महाराणा प्रताप का पूरा नाम

  1. महारणा प्रताप की जीवनी
  2. महाराणा प्रताप के टॉप 20 कोट्स Maharana Pratap Quotes in Hindi
  3. महाराणा प्रताप का इतिहास व कहानी Maharana Pratap History in Hindi
  4. महाराणा प्रताप
  5. महाराणा प्रताप का इतिहास
  6. महाराणा प्रताप का पूरा नाम क्या था?
  7. महाराणा प्रताप जीवनी
  8. महाराणा प्रताप का इतिहास व कहानी Maharana Pratap History in Hindi
  9. महाराणा प्रताप के टॉप 20 कोट्स Maharana Pratap Quotes in Hindi
  10. महारणा प्रताप की जीवनी


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महारणा प्रताप की जीवनी

महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिए अमर है उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ में संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi के बारे में बताएंगे 1.6 फिल्म और साहित्य में महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम राणी जयवंत कँवर था। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था । राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, वे अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर उसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था जिसका नाम चेतक था महाराणा प्रताप का पहला राज्याभिषेक 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में हुआ था , लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे । राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम इस प्रकार है:- • महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास, • अमरब...

महाराणा प्रताप के टॉप 20 कोट्स Maharana Pratap Quotes in Hindi

राजस्थानमेंहल्दीघाटीकाऐतिहासिकयुद्ध 18 जून 1576 कोआमेरकेराजामानसिंहप्रथमकेनेतृत्वमेंमहाराणाप्रतापसिंहऔरअकबरकीसेनाकेबीचलड़ागयाथा।उन्होंनेहल्दीघाटीकेअलावा, देवरकीलड़ाईकेलिएभीप्रसिद्धहैं।उन्होंने 1577, 1578 और 1579 मेंमुगलबादशाहअकबरकोतीनबारहरायाथा।आजउनकीजन्मजयंतीकेअवसरपरजानेंउनकेअनमोलविचार, प्रेरणादायकविचार, कोट्स, शुभकामनाएं, संदेशको- • सम्मानहीनमनुष्यएकमृतव्यक्तिकेसामानहोताहै। • जोदृढ़राखेधर्मकोतिहीराखेकरतारजोइणधर्मरोपालनकरेवोहेमेवाड़ीसरदार। • शत्रुभीसफलऔरशौर्यवानव्यक्तिकेहीहोतेहै। • जोसुखमेंअतिप्रसन्नऔरविपत्तिसेडरकरझुकजातेहै, उन्हेंनाहीसफलतामिलतीहैऔरनहीइतिहासमेंजगह। • यदिसर्पसेप्रेमरखोगेतोभीवोअपनेस्वभावकेअनुसारहीडसेगा। • परिश्रमतबतककरतेरहोजबतकतुम्हेंतुम्हारीमंजिलनहींमिलजाती। • अपनेदेशकागौरव, अपनीमान-मर्यादाऔरआत्मसम्मानसेबढ़करकिसीचीज़कोकीमतीनहींसमझनाचाहिए। • जबमनुष्यकाइरादानेकऔरमजबूतहोताहै, तोउनकाविजयनिश्चितहै। • कष्ट, विपत्तिऔरसंकटहमारेजीवनकोमज़बूतऔरअनुभवीबनातेहैं।इनसेघबरानायादूरभागनानहींचाहिएबल्किधैर्यऔरप्रसन्नतापूर्वकइनकासामनाकरनाचाहिए। • अपनेऔरअपनेपरिवारकेअलावाजोअपनेराष्ट्रकेबारेमेसोचेवोहीसच्चानागरिकहोताहै। • यहसंसारकर्मवीरोंकीहीसुनताहै।अतःअपनेकर्मकेमार्गपरअडिगऔरप्रशस्तरहे। • समयबहुतबलवानहोताहै।यहएकराजाकोभीघासकीरोटियांखिलासकताहै। • अन्यायएवंअधर्मकाविनाशकरनापूरेमानवजातिकाकतर्व्यहै। • सत्य, परिश्रमऔरधर्येसुखमयजीवनकेसाधनहैं। • अन्यायकेप्रतिकारकेलिएहिंसाजरूरीहै। • जोमनुष्यअपनेकतर्व्यऔरइससृष्टिकेकल्याणकेलिएसदैवप्रयत्नरतरहताहै, उसमनुष्यकोयुगयुगांतरतकस्मरणरखाजाताहै। • अपनेअच्छेसमयमेंअपनेकर्मकोइतनाविश्वासपात्रबनालो, जिससेबुरेवक्तमेंभीकर्मद्वाराआपबुरेसमयकोभीअच्छासमयबनासको। • भलेही...

