी बीमारी विषाणु से होत�

विकल्प 3सही है: • खसरा रोग मोर्बिलावायरस के कारण होता है, जिसके कारण शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं। • रुबेला भी कहा जाता है, खसरा छोटे बच्चों के लिए गंभीर और घातक भी हो सकता है। • यह एक सुरक्षित और लागत प्रभावी टीका उपलब्ध होने के बावजूद छोटे बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। • आंत्र ज्वरएक संक्रमण है जो जीवाणु साल्मोनेला टाइफिम्यूरियम के कारण होता है। • आंत्र ज्वर किसी संक्रमित व्यक्ति के चेहरे से दूषित भोजन या पानी पीने से फैलता है। • टीएबी वैक्सीन का उपयोग टाइफाइड, पैराटायफाइड ए और पैराटायफाइड बी के खिलाफ किया जाता है। • हैज़ा एक जीवाणु रोग है जो आमतौर पर दूषित पानी से फैलता है। • हैज़ा गंभीर दस्त और निर्जलीकरण का कारण बनता है। • दाद फंगस डर्माटोफाइट्स के कारण होता है। • यह इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित कर सकता है।

कीमोथेरेपी क्या है कब की जाती है कैसे की जाती है फायदे और नुकसान

कीमोथेरेपी क्या है – What Is Chemotherapy In Hindi कीमोथेरेपी एक ऐसी दवा (drugs) है। जो कैंसर की कोशिकाओ को बढ़ने से रोकता है। कैंसर बहुत ही खतरनाक बीमारी होती है। कैंसर के सेल्स बहुत अलग-अलग तरीके से हमारे शरीर में फैलते है। कीमोथेरेपी का उपयोग अक्सर अन्य उपचारों जैसे कि सर्जरी, विकिरण, या हार्मोन थेरेपी के साथ किया जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है: • कैंसर का चरण और प्रकार कौन सा है • आपका समग्र स्वास्थ्य कैसा है • आपके पिछले कैंसर के उपचार • कैंसर कोशिकाओं का स्थान क्या है • आपकी व्यक्तिगत उपचार प्राथमिकताएं • इसे एक प्रणालीगत उपचार माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह पूरे शरीर को प्रभावित करता है। जबकि कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं पर प्रभावी ढंग से ख़त्म करने के लिए जानी जाती है, कीमोथेरेपी उपचार प्रक्रिया गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है जो आपके जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते है। (और पढ़े – कीमोथेरेपी के प्रकार – Types Of Chemotherapy In Hindi कीमोथेरेपी को सामान्य तौर पर कीमो (chemo) भी कहा जाता है कीमोथेरेपी को हमारे शरीर में अलग-अलग तरह से दिया जाता है जिनके प्रकार आपको हम बताएँगे कीमोथेरेपी दवाओ के विभिन्न तरीके होते है। कीमोथेरेपी के मुख्यतया; सात प्रकार के होते है। • अल्केलोइड एजेंट (Alkylating agents) • प्लांट अल्केलोइड (Plant alkaloids) • एंटी ट्यूमर एंटीबायोटिक्स (Antitumor antibiotics ) • टोपोइसोमरेस इन्हिबिटर्स (Topoisomerase inhibitors) • मिसेलेनियस एंटीनियोप्लास्टिक (Miscellaneous antineoplastic) • एंटीमेटाबोलेट्स (Antimetabolites) एल्केलाइड एजेंट कीमोथेरेपी – Alkylating Agent Chemotherapy In Hindi एल्केलाइड एजेंट एक ऐसी कीमोथेरेपी है जो सी...

