महाबीर जयंती

  1. महावीर जयंती
  2. Mahavir Jayanti 2020: आज है महावीर जयंती, जानिए क्यों मनाया जाता है ये पर्व
  3. Mahavir Jayanti 2022 5 main principles of lord mahavir
  4. महावीर जयंती पर निबंध Essay on Mahavir Jayanti in Hindi
  5. Mahavir Jayanti 2023: कब है महावीर जयंती, भगवान महावीर के 5 मूलभूत सिद्धांत
  6. Mahavir Jayanti 2022: महावीर जयंती आज, जानिए शुभ मुहूर्त और महावीर स्वामी के सिद्धांत
  7. महावीर जयंती 2023


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महावीर जयंती

महावीर जयंती हा जन्म [ ] भगवान महावीर स्वामींचा जन्म भारतातील कुंडग्राम (बिहार) येथे ख्रिस्तपूर्व ५९९ वर्षांपूर्वी झाला होता. सध्या हे ठिकाण वैशाली (बिहार)चे वासोकुंड मानले जाते. 23 वे तीर्थंकर पार्श्वनाथ जी यांना निर्वाण (मोक्ष) मिळाल्यानंतर 188 वर्षांनी त्यांचा जन्म झाला. जैन ग्रंथानुसार, जन्मानंतर, देवांचे मस्तक, इंद्राने मुलाला सुमेरू पर्वतावर नेले आणि मुलाला क्षीरसागराच्या पाण्याने अभिषेक केला. शहरात आले. वीर आणि श्रीवर्गमान यांनी ही दोन नावे ठेवली आणि उत्सव साजरा केला. याला जन्म कल्याणक म्हणतात. प्रत्येक तीर्थंकराच्या जीवनात पंचकल्याणक उत्सव साजरा केला जातो. तीर्थंकर महावीर यांची आई त्रिशाला यांच्या गर्भात जन्म झाला तेव्हा तिला 16 शुभ स्वप्ने पडली, ज्याचे फळ राजा सिद्धार्थाने सांगितले होते.जैन धर्माच्या एका धर्मग्रंथात ते आढळते. महावीर जैनजींनी त्यांच्या काळात ३६३ पाखंड आचरणात आणल्याचे स्पष्टपणे लिहिले आहे, जे आजपर्यंत जैन धर्मात प्रचलित आहे. दहा अतिश्य [ ] जैन ग्रंथानुसार, तीर्थंकर हे प्रभूच्या जन्मापासूनच दहा अतिश्य आहेत. हे आहेत: • घाम येत नाही • शुद्ध शरीर • दुधासारखे पांढरे रक्त • आश्चर्यकारक शरीर • दुर्गंधीयुक्त शरीर • सर्वोत्कृष्ट संस्था (शरीर रचना) • सर्वोत्तम सहिष्णुता • सर्व १००८ निरोगी शरीर • अतुल बाळ • प्रिय भाषण त्यांच्या पूर्वजन्मात त्यांनी केलेल्या तपस्यामुळे ही टोके दिसून येतात. उत्सव [ ] या उत्सवानिमित्त जैन मंदिरे विशेष सजवली जातात. भारतात अनेक ठिकाणी जैन समाजाकडून अहिंसा रॅली काढल्या जातात. या निमित्ताने गरीब आणि गरजूंना देणगी दिली जाते. अनेक राज्य सरकारांनी मांस आणि दारूची दुकाने बंद ठेवण्याच्या सूचना दिल्या आहेत. हे सुद्धा पहा [ ] बाह्यदुवे [ ]