महाराणा प्रताप का इतिहास व कहानी Maharana Pratap History in Hindi

इस लेख मे हमने महाराणा प्रताप का इतिहास व कहानी (Maharana Pratap History in Hindi) हिन्दी मे लिखा है। इस महाराणा प्रताप का बायोग्राफी भी आप कह सकते हैं। इसमे हमने उनके जन्म, प्रारंभिक जीवन, निजी जीवन, हल्दीघाटी के युद्ध, उनके घोड़े चेतक, मृत्यु और जीवन की मुख्य घटनाओं का वर्णन किया है। आईए आपको – महाराणा प्रताप का इतिहास व कहानी को हिन्दी मे बताते हैं Table of Content • • • • • • • • • • महाराणा प्रताप के इतिहास पर वीडियो देखें Maharana Pratap History Video महाराणा प्रताप का परिचय Introduction of Maharana Pratap in Hindi महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे। उनकी वीरता और दृढ़ संकल्प के कारण उनका नाम इतिहास के पन्नों में अमर है। उन्होंने कई वर्षों तक स्वतंत्रता प्रेमी होने के कारण उन्होंने अकबर के अधीनता को पूरी तरीके से अस्वीकार कर दिया। यह देखते हुए अकबर नें कुल 4 बार अपने शांति दूतों को महाराणा प्रताप के पास भेजा। राजा अकबर के शांति दूतों के नाम थे जलाल खान कोरची, मानसिंह, भगवान दास और टोडरमल। महाराणा प्रताप जन्म और प्रारंभिक जीवन Birth and Early Life of Maharana Pratap महाराणा प्रताप का पूरा नाम राजा महाराणा प्रताप सिंह था। उनका जन्म स्थान कुम्भलगढ़ दुर्ग में 9 मई 1540 को पिता राणा उदय सिंह (उदय सिंह द्वितीय) और माता महारानी जयवंता बाई के घर में हुआ। उनके 3 भी थे और 2 गोद ली हुई बहनें थी। उनके पिता उदय सिंह द्वितीय मेवाड़ के राजा थे जिसकी राजधानी चित्तौड़ थी। सन 1567 में, मुगल सेनाओं ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ पर आक्रमण करने की कोशिश की पर मुगल सेनाओं से लड़ने के बजाय, राणा उदय सिंह ने राजधानी छोड़ दिया और अपने परिवार को लेकर गोगुंदा चले गए। हालाँ...

महाराणा प्रताप

पूरा नाम ‌‌‌‌‌‌‌महाराणा प्रताप जन्म जन्म भूमि मृत्यु तिथि पिता/माता राज्य सीमा शासन काल 1568–1597 ई. शा. अवधि 29 वर्ष धार्मिक मान्यता युद्ध राजधानी पूर्वाधिकारी उत्तराधिकारी राजघराना वंश संबंधित लेख अन्य जानकारी महाराणा प्रताप ने एक प्रतिष्ठित कुल के मान-सम्मान और उसकी उपाधि को प्राप्त किया था, परन्तु उनके पास न तो राजधानी थी और न ही वित्तीय साधन। बार-बार की पराजयों ने उनके स्वबन्धुओं और जाति के लोगों को निरुत्साहित कर दिया था। फिर भी उनके पास अपना जातीय स्वाभिमान था। महाराणा प्रताप ( Maharana Pratap, जन्म-

