मिर्गी जड़ से खत्म करने का इलाज

  1. दाद की दवा, क्रीम, मेडिसिन, टेबलेट
  2. बवासीर जड़ से खत्म करने के आसान घरेलू इलाज
  3. Yoga For Epilepsy swami ramdev shares yoga asanas and pranayama to cure epilepsy or mirgi permanently: स्वामी रामदेव से जाानिए मिर्गी का रामबाण इलाज, 3 माह में जड़ से खत्म हो जाएगा ये रोग
  4. Pregabalin : प्रेगाबेलिन क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां
  5. मिर्गी रोग जड़ से खत्म करें यह घरेलू उपचार
  6. दाद के लक्षण कारण दाद को जड़ से खत्म करने की दवा
  7. मिर्गी के दौरे आने पर क्या करना चाहिए
  8. मिर्गी रोग का आयुर्वेदिक उपचार
  9. Mirgi ka dora


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दाद की दवा, क्रीम, मेडिसिन, टेबलेट

यहां दिए लिंक पर क्लिक करें और दाद से छुटकारा पाने के लिए मार्केट में कई तरह की क्रीम्स, दवा व मेडिसिन मौजूद हैं. इन क्रीम में से कैंडिड जेल, रिंग गार्ड, टोपि थूजा क्रीम इत्यादि का इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही क्लोट्रिमेजोल व मिकोनाजोल जैसी दवाओं का प्रयोग दाद को जड़ से खत्म करने में सहायक है. आज इस लेख में हम दाद की क्रीम, दवा, मेडिसिन व टेबलेट बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे - (और पढ़ें - • • • • • • • • • • • • • • रिंग गार्ड क्रीम एक एंटी फंगल क्रीम है, जिसका इस्तेमाल दाद और अन्य फंगल इंफेक्शन की परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है. दाद की परेशानी होने पर अधिकतर डॉक्टर इस क्रीम को लगाने का सुझाव देते हैं. इसके साथ ही इसका इस्तेमाल एथलीट फुट, खुजली, जलन, लालिमा व त्वचा के फटने पर भी किया जा सकता है. डॉक्टर की सलाह पर रिंग गार्ड का इस्तेमाल करने से फंगल इंफेक्शन के इलाज में यह सहायक हो सकता है. कम से कम सात दिन तक इस क्रीम का इस्तेमाल करने से हल्के-फुल्के संक्रमण की परेशानी को दूर किया जा सकता है. (यहां से खरीदें - दाद की परेशानी को दूर करने के लिए टोपि थूजा क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह स्किन पर होने वाले संक्रमण की परेशानी को दूर करने में प्रभावी क्रीम हो सकती है. दाद की परेशानी होने पर कुछ सप्ताह तक इस क्रीम के इस्तेमाल से व्यक्ति की परेशानी दूर हो सकती है. इसके अलावा, इस क्रीम का इस्तेमाल (यहां से खरीदें - टर्बिनाफोर्स-प्लस एनएफ क्रीम का इस्तेमाल दाद की परेशानी को दूर करने के लिए किया जा सकता है. इस क्रीम के इस्तेमाल से विभिन्न प्रकार के स्किन इंफेक्शन की परेशानी दूर हो सकती है. यह दाद में होने वाली परेशानियों, जैसे - लालिमा, सूजन व खुजली को कम कर...

