महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण

  1. महिलाओं में डिप्रेशन के कारण ,लक्षण और उपाय
  2. know how menopause affects women physical and mental health and ways to manage It
  3. Causes and tips to avoid of overthinking.
  4. डिप्रेशन
  5. डिप्रेशन के लक्षण: प्रकार, महिलाओं और पुरुषों में डिप्रेशन
  6. Depression Symptoms in Women: महिलाओं में डिप्रेशन के नजर आने वाले 6 लक्षण, ना करें इग्नोर


Download: महिलाओं में डिप्रेशन के लक्षण
Size: 61.74 MB

महिलाओं में डिप्रेशन के कारण ,लक्षण और उपाय

डिप्रेशन एक आम पाई जाने वाली मानसिक रोग अवस्था है। अपने जीवन में लगभग 5 प्रतिशत लोग एक बार तो प्रायः प्रभावित होते है। डिप्रेशन मनोदशा और मस्तिष्क क्रिया को प्रभावित करता है जिसकी वजह से नींद घरेलू जिन्दगी दैनिक काम काज सामाजिक संबंध और पारस्परिक व्यवहार प्रभावित होते है। डिप्रेशन और एंग्जाइटी के लक्ष्ण साथ-साथ दिखाई देते है। यह सभी प्रकार की आयु पृष्ठ भूमि और समुदाय के लोगों में होता है। पुरूषों की तुलना में महिलाओं में 3 गुना अधिक होता है। महिलाओं में डिप्रेशन जीवन के विभिन्न चरणों के दौरान सामन्यतः कई बार पाया जाता है जैसे कि मासिक धर्म होने से पहले, गर्भावस्था में और मेनोपोज में।बच्चों में 2 से 4 प्रतिशत होता है। कारणः- •अकसर डिप्रेशन विभिन्न प्रकार के मानसिक तनावों के बाद होता है जैसे-निकट सम्बंधी की मृत्यु, वैवाहिक संबंध में विच्छेद, परीक्षा में असफलता, नौकरी छूट जाना, वित्तीय संकट, अपूर्ण इच्छा आदि। •कुछ लोगों में ठण्डे मौसम में अवसाद होता है जिसे सीजनल अफेक्टिव डिऑर्डर •दीर्घ कालिक शारीरिक बीमारी जैसे- मधुमेह, पच्छाघात, कैंसर, दिल का दौरा आदि। •अत्यधिक शराब एवं नशे के सेवन में। लक्षणः- •लगातार उदासी एवं खालीपन। •लगभग प्रतिदिन अरूचि या सभी गतिविधियों में कमी दिखाई देना। •असंगत एकाग्रता अन्यमनस्कता अनिश्चितता। •अकेलापन महसूस करना, भावशून्यता, अन्य व्यक्तियों और नई परिस्थितियों से अपने आप को अलग करना। •चिंता, घबराहट, चिडचिडाहट। •नशे या शराब का अधिक सेवन। आत्मविश्वास में कमी, शीघ्र निराश होना। •भविष्य के लिये नकारात्मक और निराशावादी दृष्टिकोण अपनाना। •नींद की कमी या अत्यधिक सुस्ती। •भूख की कमी या अत्यधिक भूख लगना। •आत्मघाती विचार आना। •प्रतिदिन थकान या कमजोरी महसूस होन...

know how menopause affects women physical and mental health and ways to manage It

क्या आप जानते हैं मेनोपॉज का महिलाओं के शरीर पर पड़ता है क्या असर? लक्षणों से निपटने के लिए अपनाएं ये टिप्स How Menopause Affects Women's Physical Health: मेनोपॉज तब होता है, जब महिलाओं के शरीर में अंडाशय और अंडों की संख्या कम होने लगती है। साथ ही, शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन भी क How Menopause Affects Women's Physical Health:मेनोपॉज का मतलब है 'मासिक धर्म की समाप्ति'। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। बहुत कम महिलाओं को पता होता है कि मेनोपॉज के 3 फेज होते हैं- प्री-मेनोपॉज, मेनोपॉज और पोस्ट-मेनोपॉज। बता दें, महिलाएं 37 से 38 की उम्र में प्री-मेनोपॉज के लक्षणों को महसूस कर सकती हैं। लेकिन हर महिला के लिए इसकी उम्र अलग हो सकती है। कब होता हैमेनोपॉज- मेनोपॉज तब होता है, जब महिलाओं के शरीर में अंडाशय और अंडों की संख्या कम होने लगती है। साथ ही, शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन भी कम होता है। ऐसे में महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों जैसे तनाव, चिंता, डिप्रेशन, मूड स्विंग और एंग्जाइटी आदि से जूझना पड़ता है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि मेनोपॉज में महिलाएं शारीरिक रूप से प्रभावित नहीं होती हैं। इसकी वजह से उन्हें कई तरह की शारीरिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। आइए मेनोवेदा की मेनोपॉज कोच और फाउंडर तम्मना सिंह से जानते हैं कि मेनोपॉज का महिलाओं की मानसिक और शारीरिक सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है। मेनोपॉज का महिलाओं के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव- हॉट फ्लैशेस- हॉट फ्लैशेस मेनोपॉज का एक सबसे आम लक्षण होता है। इसमें महिलाओं के शरीर में अचानक से तापमान बढ़ जाता है। इसकी वजह से महिलाओं को ...

