मैसूर सैंडल सॉप

  1. मैसूर
  2. कर्नाटक के बीदर में राहुल गांधी की रैली, कहो
  3. Story Of famous Mysore Sandal Soap or Chandan Soap business
  4. कर्नाटक: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया BJP विधायक का बेटा, लोकायुक्त की टीम ने घर से बरामद किया 7 करोड़ से ज्यादा कैश
  5. Mysore Sandal Soap भारत के इस शाही साबुन के बनने की दिलचस्प कहानी
  6. कर्नाटक बीजेपी विधायक का बेटा 40 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार, कार्यालय में छापेमारी के दौरान आठ करोड़ मिले
  7. दुनिया विश्व युद्ध में लगी थी, भारत ने बना डाला सैंडल सोप... 107 साल बाद भी जलवा बरकरार


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मैसूर

कर्नाटक में स्थिति निर्देशांक: 12°19′N 76°17′E / 12.31°N 76.28°E / 12.31; 76.28 12°19′N 76°17′E / 12.31°N 76.28°E / 12.31; 76.28 देश ऊँचाई 770मी (2503फीट) जनसंख्या (2011) •शहर 9,20,550 • 9,90,900 भाषा •प्रचलित 570 0xx KA-09, KA-55 दूरभाष कोड 91-(0)821 वेबसाइट .mysurucity .mrc .gov .in मैसूर (Mysore) अनुक्रम • 1 इतिहास • 2 पर्यटन • 2.1 मैसूर महल • 2.2 जगनमोहन महल • 2.3 चामुंडी पहाड़ी • 2.4 सेंट फिलोमेना चर्च • 2.5 कृष्णराज सागर बांध • 2.6 जीआरएस फैंटेसी पार्क • 2.7 मैसूर चिड़ियाघर • 2.8 रेल संग्रहालय • 3 उत्सव • 3.1 दशहरा • 4 आसपास दर्शनीय स्थल • 4.1 नंजनगुड • 4.2 श्रवणबेलगोला • 4.3 सोमनाथपुर • 5 आवागमन • 6 चित्र दीर्घा • 7 इन्हें भी देखें • 8 सन्दर्भ इतिहास [ ] मैसूर का इतिहास भारत पर उत्तर पश्चिमी क्षेत्र पर पांचवी शती में मैसूर के शेष भाग याने उत्तर तथा पशिचमी क्षेत्र पर पश्चिमी चालुक्यों का अधिकार रहा। इनमें विक्रमादित्य बहुत प्रसिद्ध था, जिसने 1076 से 1126 तक शासन किया। 1155 में चालुक्यों का स्थान गंग वंश की समाप्ति पर पोयसल या होयसाल वंश का अधिकार स्थापित हो गया। ये अपने को यादव या चंद्रवंशी कहते थे। इनमें बिट्टिदेव अधिक प्रसिद्ध था जिसने 1104 से 1141 तक शासन किया। 1116 में तलकाद पर कब्जा करने के बाद उसने मैसूर से चोलों को निकाल बाहर किया। सन् 1343 में इस वंश का प्रमुख समाप्त हो गया। सन् 1336 में 18वीं शती में मैसूर पर मुसलमान शासक पर्यटन [ ] मैसूर न सिर्फ मैसूर महल [ ] मुख्य लेख: यह महल मैसूर में आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र है। मिर्जा रोड पर स्थित यह महल भारत के सबसे बड़े महलों में से एक है। इसमें मैसूर राज्य के वुडेयार महाराज रहते थे। जब लकड़ी का महल जल गया था, तब इस...