बवासीर जड़ से खत्म करने के आसान घरेलू इलाज

Home remedies of piles in Hindi बवासीर को एक बेहद जटिल और खतरनाक बीमारी माना जाता है। यह बहुत कारणों से उत्पन्न होने वाली बीमारी है और इसके लक्षण भी बेहद गंभीर देखे गए हैं। लीवर के भीतर और यकृत धमनी में रक्त की अधिकता के कारण ही बवासीर की बीमारी होती है इसलिए लीवर या यकृत दोस को इस बीमारी का मुख्य कारण माना जाता है। बबासीर किसे कहते हैं? : What is Piles or Hemorrhoid in Hindi? मलद्वार के अंतिम भाग की शिराओं के सूजने, फूलने अथवा बढ़ जाने को बवासीर कहा जाता है। इसी फूली हुई मलद्वार को मस्सा कहा जाता है। इसका आकार मटर के दाने जैसा फैला हुआ होता है। अधिक फुली हुई मस्सों का आकार मटर के दाने से भी बड़ा हो सकता हैं। बवासीर रोग में कभी तो एक ही मस्सा होता है और कभी एक से अधिक मस्से आपस में जुड़े हुए दिखाई पड़ते हैं। यह मस्से यदि मलद्वार के बाहरी भाग में रहे तो बहिर्बली (External piles)या बादी बवासीर और यदि मलद्वार के भीतरी भाग में रहे तो अंतवर्ली (Internal piles)या खूनी बवासीर कहा जाता है। यह मस्से जब फटते हैं तब इन से रक्त बहने लगता है। प्रयह भीतरी मस्से ही अधिक फटते हैं। रक्त शराबी मस्सों को खूनी बाबासीर कहा जाता है। जिन मस्सों में खून नहीं बहता परंतु केवल दर्द, जलन अथवा खुजली के लक्षण ही प्रकट होते हैं उन्हें बादी बवासीर कहा जाता है। बवासीर/पाइल्स या हेमोरॉयड्स जिन लोगों में यह बीमारी उत्पन्न होती है उन लोगों के शरीर में अक्सर अस्वस्थता बनी रहती है। बवासीर के मुख्य दो प्रकार होते हैं : Two types of Piles in Hindi. खूनी बवासीर (Internal piles) बादी बवासीर(External piles) बवासीर में दिखने वाले लक्षण : Piles Symptoms in Hindi खूनी बवासीर (internal piles) में दिखने वाले लक्षण : Inte...

Yoga For Epilepsy swami ramdev shares yoga asanas and pranayama to cure epilepsy or mirgi permanently: स्वामी रामदेव से जाानिए मिर्गी का रामबाण इलाज, 3 माह में जड़ से खत्म हो जाएगा ये रोग

हमारे शरीर में एक नर्वस सिस्टम होता है जिसमें 100 मिलियन से ज्यादा न्यूरॉन होते है। इन न्यूरॉन में केमिकल एक्टिविटी के कारण करंट पैदा होता है। जो दिमाग को मैसेज भेजता है। लेकिन जब यह केमिकल एक्टिविटी कम हो जाती हैं एपिलेप्सी की समस्या हो जाती है। एपिलेप्सीएक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। मिर्गी का दौरा 20 सेकंड से 3 मिनट तक रहता है। आपको बता दें कि देश में करीब 10 लाख लोग इस बीमारी के शिकार है। वहीं दुनियाभर में 5 करोड़ से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रस्त है। स्वामी रामदेव के अनुसार अगर एपिलेप्सी को साधारण भाषा में समझे तो जब जब दिमाग में न्यूरॉन कमजोर हो जाते है। तो वह एक दूसरे से टकराने लगते है। जिसके ठीक ढंग से करंट न उत्पन्न होने के कारण मिर्गी का दौरा पड़ने लगता है। अगर आप इस समस्या से परेशान हैं तो योगासन और प्राणायाम करके इससे 1 से 3 माह में जड़ से खत्म कर सकते है। बशर्ते दिमाग में पड़े कीड़ों के कारण मिर्गी न आ रही हो तो। शरीर में हो गए है पानी भरे दाने तो अपनाएं ये घरेलू उपाय, कुछ ही दिनों में हो जाएंगे गायब मिर्गी के लक्षण • बेहोश होना • झटके लगना • बॉड़ी लड़खड़ाना • मुंह से झाग आना मिर्गी आने की वजह स्वामी रामदेव के अनुसार मिर्गी आने की कई वजह हो सकती है। एपिलेप्सी की समस्या अधिकतर बच्चों के साथ-साथ युवावस्था में अधिक होती है। पुरुषों को मुकाबले महिलाओं को इस समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ता है। • ब्रेन स्ट्रोक • सिर में चोट • ब्रेन ट्यूमर • मेनिन्जाइटिस • नर्वस सिस्टम कमजोर हने पर • दिमाग में कीड़े होने पर • बहुत ज्यादा डिप्रेशन होने पर • असुरक्षा की भावना होने पर कोरोना काल में चमत्कारी साबित हुई 'नीम की पत्तियां', सेवन से कोसों दूर भागा वायरस जानें इसके फायदे और नुक...