Mahavir Jayanti 2020: आज है महावीर जयंती, जानिए क्यों मनाया जाता है ये पर्व

Mahavir Jayanti 2020: महावीर जयंती जैन समुदाय का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। जैन ग्रंथों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को जैन समाज के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था, जिस कारण जैन धर्म के लोग इस दिन को उनके जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं। इस बार महावीर जयंती 06 अप्रैल को मनाई जायेगी। भगवान महावीर ने पूरे समाज को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया। कौन थे भगवान महावीर: भगवान महावीर ने अहिंसा परमो धर्म का संदेश दुनिया भर में फैलाया। इनके बचपन का नाम वर्धमान था। इनका जन्म 599 ईसवीं पूर्व बिहार में लिच्छिवी वंश के महाराज सिद्धार्थ और महारानी त्रिशला के घर हुआ। वर्धमान ने ज्ञान की प्राप्ति के लिए महज तीस साल की उम्र में राजमहल के सुखों का त्याग कर दिया था उसके बाद उन्होंने तपोमय साधना का रास्ता अपना लिया था। माना जाता है कि उन्होंने 12 वर्षों की कठोर तप कर अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली थी। इसलिए उन्हें महावीर के नाम से पुकारा गया। महावीर स्‍वामी के सिद्धांत: महावीर स्वामी का सबसे बड़ा सिद्धांत अहिंसा का रहा। इसलिए उन्होंने अपने प्रत्‍येक अनुयायी के लिए अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के पांच व्रतों का पालन करना आवश्यक बताया है। इन सभी व्रतों में अहिंसा की भावना सम्मिलित है। इसी कारण जैन विद्वानों का प्रमुख उपदेश होता है ‘अहिंसा ही परम धर्म है. अहिंसा ही परम ब्रह्म है. अहिंसा ही सुख शांति देने वाली है. अहिंसा ही संसार का उद्धार करने वाली है. यही मानव का सच्चा धर्म है. यही मानव का सच्चा कर्म है.’ कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती? महावीर जयंती के दिन जैन मंदिरों में महावीर जी की मूर्तियों का अभिषेक किया जाता है। इसके बाद मूर्ति को एक रथ पर बिठाकर ...

Mahavir Jayanti 2022 5 main principles of lord mahavir

Mahavir Jayanti 2022: पंचांग के मुताबिक चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) मनाई जाती है. भगवान महावीर (Lord Mahavir) जैन धर्म (Jain Religion) के अंतिम तीर्थंकर यानी अध्यात्मिक गुरु थे. यही कारण है कि जैन संप्रदाय में महावीर जयंती काफी महत्वपूर्ण होती है. आइए जानते हैं महावीर जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त, विधि और भगवान महावीर के सिद्धांत. महावीर जयंती 14 अप्रैल, 2022 को मनाई जाएगी. इस दिन त्रयोदशी तिथि का आरंभ सुबह 4 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी. जबकि त्रयोदशी तिथि का समापन 15 अप्रैल, 2022 की सुबह 3 बजकर 55 मिनट पर होगा. भगवान महावीर के सिद्धांत भगवान महावीर ने जैन धर्म के 5 सिद्धांत बताए. जैन धर्म के 5 प्रमुख सिद्धांत सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य हैं. भगवान महावीर का कहना था कि हर व्यक्ति को इन 5 सिद्धांतों का पालन करना चाहिए. कैसे मनाते हैं महावीर जयंती महावीर जयंती के दिन जैन संप्रदाय को मानने वाले सुबह प्रभातफेरी लगाते हैं. साथ ही इस दिन भगवान महावीर की प्रतिमा को पालकी में रखकर यात्रा निकालते हैं. इसके अलावा इस दिन सोने-चांदी के कलश से भगवान महावीर का जलाभिषेक किया जाता है. साथ ही मंदिर में ध्वज लगाया जाता है. यह भी पढ़ें: भगवान महावीर के विचार भगवान महावीर का कहना था कि ईश्वर का कोई अलग अस्तित्व होता है. केवल सही दिशा में प्रयास करके देवताओं को प्राप्त किया जा सकता है. प्रत्येक आत्मा आनंदमय और सर्वज्ञ है. भगवान महावीर का कथन है कि आनंद हमारे अंदर है इसे बाहर ढूढ़ने की कोशिश ना करें. हर जीव के उपर दया करनी चाहिए. दूसरों के प्रति का भाव रखने से सिर्फ विनाश होता है. शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने से बेहतर है कि खुद पर विजय प्राप्...

