Manrega karyakram ki shuruaat kis rajya se hui

  1. कैंसर क्या है? कैसे होता है? कैंसर के लक्षण व घरेलू उपचार
  2. मनरेगा कब लागू किया गया था ? नरेगा या मनरेगा कब लागू हुआ ? शुरू पूरा नाम क्या है when did mgnrega started in hindi
  3. हरित क्रांति की शुरुआत


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कैंसर क्या है? कैसे होता है? कैंसर के लक्षण व घरेलू उपचार

Cancer in Hindi /जैसे-जैसे हमारा जीने का लाइफ स्टाइल चेंज हो रहा है वैसे हम नये-नये बीमारियो को भी जन्म दे रहे है। इसका सबसे कारण, खाने-पीने मे चेंजिंग, रहने के तरीक़ो मे चेंजिंग, इन्ही मे एक बीमारी कैंसर भी हैं, तो चलिए जानते है कैंसर के बारे में। 90 % मरीज कैंसर से नहीं मरते बल्कि उसके इलाज से मर जाते हैं ये एक आश्चर्यजनक तथ्य हैं। इसलिए बड़ी सावधानी पूर्वक इसका उपचार किया जाता हैं। Contents • • • • • • कैंसर क्या है – What is cancer in hindi कैंसर एक घातक जानलेवा बीमारी है। कैंसर से पीड़ित मरीज जल्‍दी ठीक नही होते हैं क्यूंकी इस बीमारी के लक्षणों का पता देर से चलता है। और अभी तक दुनिया मे इस ख़तरनाक बीमारी का कोई स्थायी इलाज नही निकला है। अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज सही से ना हो तो इसे रोक पाना मुस्किल है। शरीर मे कैंसर कैसे होता है – Body cancer शरीर में 100 से 1000 तक खराब सेल्स(कोशिका) होते है। हर समय हमारी बॉडी में नये सेल्स पैदा होते है और पुराने खराब सेल्स समाप्त भी होते है। पर कैंसर होने पर लाल और सफेद रक्त कोशिकायो का संतुलन बिगड़ जाता है और सेल्स की बढ़ोतरी कंट्रोल से बाहर हो जाती है, जो कैंसर का रूप ले लेता है। कैंसर के प्रकार – Types of cancer • Sarcoma Cancer – ये खून और हड्डियो से संबंधित कैंसर होता है। • Carcinoma Cancer – यह स्किन से संबंधित कैंसर होता है। • Lymphoma cancer – ग्रंथियो मे होने वाला कैंसर कहा जाता है। • Leukemia Cancer – खून को बनाने वाले सेल्स का कैंसर होता है। कैंसर होने का कारण क्या-क्या है – Cancer causes in hindi • नशा का सेवन करने से जैसे – खैनि, गुटखा, तंबाखू, पान मशाला, बीड़ी, सिगरेट, शराब आदि से। • ख़ान-पान से जैसे – ज़्यादा चर्ब...

मनरेगा कब लागू किया गया था ? नरेगा या मनरेगा कब लागू हुआ ? शुरू पूरा नाम क्या है when did mgnrega started in hindi

