महात्मा ज्योतिबा फुले निबंध हिंदी

  1. महात्मा ज्योतिबांं फुले मराठी निबंध
  2. ज्योतिबा फुले सुधा अरोड़ा
  3. ज्योतिराव फुले
  4. ज्योतिबा फुले जीवनी
  5. महात्मा ज्योतिबा फुले पर निबंध 2023


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महात्मा ज्योतिबांं फुले मराठी निबंध

थोर क्रांतिकारक विचारवंत व आदयसुधारक महात्माज्योतिबाफुले यांचा जन्म पुणे येथे १८२७ साली झाला. त्यांनीच महाराष्ट्रात सुधारणेची पुरोगामी परंपरा सुरू केली. वर्तमानात आपल्या भोवताली समाजात आढळणाऱ्या उणिवा, दोष, त्रुटी पाहून भविष्यात त्यावर मात करण्यासाठी मार्ग शोधून काढणारा आणि त्या मार्गावर अगदी एकाकी पण बेधडकपणे वाटचाल करणाराच खरा समाजसेवक, समाजहितचिंतक बनू शकतो. याचा प्रत्यय महात्मा ज्योतिबा फुले यांच्या जीवनचरित्रातून येतो. नवव्या वर्षी वैधव्य आल्यामुळे वपन करून विद्रूप करण्यात आलेल्या गुरुकन्येला पाहून ज्योतिबांं च्या मनाला धक्का बसला. या आपल्या भगिनीसाठी काहीतरी करायलाच हवे हे त्यांच्या मनाने घेतले. असे कृत्य करायला 'धर्माची आज्ञा' हे एकटेच कारण असते, हेत्‍यांच्‍या गुरूंच्या तोंडूनप्रत्‍यक्ष ऐकल्‍यावर,तेव्‍हा त्‍यांनी आपल्या धर्माविषयी सत्यशोधन करायचेच असापक्‍का निर्णय त्‍यांनी तरूण वयात घेतला. पुण्यात बुधवारवाड्यात पुण्याचे कलेक्टर रॉबर्टसन यांनी शाळा काढली होती. जोतिबा त्या शाळेत जाऊ लागले. तेव्हा त्यांच्या वडिलांचा गोविंदराव फुले यांचा ज्योतिबांंच्या शिक्षणाला सहमत नव्‍हते. ज्योतिबांंनी इंग्रजीबरोबरच संस्कृतचेही अध्ययन केले. त्यांचे विचार हे सुरुवातीला बंडखोरीचे होते. त्यांनाही इतरांप्रमाणे इंग्रजांशी लढण्यासाठी शस्त्रविदया शिकावी असे वाटत होते, पण त्याच वेळी आपल्या समाजातील जातिभेद, अज्ञान आणि स्त्रियांच्या वाट्याला येणारी दुर्दशा त्यांना अस्वस्थ करत होती. त्यांनी इतर धर्मांचा तौलनिक अभ्यास केला. त्यांपैकी ख्रिस्ती धर्मातील माणुसकीची वागणूक, सेवा, समानता या गोष्टींचे त्यांना विशेष आकर्षण वाटले. येथेच ज्योतिबांंना आपल्या कार्याचा मार्ग सापडला आणि तो कृतीत आणण्यास त्या...

ज्योतिबा फुले सुधा अरोड़ा

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ज्योतिराव फुले

टैग्स: • • • प्रिलिम्स के लिये: ज्योतिराव फुले, सावित्रीबाई। मेन्स के लिये: सामाजिक-सांस्कृतिक सुधार आंदोलन, महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व। चर्चा में क्यों? हाल ही में प्रधानमंत्री ने महान समाज सुधारक, दार्शनिक और लेखक महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती (11 अप्रैल) पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्हें ज्योतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है। ज्योतिराव फुले कौन थे? • संक्षिप्त परिचय: • जन्म: ज्योतिराव फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को वर्तमान महाराष्ट्र में हुआ था और वे सब्जियों की खेती करने वाली माली जाति से संबंधित थे। • शिक्षा: वर्ष 1841 में फुले का दाखिला स्कॉटिश मिशनरी हाईस्कूल (पुणे) में हुआ, जहाँ उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की। • विचारधारा: उनकी विचारधारा स्वतंत्रता, समतावाद और समाजवाद पर आधारित थी| • फुले थॉमस पाइन की पुस्तक ‘द राइट्स ऑफ मैन’ से प्रभावित थे और उनका मानना ​​था कि सामाजिक बुराइयों का मुकाबला करने का एकमात्र तरीका महिलाओं निम्न वर्ग के लोगों को शिक्षा प्रदान करना था। • प्रमुख प्रकाशन: तृतीया रत्न (1855); पोवाड़ा: छत्रपति शिवाजीराज भोंसले यंचा (1869); गुलामगिरि (1873), शक्तारायच आसुद (1881)। • संबंधित सगठन: फुले ने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर वर्ष 1873 में सत्यशोधक समाज का गठन किया, जिसका अर्थ था सत्य के साधक ’ताकि महाराष्ट्र में निम्न वर्गों को समान सामाजिक और आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकें। • नगरपालिका परिषद सदस्य: वह पूना नगरपालिका के आयुक्त नियुक्त किये गए और वर्ष 1883 तक इस पद पर रहे। • महात्मा का शीर्षक: 11 मई, 1888 को महाराष्ट्र के सामाजिक कार्यकर्त्ता विट्ठलराव कृष्णजी वांडेकर द्वारा उन्हें ‘ महात्मा’ की उपाधि से सम्मानित किया गया। • समाज सुधारक: • वर्ष 1848...

