Mahabharat kisne likhi thi

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mahabharat kisne likha tha

दोस्तों आज मैं आपको भारत के सबसे बड़े महाग्रंथ के बारे में बतानेवाला हूँ जिसमे मैं आपको आपके प्रश्न mahabharat kisne likhi thi का उत्तर तो दूंगा ही इसके साथ इससे जुडी कुछ रोचक तथ्य और महत्वपूर्ण बातें बतानेवाला हूँ । हो सकता है की महाभारत की कुछ बातें आपको पता न हो इसलिए आप चाहे तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद उन जानकारी के बारे में जान सकते है जिससे आप अभी तक अनजान थे । महाभारत के रचियता अथार्त लिखने वाले वेदव्यास जी है जिन्होंने इस सबसे बड़े महाग्रंथ को लिखा और इसे लिखने में उनको 3 साल का समय लग था । पहले के समय में भासा लिपि आज की तरह सरल और साधारण नहीं थी इसलिए उस समय में जो ऋषि मुनि थे वे अपनी ज्ञान को शिष्यों के बिच केवल मौखिक रूप से देते थे यानी की अपने मुख से बोलकर । आज के समय में हम जो महाभारत पढ़ते है वो कई धारणाओ से गुजरते हुए आई है लेकिन जैसे – जैसे समय वयतीत होता गया वैसे ही ऋषि मुनियो को यह ज्ञात हुआ की यदि हम इस तरह से केवल बोलकर सबको ज्ञान देते रहे तो आने वाले समय में कहीं सारे ज्ञान विलुप्त ना हो जाए और इस समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने लिखना आरम्भ किया । महाभारत हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र ग्रन्थ है इसमें महाभारत में हुए युद्ध के सारे विवरण लिखे गए हैं । महाभारत युद्ध जो की हम जानते है की कौरव और पांडव के बिच हुआ था । महाभारत का केवल एक ही भाग है जिसमे कुल 1,10,000 श्लोक लिखे गए हैं और यह घटना तीसरी सताब्दी का माना जाता रहा है । Table of Contents • • • • • • • • • • महाभारत किसने लिखा था-(mahabharat kisne likha tha) mahabharat yudh में श्री कृष्ण ने पांडव का साथ दिया एवं युद्ध के हर क्षण में पांडव के मार्गदर्शन बने रहे जिससे पांडव को यह युद्ध जितने में ...

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Who wrote Bhagwat Gita

हमारी नई वैबसाइट - भारत का इतिहास - www.bharatkaitihas.com महाभारत के भीष्मपर्व में 23 से 40वें अध्याय तक गीता के अट्ठारह अध्याय वर्णित हैं। भारतीय जनमानस इस बात को मानता है कि भगवद्गीता मूलतः भगवान श्रीकृष्ण ने अपने सखा अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध से पहले, उपदेश के रूप में कही। संजय ने अपनी दिव्यदृष्टि से कुरुक्षेत्र के युद्ध का आंखों-देखा विवरण राजा धृतराष्ट्र को सुनाया। इस प्रकार भगवद्गीता भी संजय तथा धृतराष्ट्र तक पहुंची। जब भगवान वेदव्यास ने महाभारत को संहिताबद्ध किया तब उन्होंने पूरी कथा भगवान श्री गणेशजी को बोलकर सुनाई और भगवान गणेशजी ने इसे लिपिबद्ध किया। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण गीता का उपदेश देने से पहले, अर्जुन से कहते हैं कि तुझसे पहले मैं गीता का पावन ज्ञान सूर्यदेव को सुना चुका हूँ। इस प्रकार गीता के मूल रचयिता श्रीकृष्ण ही माने जाते हैं किंतु साहित्यिक, पुरातात्विक, भाषा वैज्ञानिक एवं अन्य साक्ष्य इन प्रश्नों के जवाब कुछ अलग तरह से देते हैं कि भगवद्गीता की रचना किसने एवं कब की ? अधिकांश हिन्दू इन तर्कों को स्वाीकार नहीं करते। आधुनिक विद्वानों के अनुसार, श्रीमद्भगवद् गीता को किसने लिखा, यह बात प्रमाणिक रूप से स्पष्ट नहीं हुई है। बहुत से पाश्चात्य एवं भारतीय विद्वानों ने इस बात पर विचार किया है कि भगवद्गीता का वास्तविक लेखक कौन था। भगवद्गीता के सबसे बड़े टीकाकारों में से एक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण ने लिखा है कि जिस प्रकार हमें भारत के प्रारम्भिक साहित्य की लगभग सभी पुस्तकों के लखकों के नाम ज्ञात नहीं हैं, उसी प्रकार हमें गीता के रचयिता का नाम भी ज्ञात नहीं है। सर्वपल्ली राधाकृष्ण के अनुसार, गीता की रचना का श्रेय, भगवान वेदव्यास को दिया जाता है जो महाभारत के पौर...