प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग

- Advertisement - Protein deficiency disease in hindi प्रोटीन की कमी से हमारे शरीर को अनेकों तरह के रोगों का सामना करना पड़ता है जिनमें से क्वाशिओरकोर बीमारी (Kwashiorkor), शारीरिक थकान, हड्डियां कमज़ोर होना, बालों और नाखूनों का झड़ना, बच्चों में लंबाई रुक जाना, नींद में कमी होना, घावों का देरी से ठीक होना, चेहरे पर सूजन आना, हीमोग्लोबिन की कमी आदि मुख्य प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के नाम हैं। • • • • • प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग – Protein ki kami se hone wale rog • क्वाशिओरकोर (Kwashiorkor): क्वाशिओरकोर बीमारी प्रोटीन की वजह से होने वाली मुख्य बीमारियों में से एक है जो कि प्रोटीन की कमी के कारण होती है। यह बीमारी ज़्यादातर छोटे बच्चों में देखी जाती है और भुखमरी और कुपोषण • शारीरिक थकान : प्रोटीन की कमी से हमारा शरीर हमेशा थका थका महसूस करता है। जब हमारे शरीर को ये प्रोटीन का पोषण नहीं मिलता तब हमारा शरीर शिथिल पड़ जाता है और जो शारीरिक थकान का कारण बनता है। • हड्डियाँ कमजोर होना : जब हमारे शरीर को भी अच्छी मात्रा में प्रोटीन नहीं मिलता तब तक हमारा शरीर की हड्डियों से प्रोटीन लेना शुरू कर देता है जिस वजह से हमारी हड्डियां कमज़ोर पड़ जाती है और छोटी सी चोट लगने पर भी हड्डियों के फ्रैक्चर होने का ख़तरा बना रहता है। • बालों के झड़ना : आजकल लोग बालों की समस्या से जूझ रहे हैं जिनमें बालों का झड़ना मुख्य हैं। शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण हमारे बालों तक भरपूर मात्रा में प्रोटीन नहीं पहुँच पाता जिस वजह से हमारे बाल कमज़ोर और रूखे हो जाते हैं और प्रोटीन की कमी ही बालों की झड़ने का सबसे बड़ा कारण है। • बच्चों की लम्बाई रुकना : जिन बच्चों को उनके भोजन में प्रोटीन की मात...

लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi)

आज हम जानेंगे कि लिंफोसाइट्स क्या होता है? (Lymphocytes kya hai) लिंफोसाइट्स के बढ़ने का कारण? (cause of high lymphocytes), लिंफोसाइट्स कैसे बढ़ाएं? (How to increase lymphocytes) , लिंफोसाइट्स घटने का कारण?, लिंफोसाइट्स कैसे कम करें? (how to decrease lymphocytes) इत्यादि Lymphocytes से जुड़े सारे सवालों के उत्तर आज हम जानेंगे। 9.1 Conclusion लिंफोसाइट्स क्या है? (What Is Lymphocytes In Hindi) आइए जानते हैं लिंफोसाइट्स क्या होता है ( Lymphocytes kya hai) या लिंफोसाइट का मतलब क्या होता है (Lymphocytes meaning in hindi)। दोस्तों जैसा कि आप सभी लोगों को पता है कि जब भी हमारे शरीर में कोई bacteria या virus या fungi का attack होता है तो उस वक्त हमारे खून में मौजूद white blood cells उस bacteria या virus को मार के खत्म कर देती है। लेकिन कुछ स्थिति में हमारी श्वेत रक्त कोशिकाएं वायरस या बैक्टीरिया को समझ नहीं पाते हैं और ऐसी स्थिति में उस virus या bacteria से लड़ने का काम Lymphocytes द्वारा किया जाता है। यानी कि Lymphocytes हमें होने वाले बीमारियों से बचाता है तथा हमें स्वस्थ रखता है। लेकिन कभी-कभी हमारे शरीर में Lymphocytes level low हो जाती है और कभी-कभी हमारे शरीर में Lymphocytes level high हो जाती है तो कम होने पर और बढ़ने पर भी यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी एक मात्रा होती है और अगर लिंफोसाइट्स उस मात्रा से अधिक या कम हो जाए तो यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक होता है। शरीर में लिंफोसाइट्स की मात्रा कितनी होती है। (Lymphocytes kitna hona chahiye) White Blood Cells की तरह हमारे शरीर में lymphocytes की भी एक न्यूनतम और अधिकतम मात्रा होती है। अगर लिंफोसाइट्स हमारे शरीर...

कीमोथेरेपी क्या है कब की जाती है कैसे की जाती है फायदे और नुकसान

कीमोथेरेपी क्या है – What Is Chemotherapy In Hindi कीमोथेरेपी एक ऐसी दवा (drugs) है। जो कैंसर की कोशिकाओ को बढ़ने से रोकता है। कैंसर बहुत ही खतरनाक बीमारी होती है। कैंसर के सेल्स बहुत अलग-अलग तरीके से हमारे शरीर में फैलते है। कीमोथेरेपी का उपयोग अक्सर अन्य उपचारों जैसे कि सर्जरी, विकिरण, या हार्मोन थेरेपी के साथ किया जाता है। यह इस बात पर निर्भर करता है: • कैंसर का चरण और प्रकार कौन सा है • आपका समग्र स्वास्थ्य कैसा है • आपके पिछले कैंसर के उपचार • कैंसर कोशिकाओं का स्थान क्या है • आपकी व्यक्तिगत उपचार प्राथमिकताएं • इसे एक प्रणालीगत उपचार माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह पूरे शरीर को प्रभावित करता है। जबकि कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं पर प्रभावी ढंग से ख़त्म करने के लिए जानी जाती है, कीमोथेरेपी उपचार प्रक्रिया गंभीर दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है जो आपके जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते है। (और पढ़े – कीमोथेरेपी के प्रकार – Types Of Chemotherapy In Hindi कीमोथेरेपी को सामान्य तौर पर कीमो (chemo) भी कहा जाता है कीमोथेरेपी को हमारे शरीर में अलग-अलग तरह से दिया जाता है जिनके प्रकार आपको हम बताएँगे कीमोथेरेपी दवाओ के विभिन्न तरीके होते है। कीमोथेरेपी के मुख्यतया; सात प्रकार के होते है। • अल्केलोइड एजेंट (Alkylating agents) • प्लांट अल्केलोइड (Plant alkaloids) • एंटी ट्यूमर एंटीबायोटिक्स (Antitumor antibiotics ) • टोपोइसोमरेस इन्हिबिटर्स (Topoisomerase inhibitors) • मिसेलेनियस एंटीनियोप्लास्टिक (Miscellaneous antineoplastic) • एंटीमेटाबोलेट्स (Antimetabolites) एल्केलाइड एजेंट कीमोथेरेपी – Alkylating Agent Chemotherapy In Hindi एल्केलाइड एजेंट एक ऐसी कीमोथेरेपी है जो सी...

