मध्य प्रदेश की पुरानी राजधानी

  1. मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है
  2. 1956 से पहले मध्य प्रदेश की राजधानी क्या थी?
  3. मध्य प्रदेश
  4. मध्य प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थान


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मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है

मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है – Capital of Madhya Pradesh in Hindi : नमस्कार दोस्तों, आपको स्वागत है हमारे इस Blog पर, जहापर आज हम आपको बताएँगे “मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है – Madhya Pradesh ki Rajdhani Kaha hai”। भारत एक विशाल देश है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत दुनिया का सातवा सबसे बड़ा देश है। भारत के 28 राज्यों में से एक मध्य प्रदेश (MP) भी भारत के एक राज्य है, जो भारत के मध्य स्थान में बसा एक राज्य है। मध्यप्रदेश को भारत का हृदय प्रदेश भी कहा जाता है तथा यह राज्य भारत की सभी संस्कृतियों तथा विरासतों का संगम है। मध्यप्रदेश विरासत, संस्कृति, तथा प्राकृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम है। क्या आप जानते है की — मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है – Capital of Madhya Pradesh in Hindi. • • 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश (MP) का गठन हुआ था। मध्य प्रदेश भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसमे भारत के लगभग हर बड़े राज्य की झलक दिखाई पड़ती है। मध्य प्रदेश अपनी चारो तरफ से राज्यों से घिरा हुआ है इसीलिए इसे हृदय प्रदेश भी कहा जाता है, यह राजस्थान के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रदेश है। मध्य प्रदेश का वातावरण न ही अधिक सर्द होता है न ही अधिक गर्म यहाँ पर हर प्रकार की ऋतु का आनंद देखने को मिलता है। आजके Article पर हम चर्चा करेंगे — मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है – Capital of Madhya Pradesh in Hindi. बारे में। मध्य प्रदेश की राजधानी क्या है – Capital of Madhya Pradesh in Hindi मध्य प्रदेश राज्य का राजधानी — भोपाल ( अधिक झीलों के कारण भोपाल को City of Lakes कहा जाता है। भोपाल देश के मध्य भाग में स्थित है। पहाड़ो पर बसे होने के बाद भी यहाँ का तापमान गर्म ही होता है। भोपाल नगर की स्थापना ग्यारहवी शताब्दी में रा...

1956 से पहले मध्य प्रदेश की राजधानी क्या थी?

विषयसूची Show • • • • वर्तमान मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को और पुनर्गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ है लेकिन भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति सन 1947 के बाद से लेकर सन 1956 तक भी मध्य प्रदेश का अस्तित्व था। उस समय मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल नहीं थी। आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश की राजधानी कहां थी:- सेन्ट्रल प्रोविंस एवं बेरार ब्रिटिश आधीन भारत का एक प्रांत था। यह प्रांत मध्य भारत के उन राज्यों से बना था, जिन्हें अंग्रेजों ने मराठों एवं मुग़लों से जीता था। इस प्रांत की राजधानी नागपुर थी। भारत के स्वतंत्र होने के बाद इसी क्षेत्र को मध्य प्रदेश कहा गया। इसकी राजधानी नागपुर थी। इसके प्रथम मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल थे। इसके बाद विंध्य प्रदेश एवं भोपाल राज्य को भी इस में मिला दिया गया और मराठी भाषा वाले विदर्भ क्षेत्र को बॉम्बे राज्य में ट्रांसफर कर दिया गया। इस प्रकार मध्य प्रदेश की राजधानी नागपुर, बॉम्बे राज्य में चली गई। अब मध्य प्रदेश की नई राजधानी का निर्धारण किया जाना था। इसके लिए जबलपुर शहर का चुनाव किया गया, लेकिन भारत की राजधानी दिल्ली में अचानक इस फैसले को बदल दिया गया। सन 1947 में भारत की आजादी के बावजूद भोपाल के नवाब ने अपने राज्य को भारत संघ में शामिल नहीं किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सभी रियासतों को भारत संघ में मिलाया परंतु जब तक भोपाल की बारी आती, वह गंभीर रूप से बीमार हो चुके थे। भोपाल की जनता ने अपने नवाब के खिलाफ आजादी का आंदोलन शुरू किया। इस प्रकार भोपाल आजाद हुआ और सीहोर जिले की तहसील घोषित किया गया। भारत की राजधानी दिल्ली में एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ। 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश का गठन किया गया। सीहोर जिले की तहसील भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी घोषित ...

