महाभारत किसने लिखी थी

  1. महाभारत का रचना काल
  2. भगवत गीता किसने लिखी और इसमें क्या लिखा गया है?
  3. महाभारत किसने लिखी है
  4. महाभारत किसने लिखी और इसके पीछे की रोचक कहानी


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महाभारत का रचना काल

• • तीसरी बार फिर से ‍ • सुत जी और ऋषि मुनियो की इस वार्ता के रूप मे कही गयी "महाभारत" का लेखन कला के विकसित होने पर सर्वप्रथम् • इसके बाद भी कई विद्वानो द्वारा इसमे बदलती हुई रीतियो के अनुसार फेर बदल किया गया, जिसके कारण उपलब्ध प्राचीन हस्तलिखित • Dio Chrysostom) यह बताते है की दक्षिण-भारतीयों के पास एक लाख श्लोको का एक ग्रन्थ है • महाराजा शरवन्थ के ५वीं शताब्दी के तांबे की स्लेट पर पाये गए अभिलेख में महाभारत को एक लाख श्लोको का ग्रन्थ बताया गया है, • • महाभारत मे • महाभारत में प्राचीन वैदिक • भूगर्भी परिवर्तनों के कारण • इन सम्पूर्ण तथ्यो से यह माना जा सकता है की महाभारत ५०००-३००० इसवी ईसा पूर्व या निशिचत तौर पर १९०० इसवी ईसा पूर्व रची गयी होगी, जो महाभारत मे वर्णित ज्योतिषिय तिथियो से मेल खाती है। इस काव्य में • अधिकतर अन्य भारतीय साहित्यों के समान ही यह महाकाव्य भी पहले सन्दर्भ [ ] • . अभिगमन तिथि 16 दिसंबर 2018. • ↑ महाभारत-गीता प्रेस गोरखपुर, आदि पर्व अध्याय १, श्लोक ९९-१०९ • महाभारत मे ऐसा आता है की कुरुक्षेत्र के युद्ध के कछ दिनो बाद व्यास जी ने महाभारत की रचना की थी, क्योंकि कुरुक्षेत्र का युद्ध भारत मे पारम्परिक रूप से ३१०० ईसा पूर्व माना जाता है, इसलिए यह सम्भावित रचना समय दिया गया है हालाँकि अधिकतर पाश्चात्य विद्वान महाभारत को १००० ईसा पुर्व लिखा मानते है और कुरुक्षेत्र युद्ध को १४००-१००० ईसा पुर्व परन्तु महाभारत मे दी गई ज्योतिषिय गणनाएँ भी ३१०० ईसा पुर्व की ओर संकेत करती है • महाभारत-गीता प्रेस गोरखपुर, आदि पर्व अध्याय २, श्लोक ८४ • • मेक्स ड्न्कर, द हिस्ट्री ऑफ एनटिक्यूटि, भाग. 4, पेज. 81 • • गीता प्रेस गोरखपुर, आदि पर्व अध्याय १, श्लोक ९९-१०९ • ↑ (PDF). (PD...

भगवत गीता किसने लिखी और इसमें क्या लिखा गया है?

भगवत गीता महाभारत का ही एक भाग है और यह हिन्दुओं का एक धार्मिक ग्रन्थ है। इसमें कुल 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं। इस ग्रन्थ में महाभारत के भीष्म पर्व खंड के कुरुक्षेत्र के दौरान श्री कृष्ण और अर्जुन के बीच हुवे संवाद का सम्पूर्ण वर्णन है। आज हम भगवत गीता किसने लिखी और उसमे क्या लिखा है ? इस बारे में जानेंगे। भगवत गीता किसने लिखी और उसमे क्या लिखा है ? कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास ने प्रसिद्ध का ग्रंथ भगवत गीता लिखा है। असल में भगवत गीता को लिखने का कार्य गणेश जी ने किया था परन्तु इसके श्लोक वेदव्यास जी ने कहे थे। भगवत गीता में 700 श्लोक हैं जो की महाभारत में भीष्म पर्व नामक खंड में कौरव और पांडव के युद्ध के किए गए वर्णन में निहित किया गया है। भीष्म पर्व नामक खंड में क्या है ? भीष्म पर्व नामक खंड में कुरुक्षेत्र के मैदान में युद्ध के दौरान जब अर्जुन कौरवों के दल में अपने गुरु, मित्र, बंधु, परिचित, संबंधियों को देखकर मोहग्रस्त हो जाते हैं और अपने कर्तव्य के प्रति विमूढ हो जाते हैं। इसे देख श्री कृष्ण उन्हें उपदेश देकर उन्हें उनके धर्म, कर्म और कर्तव्य के सत्य ज्ञान के बारे में बताते हैं व उनके अपनों के प्रति मोह माया को नष्ट कर देते हैं। जिससे अर्जुन अपने कर्तव्य को निभाते हुए अपने मित्र, परिचित, सबंधियों के साथ युद्ध करते हैं। भगवत गीता क्या है और उसमें क्या लिखा गया है? भगवत गीता हिन्दुओं का बहुत ही पवित्र ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में चार वेदों का सार है और इसी वजह से इसे सर्वमान्य एकमात्र धर्म ग्रन्थ माना जाता है। इसमें व्यक्ति के भक्ति, ज्ञान, कर्म के मार्ग की चर्चा की गई है तथा इससे मानव मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। इस पवित्र ग्रन्थ में सृष्टि की उत्पत्ति, सृष्टि का नाश, उसके विक...