[Solved] निम्नलिखित में से कौन सी बीमारी विषाणु से होत�

विकल्प 3सही है: • खसरा रोग मोर्बिलावायरस के कारण होता है, जिसके कारण शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं। • रुबेला भी कहा जाता है, खसरा छोटे बच्चों के लिए गंभीर और घातक भी हो सकता है। • यह एक सुरक्षित और लागत प्रभावी टीका उपलब्ध होने के बावजूद छोटे बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। • आंत्र ज्वरएक संक्रमण है जो जीवाणु साल्मोनेला टाइफिम्यूरियम के कारण होता है। • आंत्र ज्वर किसी संक्रमित व्यक्ति के चेहरे से दूषित भोजन या पानी पीने से फैलता है। • टीएबी वैक्सीन का उपयोग टाइफाइड, पैराटायफाइड ए और पैराटायफाइड बी के खिलाफ किया जाता है। • हैज़ा एक जीवाणु रोग है जो आमतौर पर दूषित पानी से फैलता है। • हैज़ा गंभीर दस्त और निर्जलीकरण का कारण बनता है। • दाद फंगस डर्माटोफाइट्स के कारण होता है। • यह इंसानों और जानवरों दोनों को प्रभावित कर सकता है।

प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग

- Advertisement - Protein deficiency disease in hindi प्रोटीन की कमी से हमारे शरीर को अनेकों तरह के रोगों का सामना करना पड़ता है जिनमें से क्वाशिओरकोर बीमारी (Kwashiorkor), शारीरिक थकान, हड्डियां कमज़ोर होना, बालों और नाखूनों का झड़ना, बच्चों में लंबाई रुक जाना, नींद में कमी होना, घावों का देरी से ठीक होना, चेहरे पर सूजन आना, हीमोग्लोबिन की कमी आदि मुख्य प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के नाम हैं। • • • • • प्रोटीन की कमी से होने वाले रोग – Protein ki kami se hone wale rog • क्वाशिओरकोर (Kwashiorkor): क्वाशिओरकोर बीमारी प्रोटीन की वजह से होने वाली मुख्य बीमारियों में से एक है जो कि प्रोटीन की कमी के कारण होती है। यह बीमारी ज़्यादातर छोटे बच्चों में देखी जाती है और भुखमरी और कुपोषण • शारीरिक थकान : प्रोटीन की कमी से हमारा शरीर हमेशा थका थका महसूस करता है। जब हमारे शरीर को ये प्रोटीन का पोषण नहीं मिलता तब हमारा शरीर शिथिल पड़ जाता है और जो शारीरिक थकान का कारण बनता है। • हड्डियाँ कमजोर होना : जब हमारे शरीर को भी अच्छी मात्रा में प्रोटीन नहीं मिलता तब तक हमारा शरीर की हड्डियों से प्रोटीन लेना शुरू कर देता है जिस वजह से हमारी हड्डियां कमज़ोर पड़ जाती है और छोटी सी चोट लगने पर भी हड्डियों के फ्रैक्चर होने का ख़तरा बना रहता है। • बालों के झड़ना : आजकल लोग बालों की समस्या से जूझ रहे हैं जिनमें बालों का झड़ना मुख्य हैं। शरीर में प्रोटीन की कमी के कारण हमारे बालों तक भरपूर मात्रा में प्रोटीन नहीं पहुँच पाता जिस वजह से हमारे बाल कमज़ोर और रूखे हो जाते हैं और प्रोटीन की कमी ही बालों की झड़ने का सबसे बड़ा कारण है। • बच्चों की लम्बाई रुकना : जिन बच्चों को उनके भोजन में प्रोटीन की मात...