कर्नाटक के बीदर में राहुल गांधी की रैली, कहो

नई दिल्ली. कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी ने बीदर में सोमवार को एक जनसभा को संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी देश में नफरत फैला रही है. राहुल ने कहा कि आज बीजेपी और आरएसएस के लोग लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं. भारत में अगर पहली बार लोकतंत्र की बात किसी ने की और उसे रास्ता दिखाया तो वो बसवन्ना जी थे. बसवन्ना जी की सोच थी कि सभी को एक साथ आगे बढऩा चाहिए, लोकतंत्र में सभी की भागीदारी हो, सभी के लिए एक समान जगह हो, लेकिन बसवन्ना जी की सोच पर भाजपा और आरएसएस हमला कर रही है. भाजपा और आरएसएस भारत में नफरत और हिंसा फैला रहे हैं. पीएम मोदी ने किया था झूठा वादा राहुल गांधी ने कहा कि मैंने पीएम से संसद में गौतम अडानी के साथ उनके संबंधों के बारे में ही पूछा था. मेरा माइक्रोफोन बंद कर दिया गया और बाद में मुझे लोकसभा से भी अयोग्य घोषित कर दिया गया. राहुल गांधी ने ये भी कहा कि पीएम मोदी ने हर भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा किया, जो उनका झूठा वादा था. राहुल गांधी ने कहा कि कांट्रेक्टर एसोसिएशन प्रधानमंत्री को पत्र लिखता है और कहता है कि कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन लिया जा रहा है. नरेंद्र मोदी जी ने चि_ी का जवाब तक नहीं दिया. मैसूर सैंडल सॉप कॉरपोरेशन में करप्शन स्कैंडल होता है, एमएलए का बेटा 8 करोड़ रुपए के साथ पकड़ा जाता है, जॉब स्कैम होता और प्रधानमंत्री एक शब्द नहीं कहते हैं. ये 40 प्रतिशत कमीशन लेते हैं ना? तो आप इनको 40 सीट देना, 41 मत देना. सरकार बनी तो कैबिनेट की बैठक में ये वादे होंगे पूरे राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार कर्नाटक में जो 4 वादे कर रही है. इनमें पहला वादा- गृह लक्ष्मी है, जिसमें 2000 ...

Story Of famous Mysore Sandal Soap or Chandan Soap business

Mysore: इस साबुन को बनाने का श्रेय मेसूर के शाही परिवार (Mysore Royal Family) को जाता है। यहां के उस समय के शासक कृष्ण राजा वोडियार चतुर्थ (King Krishna Raja Wodeyar) और दीवान मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (M Visvesvaraya) ने मई 1916 में चंदन की लकड़ी से तेल निकालने वाली मशीनों का मंगवाया और फिर एक कारखाना बनवाया। असल में इस सोच का कारण ये था कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान चंदन का व्यापार (Chandan Business) थम गया था, जिसकी वजह से मैसूर से चंदन (Mysore Chandan) की लकड़ियों का विदेश जाना बंद हो गया। व्यापार की नीतियां तो इससे प्रभावित हुईं ही, साथ ही व्यापार के कई मार्ग युद्ध के पश्चात सुरक्षित नहीं रह गए थे। ऐसे में मैसूर में लगातार चंदन की लकड़ियों का अंबार लग रहा था। चंदन के जो जंगल थे, वो तो थे, परन्तु उस समय मैसूर में पूरी दुनिया में सर्वाधिक चंदन का उत्पादन होता था। इसी दौरान राजा वोडियार को एक युक्ति सूझी कि चंदन की लकड़ियों से तेल निकालकर उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। पहला योजना तेल के उपयोग का था पर इसकी खपत होगी या नहीं, यह कहना कठिन था। इसी बीच उनके ही महल के कर्मचारियों ने अपने महाराज के लिए चंदन तेल से नहाने की व्यवस्था की अब यह सिलसिला शुरू हो गया। कुछ समय बाद तेल साबुन (Mysore Chandan Soap) में बदला गया। महाराज अब रोजाना चंदन के तेल से बने साबुन से स्नान करने लगे। इसी दौरान उन्हें विचार आया कि जो साबुन वे खुद अपने लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, वह जनता भी तो इस्तेमाल कर सकती है। उन्होंने अपना विचार दीवान मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Sir Mokshagundam Visvesvaraya) के साथ साझा किया और फिर कार्य शुरू हुआ सैंडल सोप (Mysore Sandal Soap) बनाने का। विश्वेश्वरैया ने ऐसे साबुन की प...

कर्नाटक: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया BJP विधायक का बेटा, लोकायुक्त की टीम ने घर से बरामद किया 7 करोड़ से ज्यादा कैश