महाभारत किसने लिखी है

महाभारतग्रंथकीरचनावेदव्यासनेकीहै।यहग्रंथएकयुद्धपरकेंद्रितहैजोकुरुक्षेत्रकीभूमिपरलड़ागयाथा।यहग्रंथइसयुद्धकेन्याय, अन्याय, धर्मवनीतियोंकीव्याख्याकरताहैजोकिकौरवोंऔरपांडवोंकेमध्यलड़ागयाथा।महाभारतकेसमयकाभारतआजकेआधुनिकभारतसेमिलताजुलताहै।इसकेअतिरिक्तजिनसाक्ष्योंकाजिक्रमहाभारतमेंहैवेआजभीउनजगहोंपरपाएजातेहैं।जोइसग्रंथमेंलिखितघटनाओंकीसत्यताकोदर्शातेहैं।महाभारतकीविशेषतायहहैकिइसयुद्धमेंसाक्षातहिन्दूभगवानश्रीकृष्णनेभागलियाथा।इसयुद्धकीघटनाएँआजतकहिन्दूधर्मकेअनुसरनियोंकेजीवनपरप्रभावडालतीहैं। किसनेलिखी:वेदव्यासद्वारावर्णिततथाभगवानगणेशद्वारालिखित कबलिखी:द्वापरयुगमें भाषाक्याहै:संस्कृत

महाभारत किसने लिखी और इसके पीछे की रोचक कहानी

महाभारत किसने लिखी? महाभारत किसने लिखी? : ऐसा माना जाता है कि जब ऋषि व्यास ने महाभारत की कल्पना की थी, तो उन्हें पता था कि एक साधारण लेखक द्वारा लिखी जाने वाले कथा नहीं है। उन्होंने दूर-दूर तक किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश की, जो उनके लिए महाभारत लिख सके, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तब उन्हें लगा कि वे भगवान गणेश को उनके लिए महाभारत लिखने के लिए कह सकते है। वे भगवान गणेश के पास गए और भगवान गणेश महाभारत लिखने के लिए तैयार हो गए लेकिन उनकी एक शर्त थी। भगवान गणेश लिखने में बहुत तेज थे और इसलिए उन्होंने बहुत तेज गति से लिखा। यहीं पर ऋषि व्यास का ज्ञान प्रबल हुआ। वे जानबूझकर कुछ जटिल वाक्यों को बीच में डाल देता था, जिसे लिखने से पहले भगवान गणेश को समझने में समय लगता। इसने व्यास को एक सांस लेने की अनुमति दी और अपने दिमाग में यह भी सोचा कि अगले वाक्य कैसे तैयार किए जाएंगे। यह भी माना जाता है कि भगवान गणेश ने बहुत तेज गति से लिखते समय उस लेखनी को तोड़ दिया जिससे वे महाकाव्य लिख रहे थे। लेकिन चूंकि वे रुक नहीं सके, उन्होंने अपने दांत का एक टुकड़ा तोड़ दिया और जारी रखा। यह उन कहानियों में से एक है जो बताती है कि क्यों भगवान गणेश को ‘एकदंत’ (जिसका एक दांत है) के रूप में जाना जाता है। भगवान गणेश का यह निस्वार्थ कार्य हमें यह भी बताता है कि जब ज्ञान प्राप्त करने की बात आती है, तो कोई भी बलिदान पर्याप्त नहीं होता है। और पढ़े :