महावीर जयंती पर निबंध Essay on Mahavir Jayanti in Hindi

Table of Contents • • • • • • • • • प्रस्तावना (महावीर जयंती पर निबंध Essay on Mahavir Jayanti in Hindi) दुनियाँ भर के जैन धर्म को मानने वाले लोग महावीर को अपना आराध्य मानते हैं और उनके जन्मदिन के उपलक्ष को एक पर्व के रूप में मनाते हैं। भगवान महावीर को दया व अहिंसा का पुजारी माना जाता है। राष्ट्रपिता आज दुनियाँ में कमजोरों पर ताकतवरों का राज है इसके पास किसी भी शक्ति की अधिकता है चाहे वह धनबल हो या शस्त्र बल, उसका उपयोग कर वह अपने से कमजोरों का शोषण करता है और उनका हक मारता है। महावीर जयंती हर साल दुनियाँ वालों को अहिंसा और करुणा के पाठ को पढ़ाती है और उन्हें एक अच्छा इंसान बनने के मार्ग पर प्रेरित करती है। महावीर जयंती क्या है? What is Mahavir Jayanti in Hindi? जिस दिन भगवान महावीर का जन्म हुआ था उस दिन को महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि भगवान महावीर दुनियाँ भर में शांति के संदेश वाहक के रूप में जाने जाते हैं। जैन धर्म में तीर्थंकरों का बड़ा ही महत्व है और भगवान महावीर यह जैन के 24 वे तीर्थंकर माने जाते हैं। जैन धर्म के अनुयाई महावीर को अपना सर्वस्व मानते हैं और उनके मार्ग पर आजीवन चलने और उनके ज्ञान को जग में फैलाने का प्रण लेते हैं। महावीर जयंती को ‘महावीर जन्म कल्याणक’ भी कहा जाता है। जैन धर्म, तीर्थंकर को धर्म के आध्यात्मिक गुरु के रूप में वर्णित करता है। महावीर जयंती क्यों मनाया जाता है? Why is Mahavir Jayanti celebrated? पूरी दुनियाँँ में जितने भी पंथ हैं उनमें एक बात सामान्य है कि वे किसी न किसी अनुयायियों को अपने पथ प्रदर्शक के रूप में मानते हैं। वैसे तो धरती पर सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म है लेकिन दुनियाँ के अन्य धर्मों जैसे ही जैन धर्म में भी सनात...

Mahavir Jayanti 2023: कब है महावीर जयंती, भगवान महावीर के 5 मूलभूत सिद्धांत

महावीर जयंती का पर्व जैन धर्म के संस्थापक को समर्पित होता है जो प्रतिवर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। साल 2024 में महावीर जयंती कब है? कैसे मनायें महावीर जयंती? जानने के लिए पढ़ें। महावीर जयंती को जैनियों द्वारा भगवान महावीर के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मदिन होता है। इस त्यौहार को जैन धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है जो जैनियों द्वारा अत्यंत धूमधाम एवं आस्था से मनाया जाता है। भगवान महावीर को वर्धमान के नाम से भी जाना जाता है और इनके द्वारा ही जैन धर्म के मूल सिद्धांतों की स्थापना की गई थी। महावीर जयंती 2024 तिथि व मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के 13वें दिन अर्थात चैत्र शुक्ल की त्रयोदशी तिथि पर महावीर जयंती को मनाया जाता है। भगवान महावीर ने जैन धर्म की स्थापना और उसके प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 24वे तीर्थकर भगवान महावीर को जैन धर्म के संस्थापक और जन्म कल्याणक के रूप में भी जाना जाता है। महावीर जयंती का महत्व महावीर जयंती का पर्व जैन धर्म के संस्थापक को समर्पित होता है। उन्होंने अपने जीवनकाल में अहिंसा और आध्यात्मिक स्वतंत्रता का प्रचार किया और मनुष्य को सभी जीवों का सम्मान एवं आदर करना सिखाया। उनके द्वारा दी गई सभी शिक्षाओं और मूल्यों ने जैन धर्म नामक धर्म का प्रचार-प्रसार किया था। भगवान महावीर का जन्म उस युग में हुआ था जिस वक्त हिंसा, पशु बलि, जातिगत भेदभाव आदि अपने जोरों था। उन्होंने सत्य और अहिंसा जैसी विशेष शिक्षाओं के द्वारा दुनिया को सही मार्ग दिखाने का प्रयास किया। उन्होंने अपने कई प्रवचनों से मनुष्यों का सही मार्गदर्शन किया। वर्तमान समय से करीब ढाई हजार साल पहले अर्थात ईसा से ...

