Mata katyayani ki photo

  1. Navratri Ke Chata Din Mata Katyayani Roop Ki Pooja, Maa Katyayani Vart Katha and Pooja Vidhi
  2. Maa Katyayani Ki Aarti (मां कात्यायनी की आरती)


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Navratri Ke Chata Din Mata Katyayani Roop Ki Pooja, Maa Katyayani Vart Katha and Pooja Vidhi

नवरात्री के षष्ठम दिन कात्यायनी रूप की पूजा नवरात्री पूजा – छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा विधि चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दूलावरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानव घातिनी॥ श्री दुर्गा का षष्ठम् रूप श्री कात्यायनी। महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। इसलिए वे कात्यायनी कहलाती हैं। नवरात्रि के षष्ठम दिन इनकी पूजा और आराधना होती है। इनकी आराधना से भक्त का हर काम सरल एवं सुगम होता है। चन्द्रहास नामक तलवार के प्रभाव से जिनका हाथ चमक रहा है, श्रेष्ठ सिंह जिसका वाहन है, ऐसी असुर संहारकारिणी देवी कात्यायनी कल्यान करें। नवरात्री की छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा /h3>नवरात्री दुर्गा पूजा छठा तिथि – माता कात्यायनी की पूजा : माँ दुर्गा के छठे रूप को माँ कात्यायनी के नाम से पूजा जाता है। महर्षि कात्यायन की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी इच्छानुसार उनके यहां पुत्री के रूप में पैदा हुई थीं। महर्षि कात्यायन ने इनका पालन-पोषण किया तथा महर्षि कात्यायन की पुत्री और उन्हीं के द्वारा सर्वप्रथम पूजे जाने के कारण देवी दुर्गा को कात्यायनी कहा गया। देवी कात्यायनी अमोद्य फलदायिनी हैं इनकी पूजा अर्चना द्वारा सभी संकटों का नाश होता है, माँ कात्यायनी दानवों तथा पापियों का नाश करने वाली हैं। देवी कात्यायनी जी के पूजन से भक्त के भीतर अद्भुत शक्ति का संचार होता है। इस दिन साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित रहता है। योग साधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित होने पर उसे सहजभाव से मां कात्यायनी के दर्शन प्राप्त होते हैं। साधक इस लोक में रहते हुए अलौकिक तेज से युक्त रहता है। माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यन...

Maa Katyayani Ki Aarti (मां कात्यायनी की आरती)

Jay Jay Ambe Jay Katyayani। Jay Jagamaata Jag Kee Maharani।। Baijanaath Sthaan Tumhaara। Vaha Varadaatee Naam Pukaara।। Kai Naam Hai Kai Dhaam Hai। Yah Sthaan Bhee To Sukhadhaam Hai।। Har Mandir Mein Jyot Tumhari। Kahee Yogeshvaree Mahima Nyari।। Har Jagah Utsav Hote Rahate। Har Mandir Mein Bhagat Hai Kahate।। Katyani Rakshak Kaaya Ki। Granthi Kate Moh Maaya Ki।। Jhoothe Moh Se Chhudaane Wali। Apana Naam Japane Wali।। Brehspativaar Ko Pooja Karie। Dhyaan Katyayani Ka Dhariye।। Har Sankat Ko Door Karegi। Bhandaare Bharapoor Karegi।। Jo Bhee Maan Ko Chaman Pukare। Katyayani Sab Kasht Nivare।।