मध्य प्रदेश

शासन •सभा • • • • • • • क्षेत्रफल • 308,245किमी 2 (1,19,014वर्गमील) क्षेत्रदर्जा जनसंख्या (2011) • 72,626,809 •दर्जा •घनत्व 240किमी 2 (610वर्गमील) •महानगर 20,059,666 • 52,537,899 GDP (2019–20) • ₹9.17 trillion ( • ₹1,03,288 ( भाषाएं •राजभाषा 45xxxx-46xxxx-47xxxx-48xxxx MP (2018) 0.606 medium · (2011) 70.6% लिंग अनुपात (2011) 931 वेबसाइट .gov .in मध्य प्रदेश खनिज संसाधनों से समृद्ध, मध्य प्रदेश मध्यप्रदेश मुख्य रूप से अपने पर्यटन के लिए भी जाना जाता है। मांडू, धार, महेश्वर मंडलेश्वर, चोली, भीमबैठका, अनुक्रम • 1 विवरण • 2 संस्कृति संगम • 2.1 निमाड़ • 2.2 मालवा • 2.3 बुंदेलखंड • 2.4 बघेलखण्ड • 2.5 महाकोशल • 2.6 ग्वालियर • 3 भूगोल • 3.1 भारत में अवस्थिति • 3.2 जलवायु • 3.3 पर्यावरण • 3.3.1 वनस्पति और जीव • 3.4 नदियां • 3.5 परिक्षेत्र • 3.5.1 शहर • 4 जनसांख्यिकी • 5 शिक्षा • 6 भाषा • 7 धर्म • 8 संस्कृति • 9 अर्थव्यवस्था • 9.1 अवसंरचना • 9.2 ऊर्जा • 9.3 परिवहन • 9.4 संचार माध्यम • 10 सरकार और राजनीति • 10.1 पुलिस प्रशासन • 11 खेल • 12 इन्हें भी देखें • 13 सन्दर्भ • 14 बाहरी कड़ियाँ विवरण [ ] भारत की संस्कृति में मध्यप्रदेश जगमगाते दीपक के समान है, जिसकी रोशनी की सर्वथा अलग प्रभा और प्रभाव है। यह विभिन्न संस्कृतियों की अनेकता में एकता का जैसे आकर्षक गुलदस्ता है, मध्यप्रदेश, जिसे प्रकृति ने राष्ट्र की वेदी पर जैसे अपने हाथों से सजाकर रख दिया है, जिसका सतरंगी सौन्दर्य और मनमोहक सुगन्ध चारों ओर फैल रही है। यहाँ के जनपदों की आबोहवा में कला, साहित्य और संस्कृति की मधुमयी सुवास तैरती रहती है। यहाँ के लोक समूहों और जनजाति समूहों में प्रतिदिन नृत्य, संगीत, गीत की रसधारा सहज रूप से फूटती ...

मध्य प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थान

4/5 - (4 votes) Best Historical Places Of Madhya Pradesh, भारत के “ह्रदय प्रदेश” के रूप में प्रसिद्ध, मध्य प्रदेश ऐतिहासिक स्थानों के रूप में कुछ अमूल्य रत्नों जैसे -साँची स्तूप, खुजराहो,भीम बैठिका रॉक व अन्य स्मारकों से परिपूर्ण है। अपनी सीमाओं से परे मध्यप्रदेश ने अपने ऐतिहासिक स्मारकों को एक सराहनीय शैली में संरक्षित किया है। जो देश में अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। राज्य एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र है, जहाँ प्राचीन मंदिरों और भव्य मस्जिदों से लेकर भव्य महलों और अभेद्य किलों तक आपके दिल को खुश कर देने वाली प्रभावशाली संरचनाएं हैं। मध्य प्रदेश में विरासत स्थल अपने प्रभावशाली वास्तुशिल्प और जटिल नक्काशी के लिए प्रमुख रूप से लोकप्रिय हैं। ये स्थल मुगल वास्तुकला से लेकर समकालीन मंदिर वास्तुकला तक विभिन्न स्थापत्य शैली का प्रदर्शन करते हैं। जो प्रत्येक बर्ष स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को बड़ी संख्या में आकर्षित करता है। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारकों की पूरी जानकारी के लिए हमारे इस लेख को पूरी अवश्य पढ़े, जहाँ हमने आपके लिए मध्य प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ ऐतिहासिक स्थानों की सूची तैयार की है- Table of Contents • • • • • • • • • • सांची स्तूप साँची – Sanchi Stupa Sanchi In Hindi सांची स्तूप मध्य प्रदेश राज्य की राजधानी भोपाल से 46 कि.मी. की दूरी पर उत्तर-पूर्व में बेतबा नदी के किनारे पर स्थित है। यह स्थल अपनी आकर्षित कला कृतियों के लिए विश्व विख्यात है, और मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। जिसे यूनेस्को द्वारा 15 अक्टूबर 1982 को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया गया था। साँची स्तूप का निर्माण मौर्य राजवंश के सम्राट अशोक की आज्ञा...