Causes and tips to avoid of overthinking.

Overthinking : आखिर क्यों लोग जरूरत से ज्यादा सोचने लगते हैं? एक्सपर्ट बता रहे हैं ओवरथिंकिंग के बारे में सब कुछ आज कल स्ट्रेस का एक कारण ओवरथिंकिंग भी बन चुका है। हम छोटी छोटी चीजों को लेकर इतना सोचते है कि डिप्रेशन का एक कारण बन जाता है। क्या हो सकते है ओवरथिंकिंग के कारण आइए जानते है। कई बार ओवकथिंक करना आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। हर जगह प्रतिस्पर्धा खुद को दूसरों से बेहतर बनाने की दौड़ में आज कल लोग इतने व्यस्त हो चुके है कि छोटी छोटी चीजों को लेकर इतना ओवर थिंक करते है कि स्ट्रेस और डिप्रेशन का शिकार हो जाते है। सोशल मीडिया के जमाने में सब कुछ सोशल मीडिया पर दिखावटी है और लोग नंबर, संख्या और फ्लोवरस के पीछे भाग रहे है। कई लोग सोशल मीडिया की चीजों को अपनी जिंदगी पर लागू करते है जिसका जिंदगी से कुछ लेना देना नही होता है। ऑफिस में एक कर्मचारी से बेहतर खुद को दिखाने के लिए प्रतिस्पर्धा करना सभी चीजें आपको ओवरथिंक करने के लिए मजबूर करती है। की बार ओवकथिंक करना आपके स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। क्या शुरू हो जाती है ओवरथिंकिंग ओवरथिंकिंग एक ऐसी प्रवृत्ति है जिसमें व्यक्ति किसी स्थिति, समस्या या घटना के बारे में अत्यधिक और बार-बार सोचता है। इसमें व्यक्ति एक ही विचारों पर बहुत देर तक सोचता रहता है, मन में स्थितियों को बार-बार दोहराता है, और विभिन्न दृष्टिकोणों से विश्लेषण करता है। ओवरथिंकर्स को विचारों को छोड़ने में कठिनाई होती है और बहुत अधिक विचार करने से और चिंता के कारण कोई एक निर्णय लेने में संकट आ सकता है। हालांकि किसी भी विषय पर विचार करना समस्या का समाधान करने में आपकी मदद कर सकती है और निर्णय लेने के लिए आवश्यक होते हैं, लेकिन ओवरथिंकिंग तब समस्...

डिप्रेशन

आये दिन हमारे आस-पास आत्महत्या जैसी दुखद घटनाएं होती रहती हैं. ऐसी कई सारी घटनाओं की जड़ depression या अवसाद होती है । Depression अब इतनी common illness हो चुकी है कि इसे “common cold of mental illness” भी कहते हैं । आज हम इसी विषय में विस्तार से बात करेंगे : What is depression? / अवसाद क्या है? जीवन में कभी-कभार low feel करना एक सामान्य बात है. लेकिन जब ये एहसास बहुत समय तक बना रहे और आपका साथ ना छोड़े तो ये depression या अवसाद हो सकता है. ऐसे में जीवन बड़ा नीरस और खाली-खाली सा लगने लगता है . ऐसे में ना दोस्त अच्छे लगते हैं और ना ही किसी और काम में मन लगता है. Life hopeless लगने लगती है और positive बातें भी negative लगने लगती हैं. यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो घबराने की ज़रुरत नहीं है. ज़रुरत है depression के symptoms और कारणों को समझने की और फिर उसका इलाज करने की. हम सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं.कभी सफलता मिलने पर बहुत ख़ुशी मिलती है तो कभी असफल होने पे इंसान दुखी हो जाता है. कई बार लोग छोटे-मोटे दुःख को भी depression का नाम दे देते हैं, जो कि बिलकुल गलत है. Depression normal sadness से बहुत अलग होता है. आइये इसकी परिभाषा को समझते हैं: “अवसाद एक ऐसी मानसिक स्थिति या स्थायी मानसिक विकार है जिसमे व्यक्ति को उदासी, अकेलापन, निराशा, कम आत्मसम्मान, और आत्मप्रतारणा महसूस होती है ; इसके संकेत मानस – मिति संबंधी मंदता , समाज से कटना ,और ऐसी स्थितिया जिसमे की कम भूख लगना और अत्यधिक नीद आना में नज़र आते हैं.” ध्यान देने कि बात है कि आम तौर पर होने वाली tension या दुःख का अवसाद से कोई लेना-देना नहीं है. अवसाद के लक्षण ? Depression Symptoms in Hindi यदि आपको नीचे दिए गए ...