उत्तर : 1 अप्रेल 2008 से पूरे भारत देश में नरेगा / मनरेगा को लागू कर दिया गया जिसका बजट लगभग 40 हजार करोड़ रुपये था | यह September 7, 2005 को लाया गया था जो प्रभावी रूप से February 2, 2006 को लागू किया गया लेकिन इस समय यह केवल 200 पिछड़े जिलों में लागू किया गया था लेकिन 1 अप्रेल 2008 को इस मनरेगा योजना को पूरे देश में लागू कर दिया गया | 1. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था (capital economy) : वह स्वतंत्र अर्थव्यवस्था जिसमें बाजार में कीमत सिग्नलों के अनुसार उपभोक्ता और उत्पादक अपने उपभोग और उत्पादान के निर्णय लेते है अर्थात इसमें वस्तुओं की कीमत बाजार की शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है | इस प्रकार की अर्थव्यवस्था का मुख्य उद्देश्य लाभ कमाना होता है | ऐसी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के संसाधनों और सम्पतियों पर निजी क्षेत्र का अधिकार होता है और इस अर्थव्यवस्था में जनता की आय में असमानता उत्पन्न होती है | 2. समाजवादी अर्थव्यवस्था या साम्यवादी अर्थव्यवस्था (socialism economy): वह अर्थव्यवस्था जिसमें उत्पादन , उपभोग और निवेश से सम्बन्धित सभी मुख्य निर्णय किसी केन्द्रीय अधिकारी या सरकार द्वारा लिए जाते है | अर्थात इस अर्थव्यवस्था में बाजार पर पूर्ण नियंत्रण सरकार का होता है या सरकार का पूर्ण रूप से बाजारों में हस्तक्षेप रहता है | यहाँ मुख्य उद्देश्य सामाजिक कल्याण को अधिकतम करना है | इस अर्थव्यवस्था में सरकार का कार्य लाभ कमाना न होकर जनता की सेवा करना होता है और इस अर्थव्यवस्था में जनता में आय की समानता पायी जा सकती है | इस अर्थव्यवस्था में उत्पादन के संसाधनों या सम्पतियों पर सरकार का नियंत्रण या अधिकार होता है | अर्थात इस अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों बाजार में क...

हरित क्रांति की शुरुआत

भारत में हरित क्रांन्ति की शुरुआत सन 1966-67 से हुई। हरित क्रांन्ति प्रारम्भ करने का श्रेय नोबल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को जाता हैं। हरित क्रांन्ति से अभिप्राय देश के सिंचित एवं असिंचित कृषि क्षेत्रों में अधिक उपज देने वाले संकर तथा बौने बीjजों के उपयोग से फसल उत्पादन में वृद्धि करना हैं। हरित क्रान्ति भारतीय कृषि में लागू की गई उस विकास विधि का परिणाम है, जो 1960 के दशक में पारम्परिक कृषि को आधुनिक तकdhjjxhjwjsgi1ksguijwhueidनीकि द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने के रूप में सामने आई। क्योंकि कृषि क्षेत्र में यह तकनीकि एकाएक आई, तेजी से इसका विकास हुआ और थोड़े ही समय में इससे इतने आश्चर्यजनक hxjhhjsjjsपरिणाम निकले कि देश के योजनाकारों, कृषि विशेषज्ञों तथा राजनीतिज्ञों ने इस अप्रjzjhzhjHhsnzत्याशित प्रगति को ही 'हरित क्रान्ति' की संज्ञा प्रदान कर दी। हरित क्रान्ति की संज्ञा इसलिये भी दी गई, क्योंकि इसके फलस्वरूप भारतीय कृषि निर्वाह स्तर से ऊपर उठकर आधिक्यdhjjxjhd स्तर पर आ चुकी थी। उपलब्धियाँ हरित क्रान्ति के फलस्वरूप देश के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई। कृषि आगतों में हुए गुणात्मक सुधार के फलस्वरूप देश में कृषि उत्पादन बढ़ा है। खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता आई है। व्यवसायिक कृषि को बढ़ावा मिला है। कृषकों के दृष्टिकोण में परिवर्तन हुआ है। कृषि आधिक्य में वृद्धि हुई है। हरित क्रान्ति के फलस्वरूप गेहूँ, गन्ना, मक्का तथा बाजरा आदि फ़सलों के प्रति हेक्टेअर उत्पादन एवं कुल उत्पादकता में काफ़ी वृद्धि हुई है। हरित क्रान्ति की उपलब्धियों को कृषि में तकनीकि एवं संस्थागत परिवर्तन एवं उत्पादन में हुए सुधार के रूप में निम्नवत देखा जा सकता है- (अ) कृषि में तकनीकि एवं स...