रामायण

vivaran 'ramayan' lagabhag chaubis hazar rachanakar rachanakal bhasha mukhy patr sat kand sanbandhit lekh any janakari ramayan ke sat kandoan mean kathit sargoan ki ganana karane par sampoorn ramayan mean 645 sarg milate haian. sarganusar shlokoan ki sankhya 23,440 ati hai, jo 24,000 se 560 ramayan ( Ramayana) • REDIRECT rachanakal kuchh bharatiy dvara yah mana jata hai ki yah mahakavy 600 ee.poo. se pahale likha gaya. usake pichhe yukti yah hai ki hindoo kalaganana ke anusar rachanakal ramayan ka samay • • • • ek kaliyug 4,32,000 varsh ka, dvapar 8,64,000 varsh ka, treta yug 12,96,000 varsh ka tatha satayug 17,28,000 varsh ka hota hai. is ganana ke anusar ramayan ka samay nyoonatam 8,70,000 varsh (vartaman kaliyug ke 5,250 varsh + bite dvapar yug ke 8,64,000 varsh) siddh hota hai. bahut se vidvanh isaka tatpary ee.poo. 8,000 se lagate haian jo adharahin hai. any vidvanh ise isase bhi purana manate haian. valmiki dvara shlokabaddh [[chitr:Valmiki-Ramayan.jpg|thumb|left|180px| ramacharitamanas • REDIRECT kand [[chitr:Rama-breaking-bow-Ravi-Varma.jpg|thumb|200px|dhanush bhang karate • • • • • • • sarg tatha shlok is prakar sat kandoan mean panne ki pragati avastha tika tippani aur sandarbh bahari k diyaan (sanskrit).. abhigaman tithi: 9 julaee, 2010. sanbandhit lekh · · · avadhoot upanishad · · brahmavidya upanishad · · · ekakshar upanishad · garbh upanishad · · · kar upanishad · · · · · panchabrahm · pranagnihotr upanishad · · sarasvatirahasy upanishad · sarvasar upanishad ...

Ramayan ke rachyita kaun hai

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Ramayan ke rachyita kaun hai

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Who wrote Bhagwat Gita

हमारी नई वैबसाइट - भारत का इतिहास - www.bharatkaitihas.com महाभारत के भीष्मपर्व में 23 से 40वें अध्याय तक गीता के अट्ठारह अध्याय वर्णित हैं। भारतीय जनमानस इस बात को मानता है कि भगवद्गीता मूलतः भगवान श्रीकृष्ण ने अपने सखा अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध से पहले, उपदेश के रूप में कही। संजय ने अपनी दिव्यदृष्टि से कुरुक्षेत्र के युद्ध का आंखों-देखा विवरण राजा धृतराष्ट्र को सुनाया। इस प्रकार भगवद्गीता भी संजय तथा धृतराष्ट्र तक पहुंची। जब भगवान वेदव्यास ने महाभारत को संहिताबद्ध किया तब उन्होंने पूरी कथा भगवान श्री गणेशजी को बोलकर सुनाई और भगवान गणेशजी ने इसे लिपिबद्ध किया। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण गीता का उपदेश देने से पहले, अर्जुन से कहते हैं कि तुझसे पहले मैं गीता का पावन ज्ञान सूर्यदेव को सुना चुका हूँ। इस प्रकार गीता के मूल रचयिता श्रीकृष्ण ही माने जाते हैं किंतु साहित्यिक, पुरातात्विक, भाषा वैज्ञानिक एवं अन्य साक्ष्य इन प्रश्नों के जवाब कुछ अलग तरह से देते हैं कि भगवद्गीता की रचना किसने एवं कब की ? अधिकांश हिन्दू इन तर्कों को स्वाीकार नहीं करते। आधुनिक विद्वानों के अनुसार, श्रीमद्भगवद् गीता को किसने लिखा, यह बात प्रमाणिक रूप से स्पष्ट नहीं हुई है। बहुत से पाश्चात्य एवं भारतीय विद्वानों ने इस बात पर विचार किया है कि भगवद्गीता का वास्तविक लेखक कौन था। भगवद्गीता के सबसे बड़े टीकाकारों में से एक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण ने लिखा है कि जिस प्रकार हमें भारत के प्रारम्भिक साहित्य की लगभग सभी पुस्तकों के लखकों के नाम ज्ञात नहीं हैं, उसी प्रकार हमें गीता के रचयिता का नाम भी ज्ञात नहीं है। सर्वपल्ली राधाकृष्ण के अनुसार, गीता की रचना का श्रेय, भगवान वेदव्यास को दिया जाता है जो महाभारत के पौर...