डिप्रेशन के लक्षण: प्रकार, महिलाओं और पुरुषों में डिप्रेशन

रिपोर्ट के मुख्य अंश • अवसाद के लक्षण आपके दैनिक जीवन में आपकी सामान्य गतिविधियों को प्रभावित करते हैं • महिलाओं में अवसाद के लक्षणों के प्रसार का एक उच्च जोखिम है • थेरेपी और एंटी-डिप्रेसेंट आपको अवसाद के लक्षणों से निपटने में मदद कर सकते हैं अवसाद के लक्षण आमतौर पर आपकी भावनाओं, विचारों और व्यवहार में परिलक्षित होते हैं। यदि आपको अवसाद है, जिसे एक प्रमुख मनोदशा विकार भी कहा जाता है, तो आप लगातार उदासी और रुचि की हानि का अनुभव कर सकते हैं। आप कई तरह की भावनात्मक और शारीरिक समस्याओं का अनुभव भी कर सकते हैं, जैसे कि दैनिक गतिविधियों को करने में परेशानी होना। ये मुद्दे अंततः आपके कार्य करने और फलदायी जीवन जीने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। अवसाद के संकेतों के बारे में याद रखने वाली एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हालांकि सामान्य लक्षण हैं, वे आपकी उम्र और लिंग पर निर्भर करते हैं। डिप्रेशन के विभिन्न लक्षणों को जानने के लिए आगे पढ़ें ताकि आप थेरेपी पर काम करके और ट्रिगर्स को कम करके अपने भावनात्मक स्वास्थ्य को ठीक कर सकें। डिप्रेशन के विभिन्न लक्षण क्या हैं? आप अपने दिन के दौरान अवसाद के विभिन्न लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं, जिन्हें एपिसोड कहा जाता है। अवसाद के लक्षणों में शामिल हैं: • उदासी और निराशा की भावनाएँ • नींद संबंधी विकार जैसे अनिद्रा या दिन में सोने की इच्छा • छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ या उत्तेजित महसूस करना • दैनिक गतिविधियों में कोई दिलचस्पी नहीं और अनुत्पादक होना • भूख न लगना या अचानक से भूख लगना जिससे वजन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है • बार-बार और लंबी अवधि के लिए बेचैन और चिंतित महसूस करना • चीजों को तेजी से संसाधित करने और तदनुसार प्रतिक्रिया करने में असमर्थता • पिछल...

Depression Symptoms in Women: महिलाओं में डिप्रेशन के नजर आने वाले 6 लक्षण, ना करें इग्नोर

Symptoms of Depression in women: आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई कभी ना कभी स्ट्रेस, एंग्जायटी से ग्रस्त होता है. खासकर, जब बात महिलाओं की सेहत की आती है, तो वे अपनी कई समस्याओं को नजरअंदाज करती रहती हैं. स्ट्रेस, एंग्जायटी से ग्रस्त होने के बावजूद भी इन्हें नजरअंदाज करती रहती हैं, जो बाद में डिप्रेशन (Depression in Women) का रूप ले सकता है. आज अधिकतर महिलाएं अवसाद से जूझ रही हैं, लेकिन उन्हें पता ही नहीं चलता कि वे डिप्रेस्ड हैं. अवसाद को यूं ही छोड़ने से आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है. यदि आप किन्हीं कारणों से स्ट्रेस, चिंता में रात-दिन घिरी रहती हैं, तो सबसे जरूरी है, इसे कंट्रोल करना. यदि आप ऐसा नहीं करती हैं, तो ये डिप्रेशन को जन्म दे सकता है. आप अवसाद (Depression) से ग्रस्त हैं, इसे यहां बताए गए कुछ लक्षणों से पहचान सकती हैं और प्रॉपर ट्रीटमेंट लेकर खुद को मेंटली-फिजिकली फिट रख सकती हैं. महिलाओं में अवसाद के लक्षण पसंदीदा कामों में दिलचस्पी कम होना आप जिन हॉबीज को पहले किया करती थीं, उन्हें करने में अब रुचि कम हो गई है, तो यह डिप्रेशन का शुरुआती लक्षण (signs of depression in women) हो सकता है. आप कम बोलती हैं, अकेले रहना पसंद करती हैं, किसी से मिलने-जुलने का मन नहीं करता, तो इन लक्षणों को नजरअंदाज ना करें. कार्यों में ध्यान लगाने में परेशानी होना डिप्रेशन के लक्षणों में किसी भी कार्य में ध्यान या फोकस लगा पाने में भी समस्या आने लगती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अवसाद ग्रस्त लोग अपनी ही दुनिया और दिमाग में चलने वाली चीजों में खोए रहते हैं. इससे घर के साथ ही आपका प्रोफेशनल कार्य भी प्रभावित हो सकता है. भूख मर जाती है यदि आप पहले की...