Pregabalin : प्रेगाबेलिन क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां

प्रेगाबेलिन का उपयोग किसके लिए किया जाता है? इस दवा का इस्तेमाल डायबिटीज या शिंगल्स (हर्पीस जोस्टर) संक्रमण का इलाज करने के लिए किया जाता है। तंत्रिका में होने वाले दर्द का उपचार करने के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है जो स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के कारण होती है। फिब्रोमायल्जिया से पीड़ित लोगों के दर्द के इलाज में भी इसका उपयोग होता है। कुछ प्रकार की मिर्गी (आंशिक रूप से शुरुआत में होने वाली मिर्गी की समस्या) का इलाज करने के लिए अन्य दवाओं के साथ भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। मैं प्रेगाबेलिन को कैसे इस्तेमाल करूं? इस दवा को खाने के रूप में खाने के साथ या खाने से पहले लें, इसे आमतौर पर दिन में दो या तीन बार लिया जाता है या डॉक्टर की सलाह द्वारा लिया जाता है। ये खुराक आपकी अगर आप इस दवा को तरल रूप में ले रहे हैं, तो खुराक को सही माप के साथ लें। घर की चम्मच का इस्तेमाल न करें क्योंकि आपको सही खुराक का माप पता नहीं चल सकता। साइड इफेक्ट का जोखिम कम करने के लिए (जैसे सुस्त और चक्कर) आपका डॉक्टर आपको कम खुराक से शुरुआत करने के लिए बोल सकता है और फिर धीरे-धीरे खुराक बढ़ाएगा। डॉक्टर की सलाह ध्यानपूर्वक सुनें। इस तरह बेहोशी की संभावना को कम किया जा सकता है। जब इस दवा की मात्रा आपके शरीर में लगातार बनी रहती है तो ये दवा बेहद अच्छे से कार्य करती है। इसलिए अच्छा होगा आप प्रेगाबेलिन पूरे दिन और रात बीच-बीच के अंतराल पर लें। बिना डॉक्टर से पूछे इस दवा को लेना बंद न करें। अगर आप इस दवा को एकदम से छोड़ देते हैं तो कुछ स्थितियां (जैसे मिर्गी) बिगड़ सकती हैं। साथ ही, आप सोने में दिक्कत, मतली, इसके फायदों के साथ, इस दवाई के असामान्य लक्षण दिखाई दे सकते हैं (जैसे लत). अगर आपको पहले शराब या ड्रग्स की...