कर्नाटक: रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया BJP विधायक का बेटा, लोकायुक्त की टीम ने घर से बरामद किया 7 करोड़ से ज्यादा कैश BJP विधायक मदल विरुपक्षप्पा (Madal Virupakshappa) के बेटे प्रशांत कुमार (Prashanth Kumar) को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा लोकायुक्त अधिकारियों के छापे के दौरान कुमार के घर से 7.62 करोड़ रुपए कैश भी बरामद किया गया। लोकायुक्त के अधिकारी शुक्रवार दोपहर दावणगेरे जिले में BJP विधायक मदल विरुपक्षप्पा के घर भी पहुंचे • • • • • • राज्य में कर्नाटक (Karnataka) में एक BJP विधायक के बेटे को 40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद सियासी बवाल मच गया है। लोकायुक्त (Lokayukta) ने गुरुवार को BJP विधायक मदल विरुपक्षप्पा (Madal Virupakshappa) के बेटे प्रशांत कुमार (Prashanth Kumar) को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा लोकायुक्त अधिकारियों के छापे के दौरान कुमार के घर से 7.62 करोड़ रुपए कैश भी बरामद किया गया। ये घटना BJP के लिए किसी घटना से कम नहीं है, क्योंकि ये ऐसे समय आया है, जब विपक्ष सरकार पर राज्य भ्रष्टाचार के आरोप लगाता आया है। कांग्रेस ने दावा किया कि सरकारी टेंडर में "40 प्रतिशत कमीशन" और घूस की पेशकश की जा रही थी। इसके अलावा, कांग्रेस ने दावा किया कि इस छापे ने भ्रष्टाचार और कमीशन के उनके आरोपों को सही साबित कर दिया। वहीं छापे पर मीडिया की तरफ से पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, लोकायुक्त ने एक विधायक के बेटे के यहां छापेमारी की है। मैं बस इतना कह सकता हूं कि लोकायुक्त को फिर से शुरू करने का कारण राज्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। बिना लोकायुक्त के ऐसे कई मामले कांग्रेस शासन के दौरान मिले और बंद हुए।"

Mysore Sandal Soap भारत के इस शाही साबुन के बनने की दिलचस्प कहानी

Mysore Sandal Soap: भारत में साबुन के कितने ब्रांड आये और कितने गये, लेकिन ‘मैसूर सैंडल’ आज भी शुद्ध चंदन की लकड़ियों से निकले तेल से तैयार किया जाता है. इस साबुन के इस्तेमाल की दूसरी ख़ास वजह थी, इसका शाही होना! लोग आज भी यही मानते हैं कि मैसूर सैंडल सोप शाही लोगों की शाही पसंद है. यही कारण है कि ये साबुन पिछले 106 सालों से दुनियाभर में अपनी ख़ुशबू बिखेर रहा है. ये भी पढ़ें: आज भले ही हमारे बाथरूम तरह-तरह के फ्रग्नेंस सोप से महक रहे हों, लेकिन उस दौर में मैसूर सैंडल सोप (Mysore Sandal Soap) लोगों की पहली पसंद हुआ करता था. आज भी 50 और 60 के दशक के अधिकतर लोग नहाने के लिए इसी साबुन का इस्तेमाल करते हैं. तो चलिए आज आपको भारत के इसी ऐतिहासिक के बनने के पीछे की दिलचस्प कहानी बताते हैं. Mysore Sandal Soap बनने की दिलचस्प कहानी दरअसल, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान चंदन का व्यापार थम जाने की वजह से मैसूर से चंदन की लकड़ियों का विदेश जाना बंद हो गया था. युद्ध की वजह से व्यापार नीतियां तो प्रभावित हुईं ही, साथ ही व्यापार के कई मार्ग भी सुरक्षित नहीं रहे. ऐसे में मैसूर में लगातार चंदन की लकड़ियों का ढेर लग रहा था. क्योंकि उस समय पूरी दुनिया में सर्वाधिक चंदन का उत्पादन मैसूर में होता था. मैसूर के शासक कृष्णराजा वोडियार चतुर्थ (Krishnaraja Wodeyar IV) राज्य में चंदन की लकड़ियों के ढेर से परेशान थे. इस दौरान मैसूर के शासक कृष्णराजा वोडियार चतुर्थ के सेवादार अक्सर महाराज के लिए ‘चंदन के तेल’ से नहाने का प्रबंध करते थे. महाराज को भी इस तेल की ख़ुशबू बेहद पसंद थी. धीरे-धीरे चंदन का ये तेल साबुन में बदला गया. महाराज अब रोजाना ‘चंदन के तेल’ से बने साबुन से नहाने लगे. इस दौरान महाराजा को ख्याल आय...

