Mahatma gandhi ki mrityu kab hui

  1. गाँधी जी की मृत्यु कब हुई थी
  2. Alauddin Khilji
  3. महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई?


Download: Mahatma gandhi ki mrityu kab hui
Size: 33.59 MB

गाँधी जी की मृत्यु कब हुई थी

अनुक्रम • • • गाँधी जी की मृत्यु कब हुई थी | गाँधी जी की मौत कब हुई थी ( gandhi ji ki mrityu kab hui thi – gandhiji ki maut kab hui thi) भारत के राष्ट्र पिता हमारे प्रिय बापू की हत्या 30 जनवरी, 1948 में हुई थी. जब महात्मा गाँधी हर रोज की तरह दिल्ली में स्थित बिड़ला भवन में एक शाम प्रार्थना के लिए जा रहे थे. तब नाथूराम गोडसे बापू के चरणों को चुने के लिए निचे झुका और ऊपर उठते ही पिस्तौल से तीन गोलिया बापू के शरीर में दाग दी. जिससे बापू उसी क्षण जमीन पर गिर गए. इस घटना से पुरे देश के साथ पूरा विश्व दुखी था. पुलिस ने अपराधिक घटना पर शीघ्र कार्यवाही करते हुए. नाथूराम सहित आठ लोगो को हत्या की साजिश रचने के लिए गिरफ्तार किया था. इन आठो में से तीन आरोपी विनायक दामोदर सावरकर, दिगंबर बडगे और शंकर किस्तैया को बाद में छोड़ दिया गया था. विनायक दामोदर सावरकर के खिलाफ साजिस में शामिल होने के कोई सबुत नहीं थे. शंकर किस्तैया को सरकार ने गवाह के रूप में पेश किया था. और दिगंबर बडगे को उच्च न्यायलय में अपील करने के कारन छोड़ दिया गया था. Gandhi ji ka janm kab hua tha aur kahan hua tha बचे हुए पांच आरुपियो में से दो को बापू के मृत्यु के दिन क्या हुआ था? गाँधी जी अकसर कहा करते थे. की उनकी जिन्दगी ईश्वर के हाथ में जब मौत लिखी होगी. तब उनको कोई नहीं बचा पाएगा. इसी बात पर उन्होंने सरकार से सुरक्षा लेने से भी बिल्कुल मना कर दिया था. यहा तक की बिड़ला भवन में आने वाले लोगो की जाँच पड़ताल से भी मना कर दिया था. गाँधी जी की हत्या के ठीक दस दिन पहले ही बिड़ला भवन में बम विस्फोट की घटना हो चुकी थी. अंत सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री श्री सरदल वल्लभ भाई पटेल को उनकी चिंता थी. हमारे द्वारा आपके ज्ञान को बढ़ाने के लि...

Alauddin Khilji

Table of Contents • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • • आज के आर्टिकल में हम अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) की पूरी जानकारी पढ़ेंगे। जिसके अन्तर्गत हम अलाउद्दीन खिलजी का जीवन परिचय (Alauddin Khilji Biography in Hindi), अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास (Alauddin Khilji History), अलाउद्दीन खिलजी की विजय (Alauddin Khilji ki Vijay) के बारे में जानेंगे। अलाउद्दीन खिलजी की पूरी जानकारी पढ़ें – Alauddin Khilji अलाउद्दीन खिलजी का जीवन परिचय – Alauddin Khilji Biography in Hindi जन्म 1250 ई. जन्मस्थान पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में दूसरी मान्यता के अनुसार जन्म 1266-1267 ई. (हाजी-उद-दबीर के अनुसार) जन्मस्थान कलात, जाबुल प्रान्त, अफगानिस्तान मृत्यु 2 जनवरी 1316 ई. (49-50 वर्ष) मृत्यु का कारण जलोदर रोग मृत्युस्थान दिल्ली, भारत मकबरा क़ुतुब परिसर, दिल्ली वास्तविक नाम अली गुरशास्प उर्फ जूना खान खिलजी बचपन का नाम अली गुरशास्प अन्य नाम जुना मोहम्मद खिलजी उपाधि सिकंदर-ए-सानी, यामीन-उल-खिलाफत (खलीफा का नाइब), अमीर-उल-मोमिनीन पिता शिहाबुद्दीन मसूद चाचा जलालुद्दीन फिरुज खिलजी भाई उलुग खान, कुतलुग टिगीन, मुहम्मद पत्नी मलिका-ए-जहाँ (जलालुद्दीन की बेटी) मेहरू (अल्प खान की बहन) कमला देवी (कर्ण बघेल की पूर्व पत्नी) झत्यपाली (राजा रामचन्द्र देव की बेटी) धर्म इस्लाम (सुन्नी मुस्लिम) राजवंश खिलजी राजवंश बेटे कुतिबुद्दीन मुबारक शाह (मलिका-ए-जहाँ) खिज्र खान (मेहरू) शादी खान (कमलादेवी) शाहिबुद्दीन ओमर (झत्यपाली) राज्य दिल्ली (उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत) राज्याभिषेक 22 अक्टूबर 1296 ई. सेनापति मलिक काफूर, जफर खाँ, उलूग खाँ, नुसरत खाँ, अलप खाँ अलाउद्दीन खिलजी का जन्म कब हुआ – Alaudd...

महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई?

क्या आप जानते हैं कि महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई अगर नही तो इस लेख में आपको इसक उत्तर जरुर मिल जाएगा। महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई? महात्मा गाँधी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई थी, इन्हें नाथूराम गोडसे ने नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में गोली मार दी थी। यहाँ गाँधी जी रोज शाम को प्रार्थना के लिए आया करते थे। नाथूराम गोडसे ने सबसे पहले गाँधी जी के पैर छुए फिर उन पर तीन गोलियों से वार कर दिया। जिसके बाद गोडसे के साथीयो को सजा भी दी गयी तथा नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को मुख्य आरोपी मान कर फांसी की सजा दी गयी थी। इस दिन आभा और मनु के कंधो पर हाथ रख कर गाँधी जी मंच की तरफ जा रहे थे तभी गोडसे ने नमस्ते बापू कहा फिर पैर छूने के बाद गोली मर कर बापू की हत्या कर दी। इस समय गाँधी जी की उम्र 78 वर्ष थी। गोडसे ने महात्मा गाँधी की हत्या के पीछे कई कारण बताए जो एक किताब ‘वाय आई किल्ड गांधी’ में पढ़ने को मिलते हैं। नाथूराम गोडसे का कहना था कि “गांधी को राष्ट्रपिता कहा जाता है. लेकिन अगर ऐसा है, तो पिता के अपने कर्तव्य का पालन करने में वो विफल रहे हैं क्योंकि विभाजन को सहमति देकर उन्होंने देश को धोखा दिया है. मैं दृढ़ता से कहता हूं कि गांधी अपने कर्तव्य में विफल रहे हैं. वह पाकिस्तान के राष्ट्रपिता सिद्ध हुए हैं.” गोडसे का मानना था कि बटवारे के समय जो लाखो हिन्दुओ की हत्या हुई उसके जिम्मेदार महात्मा गाँधी थे। साथ ही नाथूराम, गाँधी जी के उस अनशन को लेकर भी काफी नाराज़ थे जो गाँधी ने पाकिस्तान को 55 करोड़ रूपये देने जाने के लिए किया गया था। कुछ और महत्वपूर्ण लेख – • • •