मिर्गी रोग जड़ से खत्म करें यह घरेलू उपचार

मिर्गी केदौरों के इलाज के लिए 80 प्रतिशत लोग दवाईयों का प्रयोग करते है वही करीब 20 प्रतिशत लोगों में दवाईयों का असर नहीं होता है। दवाईया आपके दौरों पूरी तरह से ख़त्म नहीं करती बल्कि उनको काफी हद तक नियंत्रित करती है जिससे दौरों का आना कम हो जाता है। सभी के मिर्गी के दौरे अलग प्रकार के हो सकते है इसलिए आवश्यक नहीं की सभी परएक जैसी दवाईया असर दिखाए और कुछ में सर्जरी की जाती है। आप कुछ घरेलू इलाज के जरिये भी सिजर्स यानि दौरों पर काबू पा सकते है। जड़ीबूटियों व आयुर्वेदद्वारा मिर्गी का इलाज जैसा कि आपजानते होंगे कि आयुर्वेद में वात, पितऔर कफ के आधार में इलाज किया जाता है। इसके अनुसार आपको किस प्रकार क मिर्गी है उसी प्रकृति सेइलाज किया जाता है। • अगर वात मिर्गी(अपस्मार)है तो मन परेशान रहता है. सिरदर्द होता है। • पित मिर्गी है तो भूख अधिक लगती है, दस्त की शिकायत हो सकती है औरचिड़चडापन। • कफ (अपस्मार) है तोमन उदास रहता है। सही डाइट द्वारा मिर्गी का उपचार इसके जरिये आप दौरों को नियंत्रित करने की ओर पहला कदम बढ़ा सकते है। अच्छी डाइट आपकी मिर्गी के बचाव में बहुत असर करता है। केटोजेनिक डाइट जिसमे हाई फैट और लो कार्बोहायड्रेट जैसी चीज़ों का सेवन किया जाता है जिससे बच्चो में मिर्गी के दौरों को कम करने में सफलता मिली है। इसे किसी अच्छे न्यूट्रीशनिस्ट की देख में ही करें। एटकिंस जिसमे हाई प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट्स का इस्तेमाल किया जाता है से भी मिर्गी में उपयोगी है। • हल्के योग भी कर सकते है जैसे - शीर्षासन, बलासन। • मिटटी को पानी में गीली करके पूरे शरीर में लगाइये फिर एक घंटे में नहा लीजिये। • सोचने में मदद के लिए थयामिन मदद कर सकता है। इसे विटामिन बी1 भी कहते है जो बादाम, मांस, अनाज में ...

दाद के लक्षण कारण दाद को जड़ से खत्म करने की दवा

दाद के लक्षण कारण दाद को जड़ से खत्म करने की दवा कई बार हमारे शरीर के अंदर की बजाय हमारे शरीर के ऊपर कई रोग होते हैं और जब कोई रोग शरीर के ऊपर होता है उनमें सबसे पहले खाज खुजली और दाद का नाम सामने आता है क्योंकि इंसान की त्वचा के ऊपर खाज खुजली या दाद सबसे ज्यादा होते है. और कुछ दिन पहले हमने खाज खुजली के बारे में एक ब्लॉग में बताया था लेकिन आज के इस ब्लॉग में हम दाद के बारे में बात करने वाले है. इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि दाद क्या है यह कैसे उत्पन्न होता है और इसके उपचार आदि के बारे में. दाद क्या है पहले हम बात करते हैं कि दर्द क्या होता है वैसे तो आप सभी दाद के बारे में जानते ही होंगे दांत भी एक खाज खुजली की तरह ही त्वचा के ऊपर होने वाला रोग है जो कि शरीर में किसी भी जगह पर हो सकता है जब किसी इंसान के शरीर पर दाद उत्पन्न होता है तब उस इंसान के दादा वाली जगह पर बिल्कुल छोटा गोल आकार का खुजली उत्पन्न करने वाला निशान उत्पन्न होता है और फिर वह निशान धीरे-धीरे दाद में बदल जाता है. कई बार दाद बड़ा होने के बाद उसमें खून या पिप निकलने लगती है और यह इंसान के ज्यादातर हाथ पैर, सिर, दाढ़ी, नाखून, लिंग, अंडकोष व पेट के निचले भाग में उत्पन्न होता है और दाद उत्पन्न होने पर इंसान को बहुत तेज झुंज होती है वैसे तो आयुर्वेद में दाद को दद नाम से जाना जाता है लेकिन एलोपैथिक में इसको रिंग वर्म जा टीनिया का नाम दिया गया है. दाद होने के कारण वैसे तो दाद एक ऐसा रोग है जो कि किसी भी इंसान को कभी भी उत्पन्न हो सकता है लेकिन किसी भी इंसान को दाद उत्पन्न होने के पीछे कई कारणों का हाथ होता है जैसे विभिन्न प्रकार के फंगस होना, दाद वाले इंसान के दाद को हाथ या शरीर का कोई अंग लगाना, दाद वाले इंसान ...