महाराणा प्रताप का इतिहास

महाराणा प्रताप का इतिहास की जानकारी | Maharana Pratap History In Hindi: वो आजादी का रखवाला महाराणा प्रताप ही थे जिन्होंने अपनी मायड धरा मेवाड़ की स्वतंत्रता की खातिर जीवनभर संघर्ष करते रहे, मगर कभी मुगलों की गुलामी को स्वीकार नही किया. राजस्थान के महान सपूतों में महाराणा प्रताप का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. राजीय एशो आराम की बजाय जंगल में भूखे प्यासे भटकने वाले महाराणा प्रताप अपने और मेवाड़ धरा के स्वाभिमान के रखवाले थे. इनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह था. Maharana Pratap History In Hindi इतिहास बिंदु महाराणा प्रताप इतिहास पिता राणा उदयसिंह माता जैवन्ता बाई सोनगरा पत्नी अजब दे जन्म 9 मई 1540 मृत्यु 29 जनवरी 1597 पुत्र अमर सिंह घोड़ा चेतक समाधि चावंड Story Biography Jivani History Of Maharana Pratap In Hindi: महाराणा प्रताप का इतिहास, जीवन परिचय, जीवनी, कहानी, फोटो, वीडियो, जयंती, मेवाड़ का इतिहास जानने के लिए हमे यह पूरा लेख पढ़ना पड़ेगा. अनूठी आन बान और शान वाला या राजस्थान प्रान्त शक्ति, भक्ति और अनुरक्ति की त्रिवेणी माना जाता हैं. यहाँ का इतिहास और शौर्य एवं औदार्य के लिए विश्वविख्यात हैं. ऐसी देशभक्ति और वीरता से कुटकुट भरी मेवाड़ धरा पर स्वतन्त्रता प्रेमी और महान नायकमहाराणा प्रताप का जन्म भूमि रही हैं. इस प्रदेश में जान तथा प्राण से बढ़कर प्रण की शाश्वत परम्परा रही हैं. राजस्थान की इसी तपोभूमि कुछ ऐसी विशेषताएं रही हैं, जो अन्यत्र दुर्लभ हैं. यहाँ के वीरो ने धरती, धर्म, स्त्री और असहायों की रक्षार्थ मरने को मंगल माना, यहाँ की विरागनाओ ने अपनी कंचन जैसी काया का मोह त्यागते हुए अपने हाथों अपना शीश काटकर अपने पतियों का प्रण पालन किया हैं. Telegram Group यहाँ के संतो ...

महाराणा प्रताप का पूरा नाम क्या था?

Maharana Pratap ka Pura Naam Kya Tha: महाराणा प्रताप के बारे में राजस्थान में ही नहीं पूरे भारत में और विश्व भर में सभी को जानकारी है कि महाराणा प्रताप बहुत ही ज्यादा ताकतवर और शक्तिशाली योद्धा रहे हैं। महाराणा प्रताप का इतिहास काफी रोचक है। महाराणा प्रताप ने अपने घोड़े चेतक के साथ बड़े-बड़े योद्धाओं को युद्ध में अकेले हराया है। महाराणा प्रताप का भाला 80 किलो का था, यह भी अपने आप में एक विशेष खूबी है। Image: Maharana Pratap ka Pura Naam Kya Tha महाराणा प्रताप आम इंसान नहीं थे। महाराणा प्रताप का एक मुख्य प्राण हमेशा रहा कि कभी किसी के सामने झुकना नहीं है। महाराणा प्रताप ने जंगल में रहना कबूल कर लिया। लेकिन मुगलों के सामने झुकना कबूल नहीं किया। महाराणा प्रताप के नाम से सभी लोग जानते हैं लेकिन महाराणा प्रताप का पूरा नाम क्या था इसके बारे में आज के आर्टिकल में हम आपको जानकारी देने का प्रयास करेंगे। विषय सूची • • • • महाराणा प्रताप का सामान्य परिचय महाराणा प्रताप को बचपन से ही महाराणा प्रताप के नाम से ही पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप की माता का नाम जयवंता बाई था और महाराणा प्रताप ने 1557 में महज 17 वर्ष की उम्र में शादी की थी। महाराणा प्रताप की पत्नी का नाम अजबंदे पवार था। महाराणा प्रताप के बचपन का नाम क्या था? हर किसी व्यक्ति का बचपन का एक अलग नाम रहता है और प्यार से सभी लोग उसी नाम से पुकारते हैं। उसी प्रकार से महाराणा प्रताप जो एक साहसी योद्धा के रूप में विश्व भर में विख्यात है, उन्हें बचपन के नाम से अक्षर पुकारा जाता था और उनका बचपन का नाम काफी लोकप्रिय भी है। महाराणा प्रताप के बचपन के नाम के बारे में बात की जाए तो महाराणा प्रताप के बचपन का नाम किका था और उसी नाम से बचपन म...