mahabharat kisne likha tha

दोस्तों आज मैं आपको भारत के सबसे बड़े महाग्रंथ के बारे में बतानेवाला हूँ जिसमे मैं आपको आपके प्रश्न mahabharat kisne likhi thi का उत्तर तो दूंगा ही इसके साथ इससे जुडी कुछ रोचक तथ्य और महत्वपूर्ण बातें बतानेवाला हूँ । हो सकता है की महाभारत की कुछ बातें आपको पता न हो इसलिए आप चाहे तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद उन जानकारी के बारे में जान सकते है जिससे आप अभी तक अनजान थे । महाभारत के रचियता अथार्त लिखने वाले वेदव्यास जी है जिन्होंने इस सबसे बड़े महाग्रंथ को लिखा और इसे लिखने में उनको 3 साल का समय लग था । पहले के समय में भासा लिपि आज की तरह सरल और साधारण नहीं थी इसलिए उस समय में जो ऋषि मुनि थे वे अपनी ज्ञान को शिष्यों के बिच केवल मौखिक रूप से देते थे यानी की अपने मुख से बोलकर । आज के समय में हम जो महाभारत पढ़ते है वो कई धारणाओ से गुजरते हुए आई है लेकिन जैसे – जैसे समय वयतीत होता गया वैसे ही ऋषि मुनियो को यह ज्ञात हुआ की यदि हम इस तरह से केवल बोलकर सबको ज्ञान देते रहे तो आने वाले समय में कहीं सारे ज्ञान विलुप्त ना हो जाए और इस समस्या को दूर करने के लिए उन्होंने लिखना आरम्भ किया । महाभारत हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र ग्रन्थ है इसमें महाभारत में हुए युद्ध के सारे विवरण लिखे गए हैं । महाभारत युद्ध जो की हम जानते है की कौरव और पांडव के बिच हुआ था । महाभारत का केवल एक ही भाग है जिसमे कुल 1,10,000 श्लोक लिखे गए हैं और यह घटना तीसरी सताब्दी का माना जाता रहा है । Table of Contents • • • • • • • • • • महाभारत किसने लिखा था-(mahabharat kisne likha tha) mahabharat yudh में श्री कृष्ण ने पांडव का साथ दिया एवं युद्ध के हर क्षण में पांडव के मार्गदर्शन बने रहे जिससे पांडव को यह युद्ध जितने में ...

रामायण

vivaran 'ramayan' lagabhag chaubis hazar rachanakar rachanakal bhasha mukhy patr sat kand sanbandhit lekh any janakari ramayan ke sat kandoan mean kathit sargoan ki ganana karane par sampoorn ramayan mean 645 sarg milate haian. sarganusar shlokoan ki sankhya 23,440 ati hai, jo 24,000 se 560 ramayan ( Ramayana) • REDIRECT rachanakal kuchh bharatiy dvara yah mana jata hai ki yah mahakavy 600 ee.poo. se pahale likha gaya. usake pichhe yukti yah hai ki hindoo kalaganana ke anusar rachanakal ramayan ka samay • • • • ek kaliyug 4,32,000 varsh ka, dvapar 8,64,000 varsh ka, treta yug 12,96,000 varsh ka tatha satayug 17,28,000 varsh ka hota hai. is ganana ke anusar ramayan ka samay nyoonatam 8,70,000 varsh (vartaman kaliyug ke 5,250 varsh + bite dvapar yug ke 8,64,000 varsh) siddh hota hai. bahut se vidvanh isaka tatpary ee.poo. 8,000 se lagate haian jo adharahin hai. any vidvanh ise isase bhi purana manate haian. valmiki dvara shlokabaddh [[chitr:Valmiki-Ramayan.jpg|thumb|left|180px| ramacharitamanas • REDIRECT kand [[chitr:Rama-breaking-bow-Ravi-Varma.jpg|thumb|200px|dhanush bhang karate • • • • • • • sarg tatha shlok is prakar sat kandoan mean panne ki pragati avastha tika tippani aur sandarbh bahari k diyaan (sanskrit).. abhigaman tithi: 9 julaee, 2010. sanbandhit lekh · · · avadhoot upanishad · · brahmavidya upanishad · · · ekakshar upanishad · garbh upanishad · · · kar upanishad · · · · · panchabrahm · pranagnihotr upanishad · · sarasvatirahasy upanishad · sarvasar upanishad ...