मिर्गी के दौरे आने पर क्या करना चाहिए

• Rog aur Ayurvedic Upchar • 12 May, 2022 Mirgi ke rogi Kya na khaye । मिर्गी रोगियों के लिए दिनचर्या:- भोजन में परहेज के विषय में विशेष जानकारी। mirgi ke rogi: मिर्गी के रोगियों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहीए यह बात सभी मिर्गी के रोगियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मिर्गी रोगियों को यह बात भली-भांति समझना चाहिए की कोई भी जितना मर्जी मिर्गी रोग के सटीक इलाज का दावा करें परंतु मिर्गी के रोगी पूर्णतया तभी सफलतापूर्वक ठीक होंगे जब वह इन बताए गए आयुर्वेदिक जीवन शैली का अनुपालन करेगें। मिर्गी यह न केवल शारीरिक बल्कि एक तरह से मानसिक व्याधि भी है कोई भी चिकित्सा शारीरिक व्याधि के ऊपर तो पूर्णतया काम करता है मगर मानसिक व्याधि का इलाज करने के लिए खाने वाली दवाई ही मात्र पर्याप्त नहीं होता इसलिए यह पोस्ट आप सभी मिर्गी रोग से ग्रसित व्यक्तियों के लिए लिखा गया है.. आप सभी मिर्गी रोग से ग्रसित व्यक्तियों को यह बात गांठ मार लेनी चाहिए कि मिर्गी एक जन्मजात व्याधि है यह पूर्णतया कभी भी ठीक नहीं होता लेकिन नीचे दिए गए व्यवस्था के साथ अगर आप जीना सीखेंगे तो जीवन में कभी मिर्गी का दौरा भी नहीं आएगा यह पक्की बात है। अब आपके मन में एक बात आएगा कि भाई मुझे तो अभी-अभी मिर्गी का दौरा पड़ना शुरू हुआ है तो मेरा यह रोग जन्मजात कैसे हो गया इसका जवाब आयुर्वेदिक ग्रंथ में मिलता है। जिस प्रकार एक पुरुष का जब जन्म होता है तो 12-13 वर्ष तक दाढ़ी और मूंछ नहीं आते क्योंकि दाढ़ी मूछ को उगाने वाली जो हारमोंस है वह उतने उम्र तक डीएक्टिवेट होकर के शरीर में पड़ा रहता है जैसे ही उम्र का वह पड़ाव तक शरीर पहुंच जाता है तो अपने आप वह हार्मोन एक्टिव हो जाता है| और दाढ़ी मूछ निकालना शुरू करता है लेकिन दाढ़...