ज्योतिबा फुले जीवनी

ज्योतिबा फुले जीवनी (Biography of Jyotirao Phule in Hindi): हम दलितों या महादलित की बात करते है तो हमारे जहन में भीम राव अंबेडकर की तस्वीर आती है। लेकिन, ये इनके खूब कहानी किस्से है। इन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ, वेदों के खिलाफ भी बहुत बोला था। ज्योतिबा फुले पहले इंसान थे जिन्होंने दलितों के लिए लड़ा और उनके हक की बात की थी। ज्योतिबा फुले एक सोशल एक्टिविस्ट, बिजनेसमैन और एक बेहतरीन राइटर भी थे। इन्होंने अपनी किताब गुलमगिरी में इन्होंने बहुत कुछ बताया जिसके बारे में भी हम आपको बताएंगे। और इन्होंने ही सत्य सोधक समाज का निर्माण किया था। तो चलिए शुरू करते हैं Jyotirao Phule biography in Hindi ज्योतिबा फूले फुल फोटो Table of Contents • • • • • • • • जन्म और स्थान (ज्योतिबा फुले का जीवन परिचय) ज्योतिबा फुले जी का पूरा नाम महात्मा ज्योतिराव गोविन्दराव फुले है। इनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को सतारा, महाराष्ट्र पुणे शहर में हुआ था। इनके पिता जी का नाम गोविन्दराव फुले था। मां का नाम विमला बाई था और पत्नी का नाम सावित्रीबाई फुले था। इसे भी पढ़े:- आरंभिक जीवन | महात्मा ज्योतिबा फुले ज्योतिबा की आरंभिक जीवन कुछ खास नही रही इनफैक्ट अच्छी नहीं थी। इनका परिवार बहुत गरीब बैकग्राउंड से ताल्लुक रखता था और रोजमर्रा की जिंदगी के लिए बाग बगीचों में काम किया करता था। ज्योतिराव महज एक साल के थे और तभी इनकी माता विमला बाई का देहांत हो गया। और इसलिए मां के प्यार से ये बचपन में ही वंचित हो गए। इनका लालन पालन एक दाई ने किया जिनका नाम सगुणाबाई था। लेकिन, इन्होंने इन्हे बेटे से बढ़ कर प्यार दिया। इनकी स्कूल की शिक्षा भी काफी देर से शुरू हुई। जब ये सात साल के थे तब इन्होंने पहली बार अपने गांव के स्कूल में प...

महात्मा ज्योतिबा फुले पर निबंध 2023

Table of Contents • • • • • • महात्मा ज्योतिबा फुले पर निबंध | mahatma jyotiba phule essay in hindi in 100,200 and 300 words 100 शब्दों में ज्योतिबा फुले पर निबंध | essay on mahatma jyotiba phule in hindi in 100 words महात्मा ज्योतिबा फुले का पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था। उन्हें महात्मा फुले के नाम से जाना जाता है। उनके पिता का नाम गोविंदराव और माता का नाम चिमनबाई था। जोतिराव की माँ का देहांत तब हो गया था जब वे केवल नौ महीने के थे। 13 साल की उम्र में उनका विवाह सावित्रीबाई से हो गया। प्राथमिक शिक्षा के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए सब्जियां बेचना शुरू किया। महात्मा फुले ने अपनी तेज बुद्धि के कारण यह कोर्स पांच-छह साल में पूरा किया। महात्मा फुले थॉमस पायने से प्रभावित थे 1791 में, थॉमस पायने द्वारा मानव अधिकारों पर एक पुस्तक महात्मा फुले द्वारा पढ़ी गई थी। वह सामाजिक न्याय के विचार से प्रभावित थे। इसलिए उन्होंने असमानता को खत्म करने के लिए महिलाओं की शिक्षा और पिछड़ी जाति के लड़के और लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया। 1863 में बाल हत्या निवारण गृह की स्थापना की। 24 सितंबर, 1873 को चली सत्यशोधक समाज की स्थापना की। लोगों ने उन्हें महात्मा की उपाधि से नवाजा।महात्मा फुले पहले भारतीय थे जिन्होंने स्वतंत्र रूप से केवल महिलाओं के लिए एक स्कूल की स्थापना की। 200 शब्दों में ज्योतिबा फुले पर निबंध | essay on mahatma jyotiba phule in hindi in 200 words महात्मा ज्योतिबा फुले एक मराठी लेखक, विचारक और समाज सुधारक थे। महात्मा फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को उनके पैतृक गांव सतारा जिले के कटगुन में हुआ था। वह पढ़ाई में बहुत होशियार था और बहुत तेज बुद्धि वाला था। उ...