Mahavir Jayanti 2022: महावीर जयंती आज, जानिए शुभ मुहूर्त और महावीर स्वामी के सिद्धांत

डीएनए हिंदी: पंचांग के मुताबिक, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती (Mahavir Jayanti 2022) मनाई जाती है. भगवान महावीर जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर यानी अध्यात्मिक गुरु थे. यही वजह है कि जैन संप्रदाय में महावीर जयंती काफी महत्वपूर्ण होती है. यह दिन जैनधर्म के लोगों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता. आइए जानते हैं महावीर जयंती की तिथि, शुभ मुहूर्त, विधि, और महावीर चालीसा के बारे में- महवीर जयंती शुभ मुहूर्त (Mahavir Jayanti 2022 Shubh Muhurat) महावीर जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन त्रयोदशी तिथि का आरंभ सुबह 4 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर 15 अप्रैल की सुबह 3 बजकर 55 मिनट तक रहेगा. ये भी पढ़ें- ऐसे मनाते हैं महावीर जयंती (Mahavir Jayanti 2022 Vidhi) महावीर जयंती के दिन जैन संप्रदाय को मानने वाले सुबह प्रभातफेरी लगाते हैं. साथ ही भगवान महावीर की प्रतिमा को पालकी में रखकर यात्रा निकालते हैं. इसके अलावा इस दिन सोने-चांदी के कलश से भगवान महावीर का जलाभिषेक किया जाता है और मंदिर में ध्वज लगाया जाता है. भगवान महावीर के सिद्धांत भगवान महावीर ने जैन धर्म के 5 सिद्धांत बताए. जैन धर्म के 5 प्रमुख सिद्धांत सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, अस्तेय और ब्रह्मचर्य हैं. भगवान महावीर का कहना था कि हर व्यक्ति को इन 5 सिद्धांतों का पालन करना चाहिए. मान्यता है कि आज के दिन श्री महावीर चालीसा के पाठ से न केवल सुख-सौभाग्य का विकास होता है बल्कि सिद्धि-बुद्धि, धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति भी होती है. महावीर चालीसा के पाठ से धन प्राप्ति के मार्ग खुल जाते हैं. ये भी पढ़ें- महावीर चालीसा शीश नवा अरिहन्त को, सिद्धन करूं प्रणाम। उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम। सर्व साधु और सरस्वती,...

महावीर जयंती 2023

महावीर जयंती 2023 (Mahavir Jayanti 2023) महावीर जयंती 2023 लोगों के द्वारा 4 अप्रैल, मंगलवार को मनाया जायेगा। महावीर जयंती 2022 विशेष हर वर्ष के तरह इस वर्ष भी महावीर जयंती के पर्व को काफी धूम-धाम के साथ मनाया गया। इस विशेष दिन के लिए काफी पहले से ही तैयारियां शुरु कर दी गयीं थी। इसी तहत पूर्वी दिल्ली के 17 दिगंबर जैन मंदिरों में सामूहिक महावीर जयंती समारोह का आयोजन किया गया। यह विशेष कार्यक्रम उपाध्याय गुप्तिसागरजी महाराज के सान्निध्य में संपन्न हुआ। इसी तरह उड़ीसा के राउरकेला में भी महावीर जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों द्वारा जीओ और जीने दो का नारा लगाकर समाज को जीव हत्या बंद करने तथा मांसाहार त्यागने की अपील की गई। इसके साथ लोगों द्वारा शोभायात्रा के जरिये शहर भर में महावीर स्वामी की आकर्षक झांकी भी निकाली गई। इस शोभायात्रा के जरिये लोगों को नशा मुक्ति, नैतिकता के संबंध विषयों पर ज्ञान दिया गया। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में भी इस पर्व को काफी धूम-धाम के साथ मनाया गया। यहां श्रद्धालुओं द्वारा बुधवार की सुबह जैन मंदिर से प्रभातफेरी निकाली और श्रीदिगंबर जैन सरजायती मंदिर में ध्वजारोहण उपरांत झंडा गायन किया गया। इस दौरान आर्यिका सम्मेद शिखर माताजी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा की युवा पीढ़ी दिन-प्रतिदिन अपने आदर्शों को भूलती जा रही है। यदि हम विश्व में शांति देखना चाहते हैं तो हमें भगवान महावीर के पंचशील सिद्धांतों को अपनाना होगा। महावीर जयंती का इतिहास महावीर जयंती हर साल विशेषरुप से जैन धर्म और अन्य धर्मों के लोगों के द्वारा महान संत, महावीर (जिन्हें वर्धमान के नाम से भी जाना जाता है) के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।...