मिर्गी रोग का आयुर्वेदिक उपचार

मिर्गी रोग का कारण मिर्गी का रोग नकारात्मक भावों के कारण उत्पन्न होता है, जैसे अधिक चिंता करना, शोक में अधिक समय तक डूबे रहना, भयग्रस्त रहना, क्रोध करना, ईर्ष्या तथा द्वेष करना आदि। इन सब भावों का दिमाग, खून के दौरे, पाचन संस्थान, मल-मूत्र संस्थान पर खराब प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा ज्यादा हस्तमैथुन या स्त्री प्रसंग करना, अधिक शराब पीना, शक्ति से ज्यादा मानसिक परिश्रम करना, आंव, कृमि आदि की बीमारी तथा दिमाग में चोट लगना आदि कारणों से भी मिर्गी (अपस्मार) के दौरे पड़ने लगते हैं। मिर्गी रोग का लक्षण मिर्गी के दौरे में व्यक्ति अचानक अकड़कर बेहोश हो जाता है। बेहोश होने से पहले रोगी को इस बात की जानकारी बिल्कुल नहीं होती कि उसको इस बीमारी का दौरा पड़ने वाला है। वह चलते-फिरते, बातें करते-करते यकायक बेहोश हो जाता हैं। उसकी गरदन अकड़ कर टेढ़ी हो जाती है, आंखें फटी-सी रह जाती हैं, मुंह से झाग निकलने लगते हैं, रोगी अपने हाथ-पैर पटकने लगता है, दांत आपस में जुड़ जाते हैं या कभी-कभी जीभ भी बाहर आ जाती है। सांस लेने में तकलीफ होती है, हृदय की धड़कन बढ़ जाती है और व्यक्ति अपनी सुध-बुध खो देता है। मिर्गी का घरेलू उपचार • रोगी यदि मिर्गी के दौरे में बेहोश हो गया हो, तो राई को पीसकर रोगी को सुंघाएं, इससे बेहोशी दूर हो जाती है। • तुलसी के पत्तों का रस लेकर उसमें चुटकी भर सेंधा नमक मिलाकर नाक में टपकाएं। • तुलसी का सत्त्व (रस) तथा कपूर मिलाकर सुंघाने से रोगी की चेतना लौट आती है। • नीबू के रस में जरा-सी हींग डालकर रोगी के मुंह में डालें। • मिर्गी के रोगी को लहसुन कुचलकर सुंघाने से होश आ जाता है। • मिर्गी के रोग को दूर करने के लिए लहसुन घी में भूनकर खाएं। • करौंदे के पत्तों की चटनी नित्य खाने से अ...

Mirgi ka dora

• Rog aur Ayurvedic Upchar • 20 Dec, 2022 अपस्मार चिकित्सा विधि | मिर्गी रोग का हजारों सफल इलाज कर चुके वैद्य जी द्वारा संपादित। मिर्गी का इलाज संभव है। Mirgi ka dora :-अपस्मार चिकित्सा विधि • मिर्गी का सफल इलाज संभव है। जालंधर में मिलता है Mirgi ka dora का 100% सफल चिकित्सा हजारों लोग वैद्य जी से मिर्गी का सफल इलाज करा चुके हैं। Mirgi dora का इलाज न मिलने से यदि आप परेशान हो तो एक बार आप अपस्मार मिर्गी नाशक Mirgi doraka रामबाण आयुर्वेदिक इलाज के लिए वैध जी से संपर्क जरूर करें। Mirgi dora का इलाज करने के लिए वैध जी से कब मिले किस तरह का चिकित्सा होगा कौन सा Mirgi dora का लक्षण वाला मिर्गी का रोगी ठीक होगा, कौन सा Mirgi dora के लक्षण वाला रोगी ठीक नहीं हो सकता, इन सभी विषयों को ध्यान से पढ़ें उसके बाद ही Mirgi dora का चिकित्सा हेतु वैद्य जी से संपर्क करें। यदि आप एपिलेप्सी Mirgi dora (जिसे मिर्गी के नाम से हिंदुस्तान में जाने जाते हैं) को जड़ से खत्म करना चाहते है…तो हजारों मिर्गी के रोगियों का इलाज करने के बाद जो सत्य तथ्य मिर्गी का इलाज से संबंधित जानकारी वैद्य जी द्वारा बताया गया है उसी को यहां एक-एक करके लिख रहा हूं। हमने वैद्य जी से कुछ Mirgi ka dora से संबंधित खास सवाल पूछें थे जिसका विवरण नीचे दिया जा रहा है पूरा पोस्ट इसी के संदर्भ में लिखा हुआ है हमारे यहां से Mirgi ka dora होने के बाद खुशी इजहार करते लोग। more video link - Mirgi ka dora रोगी ज्यादातर यह एक ही सवाल क्यों डॉक्टर से वार वार पूछते हैं। ज्यादातर आज के समय में वैध जी से सभी Mirgi dorake rogi रोगी एक सवाल ज्यादा पूछते हैं और वह यह है की जब MRI और EEG का रिपोर्ट नार्मल है. वहां कुछ दिख ही नहीं रहा है डॉक्...