कर्नाटक बीजेपी विधायक का बेटा 40 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार, कार्यालय में छापेमारी के दौरान आठ करोड़ मिले

Karnataka BJP MLA’s son arrested: कर्नाटक विधानसभा चुनाव होने में 2 महीने रह गए हैं। ऐसे में भाजपा राज्य में चुनाव की तैयारियों में लगी हुई है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा विधायक के बेटे ने पार्टी की किरकिरी करा दी। कर्नाटक में गुरुवार को लोकायुक्त ने भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्‍पा के बेटे प्रशांत कुमार को 40 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया। जिसके बाद उसके कार्यालय और विधायक के आवास पर छापेमारी की। प्रशांत की गिरफ्तारी पिता के बेंगलुरु स्थित कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड से दफ्तर से हुई। लोकायुक्त ने केएसडीएल दफ्तर और प्रशांत के घर पर छापा मारा तो 8 करोड़ कैश बरामद हुआ। गिनती करने के बाद अफसरों ने नोटों के बंडल बिस्तर पर रख दिए। भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्पा ने कर्नाटक सॉप एड डिटर्जेंट लिमिटेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि जिस टेंडर के मामले में बेटे ने घूस ली, उसमें मैं शामिल नहीं हूं। लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक, प्रशांत कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के 2008 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल को खरीदने की डील के लिए एक ठेकेदार से 80 लाख रुपए की डिमांड की थी। जिसके बाद ठेकेदार ने इसकी शिकायत लोकायुक्‍त से की थी। शिकायत पर लोकायुक्त ने प्रशांत को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना बनाई। अधिकारी ने बताया कि केएसडीएल के चेयरमैन और भाजपा विधायक मदल वीरुपक्षप्‍पा ओर से ये रकम ली गई है। ऐसे में रिश्वत लेने के इस मामले में पिता और पुत्र दोनों आरोपी हैं। प्रशांत के पिता मदल वीरुपक्षप्‍पा कर्नाटक के दावणगेरे जिले के चन्‍नागिरी से विधायक हैं। उन्होंने कहा- मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी मुझे मीड...

दुनिया विश्व युद्ध में लगी थी, भारत ने बना डाला सैंडल सोप... 107 साल बाद भी जलवा बरकरार

बहुत से लोग ये नहीं जानते होंगे कि मैसूर सैंडल सोप, आज कर्नाटक सरकार का ब्रांड है. कर्नाटका सोप्स एंड डिटर्जेंट लिमिटेड इसकी मार्केटिंग करती है. आज भले ही इस पर सरकारी स्वामित्व है, लेकिन मैसूर सैंडल सोप की नींव के पीछे मैसूर रियासत का शाही घराना था. इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है. तब विदेशों में तैयार होते थे चंदन के तेल वो प्रथम विश्व युद्ध का दौर था. भारत में ब्रिटिश राज था. मैसूर में वोडियार साम्राज्य था और राजा थे- वोडियार चतुर्थ. राजा के एक दीवान थे- मोक्षगुंडम विश्वेश्वैरया. वही विश्वेश्वैरया, जिन्हें देश के विख्यात इंजीनियर, प्रशासक और स्टेट्समैन के तौर पर जाना जाता है. उनके नाम देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न भी है. वो 1912 से 1918 तक मैसूर रियासत के दीवान रहे. 20वीं सदी की शुरुआत में मैसूर पूरी दुनिया में चंदन की लकड़ी के लिए बहुत फेमस था और यहां से चंदन की उस वक्त मैसूर से चंदन के बड़े ब्लॉक्स पूरे यूरोप में बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट किए जाते थे. वहां उनसे तेल निकाला जाता था. प्रथम विश्वयुद्ध शुरू हुआ तो यह क्रम टूट गया. सप्लाई बंद हुई तो मैसूर में चंदन की लकड़ी के ढेर लगने लगे. तब महाराज ने यहीं तेल निकालने का फैसला लिया. विदेश से मशीनें मंगवाई गई. 1916 में बेंगलुरु में तेल निकालने का काम शुरू हुआ, जिसे लिक्विड गोल्ड कहा जाने लगा. देश में चंदन के तेल से साबुन बनाने की शुरुआत मैसूर में चंदन तेल का इस्तेमाल सबसे पहले महाराज के नहाने के लिए किया जा रहा था. कुछ समय बाद मैसूर के महाराज से मिलने फ्रांस से दो लोग आए. वो अपने साथ चंदन के तेल से बने साबुन लेकर आए थे. महाराज को भी यह आइडिया भा गया. उन्होंने विश्वेश्वैरया को बुलाया और कहा कि क्या यहां ये संभव है? एम विश्वेश्व...