महाराणा प्रताप जीवनी

नाम :महाराणा प्रताप जन्म : 9 मे, 1540 कुम्भलगढ़ दुर्ग पिता : राणा उदय सिंह माता : महाराणी जयवंता कँवर घोड़ा : चेतक महाराणा प्रताप सिंह ( ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत १५९७ तदानुसार ९ मई १५४०–१९ जनवरी १५९७) उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलो को कही बार युद्ध में भी हराया। उनका जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ में महाराणा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कँवर के घर हुआ था। १५७६ के हल्दीघाटी युद्ध में २०,००० राजपूतों को साथ लेकर राणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के ८०,००० की सेना का सामना किया। शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को झाला मानसिंह ने आपने प्राण दे कर बचाया ओर महाराणा को युद्ध भूमि छोड़ने के लिए बोला। शक्ति सिंह ने आपना अशव दे कर महाराणा को बचाया। प्रिय अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई। यह युद्ध तो केवल एक दिन चला परन्तु इसमें १७,००० लोग मारे गएँ। मेवाड़ को जीतने के लिये अकबर ने सभी प्रयास किये। महाराणा की हालत दिन-प्रतिदिन चिंतीत हुई। २५,००० राजपूतों को १२ साल तक चले उतना अनुदान देकर भामा शाह भी अमर हुआ। आरंभिक जीवन : महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप की माता का नाम जैवन्ताबाई था, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुन्दा में हुआ। बचपन से ही महाराणा प्रताप साहसी, वीर, स्वाभिमानी एवं स्वतंत्रताप्रिय थे। सन 1572 में मेवाड़ के सिंहासन पर बैठते ही उन्हें अभूतपूर्व संकोटो का सामना करना पड़ा, मगर धैर्य...

महाराणा प्रताप का इतिहास व कहानी Maharana Pratap History in Hindi

इस लेख मे हमने महाराणा प्रताप का इतिहास व कहानी (Maharana Pratap History in Hindi) हिन्दी मे लिखा है। इस महाराणा प्रताप का बायोग्राफी भी आप कह सकते हैं। इसमे हमने उनके जन्म, प्रारंभिक जीवन, निजी जीवन, हल्दीघाटी के युद्ध, उनके घोड़े चेतक, मृत्यु और जीवन की मुख्य घटनाओं का वर्णन किया है। आईए आपको – महाराणा प्रताप का इतिहास व कहानी को हिन्दी मे बताते हैं Table of Content • • • • • • • • • • महाराणा प्रताप के इतिहास पर वीडियो देखें Maharana Pratap History Video महाराणा प्रताप का परिचय Introduction of Maharana Pratap in Hindi महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे। उनकी वीरता और दृढ़ संकल्प के कारण उनका नाम इतिहास के पन्नों में अमर है। उन्होंने कई वर्षों तक स्वतंत्रता प्रेमी होने के कारण उन्होंने अकबर के अधीनता को पूरी तरीके से अस्वीकार कर दिया। यह देखते हुए अकबर नें कुल 4 बार अपने शांति दूतों को महाराणा प्रताप के पास भेजा। राजा अकबर के शांति दूतों के नाम थे जलाल खान कोरची, मानसिंह, भगवान दास और टोडरमल। महाराणा प्रताप जन्म और प्रारंभिक जीवन Birth and Early Life of Maharana Pratap महाराणा प्रताप का पूरा नाम राजा महाराणा प्रताप सिंह था। उनका जन्म स्थान कुम्भलगढ़ दुर्ग में 9 मई 1540 को पिता राणा उदय सिंह (उदय सिंह द्वितीय) और माता महारानी जयवंता बाई के घर में हुआ। उनके 3 भी थे और 2 गोद ली हुई बहनें थी। उनके पिता उदय सिंह द्वितीय मेवाड़ के राजा थे जिसकी राजधानी चित्तौड़ थी। सन 1567 में, मुगल सेनाओं ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ पर आक्रमण करने की कोशिश की पर मुगल सेनाओं से लड़ने के बजाय, राणा उदय सिंह ने राजधानी छोड़ दिया और अपने परिवार को लेकर गोगुंदा चले गए। हालाँ...

महाराणा प्रताप के टॉप 20 कोट्स Maharana Pratap Quotes in Hindi

राजस्थानमेंहल्दीघाटीकाऐतिहासिकयुद्ध 18 जून 1576 कोआमेरकेराजामानसिंहप्रथमकेनेतृत्वमेंमहाराणाप्रतापसिंहऔरअकबरकीसेनाकेबीचलड़ागयाथा।उन्होंनेहल्दीघाटीकेअलावा, देवरकीलड़ाईकेलिएभीप्रसिद्धहैं।उन्होंने 1577, 1578 और 1579 मेंमुगलबादशाहअकबरकोतीनबारहरायाथा।आजउनकीजन्मजयंतीकेअवसरपरजानेंउनकेअनमोलविचार, प्रेरणादायकविचार, कोट्स, शुभकामनाएं, संदेशको- • सम्मानहीनमनुष्यएकमृतव्यक्तिकेसामानहोताहै। • जोदृढ़राखेधर्मकोतिहीराखेकरतारजोइणधर्मरोपालनकरेवोहेमेवाड़ीसरदार। • शत्रुभीसफलऔरशौर्यवानव्यक्तिकेहीहोतेहै। • जोसुखमेंअतिप्रसन्नऔरविपत्तिसेडरकरझुकजातेहै, उन्हेंनाहीसफलतामिलतीहैऔरनहीइतिहासमेंजगह। • यदिसर्पसेप्रेमरखोगेतोभीवोअपनेस्वभावकेअनुसारहीडसेगा। • परिश्रमतबतककरतेरहोजबतकतुम्हेंतुम्हारीमंजिलनहींमिलजाती। • अपनेदेशकागौरव, अपनीमान-मर्यादाऔरआत्मसम्मानसेबढ़करकिसीचीज़कोकीमतीनहींसमझनाचाहिए। • जबमनुष्यकाइरादानेकऔरमजबूतहोताहै, तोउनकाविजयनिश्चितहै। • कष्ट, विपत्तिऔरसंकटहमारेजीवनकोमज़बूतऔरअनुभवीबनातेहैं।इनसेघबरानायादूरभागनानहींचाहिएबल्किधैर्यऔरप्रसन्नतापूर्वकइनकासामनाकरनाचाहिए। • अपनेऔरअपनेपरिवारकेअलावाजोअपनेराष्ट्रकेबारेमेसोचेवोहीसच्चानागरिकहोताहै। • यहसंसारकर्मवीरोंकीहीसुनताहै।अतःअपनेकर्मकेमार्गपरअडिगऔरप्रशस्तरहे। • समयबहुतबलवानहोताहै।यहएकराजाकोभीघासकीरोटियांखिलासकताहै। • अन्यायएवंअधर्मकाविनाशकरनापूरेमानवजातिकाकतर्व्यहै। • सत्य, परिश्रमऔरधर्येसुखमयजीवनकेसाधनहैं। • अन्यायकेप्रतिकारकेलिएहिंसाजरूरीहै। • जोमनुष्यअपनेकतर्व्यऔरइससृष्टिकेकल्याणकेलिएसदैवप्रयत्नरतरहताहै, उसमनुष्यकोयुगयुगांतरतकस्मरणरखाजाताहै। • अपनेअच्छेसमयमेंअपनेकर्मकोइतनाविश्वासपात्रबनालो, जिससेबुरेवक्तमेंभीकर्मद्वाराआपबुरेसमयकोभीअच्छासमयबनासको। • भलेही...

महारणा प्रताप की जीवनी

महाराणा प्रताप सिंह उदयपुर मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उनका इतिहास में वीरता और दृढ़ प्रण के लिए अमर है उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ में संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi के बारे में बताएंगे 1.6 फिल्म और साहित्य में महारणा प्रताप की जीवनी – Maharana Pratap Biography Hindi जन्म महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराणा उदयसिंह और माता का नाम राणी जयवंत कँवर था। महाराणा प्रताप की माता जयवंता बाई जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था । राणा उदयसिंह केे दूसरी रानी धीरबाई जिसे राज्य के इतिहास में रानी भटियाणी के नाम से जाना जाता है, वे अपने पुत्र कुंवर जगमाल को मेवाड़ का उत्तराधिकारी बनाना चाहती थी। प्रताप केे उत्तराधिकारी होने पर उसकेे विरोध स्वरूप जगमाल अकबर केे खेमे में चला जाता है। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था जिसका नाम चेतक था महाराणा प्रताप का पहला राज्याभिषेक 28 फरवरी, 1572 में गोगुन्दा में हुआ था , लेकिन विधि विधानस्वरूप राणा प्रताप का द्वितीय राज्याभिषेक 1572 ई. में ही कुुंभलगढ़़ दुुर्ग में हुआ, दूसरे राज्याभिषेक में जोधपुर का राठौड़ शासक राव चन्द्रसेेन भी उपस्थित थे । राणा प्रताप ने अपने जीवन में कुल 11 शादियाँ की थी उनके पत्नियों और उनसे प्राप्त उनके पुत्रों पुत्रियों के नाम इस प्रकार है:- • महारानी अजब्धे पंवार :- अमरसिंह और भगवानदास, • अमरब...